इस लेख के माध्यम से हम बात करने वाले हैं, हिंदी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ हिंदी भाषी कवि हरिवंश राय बच्चन के बारे में बात करने वाले हैं। इनकी काव्य शैली बहुत ही सरल एवं सुगम के उनकी कार्यशैली सरल होने के साथ-साथ अत्यधिक प्रभावशाली भी थी।
इसी कारण उनकी कार्यशैली वर्तमान समय में भी प्रत्येक लोगों के दिलों में अपनी एक छाप छोड़ती है। डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने हिंदी साहित्य के विकास में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया है। तो आइए इस लेख के माध्यम से प्रसिद्ध कवि डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करते हैं।
हरिवंश राय बच्चन जीवन परिचय (जन्म और जन्म स्थान, शिक्षा, विवाह, साहित्यिक योगदान, प्रसिद्धि, प्रमुख कृतियां, किताबें, भाषा शैली, प्राप्त पुरस्कार, मृत्यु)
हरिवंश राय बच्चन की जीवनी एक नज़र में
नाम | डॉ. हरिवंश राय बच्चन |
जन्म और जन्म स्थान | 27 नवम्बर 1907, गाँव बापूपट्टी, जिला प्रतापगढ़ (उत्तरप्रदेश) |
पिता का नाम | प्रताप नारायण श्रीवास्तव |
माता का नाम | सरस्वती देवी |
पत्नी का नाम | श्यामा देवी (पहली पत्नी), तेजी बच्चन (दूसरी पत्नी) |
बच्चे | अमिताभ बच्चन, अजिताभ बच्चन |
उम्र | 95 वर्ष |
शैली | हिंदी, छायावाद |
पेशा | कवि, लेखक, साहित्यकार |
अवार्ड | साहित्य अकादमी, पद्मभूषण आदि |
मृत्यु | 18 जनवरी 2003 (मुंबई) |
डॉ. हरिवंश राय बच्चन कौन थे?
डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने हिंदी साहित्य के हिंदी भाषा के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है। इसी कारण इन्हें हिंदी भाषा के प्रथम कवियों में से एक माना जाता है। हरिवंश राय बच्चन का स्थान हिंदी साहित्य में सर्वोपरि है। इन्होंने अपनी रचनाओं में ऐसी भाषा शैली का उपयोग किया है, जो कि वर्तमान समय का यदि कोई भी व्यक्ति उनकी रचनाओं को पड़ता है तो वह बहुत ही अधिक प्रभावित होता है।
हरिवंश राय बच्चन एक कायस्थ परिवार से संबंध रखते थे। हरिवंश राय बच्चन जी का सरनेम प्रारंभिक समय से ही बच्चन नहीं है बल्कि उनका वास्तविक सरनेम “श्रीवास्तव” है। बचपन से ही लोग हरिवंश राय को बच्चन नाम से पुकारते थे। इसी कारण हिंदी साहित्य में इनका सरनेम हरिवंश राय ‘श्रीवास्तव’ से हरिवंश राय ‘बच्चन’ हो गया।
हरिवंश राय बच्चन का जन्म और जन्म स्थान
डॉ. हरिवंश राय बच्चन का जन्म 26 नवंबर 1960 को बापुपट्टी नामक गांव जोकि प्रतापगढ़ नामक जिले में है में हुआ था। इनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव और इनकी माता का नाम सरस्वती देवी था। हरिवंश राय बच्चन को इनके माता-पिता प्यार से बच्चन नाम से पुकारते थे, बच्चन शब्द का शाब्दिक अर्थ बच्चा होता है।
हरिवंश राय बच्चन को प्राप्त शिक्षा
हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि डॉ. हरिवंश राय बच्चन की प्रारंभिक शिक्षा इनके जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में हुई। इसके बाद कायस्थ नामक पाठशाला से उर्दू भाषा की शिक्षा प्राप्त की। इन्होंने उर्दू भाषा की शिक्षा केवल इसी कारण ली थी कि यह शिक्षा प्राप्त करना इनके परिवार की परंपरा थी।
हरिवंश राय बच्चन ने किस विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम.ए की शिक्षा पूर्ण की?
