अलादीन और जादुई चिराग की कहानी (अलिफ लैला की कहानी) | Aladin And Jaduyi Chirag Ki Kahani Alif Laila Ki Kahani
हेलो दोस्तों नमस्कार अलिफ लैला की कहानियों की श्रृंखला में आपका स्वागत है। आज हम आपके लिए अलिफ लैला की प्रसिद्ध अलादीन और जादुई चिराग की कहानी को लेकर आएं हैं।आप इस कहानी को अंत तक जरूर पढ़ें।
जिसके बाद वह व्यक्ति अलादीन को अपने साथ एक ऐसी जगह ले गया, जहां पर वह कई बरसों से जाना चाहता था। पर मोटा होने के कारण वह वहां नही जा सकता था जिसके लिए उसने अलादीन को अपने जाल में फसाया था। वह व्यक्ति कोई अलादीन का चाचा वाचा नहीं था।
वह एक बहुत बड़ा जादूगर था, जो चीन में एक जगह छुपे हुए जादुई चिराग को लेने आया था। जिस कारण वह पूरी दुनिया में राज कर सकता था। तभी उसने अलादीन को अपने जाल में फंसाया था क्योंकि अलादीन बहुत ही छोटा और दुबला पतला था। वह गुफा के अंदर जा सकता था।
क्योंकि कोई भी व्यक्ति अगर उस गुफा के अंदर जाता और उसकी दीवारें उस व्यक्ति को टच कर जाती तो वह व्यक्ति वहीं पर अपनी जान गवा देता, जिस के डर से वह जादूगर वही उस गुफा के अंदर नहीं जा रहा था। जिसके लिए उसने अलादीन को गुफा में जाने के लिए ले गया था। गुफा के पास पहुंच कर उसने अलादीन से तुम इसके अंदर चले जाओ। तुमको अंदर तीन गुफाएं मिलेंगी।
जिसमें एक के बाद एक बहुत ही सुंदर सुंदर चीजें रखी है लेकिन तुम तीनों गुफाओं में सबसे पहले जाना और वहां पर एक चिराग रखा होगा जिसको लेकर तुम वापस आ जाना और वापस आते समय तुम्हें जो कुछ भी अच्छा लगे वह अपने साथ लेते आना और ऐसा बोल कर उस जादूगर ने अलादीन को उस गुफा के अंदर ढकेल दिया।
जिसके बाद अलादीन ने अपनी जान बचाते हुए धीरे-धीरे सभी गुफा को पार करते हुए वह चिराग तक पहुंच गया। उसने चिराग को अपने सीने में छुपा लिया और वहां से आते समय अलादीन ने बहुत सारी वस्तुएं अपनी कपड़ों में भर ली। ज्यादा वस्तुएं होने के कारण चिराग नीचे चला गया था।
अलादीन अपनी जान बचाते हुए धीरे-धीरे एक गुफा के पास आ गया। जैसे ही अलादीन गुफा के पास आया तब उसने अपने चाचा से कहां की आप मुझे खींच लीजिए लेकिन उस जादूगर ने अलादीन से कहा कि पहले तुम मुझे वह चिराग दो उसके बाद ही मैं तुम्हें ऊपर खींच लूंगा।
लेकिन अलादीन जिद करने लगा कि पहले आप मुझे ऊपर कीजिए। चिराग दे दूंगा। थोड़ी देर में जादूगर अलादीन से बहुत क्रोधित हो गया और उसने अलादीन को उसी गुफा में बंद कर दिया। अलादीन बहुत जोर जोर से चिल्लाता रहा लेकिन वहां पर कोई आता जाता नहीं था, जो उसकी आवाज सुन ले एक-दो दिन गुजरने के बाद अलादीन से गलती से वह चिराग गिर गया।
