Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi
डॉ. भीमराव अम्बेडकर के प्रेरणादायक विचार | Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi

हम जो स्वतंत्रता मिली हैं उसके लिए क्या कर रहे हैं?
यह स्वतंत्रता हमें अपनी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मिली हैं।
जो असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी हुई है,
जो हमारे मौलिक अधिकारों के साथ संघर्ष करती है।
पुरुष नश्वर हैं। तो विचार हैं।
एक विचार को प्रसार की आवश्यकता होती है
जितना एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है।
नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मरेंगे।
राजनीतिक अत्याचार, सामाजिक
अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है।
समाज को बदनाम करने वाले सुधारक सरकार को
नकारने वाले राजनेता की तुलना में अधिक अच्छे व्यक्ति हैं।
“एक महान व्यक्ति एक प्रख्यात व्यक्ति से एक ही
बिंदु पर भिन्न हैं कि महान व्यक्ति समाज का
सेवक बनने के लिए तत्पर रहता हैं।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
एक सफल क्रांति के लिए यह आवश्यक नहीं है
कि असंतोष हो। जो आवश्यक है वह हैं
न्याय, आवश्यकता, राजनीतिक और सामाजिक
अधिकारों के महत्व पर गहन और गहन विश्वास।
कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए आवश्यक नहीं है।
मैं यह दृष्टिकोण नहीं रखता।
मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन और
प्रथाओं के लिए आवश्यक मानता हूं।
सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देने वाली पानी की
एक बूंद के विपरीत, इंसान जिस समाज में रहता है,
वहां अपनी पहचान नहीं खोता।
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Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi
“हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि एक देश दूसरे देश
पर शासन नहीं कर सकता को दोहराता है
उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग
पर शासन नहीं कर सकता।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
“जिस तरह मनुष्य नश्वर है ठीक उसी तरह विचार भी नश्वर हैं।
जिस तरह पौधे को पानी की जरूरत पड़ती है उसी तरह
एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरुरत होती है
वरना दोनों मुरझा कर मर जाते है।” ~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
“जिस तरह हर एक व्यक्ति यह सिधांत दोहराता हैं
कि एक देश दुसरे देश पर शासन नहीं कर सकता
उसी प्रकार उसे यह भी मानना होगा कि एक वर्ग दुसरे
पर शासन नहीं कर सकता |”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
“एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अलग है
क्योंकि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता है।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
“क़ानून और व्यवस्था राजनीति रूपी शरीर की दवा है
और जब राजनीति रूपी शरीर बीमार पड़ जाएँ तो दवा
अवश्य दी जानी चाहिए।” ~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
“जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हांसिल कर लेते,
क़ानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है
वो आपके किसी काम की नहीं।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi
“यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है,
तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
“यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं,
तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
“हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है?
हमारे पास ये स्वत्नत्रता इसलिए है ताकि हम अपने सामाजिक व्यवस्था,
जो असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी है,
जो हमारे मौलिक अधिकारों से टकराव में है, को सुधार सकें।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
जाति कोई ईंटों की दीवार या कोई काँटों का तार नहीं है,
जो हिंदुओं को आपस में मिलने से रोक सके।
जाति एक धारणा है, जो मन की एक अवस्था है।
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Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi
“मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं बल्कि अपने सभी दबे-कुचले भाईयों
को उनके अधिकार दिलाने आया हूँ।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
“राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है,
जब लोगों के बीच जाति, नरल या रंग का अन्तर
भुलाकर उसमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
“किसी का भी स्वाद बदला जा सकता है
लेकिन जहर को अमृत में परिवर्तित नही
किया जा सकता।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
हमें अपने पैरों पर खड़े होना है,
अपने अधिकार के लिए लड़ना है,
तो अपनी ताकत और बल को पहचानो।
क्योंकि शक्ति और प्रतिष्ठा संघर्ष से ही मिलती है।
“इस दुनिया में महान प्रयासों से प्राप्त किया गया को
छोडकर और कुछ भी बहुमूल्य नहीं है।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
हमारे पास यह आज़ादी इसलिए है
ताकि हम उन चीजों को सुधार सकें जो
सामाजिक व्यवस्था, असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से
भरी हैं जो हमारे मौलिक अधिकारों की विरोधी हैं।
Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi
जब तक आप सामाजिक स्ववतंत्रता
नहीं हासिल कर लेते,
कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है
वो आपके लिये बेमानी हैं।
निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है,
जब तक कि मजबूर करने के लिए
पर्याप्तव बल ना लगाया गया हो।
“स्वतंत्रता का रहस्य, साहस है
और साहस एक पार्टी में व्यक्तियों के
संयोजन से पैदा होता है।”
~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है,
जिसकी आवश्याकता है वो है
न्याय एवं राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था।
राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं हैं।
और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है,
वो सरकार को खारिज कर देने वाले राजतीतिज्ञ से
कहीं अधिक साहसी है।
मनुष्य एवं उसके धर्म को समाज के द्वारा नैतिकता के
आधार पर चयन करना चाहिये।
अगर धर्म को ही मनुष्य के लिए सब कुछ मान लिया जायेगा,
तो किन्हीं और मानकों का कोई मूल्य ही नहीं रह जायेगा।
कुछ लोग सोचते हैं कि समाज के लिए
धर्म की कोई आवश्यकता नहीं है।
लेकिन मैं इस विचार को नहीं मानता।
मानव जीवन के लिए धर्म की स्थापना होना बेहद जरुरी है।
मैं यह नहीं मानता और न कभी
मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे।
मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूं।
हालांकि, मैं एक हिंदू पैदा हुआ था,
लेकिन मैं सत्य निष्ठा से आपको विश्वास दिलाता हूँ
कि मैं हिन्दू के रूप में मरूंगा नहीं।
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