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भगवत गीता के अनमोल वचन

Bhagavad Gita Quotes in Hindi: गीता हिंदू धर्म के लोगों के लिए धार्मिक ग्रन्थ है। गीता महाभारत का ही एक हिस्सा है, जिसमें 18 अध्याय और 700 श्लोकों का संग्रह है।

गीता में कुरुक्षेत्र में हुए भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुए संवाद का वर्णन है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिए थे, वो उपदेश हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। गीता में जीवन की हर समस्या के हल का वर्णन मिलता है।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

यहां पर हम श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन (bhagavad gita quotes in hindi) शेयर कर रहे हैं, जिन्हें आप सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।

भगवत गीता के अनमोल वचन |Bhagavad Gita Quotes in Hindi

न जायते म्रियते वा कदाचिन्ना,
यं भूत्वा भविता वा न भूयः।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो,
न हन्यते हन्यमाने शरीरे।।

जो हुआ वह अच्छा हुआ,
जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है,
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा।

जिसने मन को जीत लिया है,
उसने पहले ही परमात्मा को प्राप्त कर लिया है,
क्योंकि उसने शान्ति प्राप्त कर ली है।
ऐसे मनुष्य के लिए सुख-दुख,
सर्दी-गर्मी और मान-अपमान एक से है।

हे अर्जन! हम दोनो ने कई जन्म
लिए है मुझे याद है, लेकिन तुम्हे नही।

आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते और न
अग्नि इसे जला सकती है जल इसे गीला
नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

geeta quotes in hindi

हे अर्जुन ! तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे
जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया,
तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया,
जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा,
क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।

जो दान कर्तव्य समझकर, बिना किसी संकोच के,
किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जाए,
वह सात्विक माना जाता है।

जब तुम्हारा बुद्धि विभिन्न प्रकार के वचनो को
सुनकर विचलित न हो तथा नित्य परमात्मा मे
स्थिर हो जायेगी, तभी तुम्हे योग की प्राप्ति होगी।

जन्म लेने वाले की मृत्यु निश्चित है
और मरने वाले का जन्म निश्चित है
इसलिए जो अटल है अपरिहार्य है
उसके विषय में तुमको शोक नहीं करना चाहिये।

जीवन न तो भविष्य में है, न अतीत में है,
जीवन तो बस इस पल में है।

ईश्वर, ब्राह्मणों, गुरु, माता-पिता जैसे गुरुजनों
की पूजा करना तथा पवित्रता, सरलता,
ब्रह्मचर्य और अहिंसा ही शारीरिक तपस्या है।

क्रोध से भम्र पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट होता है
तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

जो खाने, सोने, आमोद-प्रमोद तथा काम करने की
आदतों में नियमित रहता है।
वह योगाभ्यास द्वारा समस्त भौतिक
क्लेशों को नष्ट कर सकता है।

जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है,
जितना कि मरने वाले के लिए जन्म लेना।
इसलिए जो अपरिहार्य है,
उस पर शोक नही करना चाहिए।

भगवद गीता के अनुसार
नरक के तीन द्वार होते है,
वासना, क्रोध और लालच।

जो हुआ वह अच्छे के लिए हुआ है,
जो हो रहा है वह भी अच्छे के लिए ही हो रहा है
और जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।

भविष्य का दूसरा नाम है संघर्ष।

जीवन न तो भविष्य मे है न अतीत मे,
जीवन तो बस इस पल मे है।

मनुष्य का मन इन्द्रियों के चक्रव्यूह के कारण भ्रमित रहता है।
जो वासना, लालच, आलस्य जैसी बुरी आदतों से
ग्रसित हो जाता है। इसलिए मनुष्य का
अपने मन एवं आत्मा पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए।

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मैं सभी प्राणियों को एकसमान रूप से देखता हूं,
मेरे लिए ना कोई कम प्रिय है ना ही ज्यादा,
लेकिन जो मनुष्य मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते है,
वो मेरे भीतर रहते है और में उनके जीवन में आता हूं।