हरिवंश राय बच्चन का पहला कदम कानून की पढ़ाई करने के लिए भी जाना जाता है। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी भाषा में एम. ए. और स्नातकोत्तर की शिक्षा को पूर्ण किया। इलाहाबाद के विश्वविद्यालय से अंग्रेजी की शिक्षा प्राप्त करने के बाद इंग्लैंड के एक विद्यालय से अपनी पीएचडी की शिक्षा प्राप्त की।
हरिवंशराय बच्चन जी का विवाह
वर्ष 1926 ईस्वी में डॉ. हरिवंश राय बच्चन का विवाह श्यामा देवी से हुआ। जिस समय इनका विवाह हुआ, उस समय वह केवल 19 वर्ष के थे। लोगों का यह कहना है कि इनके विवाह के कुछ ही दिनों बाद उनकी पत्नी श्यामा देवी को टीबी जैसी भयंकर बीमारी हो जाने के कारण महज 24 वर्ष की उम्र में ही उनका निधन हो गया। जिस समय इनकी पत्नी का निधन हुआ था, वह समय इनके लिए बहुत ही कष्टकारी था।
धीरे-धीरे समय बीतता गया। पत्नी के निधन हो जाने के लगभग 5 वर्ष बाद इन्होंने 1941 में दूसरा विवाह कर लिया। इनका विवाह इस बार एक पंजाबी परिवार में हुआ, उनकी पत्नी का नाम तेजी सूरी था। तेजी सूरी का ध्यान रंगमंच की ओर केंद्रित था। वह पहले से भी रंगमंच से जुड़ी थी। तेजेश्वरी रंगमंच पर मुख्य गायिका थी।
इनके दूसरे विवाह के बाद इन्हें दो संतान की प्राप्ति हुई, उनके एक पुत्र का नाम अजिताभ बच्चन और दूसरे पुत्र का नाम अमिताभ बच्चन है। ऐसा माना जाता है कि तेजी सूरी हरिवंश राय बच्चन उस समय में इंदिरा गांधी की काफी अच्छी मित्र मानी जाती थी। इसी कारण उनके परिवार का संबंध गांधी परिवार से भी था।
यह भी पढ़े
हरिवंश राय बच्चन के पुत्र के बारे में
हरिवंश राय बच्चन के पुत्र अजिताभ बच्चन बड़े होने के बाद एक कुशल और प्रसिद्ध बिजनेसमैन बने और इसके विपरीत उनके दूसरे पुत्र अमिताभ बच्चन एक बहुत ही प्रसिद्ध अभिनेता है, जिन्हें आज के समय में संपूर्ण दुनिया जानती है।
हरिवंश राय बच्चन का उनके पुत्र अमिताभ बच्चन के साथ संबंध
अमिताभ बच्चन को बचपन से ही फिल्म में जाने का बहुत शौक था। परंतु उनके पिता चाहते थे कि वह नौकरी करें। वहीँ उसके विपरीत तेजी बच्चन यह चाहती कि अमिताभ बच्चन एक प्रसिद्ध अभिनेता बने। अमिताभ बच्चन की माता तेजी बच्चन को भी फिल्म की तरफ से अनेक प्रस्ताव आये, परंतु उन्होंने गृहणी जीवन को महत्व दिया।
डॉ. हरिवंश राय बच्चन अमिताभ बच्चन की फिल्म जगत की ओर रुझान के कारण खुश नहीं थे। किंतु अमिताभ बच्चन को फिल्म के क्षेत्र में बहुत जल्द ही उपलब्धि प्राप्त हो गई, जिसके कारण उनके पिता उनसे बहुत खुश हो गए। अमिताभ बच्चन के यहां तक पहुंचने के पीछे उनकी माता का हाथ रहा है।
अमिताभ बच्चन ने अपनी प्रथम फिल्म प्रसिद्ध अभिनेत्री जया भादुरी के साथ की और इनका संबंध जया बहादुरी के साथ काफी अच्छा होता गया। इनके पिता ने देर न करते हुए अमिताभ बच्चन और जया भादुरी को विवाह कर लेने का प्रस्ताव दिया और जल्द ही इन दोनों का विवाह भी हो गया।
हरिवंश राय बच्चन का साहित्यिक योगदान और कार्यक्षेत्र
- हरिवंश राय बच्चन सिंह सदैव हिंदी भाषा को विशेष महत्व देते थे और वे अपनी मातृभाषा का प्रचार भी करना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने अनेकों लेख का हिंदी में अनुवाद किया। उनमें से कुछ लेख ओथेलो, श्रीमद्भागवत गीता, शेक्सपियर इत्यादि।
- वर्ष 1995 में डॉ. हरिवंश राय बच्चन दिल्ली चले गए और उन्होंने दिल्ली के विदेश मंत्रालय में एक उच्च पद के अधिकारी के रूप में 10 वर्षों तक नौकरी की।
- हरिवंश राय बच्चन को कविताएं लिखने का बहुत शौक था और उन्होंने अनेकों प्रकार की कविताएं लिखी।
- वर्ष 1935 ईस्वी में उन्होंने एक कविता मधुशाला लिखी। इस कविता ने इन्हें पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध बना दिया।
हरिवंश राय बच्चन को प्राप्त प्रसिद्धि
