Bharat Ke Shiksha Mantri Kaun Hai: सामान्य ज्ञान की दृष्टि से भारत में रहने वाले हर व्यक्ति को भारत के सभी प्रमुख मंत्रियों के नाम मालूम होने चाहिए। आमतौर पर यह सवाल किसी प्रतियोगिता के दौरान पूछा जाता है।
अगर आप किसी नौकरी के प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं तो भारत के शिक्षा मंत्री कौन है? (Education Minister of India 2023) और सभी की सूची के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। साथ ही शिक्षा मंत्री से जुड़े कुछ अन्य सवाल की जानकारी भी आज के लेख में सरल शब्दों में आपके समक्ष प्रस्तुत की जा रही है।

भारत में सबसे पहले शिक्षा मंत्री कौन थे? और किस प्रकार शिक्षा मंत्री की सूची आगे बढ़ी है? आपको यह भी बताएंगे कि शिक्षा मंत्री के पद को पहले किस पद से संबोधित किया जाता था। अगर आप भारत के शिक्षा मंत्री कौन है 2023 और सभी की सूची जैसे आवश्यक प्रश्न गूगल पर ढूंढ रहे हैं तो इससे संबंधित विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है, उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें।
भारत का शिक्षा मंत्री कौन है 2023 | Bharat Ke Shiksha Mantri Kaun Hai | 1947 से 2023 तक सूची
भारत के शिक्षा मंत्री कौन है? | Bharat Ka Shiksha Mantri Kaun Hai
वर्तमान समय में भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान है, जिन्होंने 7 जुलाई 2021 को इस पद के लिए शपथ ली थी। इनसे पहले रमेश पोखरियाल भारत के शिक्षा मंत्री थे, जिनका स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उन्होंने स्वेच्छा से इस पद से इस्तीफा दिया था। कैबिनेट मीटिंग के बाद शिक्षा मंत्री के पद धर्मेंद्र प्रधान को सौपा गया।

भारत में नई शिक्षा नीति को लागू किया गया है, जिसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्री के पद के नाम को बदलकर शिक्षा मंत्री का नाम दिया गया है। नई शिक्षा नीति लागू होने से पहले भारत में संसाधन विकास मंत्री के पद पर जो व्यक्ति होता था, वही भारत की शिक्षा प्रणाली को देखता था।
मगर अब संसाधन विकास मंत्री के नाम को बदलकर शिक्षा मंत्री कर दिया गया है और रमेश पोखरियाल के स्थान पर 7 जुलाई 2021 को शिक्षा मंत्री के रूप में धर्मेंद्र प्रधान को विराजमान किया गया। वर्तमान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को 3 सितंबर 2017 को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था। इससे पहले यह बिहार और मध्य प्रदेश से दो बार सांसद भी रह चुके है।
नाम | धर्मेंद्र प्रधान |
पिता | देवेन्द्र प्रधान |
पद ग्रहण किया | 7 जुलाई 2021 |
राजनैतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
अधिकारिक वेबसाइट | education.gov.in |
ईमेल आईडी | minister.sm@gov.in |
भारत के शिक्षा मंत्री की सूची
भारत में अब तक जितने भी शिक्षा मंत्री के रूप में विराजमान हुए हैं, उन सब की सूची को संक्षिप्त रूप से नीचे दर्शाया गया है। जिसे देखने के बाद आप यह समझ पाएंगे कि भारत में अब तक कौन-कौन कितने अवधि के लिए शिक्षा मंत्री के रूप में रहा हुआ है?