हे अर्जुन! परमेश्वर प्रत्येक
जीव के हृदय में स्थित है।

आत्म-ज्ञान की तलवार से अपने ह्रदय से अज्ञान
के संदेह को काटकर अलग कर दो।
उठो, अनुशाषित रहो।

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है,
जैसा वह विश्वास करता है,
वैसा वह बन जाता है।

हे अर्जुन! जो बहुत खाता है या कम खाता है,
जो ज्यादा सोता है या कम सोता है,
वह कभी भी योगी नहीं बन सकता।

मन अशांत है और इसे नियंत्रित करना कठिन है ,
लेकिन अभ्यास से इसे वश मे किया जा सकता है ।

मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए।
जैसे – विद्यार्थी का धर्म विद्या प्राप्त करना,
सैनिक का धर्म देश की रक्षा करना आदि।
जिस मानव का जो कर्तव्य है
उसे वह कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए।

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने
वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।

जो मुझे सब जगह देखता है
और सब कुछ मुझमें देकता है
उसके लिए न तो मैं कभी अदृश्य होता हूँ
और न वह मेरे लिए अदृश्य होता है।

मैं भूतकाल, वर्तमान और
भविष्य काल के सभी जीवों को जानता हूं,
लेकिन वास्तविकता में मुझे कोई नही जानता है।

हे अर्जुन ! क्रोध से भ्रम पैदा होता है,
भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है,
तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है
तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

मैं हर जीव के ह्रदय में परमात्मा स्वरुप स्थित हूँ।
जैसे ही कोई किसी देवता की पूजा करने की इच्छा करता है,
मैं उसकी श्रद्धा को स्थिर करता हूँ,
जिससे वह उसी विशेष देवता की भक्ति कर सके।

मै धरती की मुधुर सुगंध हूँ , मै अग्रि की ऊष्मा हूँ ,
सभी जीवित प्राणियो का जीवन
और सन्यासियो का आत्मसंयम भी मै ही हूँ ।

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया,
मन से मिटा दो,
फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

जो महापुरुष मन की सब इच्छाओं को त्याग देता है
और अपने आप ही में प्रसन रहता है,
उसको निश्छल बुद्धि कहते है।

जो मन को नियंत्रित नही करते उनके लिए
वह शत्रु के समान कार्य करता है ।

Read Also: भगवत गीता के उपदेश

bhagavad gita quotes hindi

श्रेष्ठ पुरुष को सदैव अपने पद और गरिमा के
अनुरूप कार्य करने चाहिए। क्योंकि श्रेष्ठ पुरुष
जैसा व्यवहार करेंगे, तो इन्हीं आदर्शों के अनुरूप
सामान्य पुरुष भी वैसा ही व्यवहार करेंगे।

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए
प्रसन्नता न इस लोक में है और न ही परलोक में।

जो विद्वान् होते है, वो न तो जीवन के
लिए और न ही मृत के लिए शोक करते है।

ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और
कर्म को एक रूप मे देखता है ,
वही सही मायने मे देखता है ।

जो मनुष्य जिस प्रकार से ईश्वर का स्मरण करता है
उसी के अनुसार ईश्वर उसे फल देते हैं।
कंस ने श्रीकृष्ण को सदैव मृत्यु के लिए स्मरण किया
तो श्रीकृष्ण ने भी कंस को मृत्यु प्रदान की।
अतः परमात्मा को उसी रूप में स्मरण करना चाहिए
जिस रूप में मानव उन्हें पाना चाहता है।

जो लोग मन को नियंत्रित नही करते है,
उनके लिए वह शत्रु के समान काम करता है।

हे अर्जुन! जो जीवन के मूल्य को जानता हो।
इससे उच्चलोक की नहीं
अपितु अपयश प्राप्ति होती है।

वह जो वास्तविकता मे मेरे उत्कृष्ट जन्म और
गतिविधियो को समझता है ,
वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नही लेता
और मेरे धाम को प्राप्त होता है ।

