Home > General Maths > प्राकृतिक संख्या किसे कहते हैं? (परिभाषा, सूत्र और गुणधर्म)

प्राकृतिक संख्या किसे कहते हैं? (परिभाषा, सूत्र और गुणधर्म)

Prakritik Sankhya: गिनती के बिना गणित अधूरा है। जितनी संख्याओं को गिनती के लिए आप इस्तेमाल करते है, उन्हें विभिन्न प्रकार में विभाजित किया गया है। कुछ ऐसी संख्या जिन्हें सबसे पहले खोजा गया ताकि गणना करना आसान हो सके, उसे प्राकृत संख्या कहा जाता है।

हालांकि प्राकृतिक संख्या की परिभाषा सूत्र ट्रिक और उदाहरण एवं गुणधर्म को समझना आवश्यक है, जिसे सरल शब्दों में इस लेख में स्पष्ट रूप से बताया गया है।

Prakritik Sankhya
Image : Prakritik Sankhya

आपको यह भी जानना चाहिए कि प्राकृत संख्या की खोज भारत महाद्वीप में हुई थी। प्राकृत संख्या गणित का वह महत्वपूर्ण अध्याय है, जहां से गणित शुरू होता है। इसके बिना हम गिनती नहीं कर पाते और किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त नहीं कर पाते।

इस वजह से चाहे आप किसी भी क्षेत्र की तैयारी कर रहे हो, आपको गणित के इस अध्याय की अच्छी समझ होना आवश्यक है। जिसके लिए प्राकृतिक संख्या की परिभाषा और सूत्र ध्यान पूर्वक इस लेख से पढ़ें।

प्राकृतिक संख्या किसे कहते हैं? (Prakrit Sankhya Kise Kahate Hain)

गणना करने वाले सभी संख्या को प्राकृत संख्या कहते हैं। या हम यूं भी कह सकते हैं कि वह सभी पूर्णांक जो 0 से बड़े हैं, उन्हें प्राकृत संख्या कहा जाता है।

जैसा कि हमने आपको बताया गणित के अध्याय की शुरुआत तो संख्या से हुई है और सबसे पहले प्राकृतिक संख्या को खोजा गया ताकि गिनती करना आसान हो सके। आप यह समझते होंगे कि किसी भी चीज की गिनती 0 से शुरू नहीं होती, इस वजह से प्राकृतिक संख्या में 0 को नहीं रखा गया था। बाद में संख्या का अधिक इस्तेमाल करने पर शून्य और इसके साथ अलग-अलग संख्याएं आई।

प्राकृत संख्या गणित का बहुत पुराना अध्याय है, जिस वजह से अलग-अलग क्षेत्र में इस संख्या के अलग-अलग नाम है। उपयोगिता के अनुसार प्राकृत संख्या को घन पूर्णांक संख्या भी कहा जाता है। बहुत पुराना होने की वजह से इसे हिंदू अरबी संख्या के नाम से भी कई जगहों पर संबोधित किया गया है।

प्राकृत संख्या के सूत्र

प्राकृत संख्या से जुड़े विभिन्न प्रकार के प्रश्न अलग-अलग क्षेत्र में पूछे जाते हैं, जिस वजह से आपको प्राकृत संख्या से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सूत्र की जानकारी होनी चाहिए, जिसकी सूची नीचे प्रस्तुत की गई है:

  • प्रथम n प्राकृतिक सम संख्याओं का औसत = n+1
  • लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1) /2
  • प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1) /2
  • लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्या का योग = (n/2+1)
  • प्रथम n प्राकृतिक विषम संख्याओं का औसत = n

प्राकृत संख्या के ट्रिक और इसके तथ्य

प्राकृत संख्या से जुड़े बहुत सारे तथ्य हैं, जिन्हें आप ट्रिक्स के आधार पर इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ प्रश्नों का हल ढूंढने के लिए प्राकृत संख्या से जुड़े इन तथ्यों की जानकारी हर किसी को होनी चाहिए।

  • प्राकृत संख्या सबसे पुरानी गणना पद्धति है, जिसमें लगातार एक की बढ़त देखने को मिलती है।
  • प्राकृत संख्या 0 से बड़ी सभी संख्याओं को कहते हैं। मगर समुच्चय प्राकृत संख्या को संबोधित करते वक्त सुनने की गिनती भी की जाती है।
  • प्राकृत संख्या 1 से शुरू होगा अनंत तक बढ़ता है और अनंत की जानकारी ना होने की वजह से हम प्राकृत संख्या को N से संबोधित करते हैं।
  • प्राकृत संख्या को गणितीय भाषा में  0 < N ≤ 1 से संबोधित करते है।

