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जीएसटी क्या है और कैसे काम करता है?

GST Kya hai: जीएसटी एक प्रकार का टैक्स है, जो भारत में किसी भी सामान और सेवाओं पर लगाया जाता है। अगर आप भारत में कोई भी सामान या सर्विस प्राप्त करते हैं, तो उस पर आपको जीएसटी टैक्स चुकाना पड़ता है।

यह भारत का एकमात्र और प्रमुख टैक्स है, जो पूरे भारत में एक ही प्रकार से लगता है। अगर आप भारत में ऐसे कोई भी वस्तु खरीदते हैं या ऐसी कोई भी सेवा प्राप्त करते हैं जो टैक्स के दायरे में आती है उसे खरीदने पर प्रत्येक ग्राहक को टैक्स का भुगतान करना होता है। यह टैक्स जीएसटी के रूप में जाना जाता है।

GST kya hai
Image: GST kya hai

जो लोग व्यापार से संबंध रखते हैं उन्हें जीएसटी के बारे में भली-भांति पता है। लेकिन अगर आपको जीएसटी के बारे में जानकारी नहीं है तो जरूर पता कर लेना चाहिए। जीएसटी को संपूर्ण भारत में बड़े पैमाने पर लागू किया गया है। इसके अंतर्गत जीएसटी विभाग बनाया गया है।

जीएसटी की कई प्रकार की टीम बनाई गई है और इसके तहत पुलिस का भी गठन किया गया है, जिसका काम जीएसटी से संबंधित होने वाले धोखाधड़ी से संबंधित कार्य करना। जीएसटी एक राज्य के अंतर्गत अलग रूप से लगती है। जबकि दूसरे राज्य के अंतर्गत अलग लगती हैं तो आइए जीएसटी का पूरा गणित समझते हैं।

जीएसटी क्या है? (GST Kya hai)

जीएसटी भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाला एक टेक्स है जिसे भारत में टैक्स के दायरे में आने वाले सभी प्रोडक्ट ओर सर्विस पर लगाया जाता है। प्रत्येक सर्विस और प्रोडक्ट के लिए सरकार द्वारा जीएसटी टैक्स निर्धारित किया गया है।

संपूर्ण भारत में 5 प्रकार का जीएसटी टैक्स है जो 0% से शुरू होकर अधिकतम 28% तक है। जीएसटी का यह प्रतिशत आंकड़ा पूरे भारत में एक समान है। बहुत सारे ऐसे प्रोडक्ट ओर सर्विस भी हैं जिन्हें जीएसटी के अंतर्गत टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है।

भारत में उपयोग होने वाली प्रत्येक सुविधा और प्रत्येक वस्तु की उपयोगिता और जरूरत के आधार पर उस पर टैक्स लगाया गया है, जो वस्तुएं सबसे ज्यादा जरूरी है जैसे अनाज, नमक इत्यादि से संबंधित सम्मान और सेवाएं उन पर टैक्स नहीं लगता है। जबकि खानपान और पहनावे से संबंधित वस्तुओं और सेवाओं पर कम टैक्स लगाया जाता है।

इसी प्रकार जो वस्तुएं लग्जरी कैटेगरी में आते हैं यानी कि उन वस्तुओं और सेवाओं को मौज करने के लिए खरीदा जाता है, उन पर सबसे अधिक टैक्स लगाया जाता है। इसी तरह जरूरत से लेकर शौक मौज तक क्रम के अनुसार जीएसटी टैक्स निर्धारित किया गया है।

जीएसटी का फुल फॉर्म और अर्थ

GST जीएसटी का फुल फॉर्म goods and service tax होता है। जीएसटी का अर्थ सामान और सेवाओं पर लगने वाला टैक्स है। आसान भाषा में कहे तो अगर हम कोई भी वस्तु बाजार से खरीदते हैं या किसी भी प्रकार की सुविधा प्राप्त करते हैं, तो उस पर सरकार द्वारा निर्धारित किया गया एक टैक्स देना होता है जो जीएसटी के दायरे में आता है।

जीएसटी के अंतर्गत निर्धारित किया गया टैक्स पूरे भारत में एक समान लगाया जाता है। इसे हम आसान भाषा में सामान और सेवाओं पर लगने वाला टैक्स भी कह सकते हैं।भारत में अधिकांश वस्तुओं को खरीदते समय तथा अधिकांश सेवाओं को खरीदते समय हमें टैक्स देना होता है।

