भारत की महिलाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। उन्हें सपनों का उड़ान भरने का मौका मिले तो वह आसमान को भी छू सकती हैं।
भारत का एक राज्य हरियाणा जिसे पहलवानों की जन्मभूमि कह सकते हैं। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले अनेक खेलों में पहलवानी क्षेत्र में ज्यादातर खिलाड़ी इसी राज्य से होते हैं।
इस राज्य से ना केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा कर भारत को गौरवान्वित कर रही है। ऐसे ही एक महिला पहलवान विनेश फोगाट है।
यह भारत के प्रसिद्ध पहलवान हैं, जिन्होंने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर भारत के महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी है और साथ ही उन्होंने भारत के नाम को विश्व भर में गौरवान्वित किया है।
आज के इस लेख में हम विनेश फोगाट जीवन परिचय संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी जानने वाले हैं।
जिसमें हम इनके प्रारंभिक जीवन, इनके जीवन का संघर्ष, इनका करियर, उपलब्धियां के बारे में जानने वाले हैं।
विनेश फोगाट का जीवन परिचय (Vinesh Phogat Biography in Hindi)
नाम | विनेश फोगाट |
जन्म और जन्मस्थान | 25 अगस्त 1994, बलाली, हरियाणा, भारत |
माता | प्रेम लता फोगाट |
पिता | स्व. राजपाल सिंह फोगाट |
भाई | हरविंदर फोगाट |
पती | सोमवीर राठी |
पेशा | फ्रीस्टाइल पहलवान |
शिक्षा | ग्रेजुएट |
स्कूल/कोलेज | के सी एम सीनियर सेकेंडरी स्कूल झोझू कलां, हरियाणा/ कॉलेज एमडीयू, रोहतक, हरियाणा |
जाति | जाट |
कोच | महावीर सिंह फोगाट, वोलर अकोस |
कुश्ती वर्ग | 48 किग्रा/50 किग्रा/53 किग्रा |
अवार्ड | अर्जुन पुरस्कार, पद्म श्री पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद पुरस्कार |
विनेश फोगाट का प्रारंभिक जीवन
विनेश फोगाट का जन्म हरियाणा राज्य के बलाली गांव में 25 अगस्त 1994 को हुआ था। यह एक पहलवान परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
इनकी चचेरी बहनें गीता फोगाट, बबीता फोगाट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पहलवान है।
विनेश फोगाट के पिता का नाम राजपाल सिंह फोगाट है, जो पेशे से एक किसान थे। इनके पिता इस दुनिया में नहीं है।
दरअसल जब यह छोटी थी तभी किसी जमीन विवाद को लेकर इनके पिता की किसी ने हत्या कर दी।
इस तरह इनका लालन-पालन इनकी मां और उनके चाचा ने किया और इनका बचपन अपनी चचेरी बहनों के बीच बीता है।
इनकी माता का नाम प्रेमलता फोगाट है। इनका एक भाई है, उनके भाई का नाम हरविंद्र फोगाट है।
इनके चाचा का नाम महावीर सिंह फोगाट है और इन्हीं की बेटियां गीता, बबीता हैं। इनके चाचा ने ही विनेश फोगाट को पहलवानी के लिए प्रेरित किया।
विनेश फोगाट की शिक्षा
विनेश फोगाट ने अपने प्रारंभिक शिक्षा हरियाणा के ही झोझू कलां स्थित के सी एम सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की।
उसके बाद स्नातक की डिग्री के लिए इन्होंने रोहतक शहर के एमडीयू कॉलेज में प्रवेश लिया।
विनेश फोगाट का विवाह
विनेश फोगाट ने 13 दिसंबर 2018 को सोमवीर राठी से विवाह किया, जिन्हें वे लंबे समय से डेट कर रही थी।
सोमवीर राठी से विनेश फोगाट की पहली मुलाकात साल 2011 में हुई थी। उस समय दोनों ही भारत के रेलवे के लिए काम करते थे।
दोनों की मुलाकात हुई धीरे-धीरे करीब आए और फिर इन दोनों में प्यार हो गया। इस तरीके से दोनों ने लगभग 7 साल तक डेट किया।
इन दोनों का विवाह हरियाणा के बलाली गांव में बहुत ही धूमधाम से और रीति-रिवाजों के साथ हुआ।
