भारत में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हैं, जो अंतरराष्ट्रीय लेवल पर भारत का पंचम लहरा रहे हैं। इनमें से कई खिलाड़ियों का जीवन संघर्षपूर्ण रहा लेकिन संघर्ष से जूझने के बावजूद भी जीवन में इस मुकाम तक पहुंचे कि आज विश्व भर में प्रसिद्ध है। इन्हीं नामी खिलाड़ियों में से एक तेजिंदर पाल सिंह तोमर भी हैं, जिनके जीवन के बारे में आज इस लेख में हम जानने वाले हैं।
तेजिंदर पाल सिंह एक जाने-माने पंजाब राज्य के रहने वाले शॉट पुट एथलीट है। इन्होंने एशियन गेम्स में भारत को सातवां गोल्ड मेडल दिलाकर भारत को गौरवान्वित महसूस करवाया है। हालांकि ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन नहीं दिखा पाए जिसके कारण मेडल से वंचित रह गए। तेजिंदर पाल ने शॉट पुट के अनेकों स्पर्धा में अच्छा प्रदर्शन करके कई मेडल प्राप्त किए हैं। आज के इस लेख में हम इनके जीवन से जुड़ी तमाम बातें जानने वाले तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
तेजिंदर पाल सिंह तूर का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, करियर, ओलंपिक, पुरस्कार)
तेजिंदर पाल सिंह तूर के बारे में संक्षिप्त जानकारी
नाम | तेजिंदर पाल सिंह तूर |
पेशा | भारतीय शॉट पुट एथलीट |
जन्म | 13 नवंबर 1994 |
जन्मस्थान | पंजाब के मोगा जिले के खोसा पांडे गांव |
शिक्षा | स्नातक |
स्कूल | समर फील्ड स्कूल, हेमकुंड स्कूल कोटइस्से खां |
कॉलेज | मालवा कॉलेज बठिंडा |
वजन | 135 किलोग्राम |
लंबाई | 5 फुट 11 |
माता का नाम | प्रीत पाल तूर |
पिता का नाम | कर्म सिंह तूर |
बालों का रंग | काला |
आंखों का रंग | भूरा |
कोच | मोहिंदर सिंह ढिल्लों |
पुरस्कार | 2018 में उन्हें इंडियन आइकॉनिक अवार्ड्,वर्ष 2019 में उन्हें भारत सरकार द्वारा “अर्जुन पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। |
राशि | वृश्चिक |
धर्म | सिख |
जाति | जाट |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | खोसा पंडो गांव, मोगा जिला, पंजाब, भारत |
तेजिंदर पाल सिंह तूर का प्रारंभिक जीवन
तजिंदरपाल सिंह तूर का जन्म पंजाब के मोगा जिले के खोसा पांडे गांव में 13 नवंबर 1994 को हुआ था। इनके पिता का नाम कर्म सिंह था जिनकी मृत्यु कैंसर के कारण हो गई। हालांकि इनके पिता साल 2015 में कैंसर के इलाज को ठीक करवाने के बाद समस्त हो गए थे लेकिन अगले ही साल उनका स्वास्थ्य फिर बिगड़ने लगा और फिर उनकी मृत्यु हो गई। तजिंद्र पाल की माता का नाम प्रितपाल कौर है।
तेजिंदर पाल एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिसके कारण जीवन में इन्हे बहुत संघर्ष करने पड़े। ट्रेनिंग, डायट और उपकरण हर चीज के खर्चा को उठाने में इन्हें काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा। जीवन में पैसे की तंगी के सामने यह झुके नहीं और अपने सपनों को पाने के लिए बस मेहनत करते रहे। यही कारण है कि यह एक के बाद एक अनेक उपलब्धियां हासिल करते गए।
वैसे तो राजिंदर पाल सिंह तूर बचपन से ही खेलों के शौकीन थे लेकिन सबसे ज्यादा इन्हे क्रिकेट में दिलचस्पी थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इनके लंबे कद के कारण इनके अध्यापक और उनके पिता ने उन्हें शॉटपुट खेलने के लिए प्रेरित किया और आगे चलकर यह निर्णय इनके लिए अच्छा साबित हुआ आज यह इसी खेल में विश्व में देश का परचम लहरा रहे है।
तेजिंदर पाल सिंह तूर की शिक्षा
तजिंदर पाल तूर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब के मोगा जिले के समर फील्ड स्कूल, हेमकुंड स्कूल कोटइस्से खां से की और। उसके बाद मालवा कॉलेज बठिंडा से स्नातक की डिग्री हासिल की।
तेजिंदर पाल सिंह तूर का करियर
- साल 2015 में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में तजिंदर पाल सिंह तूर ने भाग लिया और उसमें 19.24 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल में 5 वें स्थान पर रहे।
- साल 2016 में फेडरेशन कप नेशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 19.33 मीटर के थ्रो के साथ विजेता रहे और स्वर्ण पदक हासिल किया।
- इसी साल के अंतरराज्यीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया।
- जून 2017 में तजिंदर पाल ने पटियाला में आयोजित फेड कप नेशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 20.40 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड बनाया।
- इसी साल भुनेश्वर के कलिंग स्टेडियम एथलीट्स में आयोजित एथलेटिक्स में 19.77 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता। इस स्पर्धा में 0.03 मीटर से वे अली सामरी जो ईरान के खिलाड़ी थे उनसे स्वर्ण पदक गांवाना पड़ा।
- अक्टूबर 2018 में क्वींसलैंड के कैरारा स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में 19.42 मीटर के थ्रो के साथ तजिंदर पाल 8 वें स्थान पर रहे। इस खेल में
