Bhagavad Gita Quotes in Hindi: गीता हिंदू धर्म के लोगों के लिए धार्मिक ग्रन्थ है। गीता महाभारत का ही एक हिस्सा है, जिसमें 18 अध्याय और 700 श्लोकों का संग्रह है।
गीता में कुरुक्षेत्र में हुए भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुए संवाद का वर्णन है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिए थे, वो उपदेश हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। गीता में जीवन की हर समस्या के हल का वर्णन मिलता है।
यहां पर हम श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन (bhagavad gita quotes in hindi) शेयर कर रहे हैं, जिन्हें आप सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।
भगवत गीता के अनमोल वचन |Bhagavad Gita Quotes in Hindi
न जायते म्रियते वा कदाचिन्ना,
यं भूत्वा भविता वा न भूयः।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो,
न हन्यते हन्यमाने शरीरे।।
जिसने मन को जीत लिया है,
उसने पहले ही परमात्मा को प्राप्त कर लिया है,
क्योंकि उसने शान्ति प्राप्त कर ली है।
ऐसे मनुष्य के लिए सुख-दुख,
सर्दी-गर्मी और मान-अपमान एक से है।
आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते और न
अग्नि इसे जला सकती है जल इसे गीला
नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती।
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हे अर्जुन ! तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे
जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया,
तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया,
जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा,
क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।
जब तुम्हारा बुद्धि विभिन्न प्रकार के वचनो को
सुनकर विचलित न हो तथा नित्य परमात्मा मे
स्थिर हो जायेगी, तभी तुम्हे योग की प्राप्ति होगी।
जन्म लेने वाले की मृत्यु निश्चित है
और मरने वाले का जन्म निश्चित है
इसलिए जो अटल है अपरिहार्य है
उसके विषय में तुमको शोक नहीं करना चाहिये।
ईश्वर, ब्राह्मणों, गुरु, माता-पिता जैसे गुरुजनों
की पूजा करना तथा पवित्रता, सरलता,
ब्रह्मचर्य और अहिंसा ही शारीरिक तपस्या है।
क्रोध से भम्र पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट होता है
तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
जो खाने, सोने, आमोद-प्रमोद तथा काम करने की
आदतों में नियमित रहता है।
वह योगाभ्यास द्वारा समस्त भौतिक
क्लेशों को नष्ट कर सकता है।
जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है,
जितना कि मरने वाले के लिए जन्म लेना।
इसलिए जो अपरिहार्य है,
उस पर शोक नही करना चाहिए।
जो हुआ वह अच्छे के लिए हुआ है,
जो हो रहा है वह भी अच्छे के लिए ही हो रहा है
और जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।
मनुष्य का मन इन्द्रियों के चक्रव्यूह के कारण भ्रमित रहता है।
जो वासना, लालच, आलस्य जैसी बुरी आदतों से
ग्रसित हो जाता है। इसलिए मनुष्य का
अपने मन एवं आत्मा पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए।
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मैं सभी प्राणियों को एकसमान रूप से देखता हूं,
मेरे लिए ना कोई कम प्रिय है ना ही ज्यादा,
लेकिन जो मनुष्य मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते है,
वो मेरे भीतर रहते है और में उनके जीवन में आता हूं।
हे अर्जुन! जो बहुत खाता है या कम खाता है,
जो ज्यादा सोता है या कम सोता है,
वह कभी भी योगी नहीं बन सकता।
मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए।
जैसे – विद्यार्थी का धर्म विद्या प्राप्त करना,
सैनिक का धर्म देश की रक्षा करना आदि।
जिस मानव का जो कर्तव्य है
उसे वह कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए।
जो मुझे सब जगह देखता है
और सब कुछ मुझमें देकता है
उसके लिए न तो मैं कभी अदृश्य होता हूँ
और न वह मेरे लिए अदृश्य होता है।
मैं भूतकाल, वर्तमान और
भविष्य काल के सभी जीवों को जानता हूं,
लेकिन वास्तविकता में मुझे कोई नही जानता है।
