मानव भूगोल, भूगोल की प्रमुख शाखा में से एक है। इसके अंतर्गत मानव और पर्यावरण के बीच अंतर प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है। मनुष्य की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान समय तक उसके पर्यावरण के संबंधों का अध्ययन इस शाखा के अंतर्गत होता है। मानव भूगोल में मानव को ही केंद्र बनाकर मानव के आर्थिक एवं प्राकृतिक वातावरण का अध्ययन किया जाता है।
क्योंकि मानव का प्रकृति के साथ घनिष्ठ संबंध होता है। प्रकृति और आसपास के वातावरण का मनुष्य पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। मनुष्य की सोच विचार यहां तक कि उनके क्रियाकलापों पर प्रकृति और वातावरण का प्रभाव रहता है। यहां तक कि इन्ही प्रभाव के कारण मानव में सतत विकास होते रहता है।
हालांकि मनुष्य भी अपने क्रियाकलापों द्वारा प्राकृतिक वातावरण को प्रभावित करता है, वह सांस्कृतिक वातावरण का निर्माण करता है। मानव का विकास तब से ही हो रहा है जब से मनुष्य धरती पर आया है। मनुष्य के सतत विकास से ही मनुष्य आदिमानव से आधुनिक मानव बन पाया है।
मानव भूगोल का अध्ययन उस समय से ही की जा रही है जब से मनुष्य प्रकृति के साथ अंतरप्रक्रिया करना आरंभ कर दिया। भूगोल की इस शाखा में मानव और प्रकृति की अंतरप्रक्रिया से उत्पन्न तत्व जैसे जनसंख्या वितरण, जाती, प्रजाति, उनका निवास और मानवीय क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
मानव भूगोल के जनक
मानव भूगोल का जनक जर्मन निवासी और भूगोल वेता फ्रेड्रिक रैटज़ेल को कहा जाता है। इन्होंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम “एंथ्रोपोजियोग्राफी” था। इस पुस्तक में इन्होंने मानव पर प्रकृति का प्रभाव और प्रकृति के ऊपर मानव के प्रभाव का विसद रूप से प्रस्तुत किया गया है।
इस रचना के कारण ही इन्हें मानव भूगोल का जनक माना जाता है। इन्होंने मानव भूगोल को विकसित किया और मानवीय कार्यों का निरीक्षण भूगोलवेत्ता की दृष्टि से अधिक किया। इनके अनुसार जो स्वयं भौतिक दशाओं का एक योग्य होता है। ऐसे मानव भूगोल के दृश्य सर्वत्र पर्यावरण से संबंधित होता है।
मानव भूगोल कई उपशाखा में बटा हुआ है
आर्थिक भूगोल
आर्थिक भूगोल के अंतर्गत संसाधन भूगोल, कृषि भूगोल, औद्योगिक व परिवहन भूगोल, राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर आर्थिक गतिविधियों की अवस्थित और वितरण जैसे बिंदुओं का अध्ययन किया जाता है।
सांस्कृतिक भूगोल
इस शाखा के अंतर्गत मानवीय संस्कृति की उत्पत्ति और उसके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है।
राजनीतिक भूगोल
इस शाखा के अंतर्गत राजनीतिक व प्रशासनिक प्रदेशों के उद्भव व रूपांतरण के बारे में अध्ययन किया जाता है।
मानवविज्ञान भूगोल
इसके अंतर्गत विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन होता है।
ऐतिहासिक भूगोल
इस शाखा के अंतर्गत भौगोलिक परिघटनाओं का स्थानिक व कालिक अध्ययन किया जाता है।
सामाजिक भूगोल
मानव भूगोल के इस साखा के अंतर्गत सामाजिक परीघटना जैसे कि स्वास्थ, शिक्षा, निर्धनता, जीवनयापन का विश्लेषण किया जाता है।
जनसंख्या भूगोल
इस शाखा के अंतर्गत जनसंख्या वितरण, घनत्व, संघटन, क्षमता, मर्त्यता, प्रवास, प्रजनन अंग जैसे जनसंख्या के विविध पक्षों का अध्ययन किया जाता है।
अधिवास भूगोल
इस शाखा के अंतर्गत ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में आदिवासियों का आकार वितरण, प्रकार्य, पदानुक्रमन और आदिवासी व्यवस्था से संबंधित अन्य आधारों का अध्ययन किया जाता है।
FAQ
मानव भूगोल का जनक जर्मन निवासी और भूगोल वेता फ्रेड्रिक रैटज़ेल को कहा जाता है। इन्होंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम “एंथ्रोपोजियोग्राफी” था। इस पुस्तक में इन्होंने मानव पर प्रकृति का प्रभाव और प्रकृति के ऊपर मानव के प्रभाव का विसद रूप से प्रस्तुत किया गया है। इस रचना के कारण ही इन्हें मानव भूगोल का जनक माना जाता है।
मानव भूगोल की विभिन्न शाखाएं हैं, जो मानव की गतिविधियां एवं संगठन के विभिन्न तत्वों पर ध्यान केंद्रित करती हैं: आर्थिक भूगोल, सामाजिक भूगोल, राजनीतिक भूगोल, ऐतिहासिक भूगोल, सामरिक भूगोल, प्रजातीय भूगोल, जनसंख्या भूगोल, राजनीतिक भूगोल, स्वास्थ्य भूगोल, परिवहन भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल।
मानव भूगोल के अंतर्गत मानव और प्रकृति के अंतर्संबंध जैसे मानव जाति, प्रजाति, निवास, मानवीय क्रियाएं जैसे कि कृषि, पशुपालन, परिवहन, संचार, उद्योग, सेवा, व्यापार इत्यादि। जनसंख्या वितरण, जनसंख्या घनत्व, जनसंख्या वृद्धि, प्रवास आदि।
मानव भूगोल के विकास का श्रेय फ्रेडरिक रैटजेल को जाता है, जिन्होंने अपनी रचना में पृथ्वी का अध्ययन मानव जीवन के संदर्भ में किया है। इन्होंने मानव भूगोल को विकसित किया और मानवीय कार्यों का निरीक्षण भूगोलवेत्ता की दृष्टि से अधिक किया।
सर्वप्रथम फ्रेडरिक रैटजेल ने मानव भूगोल से संबंधित ग्रंथ की रचना की।
निष्कर्ष
आज के लिए में आपने मानव भूगोल के बारे में जाना, जो विज्ञान की प्रमुख शाखाओं में से एक है। जिसके तहत मानवजाति का उद्भव और विकास के बारे में पता चलता है। इस लेख के जरिए मानव भूगोल क्या होता है, मानव भूगोल के जनक कौन है से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी आपको मिली।
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