मौलाना अब्दुल कलाम आजाद
मौलाना अब्दुल कलाम आजाद को हम भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में जानते हैं, जिन्हें 15 अगस्त 1947 को शिक्षा विभाग का पद दिया गया था और भारत के शिक्षा विभाग को इन्होंने 22 जनवरी 1958 तक संचालित किया था।
डॉक्टर के एल शिरमली
भारत के प्रतिष्ठित युवा नेता के रूप में इन्होंने आजादी के तुरंत बाद भारत में बढ़ चढ़ कर अलग-अलग क्षेत्र में अपना नेतृत्व दर्शाया था, जिस से प्रभावित होकर कैबिनेट मंत्रालय ने इन्हें 22 जनवरी 1958 को भारत के शिक्षा मंत्री का पद दिया था। जिस पर विराजमान होकर नव भारत के शिक्षा की नींव करते हुए श्रीमाली जी 31 अगस्त 1963 तक कार्यबद्ध है।
हुमायूं कबीर
भारत के प्रचलित नव युवा नेता के रूप में हम हमेशा हुमायूं कबीर को याद रखेंगे। इन्होंने भारतीय सांसद के रूप में कार्य किया। उसके बाद केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के पद पर खुद को विराजमान करते हुए 1 सितंबर 1963 से 21 नवंबर 1963 तक शिक्षा मंत्री का कार्य किया।
एमसीसी छागला
भारत के एक प्रचलित नेता के रूप में हम इन्हें जानते है। उन्होंने भारत के केंद्रीय मंत्री प्रणाली में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया, जिसके बाद 21 नवंबर 1963 से 13 नवंबर 1966 तक शिक्षा मंत्री के रूप में भारतीय शिक्षा प्रणाली को संभाला।
डॉ. त्रिगुण सेना
त्रिगुण सेन का भारतीय शिक्षा प्रणाली के अलावा और भी अन्य मंत्री परिषद में योगदान रहा है। मगर मुख्य रूप से उन्हें हम भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में जानते है। 16 मार्च 1967 से 14 फरवरी 1969 तक उन्होंने भारतीय शिक्षा मंत्रालय को बागडोर संभाला।
डॉ. वीके आर वीके राव
भारत के युवा और प्रतिष्ठित नेता के रूप में इन्होंने भारतीय मंत्री परिषद में अपना बढ़-चढ़कर योगदान दिया है, जिस पर हम इन्हें भारतीय शिक्षा मंत्री के रूप में जानते है। 14 फरवरी 1969 से 18 मार्च 1971 तक उन्होंने भारत में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है।
प्रोफेसर नुरुल हसन
यह एक प्रोफेसर थे, जो अलग-अलग विश्वविद्यालय में शिक्षा देने का कार्य करते थे। इनके शिक्षक के रूप में कार्य करने से लोग इनसे बहुत अधिक प्रभावित होते थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए भारतीय शिक्षा प्रणाली को काबू करने के लिए भारत में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। हमने प्रोफेसर साहब को भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में 26 मार्च 1977 से 26 मार्च 1979 तक इस पद पर विराजमान देखा।
शीला कॉल
शीला कौल ने भारतीय शिक्षा मंत्री के पद को 10 अगस्त 1981 से 31 दिसंबर 1984 तक संभाला। हालांकि इन से पहले बहुत सारे लोग शिक्षा मंत्री के पद पर विराजमान हुए। मगर हर कुछ महीने पर शिक्षा मंत्री के पद से लोगों को हटाया गया।
पीवी नरसिम्हा राव
हम पी वी नरसिम्हा राव को भारत के प्रधान मंत्री के रूप में भी जानते है। इसके अलावा वह एक प्रचलित सांसद और भारतीय जनता पार्टी के एक बहुत प्रतिष्ठित नेता माने जाते रहे है।
राव जी ने सबसे पहली बार शिक्षा मंत्री के पद को 15 सितंबर 1985 से 9 जून 1988 तक संभाला, जिसके बाद 25 दिसंबर 1994 से 9 फरवरी 1995 तक इस पद को संभाला। इसके बाद उन्हें तीसरी बार फिर शिक्षा मंत्री के पद के लिए चुना गया और इस बार 17 जनवरी 1986 से 16 मई 1986 तक उन्होंने शिक्षा मंत्री के पद को संभाला।
वीपी सिंह
वीपी सिंह को भी हम एक प्रचलित और अन्ना व युवा नेता के रूप में जानते हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री पद पर भी देश की सेवा की है। मगर इससे पहले वह एक सांसद और कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य करते थे, जिस पर 2 दिसंबर 1989 से 10 दिसंबर 1990 तक शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है।
अर्जुन सिंह
अर्जुन सिंह को भारतीय युवा नेता के रूप में हर कोई जानता है। यह एक बहुत ही प्रचलित नेता थे जिन्होंने अलग-अलग सांसद और विधायक के रुप में भारत की सेवा की है, इन्हें इसलिए भी जाना चाहता है क्योंकि यह भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में कई सालों तक विराजमान रहे थे। अर्जुन सिंह ने 22 मई 2004 से 22 मई 2009 तक भारत में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया।
माधवराव सिंधिया
भारत के कुछ प्रचलित नेता के रूप में हम माधवराव सिंधिया को जानते हैं। यह एक बहुत ही प्रचलितनेता है, जो कई सालों तक भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अपने नेतृत्व का जादू बिखेरते रहे है।