कौन सी वस्तु या सेवा मनुष्य जीवन के लिए कितनी उपयोगी हैं और कितनी जरूरी है, इस बात पर निर्भर करता है कि उस पर कितना टैक्स लगाया गया है। भारत में बिकने वाले सभी उत्पादों और सेवाओं पर सरकार की तरफ से जीएसटी टैक्स प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

आप जब भी बाजार से कोई समस्या सामान खरीदते हैं तो उस पर सरकार द्वारा निर्धारित और लगाया गया टैक्स का भुगतान करना होता है, जो उस विषय वस्तु के साथ ही देना होता है। जीएसटी को भारत में 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया है।

जीएसटी के प्रकार

भारत में जीएसटी के चार प्रकार हैं यानी भारत में चार प्रकार से जीएसटी टैक्स लगाया जाता है। अगर हम भारत में कोई भी वस्तु या सेवा प्राप्त करते हैं तो उस पर कुल 4 प्रकार से जीएसटी टैक्स का भुगतान करना होता है।

पहला CGST – इसे सेंट्रल जीएसटी कहते हैं। दूसरा SGST – इसे स्टेट जीएसटी कहते हैं। तीसरा IGST – इसे इंटीग्रेटेड जीएसटी कहते हैं। चौथा UGST इसे यूनियन टेरेटरी जीएसटी कहते हैं। यह चार प्रकार से भारत में जीएसटी लगाया जाता है।

ऐसी वस्तु है जिस पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगता है। GST@00% यह जीएसटी टैक्स अनाज, नमक, सब्जियां इत्यादि जीवन के लिए अत्यंत जरूरी वस्तुओं और सेवाओं पर कोई भी टैक्स नहीं लगता है।

GST 05% तेल चीनी, मसाले इत्यादि जीवन के लिए सामान्य वस्तुओं पर 5% जीएसटी लगता है। GST 12% यह टेक्स रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाली सर्विस और वस्तुएं जैसे दवाइयां, नमकीन इत्यादि पर लगता है।

GST 18% यह चॉकलेट आइसक्रीम शैंपू साबुन फ्रिज ऐसे आइटम पर लगता है। GST 28% यह टेक्स लग्जरी आइटम जैसे महंगी कारें, फाइव स्टार होटल एवं शराब तथा धूम्रपान इत्यादि पर लगाया जाता है।

जीएसटी कैसे काम करता है?

जीएसटी को बेहतर ढंग से मैनेज करने के लिए जीएसटी के अलग-अलग प्रकार बनाएं गए हैं जो हम आपको पर बता चुके हैं। इन सभी प्रकार के आधार पर जीएसटी काम करता है। जीएसटी को मुख्य रूप से खरीदते समय लगाया जाता है यानी कि अगर कोई वस्तु बनती है, तो उस समय उस पर कोई भी प्रकार का जीएसटी टैक्स नहीं लगता है।

जब उसे बनाकर बेचा जाता है तो उस समय कस्टमर से उस टैक्स को वस्तु या सेवा के मूल्य के साथ लिया जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई कपड़ा फैक्ट्री में बन रहा है तो उस कपड़े को कंपनी या होलसेलर को बेचने पर निर्धारित किया गया टैक्स लगाया जाता है।

जब कोई कंपनी का होलसेलर जगह किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस को बेचती हैं तो उस मूल्य के अनुसार जीएसटी लगता है। जब कोई होलसेलर रिटेलर को सामान बेचता है, तो अपना मुनाफा कमाने के लिए उसके दाम बढ़ा देता है जिसकी वजह से रिटेलर को भी जीएसटी भरना पड़ता है।

जब रिटेलर ग्राहकों को सामान मिलता है, तो उससे सामान के साथ लगने वाला जीएसटी टैक्स भी लेता है जो वह पहले से ही वस्तु को खरीदते समय पर चुका है। इसके अलावा वस्तु के दाम मुनाफा कमाने के लिए बढ़ाकर बेचा जाता है, तो उस पर निकलने वाला अतिरिक्त जीएसटी टैक्स लायबिलिटी के तौर पर सरकार को भरना होता है।

जीएसटी के प्रकार पूरे भारत में लोकेशन के आधार पर कार्य करता है। जैसे अगर कोई वस्तु या सर्विस को एक ही राज्य के अंतर्गत बेचा जाता है, तो उसपर cgst and sgst लगाया जाता है। यानी कि उस पर सेंट्रल जीएसटी और स्टेट जीएसटी टैक्स लगाया जाता है।

