Mamta Banerjee Biography in Hindi: आज हम बात करने वाले हैं ऐसी राजनेता जो कि बंगाल के राज्य में अनेक वर्षों से राज करती आ रही है, जो कि वहां की मुख्यमंत्री हैं। ममता बनर्जी बंगाल राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ वह वहां की राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख है।
आज के इस लेख के माध्यम से हम ममता बनर्जी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। इस लेख के माध्यम से हम ममता बनर्जी की जीवनी (Mamta Banerjee Biography in Hindi), उनका प्रारंभिक जीवन, ममता बनर्जी की शिक्षा, उनका राजनीतिक घटनाक्रम, उनके जन्म और माता-पिता के विषय में जानकारी इत्यादि के बारे में प्राप्त करने वाले हैं। ममता बनर्जी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को तक जरूर पढ़ें।
ममता बनर्जी का जीवन परिचय (Mamta Banerjee Biography in Hindi)
नाम | ममता बनर्जी |
जन्म और स्थान | 5 जनवरी 1955, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) |
पेशा | राजनेता, वकील, समाजसेविका |
शैक्षिक योग्यता | B.A., M.A., कानून की डिग्री |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
पिता का नाम | प्रोमिलेश्वर बनर्जी |
माता का नाम | गायत्री बनर्जी |
ममता बनर्जी कौन है?
ममता बनर्जी भारत की एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने बंगाल पर लगभग 34 साल से मजबूती के साथ साम्यवादी सरकार को बाहर निकाल फेंका। जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत के लौह पुरुष के रूप में सभी लोग सरदार वल्लभ भाई पटेल को जानते हैं और भारत की लौह महिला ममता बनर्जी को कहा जाता है।
ममता बनर्जी ने अपने राज्य के राजनीतिक इतिहास को फिर से लिख करके अपने निर्णय शक्ति और क्षमता को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया है। ममता बनर्जी की सबसे प्रमुख ताकत धरना करना और सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करना है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं नंदीग्राम और सिंगूर को लेकर के संपूर्ण बंगाल में काफी चर्चा होती है। ऐसे में ममता बनर्जी ने सिंगूर और नंदीग्राम में जबरदस्ती जमीन हथियाने पर विरोध किया था, जिससे हुए पश्चिम बंगाल की जनता में काफी लोकप्रियता प्राप्त कर चुकी हैं और नंदीग्राम के लोग तो इन्हें अपनी दीदी ही मानते हैं।
ममता बनर्जी बहुत ही साधारण महिला हैं, जो कि सदैव श्वेत साधारण सूती साड़ी और सूती बैग धारण करने के कारण ही अन्य नेताओं से अलग है।
ममता बनर्जी का जन्म कब हुआ था?
ममता बनर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 5 जनवरी 1955 ईस्वी को हुआ था। ममता बनर्जी के पिता का नाम प्रोमिलेश्वर बनर्जी था और माता का नाम गायत्री देवी था। ममता बनर्जी का जन्म बंगाल के एक बहुत ही सामान्य एवं निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था।
ममता बनर्जी की शिक्षा
ममता बनर्जी ने अपनी शिक्षा पश्चिम बंगाल के कोलकाता से ही पूरी की है। इन्होंने अपनी बीए की परीक्षा कोलकाता में स्थित जोगमाया देवी कॉलेज से की थी। इसके बाद उन्होंने अपनी M.A. की परीक्षा श्री शिक्षायतन कॉलेज से प्राप्त की थी। तत्पश्चात जोगेश चंद्र चौधुरी लॉ कॉलेज से अपनी कानून की डिग्री प्राप्त की।
ममता बनर्जी का राजनीति में कदम
ममता बनर्जी ने बहुत ही कम उम्र में राजनीति में प्रवेश ले लिया था। ममता बनर्जी ने राजनीति में प्रवेश तब ही कर लिया था, जब वे अपने स्कूल में ही पढ़ती थी। ममता बनर्जी अपने ही राज्य में गठित की गई कांग्रेस पार्टी की सेना में शामिल हो गई थी।
