दशहरे पर 10 लाइन
10 Lines on Dussehra in Hindi: भारत एक ऐसा देश है, जहां पर सबसे अधिक त्यौहार मनाये जाते हैं। इस कारण भारत को त्यौहारों का देश भी का कहा जाता है। हर त्यौहार के पीछे कोई विशेष कारण होता है
10 Lines on Dussehra in Hindi: भारत एक ऐसा देश है, जहां पर सबसे अधिक त्यौहार मनाये जाते हैं। इस कारण भारत को त्यौहारों का देश भी का कहा जाता है। हर त्यौहार के पीछे कोई विशेष कारण होता है
जितिया व्रत कथा | Jitiya Vrat Katha बहुत समय पहले गंधर्व के राजा जीमूतवाहन रहा करते थे। वह बहुत ही धर्मात्मा पुरुष थे। उन्होंने बचपन में ही अपने राज्य को त्याग कर अपने माता-पिता की सेवा करने के लिए जंगल
एकादशी व्रत कथा | Ekadashi Vrat Katha एक बार एक राज्य में एक राजा रहा करता था। राजा बहुत ही बुद्धिमान और बलशाली था। राजा सदैव अपनी प्रजा का बहुत अच्छे से ध्यान रखता था। प्रजा भी अपने राजा को
सत्यनारायण व्रत कथा | Satyanarayan Vrat Katha पहला अध्याय एक बार भगवान नारद जी भगवान विष्णु जी की आराधना करते हुए उनके पास चले जाते हैं और तभी भगवान विष्णु जी नारद जी से कहते हैं कि तुम किस प्रयोजन
सोमवार की व्रत कथा | Somvar Ki Vrat Katha दोस्तों हमारा भारत देश प्राचीन परंपराओं से परिपूर्ण है। यहां पर तरह तरह के लोग निवास करतें हैं। पर बात जब आस्था की आती है तो सभी अपने धर्म के अनुसार
सोलह सोमवार व्रत कथा | Solah Somvar Vrat Katha एक बार भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी लोक पर घूमने के लिए आएं। घूमते हुए भगवान शिव और माता पार्वती अमरावती शहर पर पहुंच गए। अमरावती शहर के राजा ने
वट सावित्री व्रत कथा | Vat Savitri Vrat Katha प्राचीन काल में एक शहर में एक राजा रहा करता था। राजा बहुत ही धनवान और शक्तिशाली था। राजा अपनी प्रजा से बहुत प्रेम किया करता था। प्रजा भी अपनी राजा
संतोषी माता की व्रत कथा | Santoshi Mata Ki Vrat Katha एक बार एक शहर में एक बुजुर्ग महिला रहा करती थी। उस बुजुर्ग महिला के सात पुत्र थे, जिसमें से छह बेटे काम पर जाया करते थे और एक
संतान सप्तमी व्रत कथा | Santan Saptami Vrat Katha एक बार भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया कि एक बार मथुरा में लोमश ऋषि आए थे। मेरी माता देवकी और मेरे पिता वासुदेव जी ने उनकी बहुत सेवा की
विष्णु भगवान की व्रत की कथा | Vishnu Bhagwan Ki Vrat Katha एक शहर में एक बहुत बड़ा साहूकार रहा करता था। साहूकार बहुत ही ईमानदार और दानवीर था। साहूकार जहाजों में अपने माल को दूसरे देश में बेचकर पैसे