यह केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य करते हुए भारतीय शिक्षा मंत्री के रूप में कुछ सालों तक कार्य किया है। माधवराव सिंधिया ने 10 फरवरी 1995 से 17 जनवरी 1996 तक भारतीय शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है।
अटल बिहारी वाजपेई
आज भारतीय जनता पार्टी पूरे भारतवर्ष में प्रचलित हो चुकी है। मगर इसे प्रचलित करने का कार्य सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेई ने ही शुरू किया था। यह एक बहुत ही प्रचलित और प्रतिष्ठित भारतीय जनता पार्टी के नेता है, जो भारत में प्रधानमंत्री के रूप में भी कार्यरत रह चुके है। आपको यह भी जानना चाहिए कि वाजपेई 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है।
डॉ. मुरली मनोहर जोशी
मुरली मनोहर जोशी को हम एक प्रचलित भारतीय नेता के रूप में जानते है, जो कई सालों तक सांसद और विधायक के रूप में कार्य कर चुके थे। उसके बाद वह भारत के कैबिनेट मंत्री के रूप में विराजमान होते है और कुछ सालों बाद भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य करते है।
एक प्रचलित रक्षा मंत्री और भावी नेता के रूप में हमें सदैव याद रखेंगे। अगर हम इनके कार्यकाल की बात करें तो 19 मार्च 1998 से 21 मई 2004 तक भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया।
स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी एक बहुत ही प्रचलित नेता है। मगर एक नेता के रूप में प्रचलित होने से पहले हम इन्हें एक टीवी सीरियल के हीरोइन के रूप में जानते हैं। इन्होंने अलग-अलग सीरियल में कार्य करते हुए खुद को बहुत प्रचलित बनाया, जिसके बाद राजनीति में आकर अपने नेतृत्व का जादू दिखाते हुए शिक्षा मंत्री के रूप में 26 मई 2014 से 15 जून 2016 तक शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया।
प्रकाश जावेडकर
यह एक बहुत ही प्रचलित नेता है, जिन्होंने सांसद के रूप में बहुत उम्दा कार्य किया है। मगर इन्हे हम शिक्षा मंत्री के रूप में ज्यादा अच्छे से पहचानते हैं। इन्होंने 15 जून 2016 से 30 मई 2019 तक भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है।
रमेश पोखरियाल
अभी हाल ही में रमेश पोखरियाल ने खुद की शारीरिक स्थिति सही ना होने की वजह से शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है, जिस वजह से यह बहुत अधिक न्यूज़ में भी बने रहे है। बीते कुछ दिनों में इस भावी, प्रचलित और प्रतिष्ठित राजनेता की स्वास्थ्य स्थिति ज्यादा ठीक नहीं रही।
इस वजह से इन्होंने शिक्षा मंत्री के पद से खुद का इस्तीफा ले लिया। अगर हम इनके कार्यकाल की बात करें तो 30 मई 2019 से 7 जुलाई 2021 तक रमेश पोखरियाल को भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में देखा गया है।
धर्मेंद्र प्रधान
वर्तमान समय में धर्मेंद्र प्रधान को हम भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में जानते हैं। इन्होंने शिक्षा मंत्री के रूप में बहुत प्रचलित और उमदा कार्य किया है। नई शिक्षा नीति के अनुसार अब रमेश प्रधान को कार्य करना है और अब हम आगे देखेंगे कि किस प्रकार वर्तमान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भारत में शिक्षा की क्रांति को लेकर आते हैं।
भारत के शिक्षा मंत्री कौन है 2023
धर्मेंद्र प्रधान
भारत के पहले शिक्षा मंत्री कौन थे?
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (15 अगस्त 1947 से 22 जनवरी 1958)
भारत की प्रथम महिला शिक्षा मंत्री कौन थी?
स्मृति ईरानी (26 मई 2014 से 15 जून 2016)
भारतीय राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया जाता है?
11 नवंबर (पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में)
भारत के शिक्षा मंत्रालय का पहले क्या नाम था?
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको सरल शब्दों में यह बताने का प्रयास किया कि भारत का शिक्षा मंत्री कौन है और अब तक जितने भी भारत में शिक्षा मंत्री रहे है, उनकी पूर्ण सूची क्या है।
हम इस लेख में आपको सभी शिक्षा मंत्री के पद पर कार्य करने वाले लोगों के बारे में बताया है। इस लेख में हमने शिक्षा मंत्री और उनसे जुड़ी सभी प्रकार की जानकारियों को आपके समक्ष सरल शब्दों में रखने का प्रयास किया है।
अगर इस लेख को पढ़ने के बाद आप क्या समझते हैं कि भारत का शिक्षा मंत्री कौन है (bharat ke shiksha mantri kaun hai 2023) और सभी की सूची को आप अगर अच्छे से समझ पाए हैं, तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें। साथ ही अपने सुझावों विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में बताना ना भूलें।
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