एक बुजुर्ग व्यक्ति अपनी दुख भरी दास्तां लेकर राक्षसों के दानव के पास गया और कहने लगा कि आप जिस हिरनी को देख रहे हैं, वह मेरी पहली पत्नी है। जो मुझसे बहुत अत्यधिक प्रेम करती थी और मेरी सारी आज्ञा का पालन करती थी। जब यह 12 साल की थी तब मेरा विवाह इससे हुआ था।
लेकिन मेरी शादी को 30 साल होने के बाद भी इसने मुझे कभी बच्चे का सुख प्राप्त होने नहीं दिया और मुझे बच्चों से बहुत अत्यधिक लगाव है। बच्चों से अत्यधिक लगाव होने के कारण मैंने दूसरी शादी कर ली।
शादी करने के एक साल बाद मुझे मेरी दूसरी पत्नी से बच्चे का सुख प्राप्त हुआ और मैं बहुत अधिक प्रसन्न था। लेकिन यह सब देख कर मेरी पहली पत्नी के अंदर जलन की भावना उत्पन्न हो गई, उससे यह सब देखा नहीं जा रहा था।
मुझे अपने काम के कारण अलग-अलग देशों से आना जाना लगा रहता था। अचानक से मुझे काम पड़ जाने के कारण दूसरे देश जाना पड़ गया। जाने से पहले मैंने अपनी पहली पत्नी से कहा कि मेरी गैरमौजूदगी में आप इन दोनों का ध्यान रखिएगा, मैं जल्द ही वापस आ जाऊंगा।
लेकिन उसको अत्यधिक नफरत होने के कारण वह उन दोनों से शत्रुता का भाव रखने लगी। मेरे जाने के बाद उसने बदला लेने के लिए जादू टोटका जैसी विद्या प्राप्त करने लग गई। उसने इस विद्या का इस्तेमाल मेरी दूसरी पत्नी और बच्चे पर करना शुरू कर दिया। उसने अपनी इसी विद्या से मेरे बच्चे को बछड़ा बना दिया और मेरी दूसरी पत्नी को गाय बना दिया।
जिसके बाद उसने मेरे नौकर से कहा कि आप इन दोनों को अपने घर ले जाएं और अच्छे से इनकी खातिरदारी करें। जब मैं अपना सारा काम खत्म करके अपने घर वापस लौटा तब मैंने देखा घर पर मेरी दूसरी पत्नी और मेरा बच्चा नहीं थे।
जब मैंने अपनी पहली पत्नी से इन दोनों के बारे में पूछा तब उसने मुझसे बताया कि आप की दूसरी पत्नी मर चुकी है और आपका बच्चा कहीं भाग गया है। यह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई और अत्यधिक पीड़ा में चला गया। धीरे-धीरे दिन बीतते गए और ईद का त्यौहार भी बहुत नजदीक आने लग गया।
हर साल की तरह इस बार भी ईद में किसी जानवर का बलिदान करने के लिए मैंने अपने नौकर से कहा कि वह कोई हष्ट पुष्ट जानवर ले आए। मेरी आज्ञा को सुनने के बाद वह मेरी दूसरी पत्नी को मेरे पास ले आया, जिसको मेरी पहली पत्नी ने अपनी विद्या से गाय बना दिया था।
जैसे ही मैंने बलि देने के लिए उसको बांधा, वही जोर-जोर से चिल्लाने और रोने लगी। मुझसे यह सब देखा नहीं जा रहा था, जिसके बाद मैंने अपने नौकर से कहा कि कोई दूसरा जानवर हो तो ले आओ। मैं इसकी बलि नहीं दे सकता।
यह सब सुनकर मेरे बगल में खड़ी मेरी पत्नी मेरे ऊपर गुस्सा करने लगी और कहने लगी तुम्हारे इस नौकर के पास दूसरा कोई जानवर नहीं है, तुमको इसी की बलि देनी होगी। पत्नी के जोर देने करने के कारण मैं इसी की बलि देने के लिए तैयार हो गया।
बलि देने के लिए जैसे ही मैंने तलवार उठाई वैसे ही गाय ने बहुत जोर-जोर से चिल्लाना और रोना शुरू कर दिया, जिसके बाद मैंने अपने नौकर से कहा कि तुम ही इसकी बलि लो, मैं यह नहीं कर पाऊंगा।
