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अवकलन के सूत्र तथा सीमा एवं सांतत्य की परिभाषा

Avkalan Formula in Hindi: बारहवीं कक्षा के गणित में अवकलन सबसे महत्वपूर्ण विषय है। जब गणित की संख्या, ट्रिग्नोमेट्री, बीजगणित, ज्योमेट्री जैसे सभी विषयों की जानकारी अब को हो जाती है तो इन सभी विषयों का इस्तेमाल कैलकुलस में किया जाता है।

हम यह कह सकते हैं कि कैलकुलस गणित का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, जो ना केवल गणित को बल्कि विज्ञान को भी सरल कर देता है। कैलकुलस दो प्रकार का होता है, उसमें से एक भाग अवकलन का है। आज हम आपको अवकलन के सूत्र तथा सीमा एवं सांतत्य की परिभाषा,सूत्र एवं प्रमेय के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

Avkalan Formula in Hindi
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आपको बता दें कि सबसे पहले आप गणित में अवकलन शब्द का इस्तेमाल 11वीं कक्षा में करेंगे, उसके बाद 12वी और वहां से इस गणितीय भाग का सफर शुरू हो जाएगा। इस सफर में आपको अवकलन का इस्तेमाल, अवकलन का सूत्र, और आगे चलकर ना केवल गणित में बल्कि भौतिक विज्ञान में करने का अवसर मिलेगा।

अगर आपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई को अपना भविष्य चुना तो आपको इस संबंध में अत्यधिक गहन चिंतन करने की आवश्यकता पड़ेगी। इसकी शुरुआती नीव आपको आज इस लेख में अवकलन के सूत्र के जरिए रखने में मदद करेंगे।

अवकलन के सूत्र तथा सीमा एवं सांतत्य की परिभाषा | Avkalan Formula in Hindi

अवकलन क्या है?

अवकलन परिवर्तन के दर की पढ़ाई है अर्थात जब भी किसी चीज में परिवर्तन आता है तो किस दर से आ रहा है, इस चीज को समझने के लिए अवकलन शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। सरल शब्द में जब परिवर्तन के बारे में पता करेंगे कि किसकी तुलना में कितना परिवर्तन हो रहा है और किसकी तुलना में हो रहा हैं ये पता हम लोग अवकलन से लगाते है।

अवकलन गणित का महत्त्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें हम आपको किसी चीज के परिवर्तन के पढ़ाई करवाते हैं और यह न केवल गणित के लिए बल्कि विज्ञान के लिए भी एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

खासतौर पर भौतिक विज्ञान भौतिक विज्ञान और गणित में सर्वप्रथम अवकलन की खोज सर आइज़क न्यूटन ने की थी। इस अध्याय के आने के बाद एक न्यूटन को उनके आविष्कार के लिए काफी सराहा गया क्योंकि काफी बड़े-बड़े हिसाब-किताब आसान हो गए।

अवकलन के सूत्र तथा सीमा एवं सांतत्य की परिभाषा, सूत्र एवं प्रमेय (Avkalan Ke Formula)

अवकलन को अच्छी तरह समझने के लिए और इससे जुड़े प्रश्नों को हल करने के लिए आपको कुछ सूत्र की आवश्यकता होगी। इस वजह से सभी प्रकार के सूत्र को नियमबंद तरीके से दिया गया है, उन्हें ध्यान से पढ़े।

बीजगणित अवकलन के सूत्र

कुछ सूत्र जो बीजगणित से जुड़े हुए हैं, उनके बारे में नीचे विशेष रूप से बताया गया है ताकि जब अवकलन का इस्तेमाल बीजगणित के माध्यम से किया जाए तो आप इन सूत्रों का इस्तेमाल करके उन सवालों को हल कर सके।

  1. (d/dx) (xn ) = nxn-1
  2. (d/dx) (a) = 0, जहाँ a अचार (Constant) है।
  3. (d/dx) (u . v) = u (d/dx) (v) + v (d/dx) (u), गुणन का अवकलन
  4. (d/dx) (u ± v) = (d/dx) (u) ± (d/dx) (v), योगफल और घटाव का अवकलन
  5. (d/dx) (u/v) = [ u (d/dx) (v) + v (d/dx) (u) ] / v2

त्रिकोणमिति अवकलन सूत्र

जब त्रिकोणमितीय अवकलन सूत्र का इस्तेमाल करेंगे तो आप उन सभी प्रश्नों का हल ढूंढ सकते हैं, जिनमें त्रिकोण से जुड़े सवाल पूछे गए हैं।