जिससे एक बहुत बड़ा जिन्न बाहर आया और कहने लगा मालिक आज्ञा दीजिए। जिन्न को देखकर अलादीन बहुत घबरा गया। तभी अलादीन ने डरते डरते जिन्न से कहा कि मुझे मेरे घर पर वापस पहुंचा दो। जिन्न अलादीन की आज्ञा का पालन करते हुए उसको उसके घर पहुंचा दिया। घर पहुंचकर अलादीन ने अपनी मां को उस व्यक्ति बारे में सब कुछ बता दिया और कहने लगा कि मां वह कोई मेरा चाचा नहीं था।
वह एक बहुत बड़ा धोखेबाज व्यक्ति था जिसने मुझे जान से मारने की कोशिश की। लेकिन मैं अपनी जान बचाता हुआ यहां पर पहुंच गया। तभी अलादीन ने अपनी मां को जिन्न के बारे में पूरी बात बताएं कि किस प्रकार उसने मेरी जान बचाई। तभी अलादीन ने अपनी मां से कहा कि मां मुझे बहुत तेज भूख लग रही है ।
कुछ खाने के लिए ले आओ। घर पर खाना ना होने के कारण उसकी मां ने कहा कि बेटा खाना तो घर पर नहीं है। मैं अपनी कुछ वस्तुएं बेचकर कुछ धन ले लूगी, जिससे मैं कुछ खाने के लिए लेकर आऊंगी। लेकिन तभी अलादीन में उस चिराग को फिर से एक बार घिसा उससे एक बहुत बड़ा जिन्न बाहर आया और कहने लगा आपने मुझको क्यों याद किया है? जिन्न को देखकर अलादीन की मां तुरंत बेहोश हो गई।
तभी अलादीन ने उस जिन्न से कहा कि कुछ खाने के लिए लेकर आओ। मुझे बहुत तेज भूख लग रही है। जिसके बाद जिन्न ने कहा कि जो हुकुम मेरे आका और थोड़े ही देर में जिन्न ने चांदी की थालियो में खाना खा कर सामने रख दिया और वहां से चला गया। अलादीन ने अपनी मां को होश में लाया और जैसे ही मां होश में आई वह बहुत सारा खाना देख कर चौक गई।
और कहने लगी कि वह व्यक्ति कौन था? तभी अलादीन ने बताया की मां मैने तुमको इस बारे बताया तो था यह वही है। तभी उसकी मां और अलादीन ने दोनों ने बैठ कर खाना खाना शुरु कर दिया और दो-तीन दिनों तक इस खाने को चलाया। जब खाना खत्म हो गया तब उन लोगों ने खाने की प्लेटों को बेचकर अपना काम चलाया। दो-तीन साल तक अलादीन और उसकी मां ने यह प्रक्रिया दोहराई। तभी एक दिन नगर में सभी को सूचना मिली कि आज बाजार बंद रहेगा।
क्योंकि बादशाह की लड़की आज स्नान करने के लिए जा रही हैं। अलादीन यह सुनकर बहुत खुश होने लगा और उसने मन में ठान लिया कि वह बादशाह की पुत्री को देखकर रहेगा जिसके बाद उसने चोरी छुपे उसी स्थान पर पहुंच गया, जहां पर बादशाह की लड़की नहा रही थी।
वहां पर उसमें राजा की लड़की को देखा तो अलादीन उसको देखता ही रह गया और उसके प्यार में पड़ गया। थोड़ी देर में जब अलादीन अपने घर आया तो उसका हाल बेहाल हो चुका था। वह उस लड़की के ख्यालों में खोने लगा था।
तभी उसकी मां ने उससे पूछा कि क्या हुआ? तब अलादीन ने उसको बताया कि मैंने आज बादशाह की लड़की को देखा है और मैं उस से प्रेम करने लगा हूं। जिसकी बात अलादीन की मां ने अलादीन को बहुत डांटा और कहने लगी तुम उसके बारे में सोचना भी मत नहीं। तुम्हारी जान चली जाएगी।
