Essay On Peace And Harmony In Hindi: आज का आर्टिकल जिसमे हम शांति और सदभाव पर आर्टिकल के बारे में जानकारी देने वाले है। देश में शांति को बनाये रखना बहुत जरुरी है। देश में शांति को कई बार अपद्रवीयो द्वारा भंग किया गया। आज का यह आर्टिकल जिसमे हम Essay On Peace And Harmony In Hindi के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है।
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शांति और सदभाव पर निबंध | Essay On Peace And Harmony In Hindi
शांति और सदभाव पर निबंध (200 शब्द)
किसी भी समाज के निर्माण के लिए शांति और सद्भाव का होना बहुत ही जरूरी है। शांति और सद्भाव के माध्यम से ही समाज का निर्माण होता है, समाज में शांति और सद्भाव को आधार माना जाता है। अगर देश में शांति होगी, तो देश में विकास होगा अन्यथा विकास का होना भी असंभव है। देश की सरकार द्वारा देश में शांति और सद्भाव को सुनिश्चित करने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कई गुर्जरों के चलते सरकार इस काम को सफल नहीं कर पाती है और उसी की वजह से देश में शांति भंग होते हैं। देश में शांति भंग को लेकर कई मुद्दे आपने भी देखे होंगे, जिनका जिक्र हम नीचे लिखे कर रहे हैं।
सरकार द्वारा जो कई प्रकार की बिल विधानसभा और लोकसभा में पारित किए जाते हैं, तब संसद भवन में विपक्ष दल के नेताओं द्वारा जरूर शांति भंग की जाती है, लेकिन कई बार अन्य लोगों के द्वारा भी संसद भवन के बाहर शांति भंग की जाती है, इसका एक मुख्य उदाहरण किसान आंदोलन है, जो आज के समय में भी चल रहा है।
पिछले 7 महीनों से किसान आंदोलन चल रहा है, जब से किसान बिल पास हुआ, तब से इस बिल का विरोध जताया जा रहा है, वर्तमान में भी इस बिल को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है। 26 जनवरी 2021 को किसानों द्वारा लाल किले की प्राचीर पर हमला किया गया था और वहां पर तिरंगे का अपमान किया गया था, इस प्रकार की घटनाएं शांति और सद्भाव के खिलाफ है।
देश में शांति और सद्भाव को अक्सर धर्म के नाम पर बांधा जाता है। कई धर्म के लोग अन्य धर्म के लोगों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं और इसकी वजह से समाज में शांति और सद्भाव का नाम नहीं रहता है जिसकी वजह से समाज में असंतोष पैदा होने लगता है और लड़ाई होने शुरू होती है।
राजनीतिक दल में तो आपने अक्सर ही देखा होगा, कि यहां पर शांति पूरी तरह से बंधी हुई है। ऐसे कह सकते हैं, कि राजनीतिक दलों शांति का नाम लेना ही गलत है। कई प्रकार की आतंकवादी हमले भी शांति को बाधित करते हैं।
शांति और सदभाव पर निबंध (600 शब्द)
प्रस्तावना
दोस्तो शांति और सदभाव किसी भी देश की सबसे जरूरी आवश्यकता होती है। किसी भी देश के नागरिक सभी अपने आप को सुरक्षित व समृद्ध महसूस कर सकते हैं, जब उनके देश में शांति का माहौल हो, लेकिन फिर भी कभी ना कभी किसी न किसी देश का शांतिभंग तो हो ही जाता है। आपको पता हो, कि भारत विविधताओं वाला देश है, यहां विविधता में एकता देखने को मिलती है।
भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं तथा किसी भी त्योहार को आपस में मिलजुल मनाते हैं। यहां का संविधान सभी लोगों को स्वतंत्रता प्रदान करता है। किसी भी देश में शांति बनाए रखने के लिए कानून बनाए जाते है, ताकि कोई भी व्यक्ति शांतिभंग ना कर सके। शांति और सदभाव के कारण ही किसी भी देश का निर्माण होता है, क्युकी देश में शांति और सदभाव होगा, तो उस देश का विकास किया जा सकता है, लेकिन निहित स्वार्थ के कारण यह शांतिभग हो जाती है। ऐसे बहुत से कारण होते है, जिससे देश में अशांति हो जाती है।