वह केवल इस पार्टी में शामिल ही नहीं हुई थी, अपितु इन्होंने कांग्रेस पार्टी में अनेकों प्रकार के पदों पर काम किया। अर्थात ममता बनर्जी ने कांग्रेस पार्टी एवं अन्य राजनीतिक समूहों में अलग-अलग पदों के लिए सेवा की है।
आपकी अधिक जानकारी के लिए बताएं तो ममता बनर्जी 1970 के दशकों में ही शीघ्र राजनैतिक सीढियाँ प्राप्त कर चुकी थी। इसके बाद उन्होंने 1976 से 1980 तक महिला कांग्रेस महासचिव का नियंत्रण किया और उन्होंने इसमें कांग्रेस महिला सचिव का गठन भी किया था।
ममता बनर्जी का राजनीतिक करियर
ममता बनर्जी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी के सदस्यता से ही की थी। ममता बनर्जी युवा आयु में ही राज्य की महिला कांग्रेस की महासचिव बनी थी, उन्होंने अपनी इस उपलब्धि को वर्ष 1976 से 1980 के मध्य ही प्राप्त कर ली थी। ममता बनर्जी ने जादवपुर लोकसभा क्षेत्र से अनुभवी साम्यवादी नेता सोमनाथ चटर्जी के खिलाफ लड़ा, उन्होंने यह लड़ाई वर्ष 1984 में कोलकाता में ही की थी।
ममता बनर्जी ने इस चुनाव में जीत भी हासिल कर ली और वह एक युवा भारतीय सांसद भी बन गई। यहां तक कि ममता बनर्जी ने अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव पद पर भी कार्य किया है। वर्ष 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में वे मानव संसाधन हेतु युवा कल्याण, खेलकूद और महिला बाल विकास विभाग के राज्यमंत्री भी बन चुकी थी।
ममता बनर्जी ने अपने इस राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उन्हें अपने द्वारा प्रस्तावित किए गए खेलकूद विकास योजना को सरकारी बहाली ना मिली। वर्ष 1999 ईस्वी में ममता बनर्जी ने NDA के गठबंधन के साथ सरकार बना ली। NDA में शामिल होने के पश्चात ममता बनर्जी को केंद्रीय रेल मंत्री के पद के लिए नियुक्त कर दिया गया।
इसी के साथ ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की जनता से किए गए वादों को ज्यादातर उन्होंने निभाया, जिसके कारण वह तो मानो बंगाल राज्य की एक देवी बन गई। इस वर्ष के उपरांत ममता बनर्जी वर्ष 2000 से 2001 के अंतर्गत उन्होंने 19 नई ट्रेनों की घोषणा कर दी और उन पर लगे कुछ आरोपों के चलते वर्ष 2001 में उन्हें एनडीए सरकार के गठबंधन से निष्कासित कर दिया गया।
2001 एनडीए सरकार के द्वारा ममता बनर्जी को निष्कासित कर दिया गया था, परंतु वर्ष 2004 में ममता बनर्जी अपने आरोपों के खारिज होने के बाद NDA के साथ पुनः जुड़ गई। इन सभी कार्यों के पश्चात ममता बनर्जी वर्ष 2011 में 20 मई को बंगाल राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। साल 2016 में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में फिर से बहुमत हासिल करके ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी।
साल 2021 को दोबारा ममता बनर्जी बंगाल की तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी। हालांकि इस साल के विधानसभा चुनाव में इनके पूर्व सहयोगी और भाजपा के प्रत्याशी शुवेंदु अधिकारी से नंदीग्राम से 1736 वोटों से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अन्य जगहों से उन्हें पूर्ण बहुमत मिला।
ममता बनर्जी को प्राप्त उपलब्धियां
ममता बनर्जी को अनेकों प्रकार की उपलब्धियां प्राप्त है, इस दिन के विषय में निशान लिखित प्रकार से वर्णन किया गया है:
- ममता बनर्जी को वर्ष 2002 में रेल मंत्री पद के लिए नियुक्त किया गया था, उन्होंने अनेकों प्रकार की नई ट्रेनों को चलाया और कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों का विस्तार किया।
