लाल परी की कहानी | Red Fairy Mistake In Hindi
बहुत समय पहले की बात है पृथ्वी पर एक परी रहती थी, जिसे पृथ्वी के लोग लाल परी के नाम से जानते थे क्योंकि वह मंगल ग्रह से आई थी।
लाल परी बहुत अच्छी और बहादुर थी वो हमेशा लोगों की सहायता करती थी। वो बड़ी से बड़ी चुडैलों को भी मार भगाती थी। इसलिए पृथ्वी के लोग उसे बहुत पसंद करते थे। एकदिन परीलोक की रानी परी को लाल परी के बारे में पता चल जाता है।
रानी परी कहती है कि “कौन है ये लाल परी? जिसकी इतनी चर्चा पृथ्वी के लोग कर रहे है एक बार हाथ लग जाये फिर उसे सबक सिखाऊंगी।”
एक बार मंगल ग्रह से लाल परी की माँ का फोन आता है और माँ कहती है कि “बेटी कुछ ही दिनों में तुम्हारे कॉलेज के एग्जाम शुरू होने वाले है इसलिए तुम वापस मंगल ग्रह आ जाओ।”
लाल परी कहती है कि “ठीक है माँ, मैं कल सुबह ही मंगल ग्रह पहुंच जाऊंगी।”
अगली सुबह लाल परी मंगल ग्रह चली जाती है। इधर रानी परी पृथ्वीलोक आकर पृथ्वी के लोगों को डराती है कि “तुम सब आज ही मेरा एक मंदिर बनाकर मेरी पूजा करोगे और उस लाल परी की बात और चर्चा कोई भी नही करेगा।”
तभी पृथ्वी के लोग उससे कहते है “तुमने हमारे लिए आज तक कुछ नहीं किया है इसलिए हम तुम्हारी पूजा क्यों करें जबकि लाल परी सदैव हमे मुसीबत से बचाती है। तुम एक बुरी और घमण्डी परी हो, चुपचाप यहाँ से चली जाओ।”
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रानी परी कहती है कि “तुम मामूली लोगों की इतनी हिम्मत की तुम मेरे सामने खड़े होकर जबान लड़ा रहे हो, तुम्हे मेरी ताकत का अंदाजा नही है रुको तुम्हें अभी सबक सिखाती हूँ।”
इतना कहकर रानी परी अपनी छड़ी घुमाती हैं और पृथ्वी के सारे जलाशयों और नदियों के पानी को सूखा देती है, और पृथ्वी के सारे खेतों के अनाज को भी अपने साथ परीलोक ले जाती है।
अब पृथ्वी के लोग उदास और परेशान होकर कहने लगते है कि “अब हम कैसे रहंगे, रानी परी तो सारा अनाज और पानी अपने साथ ले गई।”
तभी उनमें से एक लाल परी को फोन लगाकर सारी बात बताती है। लाल परी तुरंत पृथ्वी पर वापस आ जाती है और परीलोक जाती है।
लाल परी को देखकर रानी परी कहती है कि “तुम हो लाल परी जिसकी इतनी प्रसंशा होती है लेकिन मुझे तुम बिल्कुल भी नहीं पसंद हो। रुको मैं तुम्हे अभी पिंजरे में बंद करती हूँ।
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लाल परी मंगल ग्रह की थी इसलिए उसकी शक्तियां रानी परी से कई ज्यादा थी।
जैसे ही रानी परी अपनी छड़ी घुमाने लगी रानी परी के दोनों हाथ लाल परी ने काट दिए, रानी परी घबरा जाती है।
रानी परी-“है भगवान ये क्या हुआ मेरे हाथ कहाँ गए, अब मैं क्या करूंगी।”
लाल परी कहती है “तुमने बेचारे मासूम लोगों को बहुत परेशान किया है अब तुम हमेशा ऐसे ही रहना, और लोग तुम्हे बिना हाथ वाली परी के नाम से जानेंगे।”
तभी वहाँ रानी परी की बेटी पायल परी आ जाती है और लाल परी से अनुरोध करती है की उसकी माँ बहुत अच्छी है उसे छोड़ दो और दोनों हाथ वापस दे दो।
रानी परी भी कहने लगती है कि अब वह कभी भी पृथ्वीवासियों को परेशान नही करेगी।
लाल परी कहती है कि “ठीक है इस बार तुम्हें माफ कर देती हूँ लेकिन आगे से ध्यान रखना। फिर लाल परी रानी परी को पहले जैसा बना देती है और सारा अनाज लेकर पृथ्वी पर आ जाती है, वह फिर से सारी पृथ्वी को हरा भरा बना देती है और सब खुशी खुशी रहने लगते है।
सीख- कभी भी किसी बेकसूर को परेशान नही करना चाहिए।
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