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वाहन प्रदूषण पर निबंध

Essay on Vehicle Pollution in Hindi: जैसा कि हम सभी जानते हैं, आजकल प्रदूषण कितना बढ़ता जा रहा है। इससे कई बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हम यहां पर वाहन प्रदूषण पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में वाहन प्रदूषण के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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वाहन प्रदूषण पर निबंध | Essay on Vehicle Pollution in Hindi

वाहन प्रदूषण पर निबंध (250 शब्द)

वाहनों के द्वारा वाहन प्रदूषण फैलता है। इसकी वजह से पर्यावरण में बहुत ही ज्यादा हानि पहुंच रही है। वाहन के रूप में जानी जाने वाली इन सामग्रियों को मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिक तंत्र पर बहुत ही अधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है। आजकल किसी भी देश दुनिया भर में देखा जाए तो, वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है जितने वाहन बढ़ेंगे उतना ही प्रदूषण अधिक बढ़ेगा और यह हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है।

बढ़ते वाहन का सबसे बड़ा मुख्य कारण है, बढ़ती जनसंख्या और उनकी बढ़ती आवश्यकता है। जितनी आवश्यकता है, उतने ही वाहन बढ़ रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों का जीवन धीरे-धीरे संकट की ओर बढ़ रहा है। हर किसी को सुख-सुविधाओं वाली जीवनशैली ही पसंद आती है। सबसे पहले वह गाड़ी का ही इस्तेमाल करना चाहता है।

देखा जाए तो अब हर छोटे-बड़े शहरों में दोपहिया और चार पहिया वाहनों कि इतनी अधिक जनसंख्या बढ़ गई है कि आए दिन इनसे खतरा ही बढ़ता जा रहा है। इन वाहनों से बहुत ही खतरनाक गैस निकलती है, जो कि हमें प्रभावित करती हैं, जैसे कि नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड, इत्यादि गैस निकलती हैं। जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है। आजकल ट्रकों और कारों में ऐसे इंजन का प्रयोग किया जा रहा है, जिसमें गैसोलीन और अन्य जीवाश्म को जलाया जाता है। जिसकी वजह से बहुत अधिक प्रदूषण होता है।

प्रदूषण बढ़ने से बहुत सी बीमारियां बढ़ रही है, जैसे खांसी, सिर दर्द, मिचली, आंखों में जलन, विभिन्न फेफड़ों के रोग, दृश्य ताऊ की समस्या जैसे लक्षण उत्पन्न हो रहे हैं और भी कई अनेक बीमारियां पनप रही हैं। जिसके चलते लोगों को बहुत ही ज्यादा नुकसान हो रहा है।

वाहन प्रदूषण पर निबंध (1000 शब्द)

प्रस्तावना

वाहनों से होने वाले प्रदूषण जैसे कि मोटरसाइकिल, कार, ट्रक इत्यादि से होने वाले प्रदूषण वाहन प्रदूषण कहलाता है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक होता है और इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है।

दुनिया भर में कई देशों में सड़क पर उपलब्ध वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण का कारण बनती है। आज सबसे ज्यादा लोग कार का प्रयोग करते हैं। इसी वजह से पर्यावरण पर इतना बुरा असर पड़ता है कि दिन-प्रतिदिन वाहन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। वाहन प्रदूषण इतना अत्यधिक बढ़ गया है कि इससे नई-नई बीमारियां पनपने लगी और लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

वाहन प्रदूषण होने के कारण

वर्तमान में वाहन प्रदूषण का मुख्य कारण सड़कों पर अनगिनत चल रहे वाहनों की वजह से बढ़ रहा है। बढ़ती जनसंख्या और उनके महत्वपूर्ण जरूरतों को भी देखते हुए वाहन प्रदूषण बढ़ रहा है। हर कोई अच्छी जीवनशैली पाना चाहता है। सब अपनी सुख-सुविधाओं को पूरा करना चाहता है। उनकी नजर में शारीरिक खुशी जीवन शैली का एकमात्र संसाधन है। इसीलिए सब घर खरीदने के बाद सबसे पहले कार ही खरीदते हैं। कार सबके लिए बहुत ही जरूरी और महत्वपूर्ण हो गई है।

छोटे शहरों या बड़े शहर सभी में दोपहिया और चार पहियों का वहां देखने को बड़े आराम से मिल जाते हैं। यह बहुत ही खतरनाक जहरीली कैसे छोड़ते हैं। जैसे कि नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड ,ऑक्साइड सल्फर, जो कि पर्यावरण को भी बहुत ही बड़ी हानि पहुंचा रहे हैं और लोगों को भी।

वर्तमान समय में कार और ट्रक में उसके अंदर दहन इंजन का प्रयोग किया जा रहा है, जो कि बहुत ही ज्यादा गैसोलीन और अन्य जीवाश्म ईंधन से जलाया जाता है। फिर उस में उपयोग किया जाता है। वर्तमान में देखा जाए तो सब जिंदगी में इतने व्यस्त हो गए हैं, कि एक दूसरे के पास किसी के लिए समय ही नहीं बचा है। जब किसी के पास एक दूसरे के लिए ही समय नहीं बचा है, तो वह अपने लिए समय कहां से निकालेगा। सबसे बड़ा नुकसान इसमें प्रकृति का होता है, कि वे प्रकृति के  लिए भी समय नहीं निकाल सकता है।

