Essay on Humanity in Hindi: एक इंसान चाहे हिंदू धर्म का हो या मुस्लिम धर्म का हो या फिर सिख या ईसाई धर्म का हो लेकिन इन सभी धर्मों से परे उसका सबसे बड़ा धर्म मानवता का धर्म होता है। अलग-अलग धर्मों के सभी पवित्र पुस्तके मानवता की समान परिभाषा देती है। आज के समय में व्यक्ति अपने धर्म को तो मानता है लेकिन सबसे बड़ा धर्म मनुष्यता का धर्म नहीं मानता।
आज का मानव दूसरे मनुष्य को कष्ट देकर आगे बढ़ने में लगा हुआ है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो धीरे-धीरे पूरे धरती से मानवता खत्म हो जाएगी और हर मनुष्य जानवर की तरह एक दूसरे की हत्या कर देंगे और एक समय ऐसा आएगा जब धरती से मानव नाम का प्राणी का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। क्योंकि आज मनुष्य ही एक दूसरे मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन बन चुका है।
आज के इस लेख में हम मानवता के ऊपर निबंध लेकर आए हैं ताकि इस निबंध के जरिए लोग मनुष्यता धर्म के महत्व को समझ सके। आज के इस निबंध लेख में हम मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है निबंध (Humanity Essay in Hindi) देखेंगे।
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मानवता पर निबंध | Essay on Humanity in Hindi
मानवता पर निबंध (200 शब्द)
मानवता इस पूरे संसार में जीवित रहने और दूसरों पर विश्वास रखने का मूल मंत्र है और जीवन जीने की शैली बहुत ही सुगन तब हो जाती है, जब विश्वास और दया नाम का यह मंत्र लोगों के दिलों में जीवित रहता है। मानवता सिर्फ और सिर्फ लोगों की मदद करना ही नहीं होता बल्कि मानवता जीवों पर दया दिखाना भी होता है।
पृथ्वी पर जीवित सभी जीवों में सबसे सर्वश्रेष्ठ और उत्तम प्रजाति मानव को ही माना जाता है और इसी कारण से हमारा यह फर्ज बनता है कि हम मानव जाति के साथ-साथ अन्य जीवों की भी मदद करें और उन्हें भी उनका जीवन जीने के लिए छोड़ें।
इस पूरे दुनिया भर में लोग खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य जीवों की बलि चढ़ा दे रहे हैं और यही दुनिया का सबसे बड़ा विनाश भी होगा। यदि दुनिया से मानवता खत्म हो जाएगी तो दुनिया बहुत ही जल्द विलुप्त के कगार पर होगी।
मानवता सभी के दिलों में है परंतु उसे जागरूक करना और लोगों के प्रति संवेदनशील करना यह आपकी जिम्मेदारी होती है। इस पूरे ब्रह्मांड में सिर्फ और सिर्फ मानव ही एक ऐसा जीव है, जो सोच सकता है, समझ सकता है और किसी भी कार्य को करने से उसके लाभ हानि को भी सोच सकता है।
परंतु मानो ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए संवेदना और मानवता को पूरी तरह से त्याग दे रहे हैं।
मनुष्य के अंदर अच्छे लोग और बुरे लोगों का फर्क विवेचन होता है और इसी कारण से मनुष्य को हमेशा एक सज्जन व्यक्ति की तरह अपनी मानवता को निभाना चाहिए और यह कार उन सभी लोगों को पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। आज के समय में लोग अपनी जिम्मेदारी से भागते हैं और इसीलिए मानवता को त्याग देते हैं।
इस पूरे ब्रह्मांड में प्रत्येक खंड अपना अपना एक इतिहास बनाता है और इन सभी इतिहास में मानवता एक बार नहीं बल्कि हजारों बार खंडित हुई है, यह सिर्फ और सिर्फ मनुष्य के लोभ लालच इत्यादि के कारण हो रहा है। यह दुनिया यदि खंडित हो रही है तो इसका सीधा-सीधा कारण कुकर्मी लोग और अत्याचारी लोग होते हैं, जो मानवता की भावना अपने दिल में बिना रखे लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।
लोग खुद को अच्छा दिखाने के लिए और खुद को ऊपर ले जाने के लिए अनेकों तरह से लोगों का हक छीन लेते हैं और ऐसे में धनी लोग गरीबों का भी हक छीन ते रहे हैं और यही दुनिया का सबसे बड़ा विनाश है।
मानवता पर निबंध (250 शब्द)
