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बास्केटबॉल खेल से संबंधित जानकारी

Basketball Game in Hindi: बास्केटबॉल खेल का आविष्कार 1991 में जेम्स स्मिथ ने अमेरिका में किया था। इसके अंतर्राष्ट्रीय संघ की स्थापना 1932 में फेडरेशन इंटरनेशनल डे बास्केटबॉल एसोसिएशन के नाम से हुआ था।

Basketball Game in Hindi
Image: Basketball Game in Hindi

सन 1930 में भारत में प्रथम बार बास्केटबॉल का खेल खेला गया था। 1950 ईस्वी में बास्केटबॉल के लिए पहला विश्व चैंपियन मैच आयोजित हुआ था। साल 1976 से महिला बास्केटबॉल की शुरुआत हुई थी।

बास्केटबॉल खेल से संबंधित जानकारी | Basketball Game in Hindi

बास्केटबॉल खेल का नियम

  • बास्केटबॉल को एक आयताकार और सपाट सतह पर खेला जाता है। जिसके विपरीत छोर पर बास्केट लगाया जाता है, जो जमीन से 3.05 मीटर की ऊंचाई पर होता है। मैदान का परिमाप 28×15 मीटर होता है।
  • बास्केटबॉल के खेल में 2 टीम होती है और प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं लेकिन एक समय में कोर्ट पर केवल पांच ही खिलाड़ी मौजूद रह सकते हैं।
  • इस खेल में 1 खिलाड़ी को बास्केट में गेंद डालना होता है, वहीँ विपरीत टीम के खिलाड़ी को बास्केट में गेंद को डालने से रोकना होता है। इस तरीके से पहली टीम दूसरे टीम के खिलाड़ियों से बचाते हुए गेंद को बास्केट में डालने का प्रयास करता हैं।
  • खिलाड़ी बास्केट में जितने बार बोल को डालने में सक्षम होता है, उसे शॉट कहा जाता है और प्रत्येक वोट पर उसे 3 अंक दिए जाते हैं है।
  • खेलते वक्त यदि कोई भी खिलाड़ी गेंद को बिना पास किए दो कदम से ज्यादा गेंद को लेकर जाता है तो उसे ट्रैवलिंग फाउल दिया जाता है।
  • बास्केटबॉल में गेंद का कोर्ट के अंदर रहना जरूरी है। यदि गेंद का बाहर जाते हुए कोई खिलाड़ी सीमा से बाहर गेंद को छू लेता है तो गेंद पर से उसका अधिकार छीन लिया जाता है।
  • गेंद को सीमा रेखा से बाहर तब माना जाता है जब गेंद सीमा रेखा से बाहर किसी खिलाड़ी को स्पर्श कर ले या फिर सीमा रेखा को छू ले या उसके पास चली जाए।
  • बास्केटबॉल को खेलने की समय अवधि प्रत्येक टीम को 20 मिनट के लिए होती हैं, जिसमें 10 मिनट का समय उन्हें रेस्ट करने के लिए दिया जाता है।

गेंद से सम्बंधित जानकारी

बास्केटबॉल में  जिस गूंद के जरिए खेला जाता है, उसका वजन लगभग 600 ग्राम से 650 ग्राम के बीच होता है। यह गेंद का बाहरी भाग चमड़े का बना होता है जबकि अंदर का भाग रबड़ का बना होता है।

इस गेंद की परिधि 75 सेंटीमीटर से लेकर 78 सेंटीमीटर के बीच होती हैं। लकड़ी के तल पर 6 फीट की ऊंचाई से गिराने पर गेंद की उछाल 4 फीट और 8 इंच होनी चाहिए, इस तरह इस गेंद में हवा भरी जाती है।

बास्केट से संबंधित जानकारी

बास्केटबॉल में बास्केट का अंदरूनी व्यास 45 सेंटीमीटर होता है, वहीँ उसकी गहराई 40 सेंटीमीटर होती है। यह बास्केट धातु के छल्ले से बांधकर लटकाया जाता है, जो आमतौर पर सफेद या फिर नारंगी रंग का होता है। बास्केट के पीछे एक जोड लगा होता है, जिसका माप 6 गुना 4 फीट होता हैं।

बास्केटबॉल के खेल से जुड़े कुछ शब्दावली

पास देना

बास्केटबॉल को खेलते वक्त जब एक खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी तक गेंद को पहुंचाता है तो इसे पास देना कहा जाता है।

ड्रिबल

बास्केटबॉल के खेल के दौरान आपने देखा होगा कि खिलाड़ी बोल को नीचे रखकर घुटने तथा शरीर के ऊपरी भाग को झुकाते हुए अपने उंगलियों के द्वारा जमीन पर गेंद को उछाल ते हुए आगे की ओर लेकर जाते हैं, इसी को ड्रिबल कहा जाता है।

शॉट लगाना

खेल के दौरान खिलाड़ी के द्वारा गेंद को बास्केट में फेंकने की क्रिया को ही शॉट लगाना कहा जाता है। जब कोई भी खिलाड़ी मैदान के किसी भी हिस्से से शॉट मार कर गेंद को रिंग में डाल देता है तो उसे 3 अंक मिलते हैं।

बॉल को रोकना 

बास्केटबॉल के खेल में गेंद को उचित ढंग से नियंत्रण में रखना या उसे रोकना एक मुख्य तकनीक है।

फ्री थ्रो

बास्केटबॉल में फाउल के दौरान विपक्षी टीम को फ्री थ्रो दिया जाता है, जिसके दौरान एक खिलाड़ थ्रो रेखा के पास में खड़ा होता है। जबकि दूसरी टीम का दो खिलाड़ी बास्केट के पास खड़ा होता है और अन्य खिलाड़ी किसी भी पोजीशन में रह सकते हैं।

इन सबके अतिरिक्त रिंग गार्ड, डेड बॉल, बास्केट हैंगिंग, पॉइंट, सेंटर लाइन, गोल, लीडर पास, बैक बोर्ड, फ्रंट फोर्ट, पिक, फ्री थ्रो लाइन, पिनोट, की होल इत्यादि जैसे अन्य शब्दावली है।

बास्केटबॉल से संबंधित कप एवं ट्राफियां

नेहरू कप, फेडरेशन कप, बंगलुरु ब्लू्यूज चैलेंज कप, यूरोपीयन कप, अमेरिकन कप, एशिया कप, विलियम कोड मेमोरियल ट्रॉफीसर्विसेज ट्रॉफी इत्यादि।

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने आपको बास्केटबॉल से संबंधित जानकारी दी, जिसमें आपने बास्केटबॉल खेल का इतिहास, बास्केटबॉल खेलने के नियम और इससे संबंधित ट्रॉफी और शब्दावली के बारे में जाना है।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।