  • (d/dx) (sin x) = cos x
  • (d/dx) (cos x) = – sin x
  • (d/dx) (tan x) = sec2x
  • (d/dx) (cot x) = − cosec2x
  • (d/dx) (sec x ) = sec x tan x
  • (d/dx) (cosec x) = − cosec x cot x

इनवर्स ट्रिगोनोमेट्री अवकलन फॉर्मूला

यह एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसका इस्तेमाल अवकलन मैं किया जाता है। अगर आपके समक्ष इन फर्स्ट में बैटरी के कुछ सवाल आते हैं तो नीचे दिए गए सूत्र का इस्तेमाल करके आप उन सभी सवालों का हल ढूंढ सकते हैं।

  • (d/dx) (sin-1x) = 1 / (1–√x2)
  • (d/dx) (cos-1x) = − 1 / (1–√x2)
  • (d/dx) (cot-1 x) = −1 / (1–√x2)
  • (d/dx) (tan-1 x) = 1 / (1–√x2)
  • (d/dx) (cosec-1 x) = 1 / |x| √(x2 + 1)
  • (d/dx) (sec-1 x) = − 1 / |x| √(x2 + 1)

अवकलन में इस्तमाल होने वाले कुछ महत्वपूर्ण सूत्र

जैसा की अब आप समझ गए होंगे की अवकलन को उनके सूत्र से हल किया जाता है, इस वजह से इनके सूत्र को पता करना काफी महत्वपूर्ण है। नीचे दिए गए सूत्र को ध्यान से पढ़े और उनका इस्तमाल करें।

  1. Sin(A-B) = Sin A . Cos B − Cos A . Sin B
  2. Cos (A+B) = Cos A . Cos B − Sin A . Sin B
  3. Sin θ = 2 Sin ( θ/2 ) . Cos ( θ/2 )
  4. Cos θ = cos2( θ/2 ) – sin2( θ/2 ) Or 1–2sin2( θ )
  5. tan( 2θ ) = [ 2tan( θ )] / [1−tan2( θ )]
  6. Sin 3θ = 3sin θ – 4sin3 θ
  7. Cos 3θ = 4cos3 θ – 3cos θ
  8. Tan 3θ = [3tan θ – tan3 θ ] / [ 1 – 3tan2 θ ]
  9. sin( 2θ ) = 2sin( θ ) • cos( θ ) = [ 2tan θ / (1+tan2 θ )]
  10. cos( 2θ ) = cos2( θ ) – sin2( θ ) = [ (1- tan2  θ ) / ( 1+tan2 θ )]
  11. cos( 2θ ) = 2cos2( θ )−1 = 1–2sin2( θ )
  12. 2sin A . sin B = cos(A – B) + cos(A + B)
  13. 2cos A . sin B = sin(A + B) – sin(A – B)

FAQ

अवकलन पढ़ने से क्या लाभ है?

अवकलन गणित का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो हमें परिवर्तन के बारे में बताता है। किसी चीज में किस दर से परिवर्तन आ रहा है, इस संबंध में अध्ययन करने को अवकलन कहते हैं।

अवकलन की खोज किसने के थी?

अवकलन की खोज मशहूर वैज्ञानिक सर आइज़क न्यूटन ने की थी।

अवकलन का इस्तेमाल कहां किया जाता है?

अवकलन गणित का एक इतना महत्वपूर्ण अध्याय है कि उसका इस्तेमाल गणित में बीज गणित त्रिकोण मिति जैसे क्षेत्र में किया जाता है। इसके अलावा आप अवकलन का इस्तेमाल भौतिक विज्ञान में भी करते हैं।

निष्कर्ष

हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को अवकलन का सूत्र क्या होता है? से संबंधित विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की हुई है और इतना ही नहीं आज के इस विषय से संबंधित आपको अपनी इस लेख में कंप्लीट जानकारी के बारे में पता चला होगा और आपको हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई। यह जानकारी आसानी से समझ में आई होगी और आपके लिए यह जानकारी काफी यूज़फुल भी रही होगी।

अगर आपको हमारा आज का यह महत्वपूर्ण लेख पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले ताकि अन्य लोगों को भी इस महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में आप के जरिए पता चल सके एवं उन्हें ऐसा ही महत्वपूर्ण को पढ़ने के लिए कहीं और भटकने की बिल्कुल भी आवश्यकता ना हो।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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