Ameen Sayani Biography in Hindi: अपनी जादुई आवाज और अपने अंदाज के कारण रेडियो की दुनिया में राज करने वाले भारत के पहले रेडियो जॉकी अमीन सयानी का 20 फरवरी 2024 को हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया।
रेडियो सीलोन पर अपने बिनाका गीतमाला कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध अमीन सयानी रेडियो की दुनिया में अद्वितीय योगदान दिया है।
इस लेख में हम अमीन सयानी का जीवन परिचय (Ameen Sayani Biography in Hindi) लेकर आए हैं, जिसके जरिए अमित सयानी के प्रारंभिक जीवन से लेकर उनके रेडियो जॉकी बनने तक के सफर के बारे में जानेंगे।
अमीन सयानी का जीवन परिचय (Ameen Sayani Biography in Hindi)
नाम | अमीन सयानी |
पेशा | रेडियो जॉकी |
प्रसिद्ध शो | बिनाका गीत माला |
जन्म और जन्मस्थान | 21 दिसंबर 1932, मुंबई (महाराष्ट्र) |
धर्म | मुस्लिम |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | स्नातक |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी | स्वर्गीय राम मुत्तु |
बेटा | राजिल सयानी |
निधन | 20 फरवरी 2024 |
अमीन सयानी का प्रारंभिक जीवन
अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम जान मोहम्मद सयानी था, जो कि पेशे से एक चिकित्सक थे। वहीं इनकी माता का नाम कुलसुम सयानी था, जो कि एक सामाजिक कार्यकर्ता थी।
उनका एक बड़ा भाई भी था, जिनका नाम हमीद सयानी था। बड़े भाई पूशे से रेडियो जोकी थे। अमित सयानी बचपन से ही बहुत रूमानियत और जोर से भरे रहते थे, उनके बोलने का अंदाज लोगों को बहुत ही आकर्षित करता था।
उसी के बदौलत रेडियो की दुनिया में उन्होंने बड़ा नाम कमाया। अपनी आवाज के जादू से लोगों के दिलों में घर बनाने में सफल हुए।
अमीन सयानी की शिक्षा
अमीन सयानी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिंधिया स्कूल ग्वालियर से की। उसके बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज से उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल।
अमीन सयानी का करियर
अमीन सयानी के बड़े भाई एक रेडियो जॉकी थे। जब वे 8 साल के थे, उसी समय उनके भाई उन्हें ऑल इंडिया रेडियो मुंबई स्टेशन के अंग्रेजी अनुभाग में ले गए।
बाद में यहीं पर अमीन सयानी ने अंग्रेजी कार्यक्रम के लिए रेडियो जॉकी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और 10 सालों तक वह अंग्रेजी कार्यक्रम को प्रस्तुत करते रहे। उसके बाद भारत में ऑल इंडिया रेडियो को लोकप्रिय बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उसके बाद उन्होंने हिंदी में प्रसारण करने का फैसला लिया। उसके लिए रेडियो सीलोन ने उन्हें मौका भी दिया। उन्होंने रेडियो सीलोन पर गीत माला के कार्यक्रम को प्रस्तुत किया।
वह रेडियो शो 1952 में शुरू हुआ था और तकरीबन 42 वर्षों तक रेडियो सीलोन और विविध भारती पर प्रसारित किया गया था।
“बहनों और भाइयों” के साथ भीड़ को संबोधित करने की अमीन सयानी की विनम्र शैली आज भी रेडियो के इतिहास की सबसे मधुर घोषणा मानी जाती है। गीतमाला कार्यक्रम के लिए अमीन सयानी ने पूरे देश से लगभग 9000 प्रशंसा पत्र प्राप्त किए थे।
अमीन सयानी के राष्ट्रीय रेडियो शो
- अमीन सयानी का पहला राष्ट्रीय रेडियो सिबाका गीतमाला था। उसके साथ ही एस कुमार का फिल्मी मुकदमा और फिल्मी मुलाकात उनके प्रसिद्ध रेडियो शो में से एक था, जो लगभग 7 वर्षों तक श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन और विविध भारती पर प्रसारित हुआ था।
- उसके बाद 4 सालों तक अमीन सयानी ने सैरिडों के साथी नाम का आकाशवाणी का पहला प्रायोजित शो को भी प्रस्तुत किया।
- 1975 में अपने गुरु और बड़े भाई हमीद सयानी की मृत्यु के बाद अंग्रेजी में बॉर्नविटा क्विज प्रतियोगिता शो की कमान संभाली।
