Jansankhya Par Nibandh: जनसंख्या की समस्या का सामना पूरा देश कर रहा है। साथ ही विश्व भर के कई अलग-अलग देशों में भी इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। मुख्य रूप से विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या चीन में है और चीन के बाद भारत का नाम आता है। हम यहां पर जनसंख्या पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में जनसंख्या के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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जनसंख्या पर निबंध | Jansankhya Par Nibandh
जनसंख्या पर निबंध (200 Word)
भारत में जनसंख्या वृद्धि सबसे बड़ी समस्या है, जिसके कारण से लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत में जनसंख्या की आबादी दिन -प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जनसंख्या वृद्धि के कारण लोग बेरोजगार होते जा रहे है। दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि वाला देश भारत को माना गया है। जनसंख्या अधिक होने के कारण भारत में आज भी बहुत से लोग गरीबी और अशिक्षित वर्ग के है, जो ग़रीबी में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है।
जनसंख्या वृद्धि का सबसे बड़ा कारण शिक्षा है। जो लोग पढ़े -लिखें नहीं होते है वो भी जनसंख्या वृद्धि बढ़ाने का एक हिस्सा होते है। अपने बच्चों का विवाह छोटी उम्र कर देते है। छोटी उम्र पीढ़ी को आगे बढ़ाने की प्रथा चलती आयी है। उसी के अनुसार यह प्रथा कम उम्र में अधिक बच्चों को जन्म देने से हमारे देश में जनसंख्या को बढ़ावा देने का कारण बनता जा रहा है। समय रहते जनसंख्या को नियंत्रित नहीं किया गया तो पूरे भारत देश की उन्नति और विकास के लिये बहुत बड़ा खतरा बन सकता है।
जब सरकार ने भी जनसंख्या रोकने के लिये कोई नियम नहीं बनाया था। इस पर ज्यादा कोई ध्यान नहीं देता था। जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी बढ़ती है। बेरोजगारी के कारण लोग भूखे मरते है और नौकरी ना मिलने के वजह से लोग तंग आकर आत्महत्या करने लगे। भुखमरी बेरोजगारी की समस्या बहुत अधिक बढ़ती ही चली जा रही है।
भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है। देश में अब जनसंख्या को रोकने के लिए नया कानून बनाना जरुरी है अन्यथा देश की जनसंख्या में लगातार बढोतरी होती रहेगी । सरकार द्वारा लोगों को जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए काफी जागरूक किया जा रहा है। लेकिन अभी भी देश में मृत्यु दर से जन्म दर अधिक है।
जनसंख्या पर निबंध (600 Word)
प्रस्तावना
जनसंख्या मुख्य रूप पर किसी विशेष क्षेत्र में रहने वाले लोगों की कुल संख्या को दर्शाती है। जनसंख्या शब्द का अर्थ केवल मानव आबादी ही नहीं बल्कि वन्यजीवों और जानवरों की आबादी को भी इसके द्वारा ही संबोधित किया जाता है, जो प्रजनन की क्षमता रखते है। विडंबना यह है कि जब मानव आबादी तेजी से बढ़ रही है, जानवरों की आबादी तेजी से कम होती जा रही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी वृद्धि के कारण पिछले 10 सालों में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जनसंख्या विस्फोट हुआ है। पहले मनुष्य के जन्म दर और मृत्यु दर के बीच संतुलन था।चिकित्सा विज्ञान में उन्नति उसी में असंतुलन पैदा कर दिया।
जन संख्या बढ़ने के कारण
कई बीमारियों को ठीक करने के लिए दवाएं और उन्नत चिकित्सा उपकरण विकसित किए गए। इनकी मदद से इंसानों के बीच मृत्यु दर में कमी लाई गई और इसी कारण जनसंख्या विस्फोट हुआ। इसके अलावा तकनीकी विकास से औद्योगिकरण का मार्ग प्रशस्त किया गया। जबकि पहले ज्यादातर लोग कृषि गतिविधियों में शामिल थे और उसी के माध्यम से अपनी आजीविका अर्जित करते थे, अब लोग कई विभिन्न कारखानों में नौकरियों की ओर रुख कर चुके हैं। जिन क्षेत्रों में इन उद्योगों की स्थापना की गई है, वहां की आबादी दिन-प्रतिदिन घनी होती जा रही है।
वन्यजीव आबादी पर मानव जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव, जहां मानव आबादी विस्फोट की कगार पर है। वहीं वन्यजीवों की आबादी समय के साथ कम होती जा रही है। पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों की आबादी उन कारकों के कारण बहुत कम हो गई है, जिनके लिए अकेले मनुष्य को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इनमें से कुछ के बारे में नीचे विस्तार से चर्चा की गई है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण वनों की कटाई
जंगलों में पहले वन्य जीव, जानवर निवास करते थे। वन्य जीव नष्ट होने का मुख्य कारण में वनों की कटाई, उनके आवास को नष्ट करना, अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए कुदरती संशाधन को नष्ट करना है। जंगलों के नष्ट होने के कारण जानवरों की कई अलग-अलग प्रजातियां भी नष्ट हो चुकी है। कई जानवरों की प्रजातियां तो विलुप्त भी हो गई है।
जनसंख्या के कारण बढ़ता प्रदूषण
वर्तमान समय में संपूर्ण विश्व भर में वायु और जल प्रदूषण बढ़ रहा है। साथ में भूमि प्रदूषण भी बढ़ रहा है, इसका मुख्य कारण केवल जनसंख्या है। कई जानवर कम उम्र में मर रहे हैं जानवरों की प्रजातियां बढ़ते हुए प्रदूषण का सामना नहीं कर पा रही है, इसके कारण कुछ बीमारियों का भी जन्म हो रहा है। जिनके परिणाम बहुत घातक सामने आ रहे हैं। जनसंख्या ज्यादा होने के कारण जलवायु और भूमि प्रदूषण में बहुत बढ़ोतरी देखने को मिली है, साथ ही शहरी इलाकों में तो स्वच्छ हवा लेने में भी दिक्कत आ रही है।
जलवायु में परिवर्तन
दुनिया भर के कई अलग-अलग हिस्सों में जलवायु में भारी बदलाव आया है। कई क्षेत्रों में पहले हल्की बारिश होती थी, अब बाढ़ जैसे हालात है। इसी गर्मी के मौसम में हल्के से गर्म रहने वाले क्षेत्रों में वर्तमान समय में बेहद अगर मौसम का अनुभव हो रहा है। जबकि मानव ऐसी परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए सुसज्जित है लेकिन जानवर इनका सामना नहीं कर पा रहे हैं।
निष्कर्ष
हमें जल्द से जल्द जनसंख्या को नाबूद करने की कोशिश करनी होगी क्योंकि जनसंख्या की बढ़ोतरी की वजह से हमारा देश अनेकों मुश्किलों से जूझ रहा है। अगर जनसंख्या को सही समय पर नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ी को कई दिक्क्तों का सामना करना पड़ेगा यह बात निश्चित है।
अंतिम शब्द
आज के आर्टिकल में हमने जनसँख्या पर निबन्ध(Jansankhya Par Nibandh) के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है, की हमारे द्वारा इस आर्टिकल में जानकारी आप तक पहुंचाई गयी है, वह पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई भी सवाल है। तो वह हमें कमेंट में बता सकता है।
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