मेरी बात सुनकर मेरे नौकर ने उस गाय पर तलवार से वार किया, वार करते ही गाय के अंदर की सारी हड्डियों दिखने लगी। जिसको देखकर मुझे दया आ गई और मैंने अपने नौकर को फटकार लगाई और कहा तुमने उसको खाने पीने के लिए कुछ नहीं दिया है क्या और मैंने उस गाय की बलि देने से मना कर दिया।
उसकी जगह किसी बछड़े को लाने के लिए उससे बोला, जिसके बाद मेरे नौकर ने मेरे बच्चे को ही मेरे सामने लाकर खड़ा कर दिया। जिसको मेरी पत्नी ने बछड़ा बना दिया था, जिसको देखकर मेरे अंदर से अलग ही लगाव होने का अनुभव हो रहा था। मुझे उसको मारने का मन बिल्कुल नहीं हो रहा था।
जिसके बाद मैंने अपने नौकर से कहा कि तुम जाओ किसी और बछड़े को ले आओ, मैं इसकी जान नहीं ले सकता। लेकिन मेरे बगल में खड़ी मेरी दुष्ट पत्नी बछड़े को मारने के लिए मुझ पर जोर दे रही थी। जिस को मनाने के लिए मैंने कह दिया कि मैं इसकी बली बकरीद को लूंगा, अभी मेरे पास दूसरा बछड़ा है। मैं इसकी जगह उसकी बलि ले लूंगा।
मैंने अपने नौकर को इस बछड़े को अपने घर ले जाने के लिए कहा। जिसके बाद उसने वैसा ही किया जैसा मैंने उससे कहा था। लेकिन अगले ही दिन मेरा नौकर मुझे सुनसान जगह पर ले गया और उसने मुझे बताया कि मेरी बेटी को जादू टोटका जैसी विद्या आती है।
कल जब आप के कहने पर मैं अपने घर गाय और बछड़े को लेकर गया तो मेरी बेटी ने मुझे बताया कि यह बछड़ा आपके मालिक का पुत्र है और जिस गाय की बलि आप लोग देने जा रहे थे, वह आपके मालिक की पत्नी थी। जिसको आप की पहली पत्नी ने अपनी विद्या से मनुष्य से जानवर में परिवर्तित कर दिया है।
अपने नौकर की सारी बातें सुनकर मुझे असहनीय पीड़ा होने लगी और मैं जोर-जोर से रोने लगा और मैं तुरंत जोर से भागकर अपने नौकर के घर गया, जहां पर उसने उस बछड़े को बांध कर रखा था और उस बछड़े को अपने गले लगा कर उससे प्यार करने लगा।
मैंने अपने नौकर की पुत्री से कहा कि क्या तुम को वापस से मनुष्य बना सकती हो। अगर तुम ऐसा करोगी तो मैं तुम्हें बहुत सारा धन दूंगा। यह सुनकर नौकर की पुत्री ने कहा कि मुझे धन नहीं चाहिए। मेरी कुछ शर्ते हैं, जिसको आप को मानना पड़ेगा।
पहली शर्त यह है कि आपको अपने पुत्र का विवाह मुझसे करना होगा और आपको अपनी पहली पत्नी को दंड भी देना होगा। यह सुनकर वह उसकी सारी शर्तें मानने को तैयार हो गया और कहने लगा कि तुम ही मेरी पहली पत्नी को दंड दो। लेकिन उसको जान से मत मारना। बाकी तुमको जो करना है, तुम वह करो। मेरे पुत्र को बस वापस से सही कर दो।
मेरी आज्ञा का पालन करते हुए मेरे नौकर की बेटी ने मेरे पुत्र जो बछड़े के रूप में था, उसको अपने पास बुलाया और अपनी तंत्र मंत्र की विद्या से उसको वापस से इंसान बना दिया। मैं अपने पुत्र को वापस पाकर इतना खुश था कि मैं अपनी खुशी जाहिर नहीं कर सकता था।
मैंने तुरंत ही अपने पुत्र को अपने गले से लगा लिया और दूसरी शर्त के मुताबिक मेरी पहली पत्नी को उसने दंड के रूप में हिरनी बना दिया और मैंने अपनी शर्त के मुताबिक मैंने अपने पुत्र का विवाह अपने नौकर की बेटी से कर दिया।
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