Lal Singh Chaddha Real Story: 11 अगस्त 2022 को आमिर खान की एक फिल्म लाल सिंह चड्डा रिलीज हुई थी। हालांकि यह फिल्म 1994 में रिलीज हुई फिल्म Tom Hanks is forrest Gump की रीमेक थी।
यह फिल्म एक बायोपिक फिल्म थी क्योंकि यह फिल्म लाल सिंह चड्ढा के जीवन पर आधारित थी। इस फिल्म में आमिर खान के साथ करीना कपूर भी लीड रोल में थी। फिल्म को अद्वैत चंदन के द्वारा निर्देशित किया गया था।
यह फिल्म देखने के बाद लगभग सभी लोगों के मन में यह प्रश्न जरूर आया था कि आखिर लाल सिंह चड्ढा कौन है? और क्यों इनके ऊपर फिल्म बनी है। इस लेख में लाल सिंह चड्ढा रियल स्टोरी (lal singh chaddha real story) के बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे।
लाल सिंह चड्ढा कौन थे?
लाल सिंह चड्ढा भारतीय आर्मी के एक जवान थे। उन्हें भारत सरकार के द्वारा परमवीर चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका था। लेकिन आपको जानकर ताजुब होगा कि लाल सिंह चड्ढा मानसिक रूप से अस्वस्थ थे।
इस कारण स्कूल में भी उनका एडमिशन नहीं हो पा रहा था। यहां तक कि उनके सभी दोस्त, लोग उनका मजाक उड़ाया करते थे।
लाल सिंह चड्ढा की शिक्षा और स्कूल रेस
चूंकि लाल सिंह चड्ढा मानसिक रूप से अस्वस्थ थे, जिसके कारण कई सारे स्कूलों में उनका आसानी से एडमिशन नहीं हो पा रहा था। मुश्किल से एक स्कूल में उनका एडमिशन हो गया।
एक बार उनके स्कूल में एथलेटिक्स की रेस आयोजित होने वाली थी। उस रेस में उनके दोस्त गुरूप्रीत सिंह भी हिस्सा ले रहे थे। यह देख लाल सिंह चड्ढा भी हिस्सा लेना चाहते थे। लेकिन उनकी मानसिक बीमारी के कारण उनकी मां ने उन्हें हिस्सा लेने से मना कर दिया।
कुछ दिनों के बाद रेस शुरू हुई। रेस में दौड़ते वक्त उनके दोस्त गुरप्रीत सिंह को चोट आ गई, जिसे देख लाल सिंह चड्ढा अपने दोस्त के पास जाते हैं और उन्हें अपने कंधे पर उठाकर रेस में दौड़ने लगते हैं और वे रेस भी जीत जाते हैं।
लाल सिंह चड्ढा को इस तरह अपने दोस्त को कंधे पर उठाकर दौड़ता हुआ देख वहां के टीचर, जज और सभी स्टूडेंट लोग चौंक जाते हैं। उनकी उस परफॉर्मेंस को देखकर उन्हें स्कूल गेम में भी भाग लेने का मौका मिल जाता है।
स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद लाल सिंह अपनी कॉलेज की भी पढ़ाई भी पूरी कर लेते हैं लेकिन हर जगह पर उनके भोलेपन का फायदा उठाया गया, उनके मानसिक बीमारी के कारण उन्हें कई जगह पर मजाक का पात्र बनना पड़ता था।
लाल सिंह चड्ढा का आर्मी में जॉइनिंग
लाल सिंह चड्ढा जब अपने कॉलेज में थे तो आखिरी दिनों में एथलेटिक्स प्लेयर को आर्मी में जाने का मौका मिल रहा था तब लाल सिंह चड्ढा भी आर्मी में ज्वाइन हो जाते हैं।
आर्मी में ज्वाइन होने के कुछ दिनों के बाद भारत और पाकिस्तान में जंग हो जाती है। उस जंग में कई सारे सैनिक घायल हो जाते हैं, जिसमें लाल सिंह चड्ढा घायल सैनिकों को बचाकर सुरक्षित जगह पर ले आते हैं।
जंग में लाल सिंह चड्ढा के बहादूरी भरे काम के लिए भारत सरकार के द्वारा उन्हें परमवीर चक्र से उन्हें सम्मानित किया जाता है।