इनके पति भी एक भारतीय पहलवान हैं। इन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो बार स्वर्ण पदक हासिल किया है।
वैसे अक्सर लोग शादी में सात फेरे के साथ सात वचन लेते हैं लेकिन विनेश फोगाट और उनके पति ने शादी के सात फेरों के बजाय 8 फेरे लिए और उन्होंने 8 वचन भी लिए।
जिसमें आठवां वचन में दोनों ने ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ का वचन लिया, जो बहुत ही सराहनीय है।
विनेश फोगाट के कोच
विनेश फोगाट के पिता की इनके बचपन में ही मृत्यु हो जाने के बाद इनके चाचा महावीर सिंह ने इनका लालन-पालन किया।
महावीर सिंह जो पहलवानी की दांवपेच अच्छे से जानते हैं। इन्हें इसके लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार भी मिल चुका है। इन्होंने अपनी बेटियों के साथ विनेश फोगाट को भी पहलवानी की ट्रेनिंग दी।
महावीर सिंह और उनकी बेटियां गीता, बबीता को लेकर एक बॉलीवुड फिल्म “दंगल” बन चुकी है, जिसमें प्रसिद्ध अभिनेता आमिर खान ने महावीर की भूमिका निभाई है।
चचेरे भाई बहनों को पहलवानी देख विनेश फोगाट भी पहलवानी से काफी प्रेरित हुई।
परंतु शॉर्ट्स पहनने के कारण और लड़कियों की कुश्ती को लेकर समाज में अक्सर उल्टी सीधी बात होती थी, जिसके कारण इनकी माता प्रेमलता को समाज के प्रतिरोध को काफी झेलना पड़ा।
लेकिन साल 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर विनेश फोगाट ने समाज में लड़कियों के प्रति निची दृष्टि रखने वाले लोगों के मुंह को हमेशा के लिए बंद कर दिया।
विनेश फोगाट का करियर
विनेश फोगाट ने साल 2013 में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। 2013 के एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में विनेश फोगाट ने 52 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया।
इसी साल उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियन में 51 किलो भार वर्ग में रजत पदक प्राप्त किया।
साल 2014 में राष्ट्रीय मंडल खेलों में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक हासिल किया। इसी साल में दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियाई खेलों में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बलबूते कांस्य पदक हासिल की।
साल 2015 के एशियाई चैंपियनशिप में विनेश फोगाट ने अपने प्रदर्शन के बलबूते रजत पदक जीता।
इस खेल में इनके अच्छे प्रदर्शन के कारण रियो ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीदवारों में इनके नाम को भी गिना जाने लगा।
लेकिन दुःख की बात है कि क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ही इन्हें चोट लग गई, जिस कारण इन्हें स्ट्रेचर पर बाहर ले जाया गया और उसके बाद फिर उनकी सर्जरी हुई। फिर 5 महीने तक इन्हें आराम करना पड़ा।
ठीक होने के बाद साल 2017 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप जो दिल्ली में आयोजित हुई थी, उसमें 55 किलो वर्ग में विनेश फोगाट ने रजत पदक जीता।
साल 2018 में 50 किलो भार वर्ग में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम में इन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।
इसी साल जकार्ता के एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक हासिल करके यह पहली भारतीय महिला बनी, जिन्होंने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया।
साउथ 2019 के एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के 53 किलो भार वर्ग में भी विनेश फोगाट ने बहुत अच्छा प्रदर्शन दिखाया। लेकिन वह स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर सकी, बस कांस्य पदक तक ही पहुंच पाई।
साल 2020 में रोम में आयोजित रैंकिंग स्पर्धा में विनेश फोगाट ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 2019 कजाकिस्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल की।
2021 के टोक्यो ओलंपिक के लिए टिकट हासिल करने में यह मेडल इनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हुई।
साल 2020 में दिल्ली में एशियाई चैंपियनशिप आयोजित हुआ, जिसमें 53 किलोग्राम भार वर्ग में विनेश फोगाट ने कांस्य पदक प्राप्त किया।
विनेश फोगाट को प्राप्त सम्मान
अनेक अंतर्राष्ट्रीय खेलों में पहलवानी क्षेत्र में विनेश फोगाट की अच्छे प्रदर्शन के कारण भारत सरकार द्वारा इन्हे पुरस्कार मिल चुके हैं।
साल 2016 में सबसे पहला पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार मिला। वहीं 2018 में इन्हें भारत का चौथा सबसे बड़ा पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
साल 2020 में विनेश फोगाट को भारत का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विनेश फोगाट की पसंद
विनेश फोगाट के पसंद की बात करें तो इन्हें फिल्म देखना अच्छा लगता है और इनका पसंदीदा फिल्म कल हो ना हो, एबीसीडी 2 और जोधा अकबर है।
बात करें उनके पसंदीदा अभिनेता की तो सलमान खान इनके पसंदीदा अभिनेता हैं। वही प्रीति जिंटा, प्रियंका चोपड़ा और माधुरी दीक्षित इनकी पसंदीदा अभिनेत्री हैं। नेहा कक्कर इनकी पसंदीदा गायिका है।
विनेश फोगाट के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- विनेश फोगाट प्रसिद्ध भारतीय पहलवान गीता, बबीता की चचेरी बहन है।
- गीता फोगाट ने ज्यादातर खेलों में पहलवानी क्षेत्र में स्वर्ण पदक हासिल किए हैं।
- विनेश फोगाट जब छोटी थी तभी इनके पिता की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद इनकी माता और इनके चाचा महावीर सिंह ने इनका पालन पोषण किया।
- महावीर सिंह फोगाट गीता, बबीता के पिता हैं और इन्होंने ही अपनी बेटियों के साथ ही साथ विनेश फोगाट को भी पहलवानी की ट्रेनिंग दी।
- साल 2016 में विनेश फोगाट को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जिसे लेने के लिए वे व्हील चेयर पर गई थी।
- साल 2015 के एशियाई चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में इन्हें चोट लग गई थी, जिसके कारण इनकी सर्जरी हुई थी।
- विनेश फोगाट के पति सोमवीर राठी भी एक जाने-माने भारतीय पहलवान हैं। विनेश फोगाट ने एशियाई खेलों अच्छा प्रदर्शन करने के बाद लौटते वक्त इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ही सगाई कर ली।
FAQ
विनेश फोगाट हरियाणा राज्य के भिवानी जिले की रहने वाली हैं।
विनेश फोगाट के एक सगे भाई हैं, जिनका नाम हरविंद्र है। वहीं इनकी चार चचेरी बहनें भी हैं, वह भी पेशे से पहलवान हैं।
गीता फोगाट विनेश फोगाट की चचेरी बहन है।
विनेश फोगाट ने अब तक अलग-अलग पहलवानी में स्वर्ण पदक, रजत पदक और कांस्य पदक जीता है। बात करें एशियाई चैंपियनशिप के विभिन्न संस्करणों की तो इसमें कुल मिलाकर इन्होंने एक स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य पदक अपने नाम किया है।
विनेश फोगाट के पति का नाम सोमवीर राठी है जो खुद भी पेशे से पहलवान हैं। इन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो बार स्वर्ण पदक हासिल किया है।
निष्कर्ष
इस लेख में भारत के प्रसिद्ध पहलवान विनेश फोगाट का जीवन परिचय के बारे में बताया। इसमें विनेश फोगाट की प्रारंभिक जीवन, इनके माता-पिता, इनका परिवार, खेल जगत में इनका सफर और इनके उपलब्धि के बारे में जानने को मिला।
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