हे अर्जुन ! क्रोध से भ्रम पैदा होता है,
भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है,
तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है
तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
मैं हर जीव के ह्रदय में परमात्मा स्वरुप स्थित हूँ।
जैसे ही कोई किसी देवता की पूजा करने की इच्छा करता है,
मैं उसकी श्रद्धा को स्थिर करता हूँ,
जिससे वह उसी विशेष देवता की भक्ति कर सके।
मै धरती की मुधुर सुगंध हूँ , मै अग्रि की ऊष्मा हूँ ,
सभी जीवित प्राणियो का जीवन
और सन्यासियो का आत्मसंयम भी मै ही हूँ ।
जो महापुरुष मन की सब इच्छाओं को त्याग देता है
और अपने आप ही में प्रसन रहता है,
उसको निश्छल बुद्धि कहते है।
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श्रेष्ठ पुरुष को सदैव अपने पद और गरिमा के
अनुरूप कार्य करने चाहिए। क्योंकि श्रेष्ठ पुरुष
जैसा व्यवहार करेंगे, तो इन्हीं आदर्शों के अनुरूप
सामान्य पुरुष भी वैसा ही व्यवहार करेंगे।
जो मनुष्य जिस प्रकार से ईश्वर का स्मरण करता है
उसी के अनुसार ईश्वर उसे फल देते हैं।
कंस ने श्रीकृष्ण को सदैव मृत्यु के लिए स्मरण किया
तो श्रीकृष्ण ने भी कंस को मृत्यु प्रदान की।
अतः परमात्मा को उसी रूप में स्मरण करना चाहिए
जिस रूप में मानव उन्हें पाना चाहता है।
वह जो वास्तविकता मे मेरे उत्कृष्ट जन्म और
गतिविधियो को समझता है ,
वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नही लेता
और मेरे धाम को प्राप्त होता है ।
इतिहास कहता है कि कल सुख था ,
विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा लेकिन धर्म कहता है…
कि अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा ।
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जिस प्रकार मनुष्य पुराने कपड़ो को त्याग कर
नये कपड़े धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा
पुराने तथा व्यर्थ के शरीरों को त्याग
कर नया भौतिक शरीर धारण करता है।
हे अर्जुन ! जो कोई भी व्यक्ति जिस किसी भी
देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है,
में उस व्यक्ति का विश्वास उसी देवता में दृढ़ कर देता हूं।
मेरे लिए न कोई घृणित है ना प्रिय किन्तु जो
व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते है ,
वो मेरे साथ है और मै भी उनके साथ हूँ ।
Bhagavad Gita Quotes in Hindi
वह व्यक्ति जो सभी इच्छाएं त्याग देता है
और ‘में’ और ‘मेरा’ की लालसा और
भावना से मुक्त हो जाता है,
उसे अपार शांति की प्राप्ति होती है।
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बीते कल और आने वाले कल की चिंता नही
करनी चाहिए क्योकि जो होना है
वही होगा जो होता है अच्छा ही होता है
इसलिए वर्तमान का आनन्द लो ।
जो मनुष्य कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखता है,
वह सभी मनुष्यों में बुद्धिमान है
और सब प्रकार के कर्मों में प्रवृत्त
रहकर भी दिव्य स्थिति में रहता है।
इतिहास कहता है कि कल सुख था,
विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा,
लेकिन धर्म कहता है, अगर मन सच्चा और
दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा।
जो होने वाला है वो होकर ही रहता है,
और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता,
ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है,
उन्हें चिंता कभी नही सताती है।
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Bhagavad Gita Quotes in Hindi
कर्म का फल व्यक्ति को उसी तरह ढूंढ लेता है ,
जैसे कोई बछड़ा सैकड़ो गायो के
बीच अपनी मां को ढूंढ लेता है ।
जब जब इस धरती पर पाप,
अहंकार और अधर्म बढ़ेगा,
तो उसका विनाश कर पुन: धर्म की
स्थापना करने हेतु,
में अवश्य अवतार लेता रहूंगा।
हे अर्जुन ! में भूतकाल, वर्तमान और
भविष्यकाल के सभी जीवों को जानता हूं,
लेकिन वास्तविकता में कोई मुझे नही जानता है।
bhagavad gita best quotes in hindi
क्रोध से भ्रम पैदा होता है , भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है ,
जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है !
जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है ।
वह व्यक्ति जो अपनी मृत्यु के समय मुझे याद
करते हुए अपना शरीर त्यागता है,
वह मेरे धाम को प्राप्त होता है
और इसमें कोई शंशय नही है।
अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल
आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए
लोग क्या कहते है इस पर ध्यान मत दो,
तुम अपना काम करते रहो।
मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना लोभ- लालच
और निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर
अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
गीता के अनमोल वचन इन हिंदी
जिसने मन को जीत लिया है उसके लिए मन
सबसे अच्छा मित्र है, लेकिन जो ऐसा नहीं
कर पाया उसके लिए
मन सबसे बड़ा दुश्मन बना रहेगा।
जिन्दगी मे दो लोगो का होना बहुत जरूरी है …
एक कृष्ण जो ना लड़े फिर भी जीत पक्की कर दे ,
दूसरा कर्ण जो हार सामने हो फिर भी साथ ना छोड़े ।
मानव कल्याण ही भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है,
इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते
समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देना चाहिए।
मैं ही लक्ष्य, पालनकर्ता, स्वामी, साक्षी, धाम,
शरणस्थली तथा अत्यंत प्रिय मित्र हूँ।
मैं सृष्टि तथा ब्रह्माण्ड, सबका आधार,
आश्रय तथा अविनाशी बीज भी हूँ।
मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए
और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा
जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।
क्रोध से पूरा भ्रम पैदा होता है , और भ्रम से चेतना मे घबराहट ।
अगर चेतना ही घबराया हुआ है तो बुद्धि तो घटेगी ही
और जब बुद्धि मे कमी आएगी तो एक के
बाद एक गहरे खाई मे जीवन डूबती नजर आएगी ।
परिवर्तन ही संसार का नियम है,
एक पल में हम करोड़ों के मालिक हो जाते है
और दुसरे पल ही हमें लगता लगता है
की हमारे आप कुछ भी नही है।
भक्तों का उद्धार करने, दुष्टों का विनाश करने
तथा धर्म की फिर से स्थापना करने के
लिए मैं हर युग में प्रकट होता हूँ।
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bhagwat geeta quotes in hindi
अपने आपको भगवान के प्रति समर्पित कर दो,
यही सबसे बड़ा सहारा है, जो कोई भी इस
सहारे को पहचान गया है वह डर,
चिंता और दुखो से आजाद रहता है।
जो लोग निरंतर भाव से मेरी पूजा करते है,
उनकी जो आवश्यकताएँ होती है,
उन्हें मैं पूरा करता हूँ और जो कुछ
उनके पास है, उसकी रक्षा करता हूँ।
न तो यह शरीर तुम्हारा है
और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो,
यह शरीर 5 तत्वों से बना है – आग, जल, वायु,
पृथ्वी और आकाश, एक दिन यह शरीर इन्ही 5
तत्वों में विलीन हो जाएगा।
शस्त्र इस आत्मा को काट नही सकते ,
अग्नि इसको जला नही सकती ,
जल इसको गीला नही कर सकता
और वायु इसे सुखा नही सकती ।
हे अर्जुन! जो मेरे आविर्भाव के सत्य को समझ लेता है,
वह इस शरीर को छोड़ने पर इस भौतिक संसार
में पुनर्जन्म नहीं लेता, अपितु मेरे धाम को प्राप्त होता है।
श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन
तुम क्यों व्यर्थ में चिंता करते हो ? तुम क्यों भयभीत होते हो ?
