Essay on Water Pollution in Hindi: नमस्कार दोस्तों! आज हम आप सभी लोगों को जल प्रदूषण पर निबंध बताने जा रहे हैं। यह निबंध सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है। जब कभी भी कोई विद्यार्थी कहीं पर भी कंपीटेटिव एग्जाम देने जाता है, तो उसे हिंदी साहित्य में एक निबंध अवश्य लिखना होता है, यह निबंध ज्यादातर जल प्रदूषण से ही संबंधित होता है। तो चलिए शुरू करते हैं, जल प्रदूषण के विषय में अपना यह महत्वपूर्ण निबंध।
Read Also: हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध
जल प्रदूषण पर निबंध | Essay on Water Pollution in Hindi
जल प्रदूषण पर निबंध (250 शब्दों में)
पृथ्वी पर मनुष्य के लिए सबसे आवश्यक चीजों में से एक है, जल। वर्तमान समय में धरती पर जल प्रदूषण लगातार तेजी से वृद्धि कर रहा है। धरती पर लगातार जल प्रदूषण बढ़ने के कारण अनेकों प्रकार की बीमारियां जन्म लेती जा रही हैं। जल प्रदूषण के कारण सभी जीव जंतु बहुत ही प्रभावित हो रहे हैं, जिसके कारण अनेकों ऐसी जातियां हैं, जोकि विलुप्ती के कगार पर भी पहुंच चुकी हैं। मनुष्य की बढ़ती गतिविधियों के कारण उत्पन्न हो रहे जहरीले प्रदूषक पदार्थों को समुद्रों में ही विसर्जित किया जाता है, जिसके कारण धरती पर पीने योग्य जल केवल 0.01 प्रतिशत ही शेष है।
आने वाले समय में ऐसी स्थिति भी आ सकती है, कि मनुष्य को जल को एक निश्चित मात्रा में और निश्चित कीमत पर खरीदना पड़ेगा। जल प्रदूषण कई स्रोतों के माध्यम से प्रदूषित हो रहा है, जैसे- औद्योगिक अपवाह, शहरी अपवाह, कृषि उर्वरक, अपशिष्ट भंवरा क्षेत्र से होने वाला निश्छलन एवं मानव की अन्य गतिविधिया।
इस धरती पर बहुत से ऐसे जीव मौजूद है, जो कि बिना कुछ खाए पिए कई दिनों तक जीवित रह सकते हैं, परंतु उन्हें यदि कुछ क्षण के लिए भी जल नहीं मिले, तो वह अपनी जिंदगी को जीना मुश्किल समझने लगते हैं, उसी का एक उदाहरण हम मनुष्य भी हैं। मानव की गतिविधियों के बढ़ने के कारण जल की मांग भी बढ़ती ही जा रही है, जिसके कारण यह आशंका जताई जा रही है, कि भविष्य में जल की कमी हो सकती है और मानव जीवन खतरे में आ सकता है।
जल प्रदूषण पर निबंध (800 शब्दों में)
प्रस्तावना
जैसे-जैसे धरती पर मनुष्यों के संसाधन बढ़ते जा रहे हैं, वैसे वैसे जल का उपयोग भी काफी तेजी से हो रहा है। बहुत जैसे उद्योग धंधे हैं, जिनके कारण उन से निकलने वाले कचरे को समुद्र में फेंक दिया जाता है, जिसके कारण समुद्रों का जल प्रदूषित हो गया है। कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां पर उद्योग धंधे स्थापित किए गए हैं, परंतु वहां पर समुद्र नहीं है, जिसके कारण ऐसे उद्योग धंधे से निकलने वाले कचरे को पास के ही नदि या नाले में फेंक दिया जाता है, जिससे कि जल प्रदूषण बढ़ जाता है।
जल प्रदूषण बढ़ने का एक मुख्य कारण ओजोन परत का छय होना भी है। जैसे-जैसे ओजोन परत का छय होता जा रहा है, वैसे वैसे जल भी काफी तेजी से प्रदूषित हो रहा है, क्योंकि ओजोन परत के छाए होने से जल अपने स्वशुद्धिकरण की प्रोसेस पूरी नहीं कर पाता, जिसके कारण यह प्रदूषित हो जाता है। जल के प्रदूषित हो जाने से मानवों और जीव-जंतुओं का जीवन भी खतरे में पड़ गया है। जल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता ना होने के कारण मनुष्यों और जीवों की मृत्यु या उनकी विलुप्त भी हो सकती है।
जल प्रदूषण का क्या अर्थ है?