हरिवंश राय बच्चन को अनेकों प्रकार की प्रसिद्धि प्राप्त है, जिनमें से कुछ नीचे निम्न रूप से दर्शाए गए हैं।
- हरिवंश राय बच्चन भारत के ऐसे दूसरे व्यक्ति थे, जिन्होंने कैंब्रिज जाकर के अंग्रेजी भाषा में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की।
- हरिवंश राय बच्चन को 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध और नवीनतम कवि होने के रूप में भी मुख्य ख्याति प्राप्त है।
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डॉ. हरिवंश राय बच्चन को कुल 42 शब्दों की लिस्ट में “भूतकाल का गर्वित छात्र” सम्मान भी प्राप्त है।
हरिवंश राय बच्चन जी कुछ प्रमुख कृतियां
हरिवंश राय बच्चन के द्वारा दो प्रमुख कृतियां लिखी गई। इन्हीं तीन कृतियों के कारण ही डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन हिंदी साहित्य के प्रथम कवि बने, यह कृतियां नीचे निम्नलिखित है।
- मधुशाला
- मधुबाला
- मधुकलश
डॉ हरिवंश राय बच्चन द्वारा फिल्मों के लिए लिखे गए गीत
हरिवंश राय बच्चन ने कविताओं के साथ-साथ फिल्मों के लिए भी कुछ रचनाएं लिखी है। यह रचनाएं गीत और पंक्ति (डायलॉग) के रूप में है और यह नीचे निम्नलिखित रुप से दर्शाई गई है।
- डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने अग्नीपथ मूवी में बार बार बोली जाने वाली पंक्ति “अग्नीपथ……..अग्नीपथ……….अग्नीपथ” को लिखा था।
- डॉ. हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखित “रंग बरसे” गीत सिलसिला नामक मूवी में उन्हीं के पुत्र अमिताभ बच्चन जी के द्वारा ही गाया गया था।
- आलाप नामक प्रसिद्ध मूवी में हरिवंश राय बच्चन के द्वारा लिखा गया प्रसिद्ध गीत “कोई गाता मैं सो जाता” है।
हरिवंश राय बच्चन के द्वारा लिखी गई किताबें
हरिवंश राय बच्चन के द्वारा लिखी गई सबसे प्रमुख किताब मधुशाला थी, जिसे लगभग 1935 ईस्वी में प्रकाशित किया गया था। इस काव्य रचना में लगभग 135 पद मौजूद है और यह रचना बीसवीं दशक के सबसे प्रमुख रचनाओं में से एक है।
हरिवंश राय बच्चन के द्वारा लिखी गई डायरी
हरिवंश राय बच्चन के द्वारा लिखी गई डायरी बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध और लोकप्रिय है। क्योंकि हरिवंश राय बच्चन ने इसमें बहुत सी ऐसी बातें लिखी है, जिससे पढ़ने के बाद लोग काफी ज्यादा मोटिवेट और अच्छा महसूस करने लगते है।
हरिवंश राय बच्चन के द्वारा लिखी गई इस डायरी का नाम प्रवास की डायरी है, जिसे इन्होंने खुद अपने आत्म ध्यान के द्वारा किया था।
हरिवंशराय बच्चन की भाषा शैली
हरिवंशराय बच्चन की कविताओं में शुद्ध खड़ी बोली का उपयोग किया जाता है और विशेष रुप से संस्कृत के तत्सम शब्दों का भी उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इनकी कविताओं में तद्भव शब्दावली उर्दू फारसी इत्यादि भाषाओं का भी उपयोग किया जाता है।
हरिवंश राय बच्चन अपनी रचनाओं में बड़े साहस धैर्य और सच्चाई के साथ सीधी-सादी भाषा और शैली का प्रयोग किये हैं। इनकी भाषा बोलचाल की भाषा होते हुए भी काफी प्रभावशाली थी। सहजता, स्वाभाविकनता और सरल संवेदना इनकी कविताओं का विशेष गुण है।
इन सभी भाषाओं के उपयोग से हरिवंश राय बच्चन जी अपने सभी अध्ययनरत लोगों को आसानी से समझाने का प्रयत्न करते हैं।
हरिवंश राय बच्चन को प्राप्त पुरस्कार
हरिवंश राय बच्चन को उनकी प्रमुख कृतियों और कविताओं के लिए विभिन्न प्रकार के पुरस्कारों से नवाजा गया।
- वर्ष 1968 का साहित्य अकादमी पुरस्कार “दो चट्टानें” कविता के लिए दिया गया था।
- वर्ष 1976 में पद्मभूषण
- बिरला फाउंडेशन द्वारा सरस्वती सम्मान
- सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार
- एफ्रो एशियाई सम्मेलन का कमल पुरस्कार
हरिवंशराय बच्चन की मृत्यु
