Biography of Lata Mangeshkar in Hindi: 6 फरवरी 2022 सुबह की शुरुआत के साथ बहुत ही खराब खबर आई कि देश दुनिया में प्रख्यात और भारत रत्न से नवाजी गई भारतीय गायिका लता मंगेशकर का निधन हो गया। इस खबर ने हर किसी को उदास कर दिया।
हालांकि लता मंगेशकर की हालत कई दिनों से खराब थी। जनवरी में वह कोरोना पॉजिटिव हो गई, जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। लेकिन बाद में उन्हें निमोनिया भी हो गया। धीरे-धीरे हालत और भी ज्यादा बिगड़ने लगी, जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
हालांकि उसके बाद उनकी हालत में सुधार होने लगी थी लेकिन 5 फरवरी को उनकी स्थिति अचानक बिगड़ने लगी और फिर से उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। आखिरकार 6 फरवरी को हमारे देश की महान प्रतिभा की धनी गायिका लता मंगेशकर हम सभी को अलविदा कह गई।
यहाँ पर हम लता मंगेशकर का जीवन परिचय (Lata Mangeshkar in Hindi) के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है लता मंगेशकर के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
लता मंगेशकर का जीवन परिचय | Biography of Lata Mangeshkar in Hindi
लता मंगेशकर की जीवनी संक्षिप्त में (Lata Mangeshkar Biography in Hindi)
मूल नाम | हेमा |
जन्म | 28 सितंबर 1929 |
जन्म स्थान | इंदौर, मध्यप्रदेश |
पिता | दिनानाथ मंगेशकर |
माता | शेवंती मंगेशकर |
व्यवसाय | संगीतकार |
भाई–बहन | ४ |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
पुरस्कार | राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, बंगाल फ़िल्म पत्रकार संगठन पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार, फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार, फिल्मफेयर आजीवन लब्धि पुरस्कार |
लता मंगेशकर का जन्म और परिवार
लता मंगेशकर का जन्म 28 फरवरी 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। इनके पिता का नाम दीनानाथ था, जो खुद भी एक गायक थे और मराठी ड्रामा कंपनी चलाया करते थे। इनकी माता का नाम शेवंती था।
लता मंगेशकर का प्रारंभिक नाम हेमा था। लेकिन इनकी पिता भाव बंधन नाम के नाटक में लतिका के किरदार से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने बेटी का नाम हेमा से बदलकर लता रख दिया और तभी से ही यह लता मंगेशकर के नाम से जानी जाने लगी। लता मंगेशकर अपने घर में चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी।
लता मंगेशकर की शिक्षा
यह बात काफी रोचक वाली है कि लता मंगेशकर अपने जीवन में मात्र दो ही दिन स्कूल गई। इन्होंने अपनी संगीत की सारी शिक्षा अपने पिता से घर पर ही ली। इन्होने घर पर ही अलग-अलग भाषाओं को सिखा।
लता मंगेशकर का संघर्ष
लता मंगेशकर बचपन से ही गायन का शौक रखती थी। इनकी आवाज कोयल से भी मधुर थी। 5 साल की उम्र तक पिता को अपनी बेटी के प्रतिभा के बारे में पता ही नहीं चला लेकिन एक दिन उनके पिता ने उनके गायन को अचानक से सुना और इसे प्रभावित होकर उन्होंने निर्णय लिया कि वह अपनी बेटी को संगीत सिखाएंगे।
उसके बाद 16 दिसंबर साल 1941 को लता मंगेशकर का पहली बार गाना रिकॉर्ड हुआ। लेकिन इसके 1 साल के बाद ही जब यह मात्र 13 साल की थी, उनके पिता का निधन हो गया। घर की आर्थिक स्थिति पहले से ही अच्छी नहीं थी और पिता के निधन के बाद घर में पैसे की काफी तंग होने लगी, जिसके कारण लता मंगेशकर को मजबूरी में आकर हिंदी और मराठी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल निभाने पड़े।
हालांकि फिल्मों में कुछ ही समय काम करने के बाद लता मंगेशकर को समझ में आ गया कि उन्हें एक्टिंग नहीं पसंद है, वह तो गायन के लिए बनी है। लता मंगेशकर ने अपना पहला गाना मराठी फिल्म ‘महिला मंगलागौर’ के लिए गाया था। यह फिल्म साल 1942 में रिलीज हुई थी।
हालांकि लता मंगेशकर का इस फिल्म में गाना फाइनल कट में हटा दिया गया था। उसके बाद साल 1943 में प्रदर्शित मराठी फिल्म ‘गजाभाऊ’ में लता मंगेशकर ने हिंदी गाना ‘माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू’ गाया।