कौन तुम्हे मार सकता है ? आत्मा न कभी जन्म लेती है
और न ही इसे कोई मार सकता है,
ये ही जीवन का अंतिम सत्य है।
Bhagavad Gita Quotes in Hindi
हे कुन्तीपुत्र! मैं जल का स्वाद हूँ,
सूर्य तथा चन्द्रमा का प्रकाश हूँ,
वैदिक मन्त्रों में ओंकार हूँ,
आकाश में ध्वनि हूँ तथा मनुष्य में सामर्थ्य हूँ।
मनुष्य अपने विचारो से ऊचाईयाँ भी हो सकता है
और खुद को गिरा भी सकता है क्योकि हर
व्यक्ति खुद का मित्र भी होता है और शत्रु भी ।
अनेक जन्म के बाद जिसे सचमुच ज्ञान होता है,
वह मुझको समस्त कारणों का कारण जानकर
मेरी शरण में आता है। ऐसा महात्मा अत्यंत दुर्लभ होता है।
हे अर्जुन! श्रीभगवान होने के नाते मैं जो कुछ
भूतकाल में घटित हो चुका है, जो वर्तमान में घटित हो रहा है
और जो आगे होने वाला है, वह सब कुछ जानता हूँ।
मैं समस्त जीवों को भी जानता हूँ, किन्तु मुझे कोई नहीं जानता।
भगवद गीता कोट्स इन हिंदी
जो व्यक्ति निरन्तर और अविचलित भाव से
भगवान के रूप में मेरा स्मरण करता है।
वह मुझको अवश्य ही पा लेता है।
तुम जान लो कि मेरी शक्ति द्वारा सारे गुण प्रकट होते है ,
चाहे वे सतोगुण हो , एक प्रकार से मै सब कुछ हूँ ,
किन्तु हूँ स्वतन्त्र , मै प्रकृति के गुणो के
अधीन नही हूँ अपितु वे मेरे अधीन है ।
वह जो इस ज्ञान मे विश्वास नही रखते ,
मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु
के चक्र का अनुगमन करते है ।
जो सब प्राणियों के दुख-सुख को अपने दुख-सुख के
समान समझता है और सबको समभाव
से देखता है, वही श्रेष्ठ योगी है।
हे अर्जुन! क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है, तब तर्क नष्ट हो जाता है,
जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
“ श्रेष्ठ पुरूष को सदैव अपने पद और गरिमा के अनुसार
कार्य करने चाहिए , क्योकि श्रेष्ठ पुरूष जैसा व्यवहार करेंगे ,
तो इन्ही आदर्शो के अनुरूप सामान्य पुरूष
भी वैसा ही व्यवहार करेंगे । ”
जो लोग भक्ति में श्रद्धा नहीं रखते,
वे मुझे पा नहीं सकते।
अतः वे इस दुनिया में जन्म-मृत्यु के
रास्ते पर वापस आते रहते हैं।
गीता के अनमोल विचार
स्वर्ग प्राप्त करने और वहाँ कई वर्षो तक वास
करने के पश्चात एक असफल योगी का पुनः
एक पवित्र और समृद्ध कुटुम्ब मे जन्म होता है ।
जब – जब इस धरती पर पाप , अहंकार
और अधर्म बढ़ेगा तो उसका विनाश कर पुनः
धर्म की स्थापना करने हेतु
मै अवश्य अवतार लेता रहूँगा ।
जब आप अपने कार्य मे आनन्द खोज लेते है
तब वे पूर्णता के साथ किसी और के जीवन की
नकल कर जीने की तुलना मे अपने आप को
पहचानकर अपूर्ण रूप से जीना बेहतर है ।
आत्म ज्ञान की तलवार से काटकर अपने हृदय के
अज्ञान के संदेह अलग कर दो ,
अनुशासित रहो , उठो और कार्य करो ।
हमारी गलती अंतिम वास्तविकता के लिए यह ले जा रहा है ,
जैसे सपने देखने वाला यह सोचता है की उसके
सपने के अलावा और कुछ भी सत्य नही है ।
Bhagavad Gita Quotes in Hindi
निर्णय लेते समय ना ज्यादा
खुश हो ना ज्यादा दुखी हो ,
ये दोनो परिस्थितियाँ आपको
सही निर्णय लेने नही देती ।
हम उम्मीद करते हैं कि यह श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन (bhagavad gita quotes in hindi) पसंद आये होंगे, इन्हें आगे शेयर जरुर करें।
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