हरिवंशराय बच्चन की मृत्यु उनके शरीर के कुछ महत्वपूर्ण अंगों के खराब हो जाने के कारण हुई थी। जिस समय इनकी मृत्यु हुई, उस समय वह लगभग 95 वर्ष के थे। इन्होंने अपनी अंतिम कृति 1984 ईस्वी में “इंदिरा गांधी की हत्या” पर लिखी थी।
हिंदी साहित्य के इस श्रेष्ठ और लोगों के दिलों में अमरत्व प्राप्त कर लेने वाले इस महान कवि की मृत्यु वर्ष 2003 में 18 जनवरी को हुई।
हरिवंश राय बच्चन के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- हरिवंश राय बच्चन को उनके समय में साहित्य के क्षेत्र में नवीन युग के प्रारंभ के रूप में जाने जाते थे। क्योंकि उनकी साहित्य शैली उस जमाने के कवियों से काफी अलग हुआ करती थी।
- हरिवंशराय बच्चन की कविताओं में विषय और शैली की दृष्टि से उल्लेखनीय स्वाभाविकता का गुण देखने को मिलता है।
- हरिवंश राय बच्चन की कविताओं में सहजता और संवेदनशीलता का एक विशेष गुण देखने को मिलता है।
- हरिवंश राय बच्चन ने 1970 के दशक में एक चार भाग की आत्मकथा प्रकाशित की थी, जो उस समय के साहित्य जगत में काफी प्रसिद्ध हुआ। यहां तक कि इस कविता का संक्षिप्त अंग्रेजी अनुवाद भी किया गया, जो 1998 में Afternoon of Times में छपा था।
- हरिवंश राय बच्चन को लिखने का शौक विद्यार्थी जीवन से ही था। मास्टर ऑफ आर्ट्स अध्ययन के दौरान इन्होंने फ़ारसी के प्रसिद्ध कवि ‘उमर ख्य्याम की रुबाईयों का हिंदी में अनुवाद किया, जो उस दौरान नौजवानों के बीच काफी लोकप्रिय बना और इसी से इन्हें आगे भी इसी मौलिक शैली में लिखने की प्रेरणा मिली, जिसके बाद इन्होंने मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश आदि की रचना की। हरिवंश राय बच्चन ने अपने कार्यों में आत्मपरकता, निराशा और वेदना को विषय बनाया।
- हरिवंश राय बच्चन ने लोक धुनों पर आधारित भी कई गीतों की रचना की।
- अंग्रेजी साहित्य में डॉक्टरेट करने वाले हरिवंश राय बच्चन दूसरे भारतीय हैं।
- हरिवंशराय बच्चन की कई सारी गीतों को कई फिल्मों में प्रयोग किया गया है, जिनमें से उनके द्वारा लिखी गई गीत “रंग बरसे” जो फिल्म सिलसिला में प्रयोग किया गया है। वहीं “कोई गाता मैं सो जाता” गीत फिल्म अलाप में प्रयोग किया गया है।
- हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी गई गीतांजलि कविता उनकी सबसे ज्यादा लोकप्रिय कविताओं में से एक हैं।
- 1984 में हरिवंश राय बच्चन ने इंदिरा गांधी की हत्या पर आधारित एक कविता लिखी, जिसका नाम “कृति” था। यह इनकी अंतिम कविता थी।
FAQ
डॉ. हरिवंश राय बच्चन का जन्म वर्ष 1960 को 26 नवंबर को बापुपट्टी नामक गांव जोकि प्रतापगढ़ नामक जिले में है में हुआ था।
हरिवंश राय बच्चन के पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव और माता का नाम सरस्वती देवी है।
हरिवंशराय बच्चन की पहली पत्नी का नाम श्यामा हरिवंश राय बच्चन था।
हरिवंश राय बच्चन पीएचडी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड गए थे।
हरिवंशराय बच्चन की पत्नी श्यामा की मृत्यु टीबी जैसे भयंकर बीमारी के कारण मात्र 24 वर्ष की उम्र में ही हो गई थी।
हरिवंश राय बच्चन की अंतिम कविता मौन और शब्द है।
हरिवंश राय बच्चन के द्वारा लिखी गई डायरी का नाम प्रवास की डायरी है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय इन हिंदी के माध्यम से हमने आपको हिंदी साहित्य के श्रेष्ठ कवि डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन जी के बारे में जानकारी प्रदान कराई। इस लेख के माध्यम से हमने उनकी कुछ प्रमुख कृति और फिल्मों के लिए लिखी गई रचना हो को दर्शाया है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
यह भी पढ़े
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जीवन परिचय
रबीन्द्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय