सड़कों पर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाना गुनाह है और यदि कोई भी वाहन चालक बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाते पकड़ा जाता है तो जुर्माना भरना पड़ता है।
बहुत से ऐसे लोग होंगे, जिन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है लेकिन उनको यह नहीं पता कि ड्राइविंग लाइसेंस कितने दिन में बनता है? (Driving Licence Kitne Din me Banta Hai) यहां इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
ड्राइविंग लाइसेंस कितने दिन में बनता है?
ड्राइविंग लाइसेंस रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के द्वारा जारी किया जाता है। कोई भी व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस बनाना चाहता है, उसे सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है।
क्योंकि आरटीओ परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं करती है। क्योंकि वह अस्थाई ड्राइविंग लाइसेंस जारी करके वाहन चालकों को कुछ समय ड्राइविंग अच्छे से सीखने का समय देती है। इसलिए सबसे पहले लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है।
बात करें लर्निंग लाइसेंस कितने दिनों में बनकर आता है तो लर्निंग लाइसेंस के आवेदन करने के बाद आरटीओ में एक दिन कम्प्यूटर टेस्ट होता है, जिसमें से ट्रैफिक के नियमों से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।
इस टेस्ट में पास होने के बाद 1 सप्ताह के अंदर लर्निंग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, जिसे वाहन चालक भारतीय परिवहन मंत्रालय के आधिकारिक वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकता है।
लर्निंग लाइसेंस 6 महीने के लिए वैलिड रहता है। उसके बाद वाहन चालक परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है। लर्निंग लाइसेंस के 1 महीने के बाद ही परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकता है।
परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस में ड्राइविंग टेस्ट भी होती है। यदि ड्राइविंग टेस्ट में वाहन चालक पास हो जाता है तो 30 दिनों के अंदर वाहन चालक के आवेदन फॉर्म में दिए गए एड्रेस पर पोस्ट के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस भेज दिया जाता है।
ड्राइविंग लाइसेंस की वैलीडिटी
ड्राइविंग लाइसेंस निश्चित समय के लिए ही जारी की जाती है। लर्निंग लाइसेंस जो अस्थाई लाइसेंस होता है, इसकी समय अवधि केवल 6 महीने की होती है। उसके बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है।
परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस की समय अवधि वैसे तो 20 वर्ष हुआ करती थी लेकिन भारतीय परिवहन मंत्रालय के द्वारा लाइसेंस के नियमों में कई बार परिवर्तन किया जाता है।
साल 2018 में भी ऐसा ही परिवर्तन किया गया और ड्राइविंग लाइसेंस की वैलिडिटी को 20 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष कर दिया गया। 10 वर्ष पूरा होने के बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू कराना पड़ता है, जिसके बाद फिर से उसकी वैलिडिटी बढ़ जाती है।
ड्राइविंग लाइसेंस की समय अवधि खत्म होने के कुछ महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू करा लेना होता है। यदि देरी की जाए तो फाइन भी भरना पड़ जाता है।
इसके अतिरिक्त यदि वाहन चालक 5 वर्षों के अंदर भी ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू नहीं कराता है तो फिर उसका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और उसे दोबारा नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है, जिसकी प्रक्रिया लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस से शुरू हो जाती हैं।
FAQ
इस लाइसेंस का पूरा नाम हेवी गुड्स मोटर व्हीकल होता है। यह लाइसेंस बड़े बड़े वाहनों के लिए जारी किया जाता है, जो ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल होते हैं जैसे कि ट्रक, ट्रेलर आदि।
कमर्शियल लाइसेंस उन वाहनों के लिए जारी किया जाता है, जिनका इस्तेमाल व्यापारिक तौर पर होता है जैसे लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने ले आने के लिए या फिर माल सामान एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने के लिए। इस कैटेगरी में 3 तरह के वाहन आते हैं हेवी मोटर व्हीकल, मीडियम मोटर व्हीकल और लाइट्स गुड्स ट्रांसपोर्ट मोटर व्हीकल।
लाइट ड्राइविंग लाइसेंस हल्के वाहनों के लिए जारी किया जाता है। इससे आप बाइक, स्कूटर भी चला सकते हैं। बाइक, स्कूटर, कार चलाने के लिए आपको एमसी विथ गियर लाइसेंस लेने की कोई जरूरत नहीं है यदि आपके पास लाईट ड्राइविंग लाइसेंस है तो।
हां, यदि आपके पास कार लाइसेंस है तो 125cc स्कूटर या मोटरसाइकिल ऑफरोड चलाया जा सकता है।
निष्कर्ष
इस लेख में ड्राइविंग लाइसेंस कितने दिन में आता है (Driving Licence Kitne Din me Banta Hai) के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
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