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दरजी और बादशाह के कुबड़े सेवक की हत्या की कहानी (अलिफ लैला की कहानी)

दरजी और बादशाह के कुबड़े सेवक के हत्या की कहानी (अलिफ लैला की कहानी) | Darji Aur Badshah Ke Kubde Sewak Ki Hatya Ki Kahani Alif Laila Ki Kahani

शहजाद के कहने पर शहबनिया ने कहानी सुनाने के लिए राजी हो गई और उन्होंने कहानी की शुरुआत की। एक राज्य में दर्जी रहता था। गांव से कुछ दूर वह अपने दुकान में कपड़ा सिलता था। एक दिन वह अपनी दुकान में कपड़ा सिल रहा था, तभी एक कोबड़े ने आकर उसके दुकान के सामने बैठा। उसके हाथ में एक खनजड़ी थी, जिससे बजाने पर सुंदर और मधुर आवाज आती थी।

वह उसके दुकान के सामने बजाकर गा रहा था। दर्जी को बहुत पसंद आया। कुछ देर सुनने के बाद उसने कहा कि यदि तुम्हें आपत्ति न हो तो तुम मेरे घर के पास चलो, वहां बजाओ और खाना भी खाना और आराम करो। कोबड़ा मान गया।

दर्जी और वह व्यक्ति दोनों घर पहुंचे। दर्जी हाथ मुंह धो कर अपनी पत्नी रूपवती से खाना परोसने को कहा। पत्नी रूपवती से कहा आज यह मित्र भी मेरे साथ भोजन करेंगे। उसकी पत्नी ने मछली बनाई थी, जो बहुत ही स्वादिष्ट थी और मसाला लगाकर मछली बनाने का आनंद ही कुछ और होता है।

कोबड़ा और दर्जी दोनों साथ बैठकर मछली खाने लगे। कोबड़ा भूखा था और लालच भरे रूप से मछली के बड़े टुकड़े को झट से अपने मुंह के अंदर से नीचे सरका दिया उसमें बड़े-बड़े काटे थे इसलिए उसमें से एक कांटा उसके गले में अटक गया।

Darji Aur Badshah Ke Kubde Sewak Ki Hatya Ki Kahani
Image: Darji Aur Badshah Ke Kubde Sewak Ki Hatya Ki Kahani

वह जोरो से तड़पने लगा। उसकी सांसे रुकने लगी और वह एकदम बेहोशी की हालत में होने लगा। दर्जी बहुत परेशान हो गया। वहीं मृतक का पाप न लग जाए इसके लिए उसने उसे उठाकर हकीम के पास ले गया। हकीम की नौकरानी को उसने 5 दिनार देते हुए कहा कि उनको जल्दी बुलाइए। रात का समय था। अंधेरा भी काफी हो गया था चेहरा भी किसी का दिख नहीं रहा था।

नौकरानी ने उस हकीम को यह सारी बातें बताई। इधर दर्जी ने कुबड़े को मरा समझ लिया और उसे उसी हकीम के दरवाजे पर एक सीधा खड़ा कर कर निकल गया। अंधेरा काफी था। कोई किसी को देख नहीं रहा था। हकीम झट से यह समझ गया कि कोई अमीर आदमी होगा क्योंकि उसने 5 दिनार दिए हैं। कोई अच्छा पैसा खर्च करने वाला होगा।

वह भागकर जल्दी से आया, दरवाजा खोला तो कुबड़ा दरवाजे के सहारे जो खड़ा था वह नीचे गिर गया और जाकर सड़क पर पहुंचा। हकीम दीए की रोशनी से जब उसे देखें उसे मृत समझकर बादशाह के डर से उसे कहीं और छोड़ने का उचित व्यवस्था करने लगे। हकीम ने उसे तुरंत अपने घर में एक रस्सी के सहारे से बांधकर अपने पीछे वाले घर में एक मुसलमान के घर में डाल दिया।

वह मुसलमान सड़कों पर रेडी लगाने वाला था इसलिए उसके पास बहुत सारा खाने का सामान पड़ा हुआ था। वह अपने गोदाम में रोज रात को यह सारा समान देखने के लिए जागता रहता था। इसलिए वह उसी रात भी आया और उसने चूहा समझकर उस व्यक्ति पर तेज लाठी से प्रहार किया, जिससे उस कोबड़ा  के सर पर लगा और वह वही पर ढेर हो गया।

वह मुसलमान उसे देखकर कहने लगा कि कुछ चुरा ले जाता तो कम से कम मृत्यु का पाप तो नहीं लगता मुझे अब पूरे नगर में मुझे कातिल ही माना जाएगा। इससे मैं इसका पहले से इंतजाम कर देता हूं।

बहुत देर से सोचने के उपरांत उसने उसे उठाया और बाजार में लेकर एक दुकान के सहारे खड़ा कर दिया। रात काफी  में कोई व्यक्ति इधर-उधर नहीं जा रहा था। बहुत अंधेरा था। इसलिए कुछ दिख नहीं रहा था। उस व्यक्ति ने उसे वहां छोड़कर वापस अपने घर आकर बैठ गया।

