सेंगोल क्या है? इसका इतिहास
28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 13वीं सदी में चोल साम्राज्य के द्वारा बनी एक प्राचीन परंपरा को दोबारा दोहराई गई। संसद भवन में नरेंद्र मोदी के द्वारा “सेंगोल”
28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 13वीं सदी में चोल साम्राज्य के द्वारा बनी एक प्राचीन परंपरा को दोबारा दोहराई गई। संसद भवन में नरेंद्र मोदी के द्वारा “सेंगोल”
भारत को विश्वासों की भूमि, आस्था की भूमि कहा जाता है। भारत एक सांस्कृतिक देश है। यहां हर एक राज्य में आपको सैकड़ों मंदिर देखने को मिल जाएंगे। लेकिन कुछ मंदिरों का इतिहास काफी पुराना है और कुछ मंदिर ऐसे
भारत में नदियों का बहुत ही महत्व है। हालांकि नदियों का महत्व तो हर एक देश में है, लेकिन भारत ही ऐसी एकमात्र देश है, जहां पर लोग नदियों की भी पूजा करते हैं और नदियों को पवित्र समझकर समस्त
भारत आस्था और साधना का केंद्र है। यह 64 करोड़ देवी देवताओं का भूमि है। भारत के लोग देवी-देवताओं के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। यही कारण है कि भारत में सबसे ज्यादा मंदिर हैं। भारत में ज्यादातर मंदिरों का
स्वतंत्रता हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार होता है। आजादी का महत्व उस व्यक्ति से पूछो, जो लंबे समय तक किसी का गुलाम रहा हो। दुर्भाग्यवश हमारा देश भी ब्रिटेन का गुलाम रहा और सदियों तक ब्रिटिश यहां पर शासन करते
विज्ञान केवल एक विषय नहीं यह जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्योंकि हमारे आसपास सब कुछ विज्ञान ही तो है। हमारे जीवन में विज्ञान का बहुत ही योगदान है। विज्ञान के कारण ही हमारा जीवन आज इतना आसान बन
श्रीमद्भागवत गीता हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ है, जिसमें 700 श्लोक एवं 18 अध्याय है। महाभारत के युद्ध के दौरान युद्ध के मैदान में अपने सगे संबंधियों को देख जब अर्जुन अपने कर्तव्य से विचलित हो गए थे, उस समय भगवान
देश के नागरिकों को विभिन्न तरीके से मदद करने के लिए सरकार समय-समय पर कई तरह की योजनाओं को लाते रहती है। आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना भारत सरकार के महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है, जिसे 1 फरवरी 2021 को
घर पर चाय बनाते समय ज्यादातर लोगों के यहां अदरक का प्रयोग किया जाता है। अदरक स्वास्थ्य के दृष्टि से भी लाभकारी है। इसके साथ ही भोजन में खुशबू और स्वाद लाने के लिए भी अनेक तरह से अदरक का
विश्व की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में खाद उत्पन्न की समस्या भी बढ़ रही है। ज्यादा से ज्यादा खाद उत्पादन करने के लिए किसान तरह-तरह के रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उत्पादन प्रचुर