- 21.41 मीटर के थ्रो के साथ न्यूजीलैंड के टॉमस वॉल्श प्रथम स्थान पर रहे।
- हालांकि इसी साल 25 अगस्त को जकार्ता में आयोजित एशियाई खेलों में तजिंदर पाल ने
- 20.75 मीटर फेंक कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा।
- भारतीय ग्रैंड में 21.49 मीटर के साथ टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुए।
- साल 2021 में प्रिक्स-4 पटियाला में 21.10 मीटर का राष्ट्रीय और एशियाई रिकॉर्ड बनाया।
तजिंदर पाल तूर के बारे में रोचक तथ्य
- जापान के टोक्यो में आयोजित ओलंपिक तेजेंद्र पाल अच्छा प्रदर्शन नहीं दिखा पाएं, जिसके कारण भी मेडल प्राप्त नहीं कर पाएं। हालांकि इन्होने पहले प्रयास में 19.99 मीटर दूर गोला फेंका। लेकिन दूसरा और तीसरा प्रयास फाउल करार दिया गया। इसतरह शॉट पुट मुकाबले में 3.91 मीटर के गैप से फाइनल के लिए भी क्वालीफाई नहीं हो पाएं।
- जब तजिंदर पाल सिंह टोक्यो ओलंपिक के मुकाबले में भाग लिए थे, वहां पर खेल से पहले अपनी मां से बात किए थे। उन्होंने अपनी मां को कहा था कि वे इस बार उन्हें दो तोहफा देंगे एक मेडल और एक बहू।
- बहू का नाम सुनते ही इनकी मां बहुत ज्यादा खुश हो गई। जब तेजिंदर पाल ओलंपिक टोक्यो में मेडल नहीं जीत पाएं। उसके बावजूद इनकी मां बहुत खुश थी और उनका कहना था कि उनका बेटा भले ही पदक लेकर ना आया हो लेकिन वे उनके लिए बहु जरूर लेकर आएंगी।
- तेजिंदर पाल तूर वर्तमान में भारतीय नेवी में अफसर के पद पर भी हैं।
- साल 2020 में जब कोविड-19 महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक को स्थगित कर दिया गया, तब तेजिंदर पाल पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में अपने खेल का कठिन अभ्यास कर रहे थे। इस दौरान उनके बाएं हाथ के कलाई में मोच भी आ गई थी। इस घटना ने उन्हें डिप्रेशन में डाल दिया और वे बार-बार अपने कोच से यही पूछते रहते थे कि क्या वे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हो पाएंगे?। हालांकि तेजेंद्र पाल ने इस मुश्किल घड़ी को बहुत सहनशीलता के साथ पार कर लिया और ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई हुए।
- तेजिंदरपाल सिंह तूर ने अपने बाएं हाथ पर सिखों के जनरल सरदार हरि सिंह नलवा का टैटू बनवाया है।
- तजिंदर सिंह के पिता को गांव में हीरो के नाम से बुलाया जाता था क्योंकि इनके पिता को फिल्म देखने का बहुत ही शौक था। वैसे तो इनकी मां तजिंदर पाल को भी एक्टर बनाना चाहती थी लेकिन इनका हमेशा से ही रुझान खेलों में ही था।
- 2018 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक लेकर वापस लौटे तो इनके पिता की कैंसर से मृत्यु हो चुकी थी जिसके बाद मां अकेली हो चुकी थी। तजिंदर पाल अपनी माता से बहुत प्यार करते हैं इसीलिए वह अपनी माता को अकेले नहीं छोड़ते। यहां तक कि पटियाला में ट्रेनिंग पर भी वे अपनी माता को साथ में ले गए थे। यदि इन्हें मौका मिलता और मजबूरी ना होती तो यह ओलंपिक के ट्रेनिंग पर भी अपनी मां को साथ ले गए होते। यहां तक कि टोक्यो भी साथ में अपनी माता को ले जाते।
FAQ
तेजिंदर पाल एक जाने माने भारतीय शॉट पुट एथलीट है।
तेजिंदर पाल के पिता का नाम कर्म सिंह तूर था, जिनकी साल 2018 में कैंसर से मृत्यु हो गई।
तेजेंद्र पाल का कोई भी भाई बहन नहीं है। यह अपने परिवार में इकलौते बेटे हैं और वर्तमान में बस केवल इनकी माता और ये परिवार में है क्योंकि इनके पिता की मृत्यु हो चुकी है।
तेजिंदर पाल पंजाब राज्य के मोगा जिले के रहने वाले हैं।
तेजेंद्र पाल तूर ने टोक्यो ओलंपिक में कोई भी मेडल प्राप्त नहीं किया। हालांकि वे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुए थे और प्रथम प्रयास में इन्होंने 19.99 मीटर तक का थ्रो किया लेकिन दूसरा और तीसरा प्रयास इनका फाउल करार दिया गया। जिसके कारण फाइनल के लिए ये क्वालीफाई नहीं हो पाए।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको भारतीय शॉट पुट एथलीट तेजिंदर पाल टूर के जीवन के बारे में बताया। आज के इस लेख में आपने तजिंदरपाल तूर का प्रारंभिक जीवन, इनकी शिक्षा, इनके परिवार, खेल जगत में इनकी उपलब्धियां और इनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य को जाना।
हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख आपके लिए जानकारी पूर्ण रहा होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम इत्यादि के जरिए अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें। ताकि हर एक भारतीय इस भारतीय खिलाड़ी के बारे में जान सके और इनके जीवन के संघर्षों से प्रेरित हो सकें। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो आपने कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।
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