उधर से एक व्यक्ति जा रहा था, जो नशे में था और वह वैश्य के यहां से आ रहा था। उसका शरीर उस कोबड़े के शरीर से जाकर लगा और वह गिर गया। वह नशे में था इसलिए उसने सोचा किया मुझे लूटने आया था। इसलिए उसने उसे जोर जोर सुनाने लगा और चिल्लाकर चोर चोर कहने लग जाता है। वहां पर कुछ पोलिस वाले दूर खड़े थे उसने यह सुनकर वहां पर आएं और देखा कि एक व्यक्ति दूसरे में बहुत तेजी से मार रहा है।

उसने दोनों को अलग किया तो, उनमें से पता चला कि वह एक मुसलमान था। उसने उस कोबड़ा को उठाया और तो मालूम हुआ कि वह मर गया है। पुलिस वालों ने कोबड़ा समेत उस व्यक्ति को भी जमानत में ले लिया और कोतवाल के सामने पेश किया। सारा हाल बताते हुए कोतवाल साहब ने उसे जेल में बंद कर दिया।

सुबह होने पर कोतवाल साहब ने उसे काजी के सामने पेश किया। काजी ने उसे बादशाह के सामने लेकर गया और रात का हाल बताते हुए कहा कि महाराज इसे क्या धरना दिया जाए? महाराज ने कहा कि नियमानुसार इसे मृत्यु दंड मिलना चाहिए। काजी ने कहा ठीक है इसे नियमानुसार मृत्यु दंड ही देना चाहिए।

नियमानुसार उस व्यक्ति को फांसी देने के व्यवस्था की गई और एक चौराहे पर जहां पंचायत लगती है वहां पर फांसी का फंदा लगाया गया। जल्लाद और उस कोबड़ा मुसलमान को भी वहां ले जाया गया। पूरे नगर में सुनवाई कर दी गई कि जिसे इस व्यक्ति की फांसी देखना है, वह आ जाए और किसकी फांसी किसके कारण हो रही है उसे भी देखने के लिए वहां पर भीड़ इकट्ठा हुई।

फांसी देने का समय तभी उसमें से एक व्यक्ति निकला उसने कहा कि महाराज रुकिए  इस व्यक्ति का हत्यारा यह नहीं बल्कि मैं हूं। उसने बुरा हाल बताते हुए काजी से सारी बात बताई। बादशाह ने कहा ठीक है इस आदमी को छोड़ दो और इसे फांसी के फंदे पर चढ़ाया जाएं।

उसे फांसी का फंदा से गले में पड़ा ही था और जल्लाद उसे फांसी पर चढ़ाने वाला था तब हाकिम चिल्लाते हुए भीड़ से निकला उसने कहा कि महाराज इस व्यक्ति का कसूर नहीं है। कसूर मेरा है। कृपया फांसी मुझे चढ़ाया जाएँ। मैं किसी कसूर को फांसी चढ़ने नहीं दूंगा। तभी हकीम के गले में फंदा डालकर जल्लाद उसे फांसी पर चढ़ाने वाला था तब दर्जी ने कहा महाराज इन सब का जिम्मेदार मैं हूं।

मेरी वजह से इस व्यक्ति की जान गई है। महाराज के पूछने पर तुमने क्या किया? उसने पूरा वृतांत बताया कि महाराज यह मेरे दुकान के सामने बजा रहा था। मैंने इसे खाने पर आमंत्रित किया और मेरे घर खाना खाने पर इसके गले में मछली का कांटा फस गया, जिसकी हालत खराब हो गई। मैं ऐसे हकीम के पास लेकर गया और वहां पर हकीम के आने में देरी होने के कारण उसकी मृत्यु आने पर हो गई। मैं डर के मारे वहीं पर छोड़ आया।

काजी ने बादशाह से कहा लेकिन मृत्यु हुई है, तो फांसी तो चढ़ाना ही है। तो क्यों न इस दर्जी जी को चढ़ाया जाएं। नगर के बड़े बादशाह जो उस राज्य के राजा थे उन्होंने फांसी को रुकवा दी।

उन चारों व्यक्तियों को बादशाह अर्थात नगर के राजा के पास लेकर गया। राजा ने उन व्यक्तियों में से सब का बयान लिया और उन लोगों से कहा कि तुम लोगों में से किसी को फांसी नहीं मिलनी चाहिए। परंतु यदि तुम लोगों ने इसे से अधिक करुणामई और अच्छी कहानी सुनाई तो इसे हम इतिहास में दर्ज करवा सकें और इस तुम्हारी इस कहानी को भी दर्ज किया जाएगा।

तो मैं तुम्हें प्रावधान दूंगा जब तुमने नहीं सुनाया, तो तुम्हें मृत्यु दी जाएगी। सबसे पहले उस व्यक्ति ने जिसे अंधेरे में पीटा था। उसने कहा कि मुझे कहानी आती है, जो अत्यंत विचित्र और करुणा भरी है। आज्ञा दे महाराज तो मैं सुनाऊं। उसे सुनाने के लिए आज्ञा दी गई और उसने सुनाना से प्रारंभ किया।

इस कहानी का अंत यही होता है। असली कहानी आपको अपनी पोस्ट के माध्यम से दी जाएगी। यदि आपको पसंद आई हो तो कृपया इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करो और हमें फॉलो करना न भूलें धन्यवाद।

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Ripal
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