अगर कोई सर्विस या वस्तु एक राज्य से दूसरे राज्य में बेची जाती है तो उसके ऊपर IGST टैक्स लगाया जाता है जिसका मतलब होता है इंटीग्रेटेड टैक्स। इसके अलावा अगर किसी प्रोडक्ट या सर्विस को किसी राज्य से केंद्र शासित प्रदेश यह केंद्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य में खरीदा और बेचा जाता है, तो उस पर UGST लगाया जाता है इसका अर्थ होता है यूनियन टेरिटरी।

ई-इनवाॅयस और ई-वे बिल

जीएसटी के अंतर्गत होने वाली चोरी और धोखाधड़ी को रोकने के लिए भारत सरकार ने ई-इनवॉइस सिस्टम को लागू कर दिया है। यह सिस्टम 1 अक्टूबर 2022 से लागू हो जाएगा इसके अंतर्गत 1 वर्ष में 10 करोड़ का टर्नओवर करने वाली कंपनी और कारोबारियों को जीएसटी पोर्टल से ही बिल जनरेट करना होगा।

यह सिस्टम 1 जनवरी 2022 से 5 करोड के टर्न और पर लागू होगा और उसके बाद 1 अप्रैल 2023 से एक करोड़ के टर्नओवर पर भी लागू हो जाएगा। यह इलेक्ट्रॉनिक बिल होगा जो सीधे जीएसटी पोर्टल से बनेगा। इससे जीएसटी के अंतर्गत होने वाले धोखाधड़ी से बचा जाएगा।

इसके अलावा सरकार ने ई-वे बिल भी लांच किया था। जिसके तहत सामान को लाने और ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट के सेक्टर में होने वाले धोखाधड़ी के मामलों को भी काफी हद तक रोक लिया गया। ई-वे बिल को भी जीएसटी पोर्टल से जनरेट किया जाता है। यह ₹50000 से अधिक के बिल पर लागू होता है।

जीएसटी रिटर्न्स

जिस तरह से टैक्स की सूची में आने वाले व्यक्तियों को इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है। ठीक उसी प्रकार जीएसटी के दायरे में आने वाले कंपनी कारोबार और व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न्स करने होते हैं। अपना मुनाफा कमाने के लिए वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य बढ़ाने पर जीएसटी के भी दाम बढ़ जाते हैं। वह पैसे सरकार को जीएसटी के रूप में चुकाने होते हैं।

इसके अलावा जीएसटी के अंतर्गत सेवा और वस्तुओं की क्रय और विक्रय की सूची भी सरकार को देनी होती है। जो वस्तुएं बेची गई है, वह GSTR1 के तहत जीएसटी पोर्टल पर सरकार को इसकी जानकारी देनी होती है तथा GSTR3B इसके अंतर्गत सेल और परचेज की पूरी जानकारी होती है। इसे भी जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करना होता है। वर्तमान समय में मुख्य रूप से यह दोनों GSTR ही एग्जिस्ट कर रहे हैं।

जीएसटी के फायदे

जीएसटी लागू होने के बाद इसके विभिन्न प्रकार के फायदे देखे जा रहे हैं। जीएसटी से पहले अनेक सारी वस्तुओं पर टैक्स के ऊपर तक लग जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है। इसके अलावा पहले राज्य और शहर के अनुसार कम से ज्यादा टैक्स लगता था। लेकिन जीएसटी के अंतर्गत पूरे भारत में एक समान टैक्स लगता है।

जीएसटी के अंतर्गत पारदर्शिता बन चुकी है। इसीलिए इसमें टैक्स चोरी तथा धोखाधड़ी की गुंजाइश बहुत कम है। जीएसटी का पूरा सिस्टम ऑनलाइन काम करता है जो कि काफी आसान तथा कम समय में काम पूरा कर देता है तथा इस प्रकार के अनेक सारे जीएसटी के फायदे देखे जा रहे हैं।

निष्कर्ष

जीएसटी टैक्स भारत में एक राष्ट्र एक टैक्स के आधार पर काम करता है। जीएसटी लागू होने के बाद भारत में पुरानी टैक्स व्यवस्था खत्म हो चुकी है। जीएसटी के तहत ऑनलाइन टैक्स प्रणाली शुरू हो चुकी है जो काफी आसान है तथा इसमें पारदर्शिता भी बनी रहती है।

आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी के साथ विस्तार से बता चुके हैं कि जीएसटी क्या है और कैसे काम करता है?(GST Kya hai), जीएसटी का फुल फॉर्म क्या है? और जीएसटी का अर्थ क्या है? । हम उम्मीद करते हैं या आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है, तो कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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