मानवता के ऊपर निबंध लिखने से पहले तो यह जाना जरूरी है कि मानवता क्या है? मानवता का सही अर्थ क्या है? मानवता मनुष्य में दूसरे व्यक्ति के प्रति सहानुभूति और दया की भावना जागृत करती है। मानवता मनुष्य को दूसरों के दुख सुख का सहभागी बनना सिखाती है।
एक अच्छा मानव वही है जो दूसरों के दर्द को अपना दर्द समझता हो। अपने बारे में तो हर कोई सोचता है लेकिन जो दूसरों के बारे में सोचता है वही सच्चा मनुष्य होता है और वही मानवता धर्म है। लेकिन आज के समय में बहुत कम ही मनुष्य के अंदर इंसानियत की भावना व्याप्त है। ज्यादातर व्यक्ति अपने से मतलब रखता है। आज संसार ज्यादातर कपटी, दुष्कर्म करने वाले मनुष्य से भरी हुई है।
आज टीवी रेडियो की न्यूज़ चैनल पर कभी ऐसा खबर सुनने को नहीं मिलता कि आज कहीं धर्म के नाम पर दंगे फसाद नहीं हुए, आज कहीं दो भाइयों में जमीन को लेकर झगड़ा नहीं हुए। इस धरती पर दो बार विश्वयुद्ध हो चुका है और यह चीज साबित करती है कि आज की दुनिया में किस हद तक मानलता खत्म हो चुकी है।
आज के समय में मानव ही दूसरे मानव का दुश्मन बन चुका है। आज दो मानव एक दूसरे के प्रति जलन करता है, उसे एक दूसरे की खुशियां देखी नहीं जाती। वह एक दूसरे से बदला लेने की भावना से अपना जीवन व्यतीत करता है। लेकिन वह नहीं समझ पाता कि जलन, लालच और बदले की भावना से मनुष्य का जीवन कभी भी सुखी नहीं हो सकता। एक दिन जीवन को छोड़ कर सबको ही जाना है तो फिर क्यों ना इस जिंदगी को सभी मिलकर आनंद से दिया जाए।
यदि सभी मनुष्य मानवता धर्म को अपना लें और भाईचारा से रहे तो किसी भी मनुष्य के लिए उसका जीवन बोझ नहीं होगा, किसी भी मनुष्य जीवन में दुख नहीं रहेगा, किसी भी देश में झगड़ा नहीं होगा। लेकिन यह तभी संभव है जब व्यक्ति अपने अंदर इंसानियत की भावना को जागरूक करेगा।
मानवता पर निबंध (600 शब्द)
प्रस्तावना
इस दुनिया में प्रत्येक मनुष्य अपना अपना अधिकार मांगता है और इस अधिकार को कुछ और नहीं बल्कि मानवाधिकार कहते हैं। यदि लोग अपनी मानवता को दिखाते हुए अपने अधिकार को प्राप्त करने लगे तो यह दुनिया बहुत ही जल्द अलग बन जाएगी और दुनिया का हर एक व्यक्ति किसी पर भी आंख बंद करके विश्वास कर पाएगा।
दुनिया का हर एक व्यक्ति जीने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार रखता है और वह इसका पूर्ण रूप से अधिकारी भी होता है और यदि कोई व्यक्ति इन अधिकारों को प्राप्त करने के लिए लड़ाई करता है तो वह किसी भी तरीके से गलत नहीं माना जाएगा, यह संविधान में भी लिखा गया है।
भारत सरकार के द्वारा इन सभी अधिकारों की रक्षा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संगठन बनाई हुई है और इतना ही नहीं भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मानवाधिकार संगठन नियुक्त किया जा चुका है, बस यहां पर संगठन कार्यों को अपने विषय में बताना है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन अपने देश के सभी धर्म एवं जाति के लोगों को उनकी अधिकार को प्राप्त करवाता है और यदि दो या दो से अधिक देश आपस में खुद के अधिकार के लिए लड़ते हैं तो ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन इन दोनों देशों में अपनी अपनी अधिकार के लिए उनमें समझौता करवाता है।
इन सभी में जो भी देश गलत साबित होता है, उसे दंड भी दिया जाता है और इस दंड का प्रभाव उस देश के लोगों पर और वहां के आर्थिक व्यवस्था पर बहुत ही बुरा पड़ता है।
मानवता का महत्व
दोस्तों मानवता का महत्व इस पूरे ब्रह्मांड में बहुत ही बड़ा है और मानवता को इस दुनिया भर में सबसे उच्च श्रेणी का सम्मान मिलता है, जो भी व्यक्ति लोगों के लिए दया दिखाता है और उनकी मदद करता है, उसे मानवता का प्रतीक कहां जाने लगता है। इस पूरे दुनिया भर में मानवता के प्रतीक के रूप में सर्वोपरि राजा हरिश्चंद्र आते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर राजा हरिश्चंद्र तो सत्य के पुजारी थे तो वह मानवता के प्रति कैसे हुए? तो हम आपको बता देना चाहते हैं, राजा हरिशचंद्र सत्य के पुजारी होने के साथ-साथ मानवता के जीते जागते स्वरूप थे।
