Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi: डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अपने संघर्ष और मेहनत की इबादत खुद ने लिखकर दुनिया में अपना नाम बनाया। उन्हें जीवन में दलित होने के कारण कई कठिनाइयाँ आई लेकिन उन्होंने सामना किया।
इन्होने अपनी जिन्दगी दलितों और महिलाओं को उनके हक़ दिलाने और समाज से जातिवाद मिटाने में लगा दी। यह अर्थशास्त्री, दलितों के मसीहा, समाजसुधारक, विधिवेत्ता, भारतीय बहुज्ञ और राजनीतिज्ञ होने के साथ ही भारत के पहले कानून मंत्री रहे।
यहां पर हम भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीम राव अम्बेडकर के विचार (Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi) जानेंगे।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर के प्रेरणादायक विचार (Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi)
हम जो स्वतंत्रता मिली हैं उसके लिए क्या कर रहे हैं?
यह स्वतंत्रता हमें अपनी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मिली हैं।
जो असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी हुई है,
जो हमारे मौलिक अधिकारों के साथ संघर्ष करती है।
पुरुष नश्वर हैं। तो विचार हैं।
एक विचार को प्रसार की आवश्यकता होती है
जितना एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है।
नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मरेंगे।
राजनीतिक अत्याचार, सामाजिक
अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है।
समाज को बदनाम करने वाले सुधारक सरकार को
नकारने वाले राजनेता की तुलना में अधिक अच्छे व्यक्ति हैं।
“एक महान व्यक्ति एक प्रख्यात व्यक्ति से एक ही
बिंदु पर भिन्न हैं कि महान व्यक्ति समाज का
सेवक बनने के लिए तत्पर रहता हैं।”
एक सफल क्रांति के लिए यह आवश्यक नहीं है
कि असंतोष हो। जो आवश्यक है वह हैं
न्याय, आवश्यकता, राजनीतिक और सामाजिक
अधिकारों के महत्व पर गहन और गहन विश्वास।
कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए आवश्यक नहीं है।
मैं यह दृष्टिकोण नहीं रखता।
मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन और
प्रथाओं के लिए आवश्यक मानता हूं।
सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देने वाली पानी की
एक बूंद के विपरीत, इंसान जिस समाज में रहता है,
वहां अपनी पहचान नहीं खोता।
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Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi
“हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि एक देश दूसरे देश
पर शासन नहीं कर सकता को दोहराता है
उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग
पर शासन नहीं कर सकता।”
“जिस तरह मनुष्य नश्वर है ठीक उसी तरह विचार भी नश्वर हैं।
जिस तरह पौधे को पानी की जरूरत पड़ती है उसी तरह
एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरुरत होती है
वरना दोनों मुरझा कर मर जाते है।”
“जिस तरह हर एक व्यक्ति यह सिधांत दोहराता हैं
कि एक देश दुसरे देश पर शासन नहीं कर सकता
उसी प्रकार उसे यह भी मानना होगा कि एक वर्ग दुसरे
पर शासन नहीं कर सकता।”
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“क़ानून और व्यवस्था राजनीति रूपी शरीर की दवा है
और जब राजनीति रूपी शरीर बीमार पड़ जाएँ तो दवा
अवश्य दी जानी चाहिए।”
“जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हांसिल कर लेते,
क़ानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है
वो आपके किसी काम की नहीं।”
Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi
“यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं,
तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।”
“हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है?
हमारे पास ये स्वत्नत्रता इसलिए है ताकि हम अपने सामाजिक व्यवस्था,
जो असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी है,
जो हमारे मौलिक अधिकारों से टकराव में है, को सुधार सकें।”
जाति कोई ईंटों की दीवार या कोई काँटों का तार नहीं है,
जो हिंदुओं को आपस में मिलने से रोक सके।
जाति एक धारणा है, जो मन की एक अवस्था है।
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Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi
“राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है,
जब लोगों के बीच जाति, नरल या रंग का अन्तर
भुलाकर उसमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।”
हमें अपने पैरों पर खड़े होना है,
अपने अधिकार के लिए लड़ना है,
तो अपनी ताकत और बल को पहचानो।
क्योंकि शक्ति और प्रतिष्ठा संघर्ष से ही मिलती है।
हमारे पास यह आज़ादी इसलिए है
ताकि हम उन चीजों को सुधार सकें जो
सामाजिक व्यवस्था, असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से
भरी हैं जो हमारे मौलिक अधिकारों की विरोधी हैं।
Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi
जब तक आप सामाजिक स्ववतंत्रता
नहीं हासिल कर लेते,
कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है
वो आपके लिये बेमानी हैं।
निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है,
जब तक कि मजबूर करने के लिए
पर्याप्तव बल ना लगाया गया हो।
एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है,
जिसकी आवश्याकता है वो है
न्याय एवं राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था।
राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं हैं।
और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है,
वो सरकार को खारिज कर देने वाले राजतीतिज्ञ से
कहीं अधिक साहसी है।
मनुष्य एवं उसके धर्म को समाज के द्वारा नैतिकता के
आधार पर चयन करना चाहिये।
अगर धर्म को ही मनुष्य के लिए सब कुछ मान लिया जायेगा,
तो किन्हीं और मानकों का कोई मूल्य ही नहीं रह जायेगा।
कुछ लोग सोचते हैं कि समाज के लिए
धर्म की कोई आवश्यकता नहीं है।
लेकिन मैं इस विचार को नहीं मानता।
मानव जीवन के लिए धर्म की स्थापना होना बेहद जरुरी है।
मैं यह नहीं मानता और न कभी
मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे।
मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूं।
हालांकि, मैं एक हिंदू पैदा हुआ था,
लेकिन मैं सत्य निष्ठा से आपको विश्वास दिलाता हूँ
कि मैं हिन्दू के रूप में मरूंगा नहीं।
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