जीवन ना तो भविष्य में है ना अतीत में,
जीवन तो इस क्षण में है।

इतिहास कहता है कि कल सुख था ,
विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा लेकिन धर्म कहता है…
कि अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा ।

नरक के तीन द्वार होते है,
वासना, क्रोध और लालच।

खुद को जीवन के योग्य बनाना ही
सफलता और सुख का एक मात्र मार्ग है।

पृथ्वी मे जिस प्रकार मौसम मे परिवर्तन
आता है उसी प्रकार जीवन मे भी सुख –
दुख आता जाता रहता है ।

quotes from bhagavad gita in hindi

हे अर्जुन ! हम दोनों ने कई जन्म लिए है,
मुझे याद है लेकिन तुम्हें नही।

जिस प्रकार मनुष्य पुराने कपड़ो को त्याग कर
नये कपड़े धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा
पुराने तथा व्यर्थ के शरीरों को त्याग
कर नया भौतिक शरीर धारण करता है।

बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के
लिए बिना आशक्ति के काम करने चाहिए ।

हे अर्जुन ! जो कोई भी व्यक्ति जिस किसी भी
देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है,
में उस व्यक्ति का विश्वास उसी देवता में दृढ़ कर देता हूं।

हे अर्जुन! तुम्हारे तथा मेरे अनेक जन्म हो चुके है।
मुझे तो वो सब जन्म याद है लेकिन तुम्हे नहीं।

मेरे लिए न कोई घृणित है ना प्रिय किन्तु जो
व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते है ,
वो मेरे साथ है और मै भी उनके साथ हूँ ।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

हे अर्जुन ! मन अशांत है और इसे
नियंत्रित करना कठिन है,
लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।

जो कर्म को फल के लिए करता है,
वास्तव में ना उसे फल मिलता है,
ना ही वो कर्म है।

केवल भाग्यशाली योद्धा ही ऐसा युद्ध
लड़ने का अवसर पाते है
जो स्वर्ग के द्वार के समान है ।

वह व्यक्ति जो सभी इच्छाएं त्याग देता है
और ‘में’ और ‘मेरा’ की लालसा और
भावना से मुक्त हो जाता है,
उसे अपार शांति की प्राप्ति होती है।

फल की लालसा छोड़कर कर्म करने
वाला पुरुष ही अपने जीवन
को सफल बनाता है।

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बीते कल और आने वाले कल की चिंता नही
करनी चाहिए क्योकि जो होना है
वही होगा जो होता है अच्छा ही होता है
इसलिए वर्तमान का आनन्द लो ।

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है,
उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

जो मनुष्य कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखता है,
वह सभी मनुष्यों में बुद्धिमान है
और सब प्रकार के कर्मों में प्रवृत्त
रहकर भी दिव्य स्थिति में रहता है।

प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के
किसी और पर निर्भर नही रहता है ।

इतिहास कहता है कि कल सुख था,
विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा,
लेकिन धर्म कहता है, अगर मन सच्चा और
दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा।

गुरु दीक्षा बिना प्राणी के
सब कर्म निष्फल होते है।

मै भूत , वर्तमान और भविष्य के सभी
प्राणियो को जानता हूँ किन्तु वास्तविकता
मे कोई मुझे नही जानता ।

जो होने वाला है वो होकर ही रहता है,
और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता,
ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है,
उन्हें चिंता कभी नही सताती है।

अपने अपने कर्म के गुणों का पालन
करते हुए प्रत्येक व्यक्ति सिद्ध हो सकता है।

मेरा – तेरा , छोटा – बड़ा , अपना – पराया ,
मन से मिटा दो , फिर सब तुम्हारा है , तुम सबके हो ।

समय से पहले और भाग्य से
अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है।

यज्ञ, दान और तपस्या के कर्मों को
कभी त्यागना नहीं चाहिए,
उन्हें हमेशा सम्पत्र करना चाहिए।