- अमीन सयानी ने संगीत के सितारों की महफिल नाम का शो जिसमें संगीत करियर के रेखाचित्र, प्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकारों का साक्षात्कार शामिल था। उस शो को तकरीबन 4 वर्षों तक प्रस्तुत किया। यहां तक कि वह शो भारत सहित विदेशों में भी प्रसारित किया जाता था।
- 14 वर्षों तक उन्होंने सितारों की पसंद, महकती बातें और चमकते सितारों जैसे कई शो को प्रस्तुत किया था।
- उसके बाद उन्होंने स्वनाश नाम का रेडियो शो जै एचआईवी और ऐड्स पर आधारित थी, जिसमें प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता और डॉक्टरों का साक्षात्कार लिया जाता था, उस शो को प्रस्तुत किया।
अमीन सयानी का अंतरराष्ट्रीय रेडियो शो
अमीन सयानी रेडियो के क्षेत्र में आवाज के जादूगर कहे जाते थे। वे ना केवल राष्ट्रीय बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय रेडियो शो को भी प्रस्तुत किए थे, जिसमें फिल्म स्टार साक्षात्कारों के लघु सम्मेलन, लाखों लोगों के लिए संगीत, 4 सालों तक लंदन में सनराइज रेडियो पर वीटी का हंगामा, संयुक्त अरब अमीरात में गीत माला की यादें और 8 महीने तक यह भी चंगा वह भी खूब जैसे रेडी शो को प्रस्तुत किए।
इसके अलावा संगीत पहेली नाम के रेडियो शो को 1 वर्षों तक प्रस्तुत किए थे। बोस्टन, सैन फ्रांसिस्को, टोरंटो, वाशिंगटन के कई विभिन्न रेडियो चैनल पर ढाई साल तक हैंगमे नाम के रेडियो शो को भी प्रस्तुत किए।
गायक बनने की इच्छा
अमीन सयानी को बचपन से ही संगीत सुनना और गाने का बहुत ही शौक था, जिसके कारण उन्हें गायक बनने की इच्छा थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। बाद में वे जाने-माने ब्रॉडकास्ट बन गए।
पुरस्कार व सम्मान
- आवाज के जादूगर और रेडियो के पहले जोकी अमीन सयानी को रेडियो के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए कई महत्वपूर्ण सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1991 में उन्हें इंडियन सोसाइटी ऑफ एडवर्टाइजर्स द्वारा गोल्डन मेडल से सम्मानित किया गया था।
- इंडियन रेडियो स्टूडियो में बड़ा योगदान देने वालों को सम्मानित करने के उद्देश्य से फिक्की के द्वारा इंडियन रेडियो स्टूडियो के साथ मिलकर स्थापित अवॉर्ड लिविंग लीजेंड अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
- 1992 में उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के पर्सन ऑफ द ईयर अवॉर्ड से नवाजा गया था।
- 1993 में भारतीय अकादमी ऑफ एडवर्टाइजिंग फिल्म कलाकार को हॉल ऑफ फेम अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
- इसके अलावा साल 2003 में रेडियो मिर्ची की ओर से कान हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड से नवाजा गया।
- फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कमर्स एंड इंस्टीट्यूट को वर्ष 2006 में लिविंग लीजेंड अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- अगले ही साल नई दिल्ली के हिंदी भवन के द्वारा उन्हें हिंदी रत्न पुरस्कार से नवाजा गया।
- साल 2012 में उन्हें रेडियो हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था, जिससे उन्हें सम्मान मिलने वाले अमीन सयान पहले भारतीय और एशियाई बने।
- वर्ष 2009 में अमीन सयानी को भारत सरकार के पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। वर्ष 2016 में 19वें हीरामणिक पुरस्कार से उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
निष्कर्ष
रेडियो की दुनिया के जादूगर अपनी आवाज से लोगों की धड़कन बढ़ाने वाले अमीन सयानी भले ही दुनिया से अलविदा कह गए लेकिन उनकी आवाज हमेशा उन्हें सुनने वाले श्रोता याद रखेंगें।
हमें उम्मीद है कि इस लेख में अमीन सयानी के जीवन परिचय के जरिए आपको अमीन सयानी के जीवन के बारे में सब कुछ जानने को मिला होगा।
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