लेकिन अलादीन में अपनी मां को समझाया कि मैं जैसा बोल रहा हूं तुम ऐसा ही करो। जिसके बाद बादशाह अपनी लड़की की शादी मुझसे करवा देगा। तभी अलादीन ने अपनी मां को कुछ रत्न दिए और कहने लगा इन को लेकर बादशाह को भेंट के रूप में जाकर दे देना और इनको देखकर बादशाह बहुत खुश हो जाएगा।
और अपनी बेटी का विवाह मुझसे करने के लिए तैयार हो जाएगा और बाकी का मैं देख लूंगा। जिसके बाद अलादीन की मां उन रत्नों को लेकर बादशाह के दरबार पर पहुंच गए लेकिन अलादीन की मां को बादशाह से मिले नहीं दिया जा रहा था कई दिनों तक यह प्रक्रिया चली।
जिसके बाद एक दिन बादशाह ने अलादीन की मां को देखा और अपने पास बुला लिया। तब अलादीन की मां ने बादशाह से कहा कि बताओ तुम को क्या दिक्कत है? अलादीन की मां ने कहा कि मैं आपसे अकेले में कुछ बात करना चाहती हूं। जिसके बाद बादशाह ने सभी को कमरे से बाहर कर दिया। तभी अलादीन की मां ने अलादीन और बादशाह की पुत्री दोनों की शादी के लिए बात करने लगी।
और तभी उसने बादशाह को वह रत्न दिए। बादशाह वह रत्न देख कर बहुत आश्चर्यचकित हो गया। उसने अपनी पुत्री का विवाह 3 वर्ष के बाद अलादीन से करने के लिए राजी हो गया। जिसके बाद अलादीन की मां वापस अपने घर चली गई और उसने अलादीन को शादी की बात बता दी जिसे सुनकर बहुत खुश होने लगा।
लेकिन बादशाह ने अपनी पुत्री का विवाह दो वर्ष में ही अपने मंत्री के बेटे से कर दिया। यह बात उनको जब पता लगी तो उसने अपने चिराग में से जिन्न को बुलाकर उसे कहा कि जाओ तुम बादशाह की लड़की और उसके पति को पलंग सहित या उठा लाओ। यहां पर लाकर लड़के को बाथरूम में बंद कर देना। जिसके बाद जिन्न ने भी वही किया, जो अलादीन ने उससे करने के लिए कहां था।
जिनमें दोनों को राजमहल से उठा कर अलादीन के पास ले आया और और बादशाह की पुत्री के पति को ले जाकर बाथरूम में बंद कर दिया। कई दिनों तक यह है चलता रहा। जिसके बाद दोनों ने अपने-अपने घर में अपने साथ हो रहे हादसे के बारे में बताया। जिसके बाद बादशाह ने दोनों को अलग रहने का निर्णय दिया। तभी 3 वर्ष पूरे हो चुके थे।
जिसके बाद अलादीन की मां बादशाह के दरबार गई। बादशाह तुरंत समझ गया कि यह अपने लड़के की शादी की बात के लिए यहां आई है। लेकिन बादशाह ने इस बार अलादीन की मां को निराश नहीं किया। उसने अपनी पुत्री का विवाह करने का निर्णय ले लिया और कहने लगा कि कल तुम्हारा पुत्र और मेरी बेटी का विवाह होगा। जाओ जाकर शादी का बंदोबस्त करो।
जिसके बाद अलादीन की मां अलादीन के पास गई और कहने लगी कल तुम्हारी शादी है। अलादीन ने अपनी का बंदोबस्त करने के लिए जिन्न की सहायता से अलादीन में एक बहुत बड़ा मकान बहुत सारी नौकर और बहुत सारे कपड़े मंगवा लिए जिसके बाद जिन्न ने में भी अपने मालिक की बात मानते हुए सभी चीजें प्रकट कर दी और जिन्होंने अलादीन को बहुत अमीर व्यक्ति बना दिया।