व्यक्ति जो चाहे बन सकता है
यदि विश्वास के साथ इच्छित वस्तु
पर लगातार चिन्तन करे ।

जो व्यवहार आपको दूसरों से पसंद ना हो,
ऐसा व्यवहार आप दूसरों के साथ भी ना करें।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

Read Also: भगवत गीता के प्रसिद्ध श्लोक हिंदी अर्थ सहित

हे अर्जुन! जो बुद्धि धर्म तथा अधर्म,
करणीय तथा अकरणीय कर्म में भेद
नहीं कर पाती, वह राजा के योग्य है।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

कर्म का फल व्यक्ति को उसी तरह ढूंढ लेता है ,
जैसे कोई बछड़ा सैकड़ो गायो के
बीच अपनी मां को ढूंढ लेता है ।

जब जब इस धरती पर पाप,
अहंकार और अधर्म बढ़ेगा,
तो उसका विनाश कर पुन: धर्म की
स्थापना करने हेतु,
में अवश्य अवतार लेता रहूंगा।

जो पुरुष न तो कर्मफल की इच्छा करता है,
और न कर्मफलों से घृणा करता है,
वह संन्यासी जाना जाता है।

बुरे कर्म करने नही पड़ते है हो जाते है
और अच्छे कर्म होते नही करने पड़ते है ।

हे अर्जुन ! में भूतकाल, वर्तमान और
भविष्यकाल के सभी जीवों को जानता हूं,
लेकिन वास्तविकता में कोई मुझे नही जानता है।

जो मनुष्य अपने कर्मफल प्रति निश्चिंत है
और जो अपने कर्तव्य का पालन करता है,
वहीं असली योगी है।

जिस मनुष्य के पास सत्वगुणी संपत्ति है ,
उसे मै मोक्ष ओर सुख अवश्य प्रदान करता हुँ !!!

bhagavad gita best quotes in hindi

केवल व्यक्ति का मन ही
किसी का मित्र और शत्रु होता है।

मनुष्य जो चाहे बन सकता है,
अगर वह विश्वास के साथ इच्छित
वस्तु पर लगातार चिंतन करें तो।

क्रोध से भ्रम पैदा होता है , भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है ,
जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है !
जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है ।

वह व्यक्ति जो अपनी मृत्यु के समय मुझे याद
करते हुए अपना शरीर त्यागता है,
वह मेरे धाम को प्राप्त होता है
और इसमें कोई शंशय नही है।

ज्ञान व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक
रूप मे देखता है वही सही मायने मे देखता है ।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल
आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए
लोग क्या कहते है इस पर ध्यान मत दो,
तुम अपना काम करते रहो।

याद रखना अगर बुरे लोग सिर्फ समझाने से
समझ जाते तो बांसुरी बजाने वाला
कभी महाभारत होने नही देता ।

मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना लोभ- लालच
और निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर
अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

गीता के अनमोल वचन इन हिंदी

जिसने मन को जीत लिया है उसके लिए मन
सबसे अच्छा मित्र है, लेकिन जो ऐसा नहीं
कर पाया उसके लिए
मन सबसे बड़ा दुश्मन बना रहेगा।

जिन्दगी मे दो लोगो का होना बहुत जरूरी है …
एक कृष्ण जो ना लड़े फिर भी जीत पक्की कर दे ,
दूसरा कर्ण जो हार सामने हो फिर भी साथ ना छोड़े ।

मानव कल्याण ही भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है,
इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते
समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देना चाहिए।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

मैं ही लक्ष्य, पालनकर्ता, स्वामी, साक्षी, धाम,
शरणस्थली तथा अत्यंत प्रिय मित्र हूँ।
मैं सृष्टि तथा ब्रह्माण्ड, सबका आधार,
आश्रय तथा अविनाशी बीज भी हूँ।

यह सृष्टि ईश्वरीय नियमो के अनुसार चल रही है
और इसके चक्र को रोकने मे मनुष्य असमर्थ है ।

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए
और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा
जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