जल का तेजी से अशुद्ध होना ही जल प्रदूषण कहलाता है। जल प्रदूषण ज्यादातर उद्योग धंधे एवं रासायनिक पदार्थों के द्वारा निकले गंदे पदार्थ या कचरों के द्वारा होता है। मेरी हम बात करें जल प्रदूषण के बारे में, तो जल प्रदूषण एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पीने योग्य जल भी गंदे होते जा रहे हैं और पृथ्वी पर जल की मात्रा कम होती जा रही है। पृथ्वी पर जल की मात्रा कम होने का यह अर्थ नहीं है, कि पृथ्वी से जल ही समाप्त हो जाएगा, बल्कि इसका अर्थ यह है, कि पृथ्वी पर पीने योग्य जल नहीं रह जाएगा। भविष्य में ऐसी परिस्थितियां भी आ सकती हैं, कि हमें जल को पीने के लिए भी खरीदना पड़ सकता है।
जल प्रदूषित होने के कौन-कौन से स्रोत हैं?
जल के प्रदूषित होने का सबसे मुख्य स्रोत उद्योग धंधे एवं रासायनिक संश्लेषण है। उद्योग धंधे के कारण जो कुछ भी कचरे के रूप में निकलता है, उसे जल में ही बहा दिया जाता है, जिसके कारण जल प्रदूषण काफी तेजी से फैल रहा है। ऐसे उद्योगों में होने वाले रासायनिक संश्लेषण के कारण काफी ज्यादा मात्रा में रसायन युक्त कचरी निकलते हैं, जो कि सीधे जल में बहा दिए जाते हैं, जिसके कारण जल प्रदूषण फैलता है। इन सभी के अलावा कृषि संबंधित मैदान, पशुधन चारा, सड़कों पर जमा हुआ जल, समुद्री तूफान इत्यादि भी जल प्रदूषण के कारण हैं।
जल प्रदूषण के दुष्परिणाम क्या है?
लगातार जल प्रदूषित होने के अनेकों प्रकार के दुष्परिणाम है, जिनसे मानवीय जीवन काफी ज्यादा प्रभावित हो सकता है और यह सभी दुष्परिणाम नीचे बिंदुओं के माध्यम से दर्शाए गए हैं।
- जल प्रदूषण के कारण धरती पर उपस्थित ज्यादातर जीव जंतुओं को पीने योग्य जल की पूर्ति न हो पाने के कारण मृत्यु भी हो सकती है।
- जल प्रदूषण होने के कारण जल में अनेकों प्रकार के विषय में जीवाणु या विषाणु उत्पन्न हो सकते हैं, जिसके कारण जल को पीना माननीय सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है।
- जल के बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण आने वाले समय में जल की पूर्ति नहीं हो पाएगी अतः मनुष्य को जल खरीद कर ही पीना पड़ेगा।
- जल केवल खरीद कर पीना ही नहीं बल्कि किसी भी काम को करने के लिए उन्हें चल खरीदना ही पड़ेगा।
- जल प्रदूषण के कारण पेड़ पौधे भी उपयुक्त जल ग्रहण नहीं कर पाएंगे, क्योंकि जब जल प्रदूषित हो जाएगा, तो उसमें अनेकों प्रकार के विचार उत्पन्न हो जाएंगे, अतः उसमें विषैले पदार्थ भी मौजूद होंगे, जिसके कारण पेड़ पौधों को भी काफी नुकसान हो सकता है।
- यदि जल प्रदूषण के कारण पेड़ पौधे प्रभावित हो जाते हैं, तो इस पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो सकता है और यदि पर्यावरण को किसी प्रकार का क्षय होता है, तो इसका असर सीधा मनुष्यों पर ही पड़ता है।
जल प्रदूषण से बचाव के लिए क्या करें?
- जल प्रदूषण से बचने के लिए उद्योग धंधे से निकलने वाले कचरे को नदी नालों या फिर समुद्रों में बहाना नहीं चाहिए।
- पहले से ही दूषित हो चुके जल को एक ही जगह पर बाध बनाकर संरक्षित कर देना चाहिए, ताकि अन्य स्थानों का जल प्रदूषित ना हो सके।
- उद्योग धंधों से निकलने वाले कचरे को जमीन के के सतह से लगभग 5 से 6 फीट नीचे गाड़ देना चाहिए, जिससे जल प्रदूषण से बचा जा सकता है।
- जल प्रदूषण से बचने के लिए हमें शौचालयों का ही उपयोग करना चाहिए, क्योंकि मक्खियों के द्वारा माननीय मल से जल तक गंदगी को पहुंचाया जा सकता है।
निष्कर्ष
हम सभी लोगों ने आज के इस निबंध में जल प्रदूषण के बारे में विस्तार पूर्वक से जानकारी प्राप्त की, अतः अब हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं, कि हमें जल को बचा कर रखना चाहिए और कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे कि जल प्रदूषण का खतरा बढ़ सके। यदि जल प्रदूषण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है, तो इसका नुकसान हमें ही होगा, अतः जल प्रदूषण को बढ़ाने से रोकें।
अंतिम शब्द
हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह निबंध “जल प्रदूषण पर निबंध (Essay on Water Pollution in Hindi)” पसंद आया होगा, तो कृपया आप इस निबंध को अपने मित्रों और परिजनों के साथ अवश्य शेयर करें।
Reed Also