जिसके बाद बादशाह की पुत्री का विवाह अलादीन के साथ हो गया और उन लोगों ने खुशी-खुशी अपना जीवन जीना व्यतीत कर दिया। लेकिन तभी उस जादूगर को यह पता लग गया कि अलादीन बहुत अमीर हो गया है और उसने बादशाह की पुत्री से शादी भी कर ली है जिसके बाद वह अलादीन से बदला लेने के लिए वापस आ गया।
वापस आकर जब अलादीन घर पर नहीं था तब उसमें एक दिए वाले का रूप लेकर उसके घर गया और कहने लगा घर में जो भी पुरानी दिए हो उनको वापस कर कर नए दिए ले लो। यह सुनकर अलादीन की पत्नी ने घर के सारे दिए उस जादूगर को दे दिए जिसमें से वह चिराग भी था। तभी उस जादूगर ने चिराग को घिसकर जिनको बाहर बुलाया और कहने लगा कि तुम अलादीन की पत्नी और उसके मकान को मेरे साथ अफ्रीका ले चलो जिन्न ने वैसा ही किया जैसा जादूगर ने उससे बोला जब अलादीन वापस आया था।
उसने देखा कि वहां पर ना ही उसका घर था और ना ही उसकी पत्नी वह यह देखकर बहुत आश्चर्यचकित हो गया और जब यह बात बादशाह को पता लगी तो बादशाह ने भी अलादीन को बंदी बनवाने का निर्णय ले लिया और सैनिकों से कहकर अपने सामने बुलवाया। तभी अलादीन ने बातों से कहा कि आप मुझे कुछ दिन का समय दे मैं आपकी बेटी को सकुशल वापस ले आऊंगा ।
बादशाह अलादीन को कुछ दिन का समय दे दिया। जिसके बाद वापस अपने पुराने घर आ गया। वहां पहुंचकर उसमें जादूगर की उस अंगूठी का इस्तेमाल किया जो जादूगर ने उसको गुफा के अंदर जाते समय दी थी। अंगूठी के इस्तेमाल से उसने जिन्न को तो बुला लिया लेकिन जिन्होंने उसकी सभी बातें मानने से मना कर दिया।
और कहने लगा कि जिसके पास चिराग है मैं उसी का सेवक हूं। तभी अलादीन लेकिन उसे कहा कि मुझे वहां पर पहुंचा दो जहां पर मेरी पत्नी और मेरा मकान है। जिन्न अलादीन की बात मानते हुए अलादीन को अफ्रीका में उसके मकान और पत्नी के सामने पहुंचा दिया।
अलादीन अपनी पत्नी को देखकर बहुत खुश हुआ और जादूगर से चोरी छुपे अपनी जान बचाते हुए अपनी पत्नी के पास गया और उसे गले लगा लिया। तब अलादीन अपनी पत्नी को जिन और चिराग के बारे में सभी बातें बता दिया और उसके पूछने लगा कि यह बताओ मेरे जाने के बाद यहां क्या हुआ था जिसके बाद उसकी पत्नी ने सब कुछ बता दिया कि कैसे वह यहां तक पहुंच गई ।
जिसके बाद अलादीन ने एक योजना बनाई और कहने लगा कि तुम जादूगर के पास जाओ। इसको अपने प्रेम में फंसा कर उस चिराग को मेरे पास ले आओ। उसकी पत्नी ने भी जादूगर को अपने प्रेम में फसाया और मौका पाते ही चिराग को अलादीन के पास ले गई। अलादीन चिराग को घिसा और जिन्न को बुलाकर जादूगर को मरवा दिया और जिन्न से कहकर वापस अपने घर जाने के लिए बोला।
जिसके बाद जिन्न ने मकान और अलादीन और उसकी पत्नी सभी को वापस उसी जगह पहुंचा दिया, जहां पर पहुंचकर उन लोगों ने खुशी-खुशी आगे की जिंदगी बिताना शुरू कर दिया।
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