जब भी और जहाँ भी अधर्म बढ़ेगा।
तब मैं धर्म की स्थापना हेतु,
अवतार लेता रहूँगा।

क्रोध से पूरा भ्रम पैदा होता है , और भ्रम से चेतना मे घबराहट ।
अगर चेतना ही घबराया हुआ है तो बुद्धि तो घटेगी ही
और जब बुद्धि मे कमी आएगी तो एक के
बाद एक गहरे खाई मे जीवन डूबती नजर आएगी ।

परिवर्तन ही संसार का नियम है,
एक पल में हम करोड़ों के मालिक हो जाते है
और दुसरे पल ही हमें लगता लगता है
की हमारे आप कुछ भी नही है।

भक्तों का उद्धार करने, दुष्टों का विनाश करने
तथा धर्म की फिर से स्थापना करने के
लिए मैं हर युग में प्रकट होता हूँ।

Read Also: भगवत गीता किसने लिखी और इसमें क्या लिखा गया है?

bhagwat geeta quotes in hindi

कर्मो से डरिये ईश्वर से नही …
ईश्वर माफ कर देता है कर्म नही ।

अपने आपको भगवान के प्रति समर्पित कर दो,
यही सबसे बड़ा सहारा है, जो कोई भी इस
सहारे को पहचान गया है वह डर,
चिंता और दुखो से आजाद रहता है।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

जो लोग निरंतर भाव से मेरी पूजा करते है,
उनकी जो आवश्यकताएँ होती है,
उन्हें मैं पूरा करता हूँ और जो कुछ
उनके पास है, उसकी रक्षा करता हूँ।

फल की अभिलाषा छोड़कर कम करने
वाला पुरूष ही अपने
जीवन को सफल बनाता है ।

न तो यह शरीर तुम्हारा है
और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो,
यह शरीर 5 तत्वों से बना है – आग, जल, वायु,
पृथ्वी और आकाश, एक दिन यह शरीर इन्ही 5
तत्वों में विलीन हो जाएगा।

हे अर्जुन! मैं वह काम हूँ,
जो धर्म के विरुद्ध नहीं है।

शस्त्र इस आत्मा को काट नही सकते ,
अग्नि इसको जला नही सकती ,
जल इसको गीला नही कर सकता
और वायु इसे सुखा नही सकती ।

कोई भी इंसान जन्म से नहीं
बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।

हे अर्जुन! जो मेरे आविर्भाव के सत्य को समझ लेता है,
वह इस शरीर को छोड़ने पर इस भौतिक संसार
में पुनर्जन्म नहीं लेता, अपितु मेरे धाम को प्राप्त होता है।

श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन

शरीर जल से पवित्र होता है , मन सत्य से ,
बुद्धिग्यान से , और आत्मा धर्म से…

जब इंसान अपने काम
में आनंद खोज लेते हैं
तब वे पूर्णता प्राप्त करते है।

हे पार्थ! जिस भाव से सारे लोग मेरी
शरण ग्रहण करते है,
उसी के अनुरूप मैं उन्हें फल देता हूँ।

लोग आपके अपमान के बारे मे हमेशा बात करेंगे ,
सम्मानित व्यक्ति के लिए ,
अपमान मृत्यु से भी बदतर है ।

तुम क्यों व्यर्थ में चिंता करते हो ? तुम क्यों भयभीत होते हो ?
कौन तुम्हे मार सकता है ? आत्मा न कभी जन्म लेती है
और न ही इसे कोई मार सकता है,
ये ही जीवन का अंतिम सत्य है।

हे अर्जुन! धन और स्त्री सब नाश रूप है।
मेरी भक्ति का नाश नहीं है।

“ अपने अनिवार्य काम करो ,
क्योकि वास्तव मे कार्म करना
निष्क्रया से बेहतर है । ”

मन की गतिविधियों, होश, श्वास,
और भावनाओं के माध्यम से
भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है।

