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दी कंजूरिंग की असली कहानी

The Conjuring Story in Hindi: नमस्कार दोस्तों, हम आपके सामने एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जो असल घटना पर आधारित है। जिस पर हॉलीवुड में एक फ़िल्म भी बनी है। फ़िल्म का नाम भी हम आपको आगे बताएंगे।

इस कहानी में एक परिवार एक नये घर पर रहने के लिए जाता है, घर में भूतों का वास होता है। हालांकि फिल्म में सच्ची घटना को काफी हद तक सही दिखाया गया है। लेकिन कहे तो सच्ची घटना अभी तक किसी को मालूम नहीं है या बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी है।

The Conjuring Story in Hindi
Image: The Conjuring Hindi

आज इस पोस्ट के माध्यम से आपको दी कंजूरिंग की सच्ची घटना (Story of Conjuring in Hindi) से रुबरु करवाते है तो आप इस कहानी को अंत तक पूरा जरूर पढ़े।

दी कंजूरिंग की असली कहानी | The Conjuring Story in Hindi

सन 1970 की बात है, सर्दी का मौसम था। एक व्यक्ति अपने परिवार को लेकर एक नए घर में रहने के लिए जाता है। उस व्यक्ति का नाम राजर था तथा पत्नी केरोलिन थी। उसके परिवार में 5 बेटियां भी थी।

जहां वह रहने के लिए जाता है, वह स्थान Rhode (Island) में है। यह घर बहुत बड़ा था, लगभग 200 एकड़ में यह फैला हुआ था। इस घर का निर्माण 1736 ई. के आसपास हुआ था। राजर ने सोचा था कि यहां पर अधिक समय तक हम लोग अपना जीवन व्यतीत करेंगे। परंतु मंजूर तो कुछ और ही था।

जब रॉजर और उनका परिवार वहां पहुंचा तो उनको वह घर बहुत अच्छा लगा। परन्तु उनकों क्या पता था कि यहाँ  आत्माओं का वास है, वे सब नजर अंदाज करते हुऐ घर मे प्रवेश करते है।

कुछ दिनों बाद राजर और उसके परिवार को वहां की आत्माओं का एहसास होने लगा था। कुछ छोटी-छोटी घटनाएं हो रही थी, परन्तु वो उन्हें नजर अंदाज करते रहे। अभी तक उस घर की आत्माओं ने इस परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था।

वे घटनाएं कुछ इस प्रकार घटित हो रही थी कि जैसे रात को सोते समय डराना, बच्चों को खेलते हुए देखना, बच्चों से कभी-कभी तो बातें भी करने लगती थी, जिससे बच्चे डर जाते थे। कुछ दिन तो यही सब चलता रहा।

समय बीतता गया घटनाओं का सिलसिला बढ़ता गया। उस परिवार का जहां जीवन अच्छा चल रहा था, लेकिन कालचक्र ने एक नया मोड़ लिया। अब उस परिवार को अजीबो गरीब आवाजें, विभिन्न प्रकार की वेशभूषाओं में आत्माएं दिखने लगी।

अब कुछ ऐसी घटनाएं घटने लगी थी, जिससे कि वह परिवार डर गया था। जैसे दीवार पर लगी तस्वीर का गिर जाना, दरवाजों का अपने आप खुल जाना, सामानों का स्थान बदल जाना इत्यादि।

रात के समय छोटे बच्चों की आवाज आना शुरू हुई थी, जिस कारण पूरा परिवार सो नहीं पाता था। अब रॉजर औऱ उसका परिवार डरने लगा था, वे पूरी तरह घबराने लगे थे। लेकिन अभी तक उस परिवार के किसी भी सदस्य को उन आत्माओं ने कोई नुकसान नहीं पहुँचा था।

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लेकिन अब जो होने वाला था, सायद वे लोग इस बात से अनभिज्ञ थे। उस घर मे कुछ ऐसे प्रेत आत्माओं का आगमन होता है, जो अत्यन्त भयानक थी। जिसमे से एक आत्मा का नाम बसिबा था। बसिबा ने रॉजर और उसके बच्चों को छोड़ कर उनकी माँ को निशाना बनाया।

रॉजर की पत्नी को वह आत्मा बहुत परेशान करने लगी थी, रॉजर की पत्नी को शारिरिक रूप से चोटें देने लगी थी। रॉजर की पत्नी का नाम केरोलिन था, केरोलिन का यह समय बहुत ही कठिन था। वह आत्मा केरोलिन को रात भर सोने नहीं देती थी और उसे रात भर चोट पहुँचाने लगी थी। उसकी पत्नी के लिए ये समय अत्यधिक संकट का था।

एक दिन केरोलिन को उस बुरी औरत की आत्मा ने रात में उसके बेड को पूरी तरह घुमाया और आधी रात में केरोलिन को जोर-जोर से घर से बाहर निकलने के लिए कहा। ऐसा कहते वक्त वह आत्मा केरोलिन के ऊपर बैठी थी।

रॉजर की पत्नी के द्वारा बताया गया कि उस औरत की आत्मा अत्यधिक डरावनी थी, उसका सर एक तरफ लटका हुआ था, ऐसा कि उसका सर किसी ने मोड़कर तोड़ा हो। वह आत्मा केरोलिन को सुई जैसी नुकीली चीजे चुभोती थी।

अब धीरे-धीरे सब कुछ बंद होने लगा था, उस आत्मा ने कैरोलिन को नुकसान पहुंचाना भी बंद कर दिया था। लेकिन कैरोलिन को यह नहीं पता था कि वह आत्मा अब उसके शरीर में प्रवेश करने लगी थी। कैरोलिन का सर तेजी से दर्द करने लगा था, उसका शरीर टूट रहा था। उसे बुखार जैसी कई समस्याएं उत्पन्न होने लगी।

कैरोलिन की शरीर में उस बसिबा की आत्मा ने अपना आधिपत्य जमा लिया था। अगर हम बसिबा के जीवन की ओर चले तो इसकी कड़ी एक दूसरे से मिलती रही है।

1892 ई.में बसिबा थेयर का जन्म Rhode Island हुआ था। बसिबा की शादी 10 मार्च 1844 को हुई थी। बसिबा अपनी शादीशुदा जिंदगी बिताने के लिए इस घर में आई थी, उसका एक बेटा था।

ऐसा कहा जाता है कि बसिबा के 3 पुत्र और थे, जिनकी मृत्यु बचपन में ही न जाने किस कारण से हो गयी थी। इसी कारण उसके ससुराल और मायके के लोगों का कहना था कि बसिबा एक डायन है, जो काला जादू करती है और अपने बच्चों की बलि भी उसने इस काला जादू के चलते ही दी है।

ऐसा इसलिए कहा जाता है कि बसिबा की एक पुत्री थी, जिसकी मृत्यु उसके ऊपर सुई चुभोने से हुई थी और उसके माथे पर राख भी लगी थी। उसके गले मे एक फूलो का माला भी था।

पुलिस कर्मचारियों के द्वारा जांच किया गया। लेकिन बसिबा के खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई सबूत नहीं मिला था। कुछ समय बीतने के बाद सन 1885 ई. में बबीता ने अपने आप को फांसी लगा ली। यह आज तक कोई भी नहीं जान पाया कि बसिबा ने अपनी जान क्यों दी थी।

इन घटनाओं से परेशान होकर राजर ने वारेन की मदद ली, वारेन एक प्रसिद्ध पैरानॉर्मल रिसर्चर थे। वारेन ने बहुत लोगों को आत्माओं के चंगुल से बचाया था। जब वारेन ने उस घर में प्रवेश किया तब उन्हें असाधारण शक्तियां महसूस हुई। वह जान गए कि यहां पर बहुत ही बुरी आत्माओं का वास है।

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वारेन ने तुरंत ही पता लगा लिया कि राजर की पत्नी करौलिन के शरीर में एक बहुत ही बुरी आत्मा का कब्जा हो गया है। उन्होंने पूरे घर को अच्छे से देखा और सभी बुरी आत्माओं को उस घर से भगाने का फैसला लिया। जैसे ही उन्होंने अपनी प्रक्रिया शुरू की सभी आत्माएं चिढ़ गई और उस घर के सामानों को इधर-उधर पटकने लगी।

फिल्मों में हमें बड़े ही अनसुनी दृश्य दिखाए गए थे, परंतु असल में ऐसा नहीं था। वारेन ने एक ऐसी प्रक्रिया की थी, जिससे आत्माओं से डायरेक्ट बात की जा सकती है, जिसे सांसे नामक प्रक्रिया कहते है। इस प्रक्रिया की बाद राजर की बड़ी बेटी एंड्रिया ने साफ-साफ बताया कि उस रात वारेन ने सांसे नामक प्रक्रिया का उपयोग किया था।

इस प्रक्रिया के पश्चात आत्माएं और चिढ़ गई थी। क्योंकि वारेन ने एक ऐसे दरवाजे को खोलकर आत्माओं को बुलाया था, जिसे वह कभी बंद ही नहीं कर पाए और इस कारण से स्थिति और भी बदतर होती चली गई। राजर ने वारेन को घर से निकल कर भगा दिया।

आर्थिक कमजोरी के कारण राजर इस घर को छोड़ नहीं पा रहे थे, जिससे इन्होंने 7 वर्ष इस घर में बिताया और 7 वर्ष बाद इन्होंने इस घर को छोड़ दिया। जॉर्जिया में एक नए घर को लिया और अपने परिवार सहित वहाँ चले गए। परंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि जॉर्जिया में भी रॉजर तथा उनके परिवार को इन आत्माओं से मुक्ति नहीं मिली। कुछ ना कुछ घटनाएं घटती रही।

सन 2011 में एंड्रिया ने इस आपबीती घटना पर एक किताब लिखी, जिसका नाम “House Of Darkness House Of Light” है। 2013 में “The Conjuring” फ़िल्म बानी, जिसके निर्देशन जेम्स वैन थे। यह फिल्म काफी हिट रही। जब यह हॉलीवुड फ़िल्म बन रही थी, उस वक्त लोरेन ने इसके सीट पर अपने विचार दिए थे, जिससे  इस फिल्म को वास्तविकता से जोड़ा जा सके।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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