- ममता बनर्जी ने अनेक पर्यटन विकसित किए, इनके ऐसा करने का यह उद्देश्य था कि कुछ ट्रेनों की आवृत्ति में वृद्धि हो सके और भारतीय रेल खानपान प्रबंधन और इत्यादि का बहुत ही सुगमता पूर्वक निगमन कर सके।
- वर्ष 2011 में 20 मई को ममता बनर्जी को प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। ममता बनर्जी इस क्षेत्र में आते ही वामा मोर्चा सरकार के 34 वर्षों के कार्यकाल को बड़ी ही आसानी से मात दे दी।
- ममता बनर्जी ने वर्ष 2009 में 31 मई से लेकर के वर्ष 2011 की 19 जुलाई तक रेलवे मंत्री पद के लिए कार्यरत रही, जिसके दौरान उन्होंने अनेकों प्रकार के नॉनस्टॉप ट्रेनों का विकास किया।
- ममता बनर्जी ने वर्ष 1997 में कांग्रेस से अलग होने के बाद बड़ी ही सफलता पूर्वक एक नई पार्टी में सम्मिलित हो गई और यह नई पार्टी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस थी। इस पार्टी की नीव ममता बनर्जी ने ही रखी थी और इसका नेतृत्व भी यही कर रही थी।
ममता बनर्जी से जुड़े विवाद
ममता बनर्जी से पहला विवाद 1998 में जुड़ा जब इन्होंने समाजवादी पार्टी के सांसद डोगरा प्रसाद सरोज, जो महिला आरक्षण बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी। उनका कॉलर पकड़कर लोकसभा से बाहर निकाल दी, जिसके कारण वहां बैठे लोगों ने ममता बनर्जी की खूब आलोचना की।
ठीक इसी तरह आलोचना का सामना उन्हें साल 2012 में भी करना पड़ा जब साल 2012 में उन्होंने बढ़ते हुए अपराध के ऊपर टिप्पणी की थी। दरअसल उन्होंने लड़के और लड़कियों के ऊपर टिप्पणी करते हुए कहा था कि पहले जब लड़के और लड़की हाथ पकड़कर घूमते थे, उनके माता-पिता फटकार लगाते थे। लेकिन अब तो यह सब खुलेआम होता है। जिस कारण लोगों ने इस टिप्पणी पर इनका काफी आलोचना किया।
साल 2016 में भी ममता बनर्जी को विवादों में घिरना पड़ा जब उन्होंने कुछ मुसलमानों के कहने पर मुहर्रम के दौरान दुर्गा पूजा प्रथा पर पाबंदी लगा दी। हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी के इस फैसले को बदल दिया।
ममता बनर्जी को प्राप्त पुरस्कार
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ममता बनर्जी को कई पुरस्कार भी प्राप्त हैं। ममता बनर्जी को वर्ष 2012 में टाइम पत्रिका के द्वारा उनका दुनिया भर में 100 सबसे अधिक प्रभावशाली लोगों में से एक के रूप में उल्लेख किया गया है।
इसी के कारण ममता बनर्जी को ब्लूमबर्ग मार्केट पत्रिका के माध्यम से वर्ष 2012 में सितंबर को वित्त की दुनिया में 50 सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक के रूप में चिन्हित कर लिया गया, उन्हें यही सबसे महत्वपूर्ण पुरस्कार मिला है।
ममता बनर्जी के बारे में रोचक तथ्य
- ममता बनर्जी लगातार तीन बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी है। सबसे पहले साल 2011 में उसके बाद 2016 में। फिर पिछले साल 2021 के विधानसभा चुनाव में फिर से बहुमत हासिल करके यह मुख्यमंत्री बन गई।
- मात्र 15 साल की उम्र में हीं ममता बनर्जी भारतीय राष्ट्र कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई थी।
- ममता बनर्जी क़ बंगाल की जनता दीदी कह कर बुलाते हैं। इनका लालन पोषण एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ है।
- ममता बनर्जी जब 17 साल की थी तब इनके पिता का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया और उपचार की कमी के कारण उनके पिता की मृत्यु हो गई।
- 1984 में पश्चिम बंगाल के जादवपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में सोमनाथ चटर्जी को हरा कर सबसे कम उम्र की सांसद बनी थी।