निर्बलता अवश्य ईश्वर देता है
किन्तु मर्यादा मनुष्य का मन ही
निर्मित करता है।

वासना पुन जन्म का कारण बनती है ,
इंद्रियो के अधीन होने से मनुष्य के
जीवन मे विकार आता है ।

हे अर्जुन! प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर,
पत्थर, और सोना सभी समान है।

डर धारण करने से भविष्य के
दुख का निवारण नहीं होता है।
डर केवल आने वाले दुख की कल्पना ही है।

आनन्द अपने अंदर ही निवास करता है
परन्तु मनुष्य उसे स्त्री मे ,घर मे ,
या बाहर के सुखो मे खोज रहा है ।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

हे अर्जुन, बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण
के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।

हे कुन्तीपुत्र! मैं जल का स्वाद हूँ,
सूर्य तथा चन्द्रमा का प्रकाश हूँ,
वैदिक मन्त्रों में ओंकार हूँ,
आकाश में ध्वनि हूँ तथा मनुष्य में सामर्थ्य हूँ।

मनुष्य अपने विचारो से ऊचाईयाँ भी हो सकता है
और खुद को गिरा भी सकता है क्योकि हर
व्यक्ति खुद का मित्र भी होता है और शत्रु भी ।

अनेक जन्म के बाद जिसे सचमुच ज्ञान होता है,
वह मुझको समस्त कारणों का कारण जानकर
मेरी शरण में आता है। ऐसा महात्मा अत्यंत दुर्लभ होता है।

जहाँ विश्वास है वहाँ भी कृष्ण के दस्तखत है…
आखिर गीता पर भी कहाँ श्री कृष्ण के दस्तखत है…

हे अर्जुन! श्रीभगवान होने के नाते मैं जो कुछ
भूतकाल में घटित हो चुका है, जो वर्तमान में घटित हो रहा है
और जो आगे होने वाला है, वह सब कुछ जानता हूँ।
मैं समस्त जीवों को भी जानता हूँ, किन्तु मुझे कोई नहीं जानता।

भगवद गीता कोट्स इन हिंदी

जो व्यक्ति निरन्तर और अविचलित भाव से
भगवान के रूप में मेरा स्मरण करता है।
वह मुझको अवश्य ही पा लेता है।

तुम जान लो कि मेरी शक्ति द्वारा सारे गुण प्रकट होते है ,
चाहे वे सतोगुण हो , एक प्रकार से मै सब कुछ हूँ ,
किन्तु हूँ स्वतन्त्र , मै प्रकृति के गुणो के
अधीन नही हूँ अपितु वे मेरे अधीन है ।

जो लोग ह्रदय को नियंत्रित नही करते है,
उनके लिए वह शत्रु के समान काम करता है।

वह जो इस ज्ञान मे विश्वास नही रखते ,
मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु
के चक्र का अनुगमन करते है ।

जो सब प्राणियों के दुख-सुख को अपने दुख-सुख के
समान समझता है और सबको समभाव
से देखता है, वही श्रेष्ठ योगी है।

हे अर्जुन! क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है, तब तर्क नष्ट हो जाता है,
जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

प्रत्येक बुद्धिमान व्यक्ति को क्रोध और
लोभ त्याग देना चाहिए क्योंकि
इससे आत्मा का पतन होता है।

“ श्रेष्ठ पुरूष को सदैव अपने पद और गरिमा के अनुसार
कार्य करने चाहिए , क्योकि श्रेष्ठ पुरूष जैसा व्यवहार करेंगे ,
तो इन्ही आदर्शो के अनुरूप सामान्य पुरूष
भी वैसा ही व्यवहार करेंगे । ”

जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है
और मृत्यु के पश्चात् पुनर्जन्म भी निश्चित है।

ऐसा कुछ भी नही , चेतन या अचेतन ,
जो मेरे बिना अस्तित्व मे रह सकता हो ।

जो लोग भक्ति में श्रद्धा नहीं रखते,
वे मुझे पा नहीं सकते।
अतः वे इस दुनिया में जन्म-मृत्यु के
रास्ते पर वापस आते रहते हैं।

