चंद्रशेखर शब्द में समास (Chandershekhar Mein Kaun sa Samas Hai)
चंद्रशेखर में प्रयुक्त समास का नाम क्या है?
चंद्रशेखर में बहुब्रीहि समास है।
Chandershekhar Mein Kaun sa Samas Hai?
Chandershekhar Shabd mein Bahuvrihi Samas Hai.
चंद्रशेखर का समास विग्रह क्या है?
चंद्रशेखर का समास विग्रह चंद्र है सिर पर जिसके अर्थात् शंकर है।
Chandershekhar ka Samas Vigrah kya hai?
Chandar hai sir par jiske arthath shankar
चंद्र है सिर पर जिसके का समस्त पद है?
चंद्रशेखर
चंद्रशेखर में से कोई भी एक पद प्रधान नहीं है बल्कि दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर इशारा कर रहे हैं। जिनके शेखर (सिर) पर चंद्रमा है अर्थात भगवान शिव, चंद्र और शेखर दोनों पद मिलकर भगवान शिव की तरफ इशारा कर रहे हैं। हम यह भी जानते हैं कि जब दोनों पद प्रधान नहीं होते तो वहां बहुव्रीहि समास होता है।
बहुब्रीहि समास की परिभाषा
बहुव्रीहि समास ऐसा समास होता है, जिसके समस्तपदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है।
बहुब्रीहि समास के कुछ अन्य उदाहरण
दशानन: दस हैं आनन जिसके (रावण)
मुरलीधर: मुरली धारण करने वाला (कृष्ण)
निशाचर: निशा अर्थात रात में विचरण करने वाला (राक्षस)
चतुर्मुख: चार हैं मुख जिसके (ब्रह्म)
बहुब्रीहि समास के बारे में विस्तार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें बहुव्रीहि समास (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
परीक्षा में यह भी पूछे जा सकते हैं
- यथामति में कौन सा समास है?
- धर्माधर्म में कौन सा समास है?
- धर्मांध में कौन सा समास है?
- घर-घर में कौन सा समास है?