शांति और सदभाव पर प्रभाव डालने वाले कारक
किसी भी देश की शांति में सबसे ज्यादा दखल आतंकवादी के द्वारा किया जाता है, इसमें कई लोगों की मौत हुई हो जाती है। जिससे प्रत्येक जगह पर विरोध और प्रदर्शन किए जाते हैं। आतंकवाद के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक धर्म को बदनाम करने की कोशिश मे समाज में असंतोष फैल जाता है। कई राजनीतिक दल ऐसे होते है, जो अपने हित के लिए दूसरी पार्टी के लोगो के खिलाफ असभ्य भाषा का प्रयोग करके समाज के लोगो को गुमराह करने की कोशिश करते है, जिससे देश में अशांति फैल जाती है।
आरक्षण प्रणाली के तहत सामान्य वर्ग के लोगो को अधिक अशांति पैदा की है। ऐसे में कई और समुदाय के लोग भी अपने अपने समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण की माग करने लगे है, ऐसे में यह लोग समय समय पर प्रदर्शन करते रहते हैं। इसके अलावा बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और अलग-अलग राज्यों में अन्य कई प्रकार के दंगों के कारण देश में शांति और सद्भाव की संभावनाएं खत्म हो जाती है।
शांति और सदभाव के उदाहरण
इतिहास में ऐसे बहुत सारे उदाहरण मौजूद हैं, जिनसे देश में शांति और सद्भाव बिल्कुल समाप्त हो गया था। इनमे से कुछ निम्न प्रकार के है।
- 1987 मे हरियाणा मे हत्याएं
- 1990 मे हैदराबाद में दंगे
- सन 2000 मे लाल किले पर आतंकवादी हमले किए गए थे।
- सन 2002 मे गुजरात में दंगे
- 2007 मे दिल्ली में बम विस्फोट
- 2008 मे बम धमाके
- सन 2012 मे पुणे बम विस्फोट
- 2013 मे मुजफ्फरनगर दंगे
- सन 2016 मे जाट आरक्षण आंदोलन
यह सभी उदाहरण है, कि भारत में शांति और सदभाव ख़तम हो चुका था। कभी कभी ऐसा लगता है, कि लोगो की शांति में रहने की आदत ही खत्म हो चुकी है। कई बार समाज के लोग ही छोटी छोटी बातों पर इतना बड़ा झगड़ा के देते है, कि लोगो को मौत के घाट उतारने में परहेज भी नहीं करते। लोग अपनी शान को दिखाने के लिए इस हद तक पहुंच जाते है, कि वो छोटी सी बच्ची का बलात्कार करने से भी पीछे नहीं हटते है।
अभी देश में बलात्कार जैसी बहुत सी घटनाए देखने को मिलती है। कई बार पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाता है। ऐसे में समाज के लोग पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर विरोध प्रदरशन करते है और सड़क आदि मे जाम लगा देते है। ऐसे में रोकने के लिए पुलिसबल का प्रयोग करना पड़ता है। इस चक्कर मे कई अराजक तत्व मौके का फायदा उठा लेते हैं और कई जगह आगजनी व प्रदर्शन करने लग जाते हैं, जिससे सरकार की संपत्ति को काफी नुकसान होता है।
निष्कर्ष
किसी भी देश में शांति और सद्भाव तब तक बनाए रखा जा सकता है, जब तक उसका प्रत्येक नागरिक अपनी संवेदनशीलता के बारे में परिपक्व नहीं हो जाता, इसी कारण समाज में अशांति उत्तपन हो जाती है।
अंतिम शब्द
आज का हमारा यह आर्टिकल जिसमें हमने शांति और सदभाव पर निबंध (Essay On Peace And Harmony In Hindi) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। उम्मीद करता हूं, कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी, यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल हैै, तो वह हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है।
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