मै सभी प्राणियो के
हृदय मे विद्यमान हूँ

गीता के अनमोल विचार

स्वर्ग प्राप्त करने और वहाँ कई वर्षो तक वास
करने के पश्चात एक असफल योगी का पुनः
एक पवित्र और समृद्ध कुटुम्ब मे जन्म होता है ।

जब – जब इस धरती पर पाप , अहंकार
और अधर्म बढ़ेगा तो उसका विनाश कर पुनः
धर्म की स्थापना करने हेतु
मै अवश्य अवतार लेता रहूँगा ।

वह जो सभी इच्छाऐ त्याग देता है ,
उसे शान्ति प्राप्त होती है ।

मै ऊष्मा देता हूँ ,
मै वर्षा करता हूँ और रोकता भी हूँ ,
मै अमरत्व भी हूँ और मृत्यु भी ।

जब आप अपने कार्य मे आनन्द खोज लेते है
तब वे पूर्णता के साथ किसी और के जीवन की
नकल कर जीने की तुलना मे अपने आप को
पहचानकर अपूर्ण रूप से जीना बेहतर है ।

इस जीवन मे ना कुछ खोता है ,
ना व्यर्थ होता है ।

दैवीय सम्प्रदा से युक्त पुरूष मे भय का सर्वथा
आभाव और सबके प्रति का भाव होता है ।

आत्म ज्ञान की तलवार से काटकर अपने हृदय के
अज्ञान के संदेह अलग कर दो ,
अनुशासित रहो , उठो और कार्य करो ।

सभी काम छोड़कर बस भगवान मे पूर्ण रूप
से समर्पित हो जाओ ,
मै तुम्हे सभी पापो से मुक्त कर दूंगा ।

जानने की शक्ति , झूठ को सच से प्रथक
करने वाली जो विवेक बुद्धि है ,
उसी का नाम ज्ञान है ।

वासना , क्रोध और लालच
नरक के तीन दरवाजे है ।

हमारी गलती अंतिम वास्तविकता के लिए यह ले जा रहा है ,
जैसे सपने देखने वाला यह सोचता है की उसके
सपने के अलावा और कुछ भी सत्य नही है ।

जीवन मे कभी गुस्सा या क्रोध ना करे
यह आपके जीवन के ध्वंस कर देगा ।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

मै समय हूँ – सबका नाशक मै आया हूँ
दुनिया को उपयोग करने के लिए ।

इन्द्रियो की दुनिया मे कल्पना सुखो की प्रथम
शुरूवात है और अन्त भी जो दुख को जन्म देता है ।

बुद्धिमान को अपनी चेतना को एकजुट
करना चाहिए और फल के लिए
इच्छा छोड़ देना चाहिए ।

अपने कर्तव्य का पालन करना ही प्रकती
द्वारा निर्धारित किया हुआ हो ,
वह कोई पास नही है ।

संयम , सदाचार , स्नेह एंव सेवा ये
गुण सत्संग के बिना नही आते…

परिवर्तन संसार का नियम है समय के साथ
संसार मे हर चीज परिवर्तन के
नियम का पालन करती है ।

जवानी मे जिसने ज्यादा पाप किये है
उन्हे बुढ़ापे मे नींद नही आती ।

निर्णय लेते समय ना ज्यादा
खुश हो ना ज्यादा दुखी हो ,
ये दोनो परिस्थितियाँ आपको
सही निर्णय लेने नही देती ।

मै उन्हे ज्ञान देता हूँ जो सदा मुझसे जुड़े
रहते है और जो मुझसे प्रेम करते है ।

हर व्यक्ति का विश्वास उसकी
प्रकृति के अनुसार होता है ।

निर्माण केवल पहले से
मौजूद चीजो का प्रक्षेपण है ।

हम उम्मीद करते हैं कि यह श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन (bhagavad gita quotes in hindi) पसंद आये होंगे, इन्हें आगे शेयर जरुर करें।

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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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