मध्यव्यय वो होता है जब आपकी उम्र आपके बीच के हिस्से में दिखाई देने लगती है.
“इन्सान उम्र बढ़ने से बुढा नहीं होता बल्कि जब उसका मानसिक अवरुद्ध हो जाता है तो वो बुढा हो जाता हैं।”
यह प्राप्त कर लिया, यह नष्ट हो गया, यह मनोरथ प्राप्त करूगाँ-यह सोचते हुए ही शरीर धारियों की आयु समाप्त हो गयी.
जैसे जैसे आदमी की उम्र बढती है , खिलौने और महंगे होते जाते हैं .
“बूढ़े होने का ये मतलब नहीं आप अनुभवी भी हो।”
आयु केवल चार दिन की है.
जवानी में हम मुसीबतों के पीछे भागते हैं , बुढापे में मुसीबतें हमारे पीछे .
“बड़े आयु के लोग भी बच्चे ही होते हैं बस थोड़े बड़े।”
पूरी दुनिया में बिना मेहनत का सिर्फ एक काम है, उम्र का बढ़ते रहना .
बुढापे कि तैयारी किशोरावस्था से ही शुरू हो जानी चाहिए . ऐ सी ज़िन्दगी जिसका 65 साल तक कोई उद्देश्य ना रहा हो वो अचानक सेवान्रिवित्ति के समय सार्थक नहीं हो जाएगी .
“पेड़ बुढा ही सही आँगन में लगा रहने दो, फल न सही, जीवन भर छांव तो जरुर देंगा।”
जवानी में हम मुसीबतों के पीछे भागते हैं, बुढापे में मुसीबतें हमारे पीछे
चालाकी बिना बुड्ढे हुए बड़ा होने में है .
Age Quotes in Hindi
“शिक्षा बुढ़ापे के लिए सबसे अच्छा प्रावधान है।”
आयु पूर्ण होने पर धन्वंतरि वैद्य भी क्या कर सकता है ?
उम्र ना बढ़ने की एक सम्भावना है , लेकिन वो आपके अन्दर से आणि होगी .
“इन्सान की उम्र और कुछ नहीं बस उसके दिमागी ख्याल है, अगर आप इसके बारे में न सोचे, तो कई फर्क नहीं पड़ेगा।”
आयु और यौवन प्रतिक्षण बीता जा रहा है.
बुढापे जैसी कोई चीज नहीं है , है तो बस दुःख है .
“बढ़ती हुई आयु के साथ सारी चीजे धुंधली होने लगती है, यहाँ तक की अपना दिमाग भी।”
जिस तरह भरी हुई नदी चली ही जाती है, रूकती नहीं है, उसी प्रकार मनुष्यों की आयु चली ही जाती है, रूकती नहीं है.
बुढ़ा होना दुःख की बात है , पर परिपक्कव होना अच्छा है .
“जवान होने में बहुत वक़्त लगता है।”
विद्वानों के स्थिर किए व्रत का अतिक्रमण करके कोई सौ वर्ष तक भी नही जीता. -ऋग्वेद जो कुछ भी इंसान को हो सकता है, उसमे बुढ़ापा सबसे अचानक होने वाली चीज है.
Age Quotes in Hindi
लज्जा युवाओं के लिए एक आभूषण, लेकिन बुढ़ापे के लिए एक तिरस्कार है.
हम प्रतिदिन वर्धमान रहते हुए सौ शरद्, सौ हेमन्त और सौ बसन्त तक जीतें रहें.
चालीस के ऊपर के सभी व्यक्ति बदमाश हैं .
“जवानी मनुष्य को चाहे तो उसे अमीर या गरीब बना सकती है।”
इस जगत् में कर्मो को करते हुए ही सौ वर्ष तक जीने की इच्छा करनी चाहिए.
चालीस जवानी का बुढापा है , पचास बुढापे की जवानी है .
“मनुष्य की जवानी जो है वो प्रकृति का वरदान है लेकिन आयु कला का काम है।”
सदाचारी, श्रद्धावान् और ईष्यरिहित मनुष्य सौ वर्ष तक जीवित रहता है चाहे वह सब प्रकार के शुभ लक्षणों से हीन हो.
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।