आइए हम सभी लोग जानते हैं कि आखिर मानवता का क्या महत्व है।
- मानवता इस पूरे संसार में लोगों को एक साथ जोड़े रखती है।
- दुनिया पर विजय प्राप्त करने के लिए आप सभी लोगों को मानवता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मानवता को ध्यान में रखते हुए आप सभी लोग दुनिया के हर एक देशों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
- जब कोई इंसान बिना लालच के किसी भी इंसान की मदद कर देता है तो यह मानवता ही होती है।
- किसी भी व्यक्ति को खाना खिलाना, पानी पिलाना और बुरे समय में उसकी मदद करना मानवता का ही एक स्वरूप है।
- यदि आप किसी निर्धन व्यक्ति की मदद कर देते हैं तो वह व्यक्ति आपको भर भर के आशीर्वाद देता है और गरीबों का आशीर्वाद बहुत जल्द लगता है।
- दोस्तों दान पुण्य करना मानवता की सबसे बड़ी निशानी होती है और दान धर्म दुनिया की सबसे बड़ी सत्य भी है।
- मनुष्य का एक धर्म मानवता भी होता है, जिसे स्वयं ईश्वर का आशीर्वाद माना जाता है।
विश्व मानवता दिवस
इस पूरी दुनिया भर में मानवता को यूंही बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष एक मानवता दिवस का आयोजन किया जाता है, जहां पर लोग आते हैं और लोगों को मानवता के विषय में उपदेश देते हैं।
इस समारोह में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में लोगों को मदद प्रदान की जाती है और यह लोग यहां पर आकर अपने जीवन में किए गए कुकर्मों से मुक्ति भी पा जाते हैं। प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस मनाया जाता है।
मानवता पर निबंध (850 शब्द)
प्रस्तावना
मानवता एक ऐसी भावना है, जिससे व्यक्ति दूसरों के दुख को देख कर दुखी हो जाता है और दूसरों का सूख को देखकर वह भी खुश हो जाता है। मानवता एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य के हित में कार्य करना सिखाती है। मानवता मनुष्य को दूसरे मनुष्य के प्रति दया और सहानुभूति जताना सिखाती हैं।
मानवता के कारण ही तो जीवन संभव हो पाया है वरना तो यह जीवन कब का ही नष्ट हो चुका होता। लेकिन अब यह मानवता धीरे-धीरे नष्ट होते जा रही है। आज समाज में बेमानी और भ्रष्टाचारी बढ़ती जा रही है।
महिला और बच्चों के साथ अपराध हो रहे हैं, गरीबों को और भी ज्यादा सताया जा रहा है। समाज में ऐसे नेता आ गए हैं जो भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोरी बन चुके हैं। आज मनुष्य दूसरे को दुख देकर आनंद लेता है।
दुनिया में मानवता क्यों है जरुरी?
ये मनुष्य मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। यह व्यक्ति दूसरे व्यक्ति में भी मानवता की भावना को खत्म कर रहे हैं जिसके कारण प्रतिदिन मानवता की भावना नष्ट हो रही है और लोगों में क्रूर भावना उत्पन्न हो रही हैं। दिन प्रतिदिन स्वार्थ, क्रूरता, जलन और बदले की भावना मानवता पर हावी होते जा रही हैं।
ऐसे में वह समय दूर नहीं जब धरती से मनुष्य का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। हालांकि इन कपटी और पापी लोगों में अभी भी मानवतावादी लोग हैं, जो लोगों में मानवता की भावना को जागृत करने की कोशिश करते हैं और ऐसे कई मानवतावादी लोग हुए हैं, जिन्होंने लोगों को मानवता का पाठ सिखाया है जैसे कि मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, बराक ओबामा और अन्य कई महान लोग हुए, जिन्होंने लोगों को अहिंसा और मानवता का संदेश दीया और लोगों को भाईचारा से रहने का पाठ सिखाया।
आज जिस तरह व्यक्ति केवल अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचता है। यदि ऐसा ही स्वार्थ भावना ब्रिटिश काल में हमारे देश के उन सभी क्रांतिकारियों में होता तो यह देश कभी आजाद नहीं हो पाता। यदि उन्होंने केवल अपने जीवन के बारे में सोचा होता तो आज भी हम अंग्रेजों के गुलाम होते।