साल 1945 में लता मंगेशकर फिर मुंबई शिफ्ट हो गई, जहां से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। वहां पर उन्होंने भिंडीबाजार घराना के उस्ताद अमन अली खान से भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया। उसके बाद लता मंगेशकर ने बड़ी मां फिल्म ‘माता तेरे चरणों में’ भजन गाया।
1946 में एक फिल्म ‘आपकी सेवा में’ नाम की रिलीज हुई, जिसमें लता मंगेशकर ने गीत ‘पा लागूं कर जोरी’ गाया इस गाने ने लोगों का ध्यान लता मंगेशकर की ओर आकर्षित किया।
लता मंगेशकर के करियर की शुरुआत
जब लता मंगेशकर 18 साल की थी तब उनके एक गाने को संगीतकार गुलाम हैदर ने सुना था। वह लता दीदी के गाने से काफी प्रभावित हुए और फिर उन्होंने उन्हें उस जमाने के सफल निर्माता शशधर मुखर्जी से मिलवाया। लेकिन शशधर मुखर्जी स्नेह लता मंगेशकर को यह कहकर मना कर दिया कि उनकी आवाज बहुत पतली है, यह नहीं चलेगा। तब संगीतकार गुलाम हैदर ने ही लता मंगेशकर को पहला ब्रेक दिया।
उस समय लता मंगेशकर ने गायक मुकेश के साथ फिल्म ‘मजबूर’ में गाना गाया, जिसका धून था ‘अंग्रेज छोड़ चला गया’। जब इनका यह सब गाना प्रख्यात होने लगा तब निर्माता शशधर मुखर्जी ने अपनी गलती स्वीकार की और इन्हें दोबारा अपनी अनारकली, जिद्दी जैसे फिल्मों में गाने का मौका दिया।
लता मंगेशकर के अनुसार संगीतकार गुलाम हैदर के कारण हुए म्यूजिक इंडस्ट्री में आई। हालांकि गुलाम हैदर का साथ इनके साथ लंबे समय तक नहीं रहा, कुछ समय के बाद भी पाकिस्तान चले गए। फिर भी वे वहां से भी उनका हालचाल पूछते रहते थे।
लता मंगेशकर के मधुरमय गीतों का सात दशकों का सफर
साल 1949 को महल नाम की एक फिल्म रिलीज हुई, जिसमें लता मंगेशकर ने ‘आएगा आने वाला’ गीत गाया था। कहा जाता है यह गीत इतना सुप्रसिद्ध रहा कि इस गाने ने आने वाली फिल्मों को लता मंगेशकर के गाने को जरूरत बना दिया। इसके बाद तो लता मंगेशकर ने एक से बढ़कर एक फिल्मों में गाने गाए। अधिकतर फिल्में तो इनके गाने की वजह से ही सुपर हिट रही।
1950 से 1970 का दौर भारतीय फिल्म संगीत के लिए बेहतरीन माना जाता है। इस समय एक से बढ़कर एक संगीतकार गीतकार हुए। फिर भी उस दौर में निकलने वाली सभी फिल्मों के गाने के लिए लता मंगेशकर सबकी पहली पसंद होती थी।
लता मंगेशकर काफी सहज और सरल स्वभाव की थी, जिसके कारण ज्यादातर फिल्म निर्माता और निर्देशक संगीतकार के रूप में लता मंगेशकर को प्राथमिकता देते थे। लता मंगेशकर अपनी प्रतिभा और मेहनत से हर गाने को विशेष बना देती थी। यही कारण है कि हर व्यक्ति इनके गाने को पसंद करता है।
लता मंगेशकर ने रोमांटिक, राग आधारित, भजन से लेकर देशभक्ति से ओतप्रोत गाने भी गाए। कहा जाता है इनके द्वारा गाया गया देशभक्ति गीत ‘ए मेरे वतन के लोगों’ के मधुर स्वर ने हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के आंख में आंसू ले आया था।
लता मंगेशकर की मधुर आवाज 80 और 90 के दशक में भी गूंजते रहे। इन दशक में भी लता मंगेशकर ने शिवहरी, आनंद-मिलिंद, राम-लक्ष्मण, सिलसिला, चांदनी के लिए, आसपास, अर्पण, नसीब जैसे एक से बढ़कर एक फिल्मों में गाने गाए, जिसने इन सभी फिल्मों को सुप्रसिद्ध होने का कारण बना दिया।
लता मंगेशकर के निधन पर बड़े-बड़े हस्तियों ने शोक जताया
6 फरवरी सुबह को जब लता मंगेशकर के निधन की खबर आई तो भारत समेत दुनिया भर के कई बड़े-बड़े हस्तियों ने ट्विटर के माध्यम से ट्वीट करते हुए शोक जताया। यहां तक कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी लता मंगेशकर के ऊपर ट्वीट किया कि हमारी दयालु और सब का ध्यान रखने वाली लता दीदी हमें छोड़ गई।
FAQ
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर (मध्यप्रदेश) में हुआ था।
लता मंगेशकर के पिता का नाम दिनानाथ मंगेशकर था।
लता मंगेशकर ने शादी नहीं की थी।
लता मंगेशकर का मूल नाम हेमा था।
निष्कर्ष
लता मंगेशकर आज के नए गायकों के लिए हमेशा प्रेरणा बनी रहेगी। लता मंगेशकर ने मात्र 13 साल की उम्र में सन 1941 को अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया था, जिसके बाद सात दशक का उनका सुरमयी गीतों का सफर शुरू हुआ।
आज उन्होंने 36 अलग-अलग भाषा में लगभग 50000 से भी ज्यादा गीत गाए हैं। आज वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी मधुरता से भरे संगीत हमेशा हम सभी के दिलों में राज करेगा।
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