एक शहर में एक बहुत ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय राजा रहा करता था, जिसका नाम हारू राशिद था। प्रजा में सभी लोग उसको बहुत पसंद करते थे और उसके राज्य काल में बहुत खुश थे। उसके राज्य में सभी बहुत प्रेम से रहा करते थे। राजा बहुत ही बलवान और बुद्धिमान था।
राजा हमेशा प्रजा में अपना वेश बदलकर राज्य में क्या चल रहा है, उसकी जानकारी लेने के लिए जाया करता था। एक दिन राजा जब अपने महल में बैठा था तब वह एक बात को लेकर बहुत चिंतित था। लेकिन राजा को यह बात खुद भी पता नहीं थी कि वह कौन सी बात से इतना परेशान हो रहा है।
राजा हारू राशिद के दरबार में एक मंत्री जिसका नाम जाफर था, वह राजा हारू राशिद का बहुत ही खास मंत्री था। राजा भी उस पर पूरा भरोसा किया करते थे और उसकी सभी बातें मना करते थे। जब जाफर ने राजा को परेशान देखा तब उसने राजा हारू राशिद से आकर पूछा महाराज आप इतना परेशान क्यों है।
तब महाराज हारू राशिद ने बताया कि मुझे अपनी परेशानी के बारे में खुद भी नहीं पता है कि मैं किस बात को लेकर इतना परेशान हो रहा हूं। तभी जाफर ने बताया कि आप हमेशा राज्य में भेष बदलकर लोगों के मन में क्या चल रहा है, वह आपके बारे में क्या सोच रहे हैं और राज्य में क्या चल रहा है, यह सब पता लगाने के लिए जाया करते थे।
लेकिन आज महीने का अंत है और आप अभी तक यहीं बैठे हैं, आपको जाना नहीं है। राजा यह सुनकर बोला कि हां मुझे अवश्य जाना है। मैं इसी बात को लेकर बहुत चिंतित था, अब मुझे याद आया। तभी राजा हारु राशिद ने अपने मंत्री जाफर से कहा जाओ, तुम अपना भेष बदल कर मेरे पास आओ।
मैं भी अपना भेष बदल लेता हूं। फिर हम दोनों राज्य में चलेंगे। थोड़ी ही देर में मंत्री जाफर अपना हुलिया बदलकर आ गया और यहां पर राजा हारू रशीद ने भी अपना हुलिया बदल लिया था। जिसके बाद दोनों के लिए निकल पड़े। काफी देर तक दोनों घूमने के पश्चात राजा हारु रशीद और उसका मंत्री जाफर अपने महल में वापस जा रहे थे।
तभी रास्ते में उनको एक भिकारी मिला, जो से देख नहीं सकता था और उसने राजा से भिक्षा मांगना शुरू कर दिया। जिसके बाद राजा हारु रशीद ने उस भिखारी को एक सोने का सिक्का दिया। भिखारी वह सोने का सिक्का देखकर बहुत खुश हो गया।
भिखारी ने राजा हारू रशीद को बहुत धन्यवाद दिया और बदले में राजा से कहने लगा कि आप मुझे एक थप्पड़ मारिए। राजा उस भिकारी की बात सुनकर बहुत आश्चर्यचकित हो गया और तभी राजा हारु रसीद ने उस भिखारी से कहा की कि यह तुम मुझसे इतना बड़ा पाप क्यों करवाना चाहते हो।
मैंने तुमको भिक्षा दी है और तुम मुझसे कह रहे हो कि मैं तुम्हें थप्पड़ मारूं, जिससे मेरी दी हुई भिक्षा भंग हो जाए। मैं यह बिल्कुल नहीं करूंगा। लेकिन अंधे भिखारी ने राजा से बहुत मिन्नतें की कि आप मुझे थप्पड़ मारो। कुछ देर बाद राजा ने उस भिखारी की बात मानकर उसको एक जोर का थप्पड़ लगा दिया।
राजा हारू राशिद ने अंधे भिखारी से पूछा कि तुम यह क्यों करते हो। पहले तो तुम भिक्षा मांगते हो और फिर थप्पड़ भी खाते हो। तभी उस अंधे भिखारी ने कहा महाराज इसके पीछे बहुत बड़ा राज है। मैं आपको अभी नहीं बता सकता। जब आप फुर्सत में होंगे तब मैं आपको बता दूंगा।
जिसके बाद राजा हारू रशीद ने अपने मंत्री से कहा कि तो इस अंधे भिखारी को मेरे दरबार पर कल बुला लो, जहां मैं इससे इसके साथ हुई इस घटना के बारे में पूछूंगा। जिसके बाद राजा हारू राशिद के मंत्री जाफर ने अंधे भिखारी को दरबार में आने का आदेश दे दिया कि तुम कल दरबार में आ जाना अधिकारी ने कहा महाराज का आदेश का जरूर पालन होगा।
थोड़ी देर में राजा और उसका मंत्री दोनों आगे की ओर चल पड़े। थोड़ी दूर चलने के बाद राजा हारू राशिद ने देखा कि एक अमीर व्यक्ति अपने घोड़े को बहुत मार रहा है और उस पर सवारी कर उसको खूब दौड़ा रहा है, उसके साथ बहुत अत्याचार कर रहा है।
उसने घोड़े को इतना मारा है कि उसके शरीर से खून निकल रहा है। तभी राजा ने एक व्यक्ति से पूछा कि यह आदमी अपने घोड़े को इतनी बुरी तरीके से क्यों मार रहा है। उस आदमी ने बताया कि इसके बारे में मैं नहीं जानता, लेकिन मैं इतना जानता हूं यह आदमी रोज इसी तरीके से अपनी घोड़े को बहुत मारता है, उसको खूब दौड़ता है।
तभी राजा हारू राशिद ने अपने मंत्री जाफर से कहा कि उसके पास जाओ और इसे कहो कि कल यह मेरे दरबार पर आए। मुझे इससे यह जानना है कि यह अपने घोड़े को इतनी बुरी तरीके से क्यों मारता है। राजा हारु राशिद और उसका मंत्री जाफर आगे की ओर चल पड़े। थोड़ी दूर चलने के पश्चात राजा हारु रसीद ने एक बहुत बड़ा महल देखा, जिसको देखकर वह बहुत आश्चर्यचकित हो गये।
उसने अपने मंत्री जाफर से कहा कि हमारे राज्य में इतना अमीर आदमी कहां से आ गया और इसके पास इतना धन कहां से आया कि इसने इतना बड़ा इतना सुंदर महल बनवा लिया है। इतना कहकर राजा इस महल को चारों तरफ से देखने लगा।
तभी उसने अपने मंत्री जाकर को आदेश दिया कि इस व्यक्ति को भी कल दरबार में बुला लो मुझे यह जानना है कि इसके पास इतना धन कहां से आया। तभी राजा के मंत्री जाफर ने उस महल के के अंदर जाकर उसके मालिक से कहा कि कल आपको हमारे महाराज हारु राशिद ने आपको अपने दरबार में बुलाया है।
कल आपको सुबह 8:00 बजे तक वहां पर उपस्थित होना है। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपको बहुत बड़ा दंड दिया जाएगा। जिसके बाद महल के मालिक ने कहा कि मैं राजा के आदेश का पालन करूंगा और समय पर वहां पहुंच जाऊंगा। थोड़ी देर में राजा और राजा का मंत्री जाफर अपने महल वापस आ गए।
जिसके बाद में मंत्री जाफर अपने घर चला गया और राजा रात भर इन सभी लोगों के बारे में सोचता रहा। पहले वह अंधा भिखारी को भीख लेने के बाद उसी व्यक्ति से मार भी खाता है। फिर वह घोड़े वाला आदमी जो अपने घोड़े को खूब मारता है और उसको खूब दौड़ आता रहता है।
फिर वह तीसरा आदमी जो इस राज्य में इतना बड़ा महल खड़ा है, उसके पास इतना पैसा कहां से आया। राजा इन सब के बारे में रात भर सोचता रहा। जैसे ही सुबह हुई तब राजा हारू राशिद ने अपने दरबार में प्रवेश किया और थोड़ी देर में सभी लोग वहां पर मौजूद हो गए। इसके बाद राजा ने एक एक कर कर तीनों लोगों से उनके बारे में पूछा कि वह ऐसा क्यों करते हैं।
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