प्रभाव

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से वायु प्रदूषण के चलते हमारे पर्यावरण को इतना ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है, कि हमारा वातावरण बहुत ही ज्यादा हानिकारक हो गया है। इस वजह से कई बीमारियां भी उभर रही है। शहरी क्षेत्रों में वाहन प्रदूषण बहुत ही अधिक बढ़ रहा है। हवा में प्रदूषण जानवरों और पौधों सहित मांगों पर भी बहुत भारी प्रभाव डाल रहा है। इसकी वजह से हमारा पारिस्थितिक तंत्र बहुत ज्यादा खतरे में आ गया है, जिसकी वजह से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है।

स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रभाववाहन प्रदूषण से बहुत ही ज्यादा बीमारियों का जन्म हो रहा है। इसे एग्रो में संक्रमण और कर्करोग कैंसर जैसी महाविहार या हो सकती हैं। इसे हृदय रोग दमा भी बढ़ सकता है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को भी नुकसान बहुत पहुंचता है। सांस लेने में बहुत ही ज्यादा परेशानी होती है। कुछ ऐसी स्थिति प्रकट हो जाती है जिसकी वजह से मृत्यु भी हो जाती है।

धुंध का बढ़ना और अम्लीय वर्षा होनानाइट्रोजन ऑक्साइड सबसे ज्यादा धुंद बढ़ाने में सहयोग देती है। यह गैस वाहनों की द्वारा निकलती है। जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड बारिश में घुल जाता है, तो इसकी वजह से अम्लीय वर्षा होने लगती है। इस प्रकार की जो वर्षा होती है, वह मानव पौधे और पशु किसी के लिए भी अच्छी नहीं होती है इससे बहुत सी बीमारियों का जन्म होता है।

बचाव के उपाय

  • नागरिक शिक्षा बहुत जरूरी है

बहुत से लोग इसी से फिक्र नहीं करते हैं क्योंकि वह इस चीज के बारे में नहीं जानते हैं। सरकारी विभाग और गैर सरकारी संगठन द्वारा वाहन प्रदूषण के बारे में लोगों को जागरूक करवाया जा सकता है। बच्चों को स्कूल में पढ़ाया जा सकता है। सभी नागरिकों को जिम्मेदार बनाया जा सकता है ताकि सभी से समझी और अपना सहयोग दें।

  • प्रगतिशील नीति अपनाकर

सरकार को ऐसे कानूनों के बारे में सोचना चाहिए जो कि वाहन का प्रदूषण कम कर सके। कानूनों में वाहनों की उम्र पर नियम होना चाहिए कि कौन सा वाहन कितने समय तक चल सकता है। सभी वाहनों को शर्तों और दिशा निर्देश के द्वारा ही चलाना चाहिए और एजेंसियों को चाहिए कि हरित ऊर्जा जैसे वैकल्पिक ईंधन पर ध्यान दें और उससे जुड़े कुछ वाहन तैयार करें।

  • वाहनों का रखरखाव कर के

नियमित रूप से तेल फिल्टर को बदलने इंजन तेल को बदलने जैसी चीजों पर ध्यान देना चाहिए। इसमें कोई भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। कुछ पुराने ऐसे वाहन होते हैं, जिनकी वजह से बहुत ही जहरीले कैसे निकलती हैं उनका उन सभी को ध्यान देना चाहिए।

निष्कर्ष

ब्रह्मांड में सबसे बड़ा ग्रह पृथ्वी है, जिस पर जीवन यापन करना बहुत ही आसान है परंतु हम अपनी सुख-सुविधाओं के लिए इस सुख को खो रहे हैं। वास्तव में लोग या नहीं जानते हैं, कि वह कितनी बड़ी मुश्किल में करते जा रहे हैं। उनको चाहिए कि वह अपनी मानसिकता बदले और अधिक सक्रिय हो जिसकी वजह से अच्छी चीजें हासिल कर सके और वहां प्रदूषण को कम करने में सरकार का सहयोग करें।

यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखें क्योंकि हमारा पर्यावरण हमें भी सुरक्षित रखता है। माना कि वाहन मनुष्य की आवश्यकता होती है और विलासिता भी होती है। मगर यह एक खतरा भी बना हुआ है, जो कि पर्यावरण और इंसान दोनों के लिए ही अच्छा नहीं है।

अंतिम शब्द

दोस्तों जिस तरह से वाहन प्रदूषण निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। उस तरह से हमें मेहनत करने की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है। हम जितना सतर्क रहेंगे उतनी ही अपनी जान को सही सलामत रख सकेंगे। तो आशा करते हैं, आप को वाहन प्रदूषण पर निबंध ( Essay on Vehicle Pollution in Hindi) पर शेयर की गई माहिती पसंद आई होगी। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना है, तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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Ripal
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