- ममता बनर्जी मुख्यमंत्री होने के अतिरिक्त एक कवित्री, चित्रकार और लेखक भी हैं। इन्होंने कई सारी पुस्तकें लिखी हैं।
- ममता बनर्जी ने इस्लामिक हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, इसके साथ ही इन्होंने कानून की डिग्री भी हासिल की है।
- ममता बनर्जी शुरुआत में भारत के राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस पार्टी में शामिल हुई थी। लेकिन 1997 में इस पार्टी से अलग हो गई और ‘अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस’ नाम की खुद की पार्टी स्थापित की।
- अटल बिहारी वाजपेई के सरकार में ममता बनर्जी रेल मंत्री के पद पर रह चुकी हैं। इस दौरान ममता बनर्जी ने रेलवे की नवीनीकरण के दिशा में बहुत अहम फैसला किया। इन्होंने यात्रियों को टिकट बुक करने की ऑनलाइन सुविधा देने के लिए आईआरसीटीसी वेबसाइट भी स्थापित की।
- ममता बनर्जी हमेशा सफेद साड़ी और हवाई चप्पल में दिखती है। यह पारंपरिक कपड़ा इनका पहचान है।
- ममता बनर्जी के भतीजे हैं, जिनका नाम अभिषेक बनर्जी है, जो टीएमसी के राजनेता है। इनके भतीजा डायमंड हर्बल निर्वाचन क्षेत्र से 16वीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं।
- साल 2005 में जब भ्रष्टाचारी सरकार ने जबरन भूमि अधिग्रहण के फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया था तब पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम और सिंगूर के हिस्सों में ममता बनर्जी ने सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर आंदोलन किया था।
- साल 2011 ममता बनर्जी के लिए बहुत दुखद समय था क्योंकि इसी साल उनकी मां का निधन 81 साल की उम्र में हो गया।
ममता बनर्जी के द्वारा लिखी गई कुछ पुस्तकें और इन पुस्तकों की भाषाएं
ममता बनर्जी एक अच्छे राजनेता होने के साथ-साथ एक बहुत ही अच्छी लेखिका भी हैं, जिन्होंने अनेकों प्रकार की पुस्तकें लिखी हैं। यह पुस्तके आज के समय में अनेकों प्रकार के नाम से प्रसिद्ध हैं, जो कि नीचे निम्नलिखित है:
- स्माइल (अंग्रेजी भाषा में)
- अस्तित्व का संघर्ष (अंग्रेजी भाषा में)
- लोकतंत्र की हत्या (अंग्रेजी भाषा में)
- गहरा क्षितिज (अंग्रेजी भाषा में)
- इंडोलानेर कथा (बंगाली भाषा में)
- तृणमूल (बंगाली भाषा में)
- उपलब्धि (बंगाली भाषा में)
- अशबोसंकेत (बंगाली भाषा में)
- जन्मायनी (बंगाली भाषा में)
- मानवीक (बंगाली भाषा में)
- जागो बांग्ला (बंगाली भाषा में)
- मातृभूमि (बंगाली भाषा में)
- जनतार दरबरे (बंगाली भाषा में)
ममता बनर्जी की हाल की किताबें
भारत आज, मेरी अविस्मरणीय यादें, जीवन संग्राम, नेताई, मेरी यात्रा, व्हाई वी आर सेइंग नो सीएए,नो एनआरसी, नो एनपीआर, भारत संकट में है, खेला होबे, कलाम, दुआरे सरकार आदि।
FAQ
ममता बनर्जी एक हिंदू बंगाली ब्राह्मण परिवार से हैं।
ममता बनर्जी के पार्टी का नाम टीएमसी है अर्थात अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, जिसकी स्थापना 1997 में की थी। इससे पहले ये कांग्रेस के पार्टी से जुड़ी हुई थी।
ममता बनर्जी के माता-पिता का नाम प्रोमिलेश्वर बनर्जी और गायत्री देवी था।
साल 2011 में ममता बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री बनी।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको ममता बनर्जी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करवाई है। इस लेख के माध्यम से ममता बनर्जी के माता-पिता और उनके जन्म से लेकर के उनकी राजनैतिक वृद्धि से उनके द्वारा रचित पुस्तकों के बारे में बताया है।
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