प्राकृत संख्या के उदाहरण

हम हर उस संख्या को प्राकृत संख्या कह सकते है, जो शून्य से बड़ा है। प्राकृत संख्या के उदाहरण में पूर्णांक, बट्टा, दसमल हो जैसे सभी गणितीय अंक शामिल होते है। प्राकृत संख्या सबसे पुरानी संख्या पद्धति है, जिसमें लगातार एक की बढ़त देखने को मिलती है। जिस वजह से आप रोजमर्रा के जीवन में जितनी भी संख्याओं का इस्तेमाल करते हैं। वह सब एक प्राकृत संख्या का हिस्सा है।

प्राकृत संख्या के उदाहरण – 1, 2, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 12, 13, 15, 4.6, 5.8 आदि।

इस तरह गणित में आपको जितनी भी संख्या 0 से बड़ी लगती है, वह सब प्राकृत संख्या का उदाहरण हो सकती है।

प्राकृत संख्या का गुणधर्म

प्राकृत संख्या किसे कहते हैं? यह समझने के बाद उस तरह की समस्याओं को प्राकृत संख्या क्यों कहते हैं?, यह जानने के लिए आपको प्राकृत संख्या के गुणधर्म को समझने की आवश्यकता है।

  • प्राकृत संख्या को हिंदी–अरबी संख्या से संबोधित किया जाता है।
  • प्रकृति संख्या 0 से बड़ी होती है।
  • प्राकृत संख्या में लगातार एक की बढ़त देखने को मिलती है अर्थात सोनिया से बड़ी किसी भी संख्या में 1 जोड़ते चाहिए तो आपको को उसके बाद का प्राकृत संख्या मिलते चला जाएगा। जैसे – 1, 2, 3, 4 आदि।
  • प्राकृत संख्या अनंत तक होती है, जिसे गणित में 0 < N ≤ 1 से संबोधित किया जाता है।

FAQ

प्राकृत संख्या कितनी है?

सुनने से बड़ी सभी संख्या को प्राकृत संख्या कहते हैं, जिस वजह से हम प्राकृत संख्या की गिनती नहीं कर सकते, यह अनंत तक है।

प्राकृत संख्या की परिभाषा क्या है?

गणना करने में इस्तेमाल होने वाली सभी संख्या को प्राकृत संख्या कहा जाता है, अगर वह 0 से बड़ी है। इसके अलावा 0 से बड़ी सभी संख्या को हम प्राकृत संख्या से परिभाषित कर सकते हैं।

सबसे बड़ी प्राकृतिक संख्या कौन सी है?

प्राकृत संख्या अनंत तक होती है, जिस वजह से हम सबसे बड़ी प्राकृत संख्या को ज्ञात नहीं कर सकते।

सबसे छोटी प्राकृत संख्या कौन सी है?

प्राकृत संख्या 1 से शुरू होती है, इस वजह से सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 को माना जाता है।

ऐसी कौन सी पूर्ण संख्या है जो प्राकृत संख्या नहीं है?

0 को एक पूर्ण संख्या माना जाता है, मगर वह प्राकृत संख्या का हिस्सा नहीं है। इस वजह से शून्य एक ऐसी पूर्ण संख्या जो प्राकृत संख्या नहीं है।

निष्कर्ष

हमने आज के इस लेख में आप सभी लोगों को प्राकृतिक संख्या परिभाषा और उदाहरण (prakritik sankhya ki paribhasha) के बारे में विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज की यह जानकारी आप लोगों के लिए काफी यूज़फुल और हेल्पफुल साबित हुई होगी।

अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं। हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे।

यह भी पढ़े

रोमन संख्याएँ किसे कहते है? (1 से 100 तक रोमन गिनती)

अभाज्य संख्या किसे कहते हैं? उदाहरण, सूत्र और गुणधर्म

स्थानीयमान और जातीयमान (परिभाषा, ट्रिक्स और उदाहरण)

आरोही क्रम और अवरोही क्रम (परिभाषा एवं अंतर)

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Leave a Comment