एक बार एक शहर में एक बहुत ही अमीर व्यापारी रहता था, जो अनाज का कारोबार किया करता था। कारोबार करने के लिए वह हमेशा कई विदेशी यात्राओं पर जाया करता था। वहां पर अपने अनाज को बेचकर बहुत सारा धन इकट्ठा करके वापस अपने घर आ जाता था और घर आकर बहुत शानदार जिंदगी जिया करता था।
जब उस व्यापारी के पास धन समाप्त हो जाता था तो वह अपना सारा अनाज उठाकर वापस विदेश यात्रा में निकल जाया करता था और वहां पर अपने अनाज को बेचकर वापस आ जाता था।
बहुत दिनों तक ऐसा करने के पश्चात उसके पास एक शादी का निमंत्रण आया, जोकि उसी शहर में रहने वाले एक बहुत ही अमीर व्यक्ति के घर से आया था, जिसके पास बहुत सारा धन और उसके पास बड़े-बड़े महल थे। उसकी एक लड़की भी थी, जिसको वह अमीर व्यक्ति बहुत चाहता था।
अमीर व्यक्ति में अपनी लड़की के विवाह में शहर से बहुत बड़े-बड़े आदमियों को बुलाया था और वहां पर यह अनाज का व्यापारी भी गया था। विवाह में उस अमीर व्यक्ति ने बहुत सारे व्यंजनों की व्यवस्था की थी।
जब उसकी लड़की का विवाह संपन्न हो गया तब अमीर व्यक्ति ने सभी को खाना खाने के लिए बुलाया, जिसके बाद शहर से आए हुए बड़े-बड़े व्यापारी खाना खाने के लिए एक जगह पर बैठ गए और वहां पर वह अनाज का व्यापारी भी बैठ गया।
तभी उस अमीर व्यक्ति के नौकरों ने सब को खाना परोसना शुरू किया, खाने में कई प्रकार के व्यंजन थे और लहसुन से बना एक स्वादिष्ट व्यंजन था, जिसको वहां पर मौजूद सभी लोग बड़े चाव से खा रहे थे। लेकिन वह अनाज का व्यापारी उस लहसुन के बने व्यंजन को नहीं खा रहा था।
जिसको देखने के बाद वहां पर मौजूद सभी व्यापारी यह देख कर बहुत ही आश्चर्यचकित हो रहे थे, जिसके कारण सभी लोगों को यह जानने की लालसा हो रही थी कि यह ऐसा क्यों कर रहा है, जिसके बाद सभी अमीर व्यापारियों ने उस व्यक्ति जो लहसुन का व्यंजन नही खा रहा था।
सभी लोगों ने उस व्यापारी से कहा कि तुम यह लहसुन का बना व्यंजन क्यों नहीं खा रहे हो, जो खाने में बहुत ही स्वादिष्ट है। वहां पर मौजूद सभी व्यक्तियों के जोर देने के बाद उस व्यक्ति ने बताया कि इसके पीछे एक बहुत बड़ा राज है, जिसको मैं आप लोगों को अभी नहीं बता सकता हूं।
वक्त आने पर मैं इस राज को आप लोगों को बता दूंगा कि इस लहसुन की वजह से मैंने अपने जीवन में बहुत कष्ट को झेला है और ना जाने कितने दुखों का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण मैं इस लहसुन को नहीं खा रहा हूं।
लेकिन वहां पर मौजूद सभी व्यापारियों ने उस व्यक्ति की बात को नजरअंदाज करते हुए उस व्यक्ति पर जोर डालने लगे कि तुम लहसुन के बने व्यंजन को खाओ। थोड़ी ही देर में वहां पर वह अमीर व्यक्ति, जिसकी लड़की का विवाह था, वो आ गया और सभी लोगों ने उस अमीर व्यक्ति को बताया कि यह आपके लहसुन के बने व्यंजन को नहीं खा रहे हैं।
जिसके बाद उस अमीर व्यक्ति ने उससे कहा कि तुम यह लहसुन का व्यंजन क्यों नहीं खा रहे हो। अगर तुम यह लहसुन का बना व्यंजन नहीं खाओगे तो इससे मेरा अपमान होगा और यहां पर उपस्थित सभी लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे?, क्या तुम चाहते हो कि मेरी लड़की के विवाह में मेरा अपमान हो।
जिसके कारण मेरी लड़की को कष्ट पहुंचे, जिसके बाद उस व्यक्ति ने कहा नहीं नहीं मैं ऐसा नहीं चाहता हूं। मैं एक शर्त में इस लहसुन के व्यंजन को खा सकता हूं। अपनी शर्त को बताते हुए उस व्यक्ति ने कहा कि मैं इस लहसुन के व्यंजन को खा तो लूंगा लेकिन इस लहसुन के बने व्यंजन को खाने के बाद आप मेरे लिए घास की राख, साबुन और गरम पानी की व्यवस्था कर दें।
जिसके बाद उस अमीर व्यक्ति ने अपने नौकरों से सारी चीजों को मंगा लिया और उस व्यक्ति से पूछने लगा कि तुम इन चीजों का क्या करोगे। जिसके बाद उस व्यक्ति ने बताया कि मैं इस लहसुन के बने व्यंजन को खाने के बाद एक सौ चालिस बार इस घास की राख से अपने हाथ को धूलूंगा।
एक सौ बार इस साबुन से अपने हाथ को धूलूंगा और उस व्यक्ति ने लहसुन के बने व्यंजन को खाने के बाद बिल्कुल वैसा ही किया जैसा उसने अमीर व्यक्ति को बताया। बहुत डरते डरते उसने उस लहसुन के बने व्यंजन को खाया। जब वह व्यक्ति उस व्यंजन को खा रहा था तभी अचानक से सभी की नजर उसके हाथ पर पड़ी।
सभी ने देखा कि वह व्यक्ति अपनी केवल चार उंगलियों से ही खाना खा रहा है, जिसको देखकर सभी आश्चर्यचकित हो गए और इसकी वजह जानने के लिए सभी लोगों ने उस व्यक्ति से कहा कि आप अजीबोगरीब ढंग से खाना क्यों खा रहे हैं।
खाना खाने के लिए आप अपने अंगूठे का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे हैं। तभी वहां पर अमीर व्यक्ति जिसकी पुत्री का विवाह था, उसने कहा कि तुम ऐसा क्यों कर रहे हो। जिसके पूछने के बाद उस व्यक्ति ने अपने हाथ को दिखाया, जिसमें उसका अंगूठा था ही नहीं।
जिसको देखकर वहां पर मौजूद सभी लोग डर गए। उस व्यक्ति से इस बारे में पूछने लगे कि यह तुम्हारे साथ कैसे हुआ। हम लोगों को भी इस बारे में बताओ कि यह दुर्घटना तुम्हारे साथ कैसे हुई है।
सभी अमीर व्यक्तियों के जोर देने के बाद उस व्यक्ति ने बताया कि यह बहुत लंबी कहानी है। जिसके लिए बहुत सारे समय की आवश्यकता होगी और विवाह के शुभ मुहूर्त के समय यह बताना उचित भी नहीं होगा, अच्छा भी नहीं लगेगा।
जिसके कारण अभी आप सभी लोग अभी बस इतना जान लीजिए कि मेरे साथ एक बहुत बड़ा हादसा हुआ था, उस हादसे के कारण मुझे दंड स्वरूप यह सजा मिली थी। उस सजा के कारण पहले मुझे मेरे दाहिने हाथ के अंगूठे को कटवाना पड़ा और फिर दाहिने पैर के अंगूठे को कटवाना पड़ गया।
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