Essay on Importance of Adult Education in Hindi: युवा अवस्था में हर किसी को बड़े कॉलेज और आगे की पढ़ाई को करना नसीब में नहीं हो पाता है। इस निबंध के माध्यम से हम प्रौढ़ शिक्षा के महत्व , उसके उद्देश्य, प्रोढ़ शिक्षा फायदे आदि सभी चीजो के बारे में इस निबंध के माध्यम से जानकारी प्राप्त करेंगे। आज के इस आर्टिकल में हम प्रौढ़ शिक्षा का महत्व पर निबंध पर जानकारी आप तक पहुंचाने वाले हैं। इस निबंध में प्रौढ़ शिक्षा का महत्व के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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प्रौढ़ शिक्षा का महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Adult Education in Hindi
प्रौढ़ शिक्षा का महत्व पर निबंध (250 शब्द)
पिछले कुछ सालों में प्रौढ़ शिक्षा का महत्व को बढ़ावा मिल रहा है। यहां पर पिछले कुछ सालों में प्रौढ़ शिक्षा की प्रकृति और प्रणाली बिल्कुल बदल गई है। पहले सभी युवा वर्ग को शिक्षा पाठ्यक्रम के लिए खुद का नाम अंकित करने के लिए शिक्षा संस्थानों में खुद को जाना पड़ता था। यह उन सभी वयस्कों के लिए बहुत बड़ी बात हुआ करती थी क्योंकि इतनी बहुत अधिक संख्या में शिक्षण संस्थान नहीं थे, अर्थात विद्यालय महाविद्यालय ज्यादा संख्या में हमारे सामने नहीं थे, इसीलिए वयस्क बच्चों को शिक्षा के महत्व के बारे में जानना भी बहुत मुश्किल था।
देश में बदलते समय के साथ जैसे जैसे तकनीकी उपकरणों का विकास हुआ, तो इंटरनेट के आगमन हमारे जीवन में हुआ। इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा के महत्व को समझना उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करना यह सब कार्य वयस्क बच्चों के लिए आसान हो गए थे। वयस्क शिक्षा के लिए युवा वर्ग के विद्यार्थी को अच्छे-अच्छे शिक्षण संस्थानों की जानकारी इंटरनेट के माध्यम से होने लग गई।
बदलते समय के साथ लोगों ने वयस्क शिक्षा के लिए अपनी सोच को भी बदला और हमारे देश में बेटियों की शिक्षा पर भी बहुत जोर दिया जाने लगा। यह हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। आज हमारे देश मे बेटियों का पढ़ा लिखा होना और उनको अपने जीवन में आगे बढ़ाने के लिए हम सभी लोगों का सहयोग होना बहुत जरूरी है।
आज बेटियां हर क्षेत्र में हमारे देश का नाम रोशन कर रही हैं,इसीलिए प्रोढ़ शिक्षा पर हमारी सरकार बेटियों की पढ़ाई पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रही है। इसके लिए बहुत से कार्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग बेटियों के लिए जागरूक रहें।
प्रौढ़ शिक्षा का महत्व पर निबंध (1200 शब्द)
प्रस्तावना
हमारे देश में जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं, और अपनी युवावस्था में पहुंचते हैं। उनके शरीर में कई शारीरिक और मानसिक बदलाव होने लगते हैं। जिससे वयस्कों को समझना बहुत मुश्किल होता है। यह सब उनके साथ क्या हो रहा है? वह बहुत मुश्किल में पड़ जाते हैं। बच्चों के होने वाले इन परिवर्तनों से उनके दिमाग में बहुत गहरा असर पड़ता है। इसी के लिए बच्चों को प्रौढ़ शिक्षा प्रदान करना बहुत जरूरी होता है। जब बच्चे पढ़ते हैं तो उनके शरीर में होने वाले बदलाव को हम पढ़ाई के द्वारा ही समझा सकते हैं। जिनके द्वारा अपनी युवावस्था में जिम्मेदार और जागरूक हो जाते हैं।
विकासशील देशों में हमारे देश की प्रौढ़ शिक्षा की नीति
पहले हमारे देश में माता पिता युवावस्था से अपने बच्चों को प्रौढ़ शिक्षा के महत्व और उनके उद्देश्यों के बारे में सही ढंग से नहीं समझा पाते थे। वह खुद अनपढ़ हुआ करते थे, इसलिए तो वह अपने बढ़ते हुए बच्चों को भी कुछ नहीं सीखा पाते थे इन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए समय के साथ हमारे देश में शिक्षा का बहुत ज्यादा विस्तार हुआ। हमारी सरकार ने इस इन उद्देश्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनमें प्रौढ़ शिक्षा के महत्व के बारे में सभी लोगों को जागरूक किया।
आज हमारा देश बहुत प्रगतिशील हो गया है, इस कारण अशिक्षित रहकर समाज में लोगों के साथ चलना संभव नहीं है। जिस तेज गति से हमारे देश में भी सभी क्षेत्र में प्रगति हो रही है, उसी प्रकार वयस्कों के लिए हमारी सरकार के द्वारा उनके विकास की बहुत योजनाएं चलाई गई है। ऐसे बहुत से तकनीकी उपकरण और संचार संसाधन वयस्कों के सामने आ गए हैं। जिनसे वह अशिक्षित व्यक्ति भी इन सभी के माध्यम से सभी प्रकार की अच्छी बुरी जानकारी इन साधन और उपकरणों के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। इसके साथ खुद को शिक्षित बनाकर अपना जीवन जीने योग बना सकता है।
इसके अलावा हमारी सरकार ने गांव गांव शहरों में सभी जगह पर प्रौढ़ शिक्षा केंद्र बनाए हैं जिससे जो व्यक्ति अपने बचपन में पढ़ाई नहीं कर सके वह इन प्रौढ़ शिक्षा केंद्रों में जाकर पढ़ाई कर ले। और शिक्षा के सही महत्व को समझ ले।
पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती
वह कहते हैं ना कि किसी भी चीज को सीखने समझने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं होती है, उसी प्रकार से पढ़ाई भी हमारे जीवन में बहुत जरूरी है। वयस्क शिक्षा एक ऐसी पढ़ाई है, जिसमें व्यक्ति समाज के नए-नए कौशल, शिक्षा तथा व्यक्तित्व के विकास के बारे में सही और अच्छी जानकारी प्राप्त कर सके। सभी वयस्क अपने बेहतर और अच्छे भविष्य के लिए नए-नए कला कौशलों के बारे में अनुभव प्राप्त करके उनका सही उपयोग कर सकें। जिन वयस्कों को अपने बचपन में कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला, उसके लिए सरकार के द्वारा बनाये प्रौढ़ शिक्षा केंद्र में जाकर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
प्रौढ़ शिक्षा की शुरुआत
हमारे देश में वयस्कों के लिए प्रौढ़ शिक्षा को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य अनपढ़ लोगों को शिक्षित करना था ताकि वह देश और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके। हमारी सरकार के द्वारा स्थापित राष्ट्रीय मौलिक शिक्षा केंद्र के द्वारा 1956 में इसकी स्थापना की गई थी। प्रौढ़ शिक्षा की शुरुआत 2 अक्टूबर 1978 को हुई थी। इस शिक्षा के अंतर्गत 15 से 40 साल तक के वयस्कों को शिक्षित किया जाने लगा। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण परिषद से प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय को अलग बना दिया गया। हमारे देश में अशिक्षा की बढ़ती हुई समस्या को देखते हुए सरकार के द्वारा प्रौढ शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए इसमें वयस्क व्यक्तियों को उनके व्यक्तित्व की कौशल पढ़ाई की शिक्षा दी जाने लगी।
प्रौढ़ शिक्षा का वयस्क व्यक्तियों के लिए सही उद्देश्य
शिक्षा का सही उद्देश्य जो हमारे देश में निरक्षर व्यक्तियो को ओर जिनको थोड़ा बहुत अक्षर ज्ञान था, उन सभी व्यक्तियों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाना था। प्रौढ़ शिक्षा को दो वर्गों में बांटा गया था, पहला जो बिल्कुल अनपढ़ थे, जिनको कुछ भी नहीं आता था, दूसरा वह व्यक्ति जिनको थोड़ा बहुत अक्षर ज्ञान हुआ करता था। इन दोनों प्रकार के लोगों के लिए प्रौढ़ शिक्षा के महत्व को समझाना था। उन सभी वयस्क व्यक्तियों को उनके कर्तव्य उनके अधिकारों के बारे में सही जानकारी देना था। इसके बाद अपने ज्ञान को दूसरे लोगों तक पहुंचाना तथा शिक्षा के महत्व के साथ साथ जीवन व्यक्तित्व के कौशल को समझाना था। प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति सही तरीके से समय के साथ चल कर अपना जीवन यापन अच्छे से कर ले।
प्रौढ़ शिक्षा के द्वारा वयस्क व्यक्तियों को फायदे
प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से सभी उम्र के वयस्कों को शिक्षित होने के बाद बहुत फायदे मिलते हैं-
- शिक्षा ने सभी वयस्कों को यह सिखाया है,कि पढ़ने और सीखने के लिए कोई उम्र नहीं होती है। सब चीजो के बारे में जानने का मनुष्य का हक है।
- प्रोढ़ शिक्षा का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है, क्योंकि जब हम शिक्षित होंगे तो अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकेंगे ओर हम अपना जीवन को सही ढंग से जी पाएंगे ।
- किसी भी राष्ट्र को विकसित करने तथा उस को मजबूत बनाने के लिए प्रौढ़ शिक्षा का कदम उठाया गया है। इसके माध्यम से लोग अपने साथ-साथ राष्ट्र के हित के लिए भी सोच पाएंगे।
- प्रोढ़ शिक्षा के द्वारा व्यक्ति का सोचने समझने का तरीका बिलकुल बदल जाता है। जो अशिक्षित व्यक्ति होता है, वह अपराध की दुनिया की तरफ़ पहले भागता है, तथा शिक्षित व्यक्ति अपने अच्छे बुरे को सही ढंग से सोच पाता है।
- प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से सभी लोगों को जो बचपन में अपनी पढ़ाई करने से वंचित रह गए थे, उन सभी के लिए वयस्क लोगों को शिक्षित और जागरूक करना था।
- प्रौढ़ शिक्षा से व्यक्ति को अपने आसपास की हो रही घटनाओं के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो जाती है। इसके साथ उनका रहन, सहन और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का तरीका आ जाता है।
निष्कर्ष
हमारे देश के लिए बहुत ही प्रसन्नता का विषय रहा है कि देश के प्रत्येक गांव,शहर, नगर, कस्बे आदि सभी में प्रौढ़ शिक्षा के महत्व को समझाया जाने लगा। इस प्रौढ़ शिक्षा के लिए हमारी सरकार ने नई नई समितियों का भी गठन किया है।
अब ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब हमारे देश में निरक्षरता को बिल्कुल खत्म कर दिया जाएगा। सभी लोग साक्षर हो जाएंगे। तभी तो हमारा देश आगे दुनिया के सभी प्रगतिशील, विकासशील देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार हो जाएगा।
अंतिम शब्द
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