Labh Aur Hani in Hindi: लाभ और हानि हमारे जीवन के बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय होते है। गणित का यह अध्याय आपको जीवन के विभिन्न पहलुओं में काम आएगा। ना केवल हिसाब किताब बल्कि रोजमर्रा के साधारण कार्यों में भी हमें तुरंत लाभ और हानि पता करने की आवश्यकता होती है।
कब मुनाफा हो रहा है और कब घाटा हो रहा है, यह समझना व्यक्ति के लिए बहुत आवश्यक है। यही कारण है कि छठी क्लास में पढ़ने वाले एक बच्चे को लाभ हानि के बारे में बताया जाता है और इससे जुड़े सवाल नौकरी पाने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा में भी पूछे जाते है।
अगर आप भी लाभ और हानि फार्मूला और ट्रिक्स, उदाहरण की जानकारी गूगल पर ढूंढ रहे हैं ताकि आप इस गणितीय अध्याय की तैयारी कर सके, तो नीचे बताई गई जानकारियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
लाभ और हानि की परिभाषा
किसी भी अध्याय को समझने से पूर्व आपको उसके परिभाषा को जानने की आवश्यकता है ताकि आप उसके महत्व और उसके बारे में जान सके। हालांकि इन दोनों शब्द को परिभाषा की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि अपने रोजमर्रा के जीवन से ही आप यह सीख पाए होंगे कि जब कोई चीज हमें मिलती है तो हम उसे लाभ कहते हैं और जब हमें अपने कोई चीज खोनी पड़ती है तो इसे हानि कहते है।
यह एक ऐसा अध्याय है, जो गणित को रोचक बना देता है। इसकी सहायता से आप लेन-देन की प्रक्रिया को और सरलता से समझ पाते है। इस अध्याय के बारे में जानकारी एकत्रित करने से पहले आपको कुछ आवश्यक शब्दों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिसे नीचे बताया गया है।
लाभ और हानि से जुड़े कुछ आवश्यक शब्द
लाभ हानि के सवाल लेन-देन की प्रक्रिया के अनुसार जटिल हो जाते हैं, जिस वजह से सूत्र का प्रयोग किया जाता है ताकि आप इस सवाल को सरलता से हल कर सके। उन सभी सूत्र को समझने के लिए कुछ शब्दों की जानकारी होना आवश्यक है। जैसे:
- क्रय मूल्य – जब कोई व्यक्ति किसी से सामान को खरीदता है तो खरीदने वाली कीमत को हम क्रय मूल कहते है। आप यह कह सकते हैं कि किसी भी चीज को पाने के लिए जिस कीमत को आप ने अदा किया हम उसे क्रय मूल कहते हैं।
- विक्रय मूल्य – उसी से जुड़ा यह दूसरा पहलू है अर्थात चीज को अपने कीमत पर खरीदा उस कीमत को हम विक्रय मूल्य कहते है। अर्थात किसी चीज को आपने किस कीमत पर दूसरे को दिया, उसे हम विक्रय मूल्य कहते हैं।
- लाभ – जब हम किसी भी तरह का लेन-देन करते हैं तो या तो हमें लाभ होता है या जब आप किसी चीज के लिए कम कीमत अदा करते है और दूसरे को देते वक्त उससे अधिक कीमत लेते है तो इस प्रक्रिया को हम लाभ कहते हैं।
- हानि – जब हम किसी तरह का लेनदेन करते हैं और किसी चीज को अगर आपने जिस कीमत पर खरीदा है, वह अधिक है और उसे कम कीमत पर किसी को दे दिया तो इस प्रक्रिया को हम हानि कहते हैं।
- छुट या डिस्काउंट – जब किसी तरह का लेन-देन किया जाता है तो सामने वाला आपको अपनी कीमत कम करने को कहता है या फिर आप अपना सामान बेचने के लिए जब कीमत कम करते हैं तो इसे डिस्काउंट कहा जाता है।
- अंकित मूल्य – जब आप किसी वस्तु को बाजार में खरीदते होंगे तो उस पर आपने कुछ मूल्य पहले से लिखा हुआ देखा होगा, इसे सरकार द्वारा तय किया जाता है, इस मूल्य को वस्तु का अंकित मूल्य कहा जाता है।
- बट्टा – अंकित मूल्य पर जो छूट दी जाती है, उसे बट्टा कहा जाता है अर्थात अगर अंकित मूल्य पर लिखे हुए कीमतों को कम किया जाता है तो उस नई कीमत को हम बट्टा कहते हैं।
इसके अलावा आपको लाभ प्रतिशत और हानि प्रतिशत के बारे में सवाल पूछे जा सकते हैं। जिसका सीधा सा तात्पर्य है कि आपको कितने प्रतिशत का लाभ हुआ या कितने प्रतिशत का हानी हुआ, जिसे सवाल बनाते वक्त आप सीख जाएंगे।
यह भी पढ़े: प्रतिशत कैसे निकाले? (सूत्र एवं आसान तरीका)
लाभ हानि के सूत्र (Profit And Loss Formula)
लाभ और हानि फार्मूला नीचे दिया गया है। जिसे पढ़ने के बाद लाभ और हानि से जुड़े किसी भी प्रश्न को बड़ी सरलता से हल कर सकते हैं। उन सभी फार्मूले को ध्यान से पढ़ें और याद रखें।
क्रय मूल्य निकालने का सूत्र
अगर आपको किसी लेनदेन में इस्तेमाल हुए वस्तु का क्रय मूल्य निकालना है तो इसका क्या सूत्र होता है?, उसे नीचे सूचीबद्ध किया गया है:
- क्रय मूल्य = (विक्रय मूल्य × 100) / 100 + लाभ (% में)
- क्रय मूल्य = (विक्रय मूल्य × 100) / 100 + हानि (% में)
- क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य – लाभ
- क्रय मूल्य = हानि + विक्रय मूल्य
- क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य × (1 + लाभ/100)
विक्रय मूल्य निकालने का सूत्र
अगर आपको किसी ने दिन में इस्तेमाल हुए वस्तु का विक्रय मूल निकालना है अर्थात उसे सामने वाले ने किस कीमत पर बेचा तो आप उसे नीचे दिए गए सूत्र से निकाल सकते है:
- विक्रय मूल्य/(1 – हानि/100)
- विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य – बट्टा
- विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य (1 + बट्टा ( % में ) / 100)
- विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य (1 + लाभ/100)
- विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य (1 – हानि/100)
- विक्रय मूल्य = लाभ + क्रय मूल्य
- विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि
लाभ निकालने का सूत्र
किसी भी प्रकार के लेनदेन में आपको लाभ हुआ है या हानि इसे पता करने के लिए नीचे बताए गए सूत्रों का इस्तेमाल किया जाता है:
- लाभ प्रतिशत का सूत्र = (लाभ × 100)/क्रय मूल्य
- लाभ का सूत्र = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
हानि निकालने का सूत्र
अगर किसी भी प्रकार के लेनदेन में आपको हानि हुई है तो आपको कितनी हानि हुई है?, इसे पता करने के लिए नीचे कुछ सूत्र सूचीबद्ध किए गए हैं:
- हानि प्रतिशत का सूत्र = (हानि × 100) / क्रय मूल्य
- हानि का सूत्र = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
बट्टा निकालने का सूत्र
ऊपर जैसा कि हमने आपको बताया अंकित मूल्य पर दी गई छूट को बट्टा कहा जाता है। कीमत को कैसे निकाला जाता है, इसे पता करने के लिए कुछ सरल सूत्र नीचे दिए गए हैं:
- विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य – बट्टा
- बट्टा % में = बट्टा × 100 / अंकित मूल्य
- बट्टा = अंकित मूल्य – विक्रम मूल्य
लाभ और हानि से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण ट्रिक
अगर आप लाभ और हानि का यह अध्याय किसी प्रतियोगिता परीक्षा को पास करने के लिए सीख रहे हैं तो आपको प्रतियोगिता में पूछे गए सवालों को हल करने के कुछ आने चाहिए। हमने नीचे आपको लाभ हानि से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण ट्रिक बताएं हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप किसी भी सवाल को बड़ी सरलता से हल कर देते हैं।
- अगर किसी लेन-देन में x% के लाभ पर किसी वस्तु को खरीदा जाए और x% के हानि पर बेच दी जाए तो ऐसे लेनदेन में सदैव हानि ही होती है। ऐसी स्थिति में हानि प्रतिशत x^2/100 होते है।
- अगर X वस्तु Y रुपए में खरीदी जाए और Y वस्तु X रूपय में खरीदी जाए तो:
- लाभ % = (( y² – x² ) ÷ x²)× 100 %
- हानि % = (( x² – y² ) ÷ x²)× 100 %
- अगर X वस्तु का क्रय मूल्य Y वस्तुओं के विक्रय मूल्य के बराबर है तो
- अगर X बड़ा है तो लाभ और लाभ प्रतिशत = (x – y) / x × 100
- अगर Y बड़ा है तो हनी और हनी प्रतिशत = (y – x) / x × 100
FAQ
अगर आपको किसी लेनदेन में लाभ होता है तो वही लाभ 100 के आंकड़े पर कितना होगा, इसे दर्शाने के लिए हम प्रतिशत का इस्तेमाल करते हैं और लाभ प्रतिशत कहते हैं।
लाभ हानि से जुड़े सवाल में अंकित मूल्य पर मिलने वाली छूट को बट्टा कहा जाता है।
सरकार के द्वारा वस्तु को एक कीमत दी जाती है, उस स्थाई कीमत को अंकित मूल्य कहा जाता है, जो प्रत्येक वस्तु पर लिखी होती है।
जब किसी वस्तु को जिस प्रतिशत के लाभ पर खरीदा जाता है, उसी प्रतिशत के लाभ पर बेच दिया जाए तो हमेशा हानि होती है और इस सवाल में हनी प्रतिशत 4% है।
निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को लाभ और हानि फार्मूला एवं ट्रिक उदाहरण (Labh Aur Hani in Hindi) सहित के बारे में विस्तार पूर्वक पर जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आप लोगों के लिए काफी उपयोगी और हेल्पफुल साबित होगी।
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