Poem on Teachers day in Hindi: शिक्षक हमारे जीवन को बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
जीवन में सफल होने के लिए शिक्षक का होना जरुरी हैं। यह जरुरी नही की वो केवल स्कूल और कॉलेज में ही हो, जो हमे कुछ नया सिखाये वो शिक्षक होता हैं।
यहां पर हमने शिक्षक दिवस पर कविताएं (shikshak diwas par kavita) शेयर की है। उम्मीद करते हैं आपको यह कविताएँ पसंद आएँगी।
शिक्षक दिवस पर कविता (Poem on Teachers day in Hindi)
शिक्षक दिवस पर कविता – 1
आदर्शों की मिसाल बनकर,
बाल जीवन संवारता शिक्षक।
सदाबहार फूल-सा खिलकर,
महकता और महकाता शिक्षक।
नित नए प्रेरक आयाम लेकर,
हर पल भव्य बनता शिक्षक।
संचित ज्ञान का धन हमें देकर,
खुशियां खूब मनाता शिक्षक।
पाप व लालच से डरने की,
धर्मीय सीख सिखाता शिक्षक।
देश के लिए मर मिटने की,
बलिदानी राह दिखता शिक्षक।
प्रकाशपुंज का आधार बनकर,
कराव्या अपना निभाता शिक्षक।
प्रेम सरिता की बनकर धारा,
नैया पार लगता शिक्षक।
Teachers Day Poem in Hindi – 2
चुपचाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी।
तब दुनिया बदलने की आवाज़ बनाता हूँ।।
समन्दर तो परखता है हौसले कश्तियों के,
और मैं, डूबती कश्तियों को जहाज बनाता हूँ।।
बनाये चाहे चाँद पर कोई बुर्ज ए खलीफा।
अरे, मैं तो कच्ची ईंटों से ताज बनाता हूँ।।
ढूँढों मेरा मजहब जाके इन किताबों में।
मैं तो उन्हीं से आरती, नमाज़ बनाता हूँ।।
न मुझसे सीखने आना कभी जंतर जुगाड़ के।
अरे! मैं तो मेहनत लगन के रीवाज़ बनाता हूँ।।
नजूमी – ज्योतिषी छोड़ दो तारों को तकना तुम।
है जो आने वाला कल उसे मैं आज बनाता हूँ।।
टीचर्स डे पर कविता छोटी सी – 3
गुरु आपकी ये अमृत वाणी हमेशा मुझको याद रहे,
जो अच्छा है जो बुरा है उसकी हम पहचान करे।
मार्ग मिले चाहे जैसा भी उसका हम सम्मान करे,
दीप जले या अंगारे हो पाठ तुम्हारा याद रहे।
अच्छाई और बुराई का जब भी हम चुनाव करे,
गुरु आपकी ये अमृत वाणी हमेशा मुझको याद रहे।
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Shikshak Divas Per Kavita – 4
रोज सुबह मिलते है इनसे,
क्या हमको करना है ये बतलाते है।
ले के तस्वीरें इन्सानों की,
सही गलत का भेद हमें ये बतलाते है।
कभी ड़ांट तो कभी प्यार से,
कितना कुछ हमको ये समझाते है।
है भविष्य देश का जिन में,
उनका सबका भविष्य ये बनाते है।
है रगं कई इस जीवन में,
रगों की दुनिया से पहचान, ये करवाते है।
खो ना जाये भीड़ में कहीं हम,
हम को हम से ही ये मिलवाते है।
हार हार के फिर लड़ना ही जीत है सच्ची,
ऐसा एहसास ये हमको करवाते है।
कोशिश करते रहना हर पल,
जीवन का अर्थ हमें ये बतलाते है।
देते है नेक मज़िल भी हमें,
राह भी बेहत्तर हमे ये दिखलाते है।
देते है ज्ञान जीवन का,
काम यही सब है इनका,
ये शिक्षक कहलाते है,
ये शिक्षक कहलाते है।।
Poem on teachers day in hindi – 5
गुरु बिन ज्ञान नहीं
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।
अंधकार बस तब तक ही है,
जब तक है दिनमान नहीं रे।।
मिले न गुरु का अगर सहारा,
मिटे नहीं मन का अंधियारा।
लक्ष्य नहीं दिखलाई पड़ता,
पग आगे रखते मन डरता।
हो पाता है पूरा कोई भी अभियान नहीं रे।
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।।
जब तक रहती गुरु से दूरी,
होती मन की प्यास न पूरी।
गुरु मन की पीड़ा हर लेते,
दिव्य सरस जीवन कर देते।
गुरु बिन जीवन होता ऐसा,
जैसे प्राण नहीं, नहीं रे।।
भटकावों की राहें छोड़ें,
गुरु चरणों से मन को जोड़ें।
गुरु के निर्देशों को मानें,
इनको सच्ची सम्पत्ति जानें।
धन, बल, साधन, बुद्धि, ज्ञान का,
कर अभिमान नहीं रे, गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।।
गुरु से जब अनुदान मिलेंगे,
अति पावन परिणाम मिलेंगे।
टूटेंगे भवबन्धन सारे, खुल जायेंगे, प्रभु के द्वारे।
क्या से क्या तुम बन जाओगे, तुमको ध्यान नहीं, नहीं रे।।
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शिक्षक दिवस पर कविता हिंदी में – 6
विद्या देते दान गुरूजी।
हर लेते अज्ञान गुरूजी।।
अक्षर अक्षर हमें सिखाते।
शब्द शब्द का अर्थ बताते।
कभी प्यार से कभी डाँट से,
हमको देते ज्ञान गुरूजी।।
जोड़ घटाना गुणा बताते।
प्रश्न गणित के हल करवाते।।
हर गलती को ठीक कराते,
पकड़ हमारे कान गुरूजी।।
धरती का भूगोल बताते।
इतिहासों की कथा सुनाते।।
क्या कब क्यों कैसे होता है,
समझाते विज्ञान गुरूजी।।
खेल खिलाते गीत गवाते।
कभी पढ़ाते कभी लिखाते।।
अच्छे और बुरे की हमको,
करवाते पहचान गुरूजी।।
Shikshak Diwas par Kavita – 7
सुन्दर सुर सजाने को साज बनाता हूँ
नौसिखिये परिंदों को बाज बनाता हूँ।
चुपचाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी
तब दुनिया बदलने की आवाज बनाता हूँ.
समंदर तो परखता है हौंसले कश्तियों के
और मैं डूबती कश्तियों को जहाज बनाता हूँ,
बनाए चाहे चांद पे कोई बुर्ज ए खलीफा
अरे मैं तो कच्ची ईंटों से ही ताज बनाता हूँ।।
Teacher Day Poem in Hindi – 8
देते हमको ज्ञान।
हम बच्चे भी करते हैं,
इनका बहुत सम्मान।
यह देते हैं हमको,
संसार का समस्त ज्ञान।
जिसके बाद प्राप्त होता है,
हमे विश्व में प्रथम स्थान।
सर्वपल्ली ने शिक्षकों की गरिमा को बढ़ाया,
के अपने जन्म को उत्सव में बदल डाला।
अब हर एक शिक्षक का,
जग में है बोल-बाला।
शिक्षक के प्रेम में जश्न मना रहे यह बच्चे,
शिक्षक के सामने नतमस्तक है बहुत सारे बच्चे।
निष्कर्ष
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