Goldilocks and the Three Bears Story in Hindi: नमस्कार दोस्तों, हम आपके सामने एक ऐसी कार्टून कहानी लेकर आ रहा है, इसे पढ़कर आपको अत्यधिक आनंद प्राप्त होगा। इस कहानी को अंत तक जरूर पढ़े।
गोल्डीलॉक्स और तीन भालुओं की कहानी | Goldilocks and the Three Bears Story in Hindi
एक समय की बात है। एक जंगल में एक भालू का परिवार रहता था। वह परिवार अत्यंत खुशहाल और सुखी जीवन व्यतीत कर रहा था। उसके परिवार में वह, उसकी पत्नी और उसका बच्चा रहता था। उसका घर अत्यंत सुंदर था। उस जंगल में उसके घर जैसा किसी का घर नहीं था। उसके घर में सारी सुविधाएं थी। हर किसी को अलग-अलग सोने के लिए कमरा और बेड था। सबके लिए खाने में अलग प्लेट थी और चम्मच भी। उसके घर में जो भी मेहमान आता, उसके लिए अलग से कमरे में खाने पीने की व्यवस्था की जाती थी। उसके घर की तारीफ सभी लोग करते थे।
एक दिन सुबह-सुबह भालू ने एक बात सोची। उसने सोचा क्यों ना सुबह सुबह सैर पर जाया जाए। उसने अपने पत्नी से बताया। पत्नी ने दूध गर्म कर दिया था और कहा पहले दूध पी लीजिए। भालू ने कहा क्यों ना सब के बर्तन में दूध रख दिया जाए और वापस आकर दूध पी लिया जाएगा तब तक दूध पीने लायक हो भी जाएगा। ऐसा कहने पर उसकी पत्नी ने बिल्कुल ऐसा ही किया और तीनों सैर पर निकल पड़े।
भालू और भालू की पत्नी दोनों एक दूसरे के हाथ पकड़ कर घूम रहे थे और उनका बच्चा भी अपने पिताजी की पीठ पर तो कभी अपनी मां की गोद में बैठकर मस्ती कर रहा था। तीनों आनंद ले रहे थे, तीनों एक दूसरे से कितना “सुनहरा मौका” है कह रहे थे।
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सूरज की किरणें चारों तरफ बिखरी हुई थी, हल्की-हल्की रोशनी जंगल में आ रही थी। यह दृश्य काफी सुंदर था और उस पर सुशोभित हल्की-हल्की हवा चलना। ऐसा लग रहा था कि मानो कहीं दूर घूमने के लिए आये हो।
तीनों मजे से घूम रहे थे। घूमते-घूमते उन्हें एक पेड़ मिला। अब ये पेड़ अत्यधिक सुंदर था और वे वहां पर रुक गए तभी एक तितली उड़ती हुई आई और भालू के नाक पर बैठ गई।
भालू ने अपनी नाक से तितली को उढ़ाते हुए कहा “इनकी आवाज कितनी कम होती है, सुनाई नहीं देती है।” उनकी आवाज हमारी तरह दमदार नहीं है तो कभी-कभी इतना बुरा लगता है। लेकिन क्या करूं यह छोटे जीव हैं, इन्हें मारना भी तो अच्छा नहीं लगता।
ऐसा सुनते ही भालू की पत्नी ने कहा “हां सही में आपकी आवाज में कितना दम है। वाकई मुझे तुम्हारी आवाज बहुत पसंद है। ऐसी आवाज सबकी होनी चाहिए। मुझे तुम्हारी आवाज बहुत पसंद है।”
भालू ने हंसते हुए कहा “अरे नहीं मेरी प्यारी पत्नी ऐसा नहीं है, सबसे शानदार और दिल दहलाने वाली आवाज जंगल के राजा शेर की है, उसकी दहाड़ के सामने मेरी आवाज तो मामूली है। वह जब दहाड़ता है पूरे जंगल में सन्नाटा छा जाता है।” ऐसी बातें करके वापस घर आने लगे।
रास्ते में एक सुंदर और चमकीले बालों वाली लड़की रहती थी। उसका नाम गोल्डीलॉक्स था। वह एक लकड़हारे की लड़की थी। उसे जंगल में सभी पेड़ पौधों के नाम अच्छे से मालूम थे। वह पौधे और पेड़ के पत्तियों की दवा के बारे में भी जानती थी। उसे सभी जानवरों की आवाज समझ में आ जाती थी और वह उनकी आवाज में बात भी कर सकती थी। वह प्रत्येक दिन घने जंगलों में अपने पेड़ों और पशु पक्षियों से मिलने जाया करती थी।
रोज की तरह गोल्डीलॉक्स उस दिन भी जंगल में अपने पेडों को देखने गई थी। तभी उसे रास्ते में भालू का वही सुंदर घर दिखा और वह सोचने लगी इतना सुंदर घर किसका है। वह उस घर में झांक कर देखें तो दूध देखकर सोचने लगी आखिर यहां दूध पीने वाला कौन रहता होगा? ऐसा सोचते सोचते उसने दरबाजे को खटखटाया पूछा घर मे कोई है।
गोल्डीलॉक्स बहुत थक गई थी, उसने सोचा अंदर चलके थोड़ा आराम कर लिया जाए। उसे भूख भी लगी थी। वह अंदर जाके तीनों गिलास में रखे दूध को पी लिया। उसमे सबसे स्वादिष्ट और मीठा छोटे वाले गिलास का दूध था।
इसके बाद वह उनके कमरों में गई, उसने वहां देखा कि 3 बेड थे, जो बहुत ही आरामदायक दिख रहे थे। वह बहुत खुश हुई और वह फटाक से उस बिस्तर पर लेट गई। वह थक चुकी थी, इसलिए उसे नींद आ गई और वह वहीँ पर सो गई।
जब वे तीनों भालू सैर करके वापस घर आए हैं, उन्होंने देखा उनके गिलास का दूध नहीं था, उनका बच्चा जोर से रोने लगा और वह कहने लगा मेरा दूध किसने पिया, मेरा दूध किसने पिया। उसके माता-पिता ने उसे समझाया और चुप कराया। तीनों ने आपस में बात करने के बाद शांत हुए और अपने कमरे में जाने लगे।
छोटे भालू के कमरे में रखे बेड पर गोल्डीलॉक्स लेटी हुई थी। भालू का बच्चा गोल्डीलॉक्स को देखकर बहुत तेज से चिल्लाया और उसने कहा इसी ने मेरा दूध पिया है। तीनों भालू इकट्टा हुए। तीनों ने आपस में बात की, चलो इसे खा लिया जाए। गोल्डीलॉक्स की यह बातें सुनकर आंख खुल जाती है और वह बहुत ज्यादा डर जाती है। वह खिड़की के दरवाजे खोल कर अपने आप को बचाने के लिए भाग जाती है।
तीनों भालुओ ने गोल्डीलॉक्स का पीछा किया। भागते भागते पिता भालू ने उसके कुछ बाल पकड़े। परंतु गोल्डीलॉक्स अपने बालों को छुड़ा कर भाग गई और वह इतनी दूर निकल गई कि भालू उसे पकड़ न सकें। पिता भालू के हाथ में उसके कुछ बाल आए थे।
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी के सामान को बिना उसकी इजाजत के नहीं छेड़ना चाहिए अन्यथा परिणाम बुरा होता है।
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