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राकेश टिकैत का जीवन परिचय

Rakesh Tikait Biography In Hindi: राकेश टिकैत नाम आज हर किसी की जुबान पर है, किसान नेता के रूप में अपने पिता की तरह परचम लहराने वाले राकेश टिकैत आज भारतीय किसानों की आवाज बनकर दिल्ली में गूंज रहे है। इनके बारें में और इनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ बातों से आज हम इस आर्टिकल में आपको अवगत करवाएंगे।

Rakesh Tikait Biography In Hindi
Image: Rakesh Tikait Biography In Hindi

अगर आपको किसान नेता राकेश टिकैत के बारें में बहुत कम जानकारी है तो इस आर्टिकल राकेश टिकैत बायोग्राफी को पढने के बाद आप इनके बारें में हर एक जानकारी पा लेंगे। तो आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें –

राकेश टिकैत का जीवन परिचय | Rakesh Tikait Biography In Hindi

राकेश टिकैत परिचय बिंदु

नाम राकेश टिकैत
पिता का नाममहेंद्र सिंह टिकैत
माता का नामज्ञात नहीं
जन्म स्थानमुज्जफरनगर, उत्तरप्रदेश, भारत
जन्म तारीख 4 जून 1969
पढाईM.A (मेरठ विश्वविद्यालय से)
व्यवसायकृषि
कमाई80 करोड़ रूपए
प्रसिद्धिकिसान नेता के रूप में
संघ का नामB.K.U भारतीय किसान यूनियन संघ
जातिजात
धर्महिन्दू
नागरिकताभारतीय
भाईनरेश टिकैत

एक नजर राकेश टिकैत पर

राकेश टिकैत किसानों के हित के लिए संघर्ष करने वाले नेता है, जिन्होंने अपना सर्वोच्च संघर्ष किसानों के हित के लिए जारी रखा और आगे भी उनका संघर्ष किसानों के लिए हमेशा रहेगा। किसान होने के नाते राकेश टिकैत किसानों के दर्द को बहुत अच्छे से समझते हैं। यही कारण था कि 1992 में राकेश टिकैत ने सब इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़  किसानों के हित के लिए काम करने लगे।

1993-94 में लाल किले पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। पिता महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के बाद उनके बड़े भाई नरेश टिकैत को भारतीय किसान यूनियन का अध्यक्ष बना दिया गया, इसका मुख्य कारण था। उनका परिवार बलियान खाप से संबंध रखता है। उनके परिवार में इस प्रकार की रीत है पिता की मृत्यु के बाद बड़ा बेटा ही परिवार का मुखिया रहता है।

इसके बाद किसानों के संघर्ष को देखते हुए किसानों के शोषण को देखते हुए राकेश टिकैत ने किसानों के हित के लिए लड़ने का फैसला कर लिया था। इसके बाद राकेश टिकैत विधिवत रूप से राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने लग गए थे। भारतीय किसान यूनियन संघ में शामिल होने के बाद वे राष्ट्रीय प्रवक्ता बन गए। उनका संगठन भारतीय किसान यूनियन, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत में सक्रिय रहने लगा। 2020 में कृषि कानून के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन के दौरान राकेश टिकैत चर्चा में रहे।

राजनीतिक गतिविधियां

राकेश टिकैत 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें 9000 से अधिक वोट मिले। 2018 में टिकैत ने हरिद्वार उत्तराखंड से दिल्ली तक किसान क्रांति यात्रा का नेतृत्व किया। नवंबर 2020 में उनका संगठन भारतीय किसान यूनियन संघ में शामिल हो गया। न्यूनतम समर्थन मूल्य (m.m.c) के काले कानून का जोरदार विरोध किया जो अब तक भी जारी है।

राकेश टिकैत के बेबाक बयान

  • हमारे पास बहुत संपत्ति है जो किसानों की संपत्ति है, वही हमारी संपत्ति है। 2014 के चुनाव के दौरान उन्होंने यह बयान दिया था।
  • देश का किसान सीने पर गोली खाएगा पर पीछे नहीं हटेगा।
  • तीनों कृषि कानून अगर वापस नहीं लिए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। मैं किसी भी हालत में धरना स्थल नहीं छोडूंगा।

राजनीति कद

राकेश टिकैत सक्रिय रूप से किसान आंदोलन से जुड़कर किसानों के हित के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 26 जनवरी के दिन लाल किले मैं हुई घटना के बाद उनका राजनीतिक कद बढ़ गया। उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर एक बहुत बड़ा सपोर्ट मिला। उनके पक्ष में बयान आने लगे ‘उनके यहां कल रात खाना नहीं बना और वो अपने बेटे की पुकार पर गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं।

विवादित बयान

एक सभा को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने ब्राह्मणों व मंदिरों पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके विरोध में उनके खिलाफ काफी प्रदर्शन हुआ था।

आरोप

नवंबर 2020 में जब इस आंदोलन की शुरुआत शुरुआत हुई तब राकेश की भूमिका को लेकर लोगों में संदेह था।  राकेश टिकैत को बिकाऊ तक भी कहा गया।

राकेश टिकट और उनके संगठन

राकेश टिकट मुख्यतः किसान परिवार से ही संबंध रखते हैं। उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत ने लगातार 25 वर्षों  भारतीय किसान यूनियन संघ के अध्यक्ष रहे तथा किसानों का नेतृत्व किया। महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के बाद उनके बड़े भाई नरेश टिकैत को भारतीय यूनियन संघ का अध्यक्ष बना दिया गया।

बाद में राकेश टिकैत भी सक्रिय रूप से यूनियन संघ के लिए काम करने लगे तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता पद पर भी पहुंच गए। कृषि कानून के विरोध में उनका संगठन लगातार सरकार पर हमला बोलते आया है और आगे भी उनका संगठन किसान हित के लिए लड़ता रहेगा। संगठन पर कई प्रकार के सवालियां निशान भी उठे, कई बार उन्हें बिकाऊ भी कहा गया। इन तमाम विवादों के बावजूद भी उनका संगठन और आगे बढ़ता गया। राकेश टिकैत का भी राजनीतिक कद बढ़ता गया।

राकेश टिकैत के पिता का क्या नाम था?

राकेश टिकैत के पिता का नाम महेंद्र सिंह टिकैत था।

राकेश टिकैत का जन्म कब हुआ?

राकेश टिकैत का जन्म 4 जून 1969 को मुज्जफरनगर, उत्तरप्रदेश, भारत में हुआ।

किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है?

महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के बाद उनके बड़े भाई नरेश टिकैत को भारतीय यूनियन संघ का अध्यक्ष बना दिया गया।

निष्कर्ष

राकेश टिकैत किसान नेता के नाम से आज पुरे भारत में एक गहरी पहचान बना चुके है। हमने उनके जीवन से जुड़ी कुछ जानकारियां आपके साथ साझा करी है। आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा, हमें जरुर बताएं। जानकारी अच्छी लगी है तो इस आर्टिकल को शेयर जरुर करें। ऐसी ही अच्छी जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट को बुकमार्क जरुर करें।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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