लेकिन उन्होंने माननीय धर्म को अपनाया और सभी मनुष्य के दुखों को समझते हुए अपने जीवन को निछावर कर दिया। यदि यह स्वार्थ भावना देश के सभी सेनाओं में होता तो वे दिन-रात बॉर्डर पर खड़े होकर देश की रक्षा न कर रहे होते। मनुष्य मानवता के कारण ही तो सुरक्षित है।
मानवता गुण के लाभ
यदि सभी व्यक्ति हिंदू मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्म से परे केवल एक धर्म मानव धर्म को अपना लेता तो आज दुनिया में किसी भी देश के बीच युद्ध नहीं होता, किसी भी देश के बॉर्डर पर सिपाही नहीं लगाने पड़ते। आज प्रतिदिन न्यूज़ में किसी ना किसी देश में ,किसी भी क्षेत्र में कोई जाति के नाम पर,तो कोई धर्म के नाम पर लड़ाई झगड़ा करता ही रहता है।
हालांकि इससे कुछ मिलता नहीं है लेकिन इसका परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। आज दो देशों के बीच में जमीन को लेकर झगड़ा होता है और लाखों लोगों की जान चली जाती हैं। हर व्यक्ति को यह समझना जरूरी है कि कुछ लेकर नहीं आए तो कुछ लेकर कैसे जा सकता है। वह जिस भी चीज के लिए आज एक-दूसरे से झगड़ रहा है वह धरी की धरी रह जाएगी। वह जब तक इस दुनिया में है तब तक ही उस चीज का आनंद ले पाएगा।
आज हर इंसान उस खुशियों को पाने के पीछे भागता है जो उसके पास नहीं है लेकिन जो उसके पास है उसे उसकी कद्र नहीं। आज मनुष्य जिंदगी तो एक रेस की भांति समझ लिया है और इस रेस के मैदान में एक-दूसरे से होड़ लगाते हुए भाग रहा है और वह भागते भागते एक दिन दुनिया से विदा हो जाएगा।
आज के व्यक्ति को समझना जरूरी है कि किस्मत से ज्यादा कुछ नहीं मिलता और आवश्यकता से ज्यादा पाने के लिए लालच भी नहीं करना चाहिए तभी जिंदगी को खुशियों से जिया जा सकता है और मानवता का अस्तित्व बने रह सकता है।
किस तरीके से मानवता अपना कर एक अच्छा मनुष्य बन सकते हैं।
एक अच्छा मनुष्य बनने के लिए अन्य मनुष्य के दुखों को समझना जरूरी है। जरूरत के समय एक दूसरे का साथ देना, एक दूसरे के हित के प्रति सोचना, सबके साथ मिल जुलकर रहना, प्रेम और भाईचारा की भावना रखना ही मानवता है। मानवीय भावना आपको आंतरिक खुशी देती हैं आपकी अंतरात्मा को शांति मिलती हैं।
यह आनंद आपको बाहर से नहीं मिल सकता और यह आनंद पाने के लिए आपको मानवता धर्म को निभाना पड़ेगा। असहाय और गरीब लोगों की मदद करें, भूखे को खाना खिलाएं, निर्दोष बेजुबान जानवरों की हत्या करना छोड़ दें। समाज में प्रेम का संदेश फैलाए। आपसी जलन और बदले की भावना भुलाकर भाईचारा की भावना को विकसित करें।
निष्कर्ष
लोगों को क्षमा करने की भावना रखें। क्योंकि जो व्यक्ति दूसरों को क्षमा नहीं करता उसके अंदर बदले की भावना रहती है और बदले की भावना व्यक्ति को कभी भी खुशी नहीं दे सकता। दूसरों को माफ करने वाला व्यक्ति महान होता है। क्षमा करना तो मानवता का धर्म है। इस तरीके एक व्यक्ति अच्छा मनुष्य बन सकता है और मानवता धर्म का पालन कर सकता है।
मानवता ही तो है जिससे व्यक्ति प्रभावित होकर दूसरे मनुष्य की विपदा में मदद करता है, दूसरे मनुष्य के दुखों को अपना दुख समझता है। मानवता मनुष्य को आपसी प्रेम और भाईचारा का संदेश देती है। मानवता मनुष्य को मिल जुल कर रहना सिखाती है। मानवता से ही मनुष्य का जीवन अस्तित्व में रह सकता है। इसीलिए जरूरी है कि हर एक व्यक्ति मानवता को अपनाएं औश्र चारों तरफ शांति फैलाएं।
अंतिम शब्द
इस तरह आज के लिए इस लेख में हमने आपको 200, 250, 600, 850 शब्दों में मानवता पर निबंध (Essay on Humanity in Hindi) बताया है। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। इस लेख को अपने अन्य दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले ताकि इस निबंध के जरिए आप अन्य लोगों को भी मानवता का पाठ सिखा सकें।
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