दोस्त की इच्छा को पूरी करने के लिए खोली थी मिठाई की दुकान
लाल सिंह चड्ढा इंडियन आर्मी से रिटायर होने के बाद अपने गांव में एक मिठाई का दुकान चलाने लगे थे। कहते हैं कि यह मिठाई की दुकान अपने दोस्त के सपने को पूरा करने के लिए खोली थी।
दरअसल जब वे और उनके दोस्त आर्मी में ज्वाइन हुए थे, उसी समय हिंदुस्तान और पाकिस्तान में जंग छिड़ गई थी। उस समय लाल सिंह चड्ढा के दोस्त गरुप्रीत सिंह लाल सिंह से कहते हैं कि मैं इस जंग में नहीं जाना चाहता, मैं अपने सपने पूरा करना चाहता हूं, मैं खुद का मिठाई का व्यापार करना चाहता हूं।
उस जंग के दौरान दुश्मनों के द्वारा एक ब्लास्ट में लाल सिंह चड्ढा के दोस्त गुरप्रीत सिंह की मौत हो जाती है। उन्हीं के सपने को पूरा करने के लिए वह रिटायरमेंट के बाद गांव आते हैं और यही पर मिठाई का दुकान खोलते हैं।
लेकिन कुछ समय के बाद पंजाब में एक दंगा शुरू हो जाता है, जिसमें पंजाब के कई लोग घायल हो जाते हैं। उसमें काफी संपत्ति का भी नुकसान होता है लेकिन लाल सिंह चड्ढा की दुकान का कुछ भी नुकसान नहीं होता है।
बाद में जब उनकी माता की तबीयत खराब हो जाती है तब लाल सिंह चड्ढा अपने दोस्त गुरप्रीत सिंह के पिता को अपनी दुकान सौंप देते हैं। उसके बाद वे अपनी मां की देखभाल करने लगते हैं लेकिन बाद में उनकी मां कैंसर के कारण मौत हो जाती है।
लाल सिंह चड्ढा की प्रेमिका
लाल सिंह चड्ढा की बायोग्राफी में एक भूमिका सिमरन की भी है। लाल सिंह चड्ढा बचपन से ही सिमरन नाम की एक लड़की से बहुत ही प्यार करते थे।
हालांकि वह कभी भी उसे अपने दिल की बात बता नहीं पाए। जब लाल सिंह चड्ढा आर्मी में ज्वाइन होते हैं, उसी समय सिमरन सिंगर बनने के लिए मुंबई चली जाती है। लेकिन अपने करियर के चक्कर में वह मुंबई में कई गलत लोगों पर भरोसा कर लेती है।
वह खुदकुशी करने की भी कोशिश करती है लेकिन बच जाती है। खुदकुशी करने के प्रयास में उसे चोट भी लग जाता है। जब उस घटना के बारे में लाल सिंह चड्ढा को पता चलता है तो वह सिमरन को घर लाने के लिए मुंबई चले जाते हैं।
लाल सिंह चड्ढा सिमरन को अपने घर पर ही रखने लगते हैं। हालांकि वह मन ही मन उसे बहुत ही प्यार करते है लेकिन दिल की बात बता नहीं पाते हैं।
दूसरी तरफ सिमरन भी उनसे प्यार करती है लेकिन वह भी उसे अपनी बात बात नहीं पाती है। फिर एक दिन सिमरन लाल सिंह को बिना बताए घर छोड़कर चली जाती है।
उसके बाद लाल सिंह चड्ढा अपने जीवन में अकेले पड़ जाते हैं। अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए वह पूरी दुनिया का चक्कर लगाने के लिए दौड़ना शुरू कर देते हैं।
कई दिनों तक उनकी दौड़ टीवी, न्यूज़ पेपर और सोशल मीडिया पर एक न्यूज़ के रूप में फैलने लगती है। हालांकि शुरुआत में उन्हें दौड़ते हुए देख लोग उनका मजाक उड़ाते हैं।
लेकिन बाद में उनकी दौड़ में बाकी लोग भी शामिल होते हैं। उनके उस लगातार और लंबे समय के दौड़ के लिए उनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया जाता है।
निष्कर्ष
यहां लाल सिंह चड्ढा रियल स्टोरी (Lal Singh Chaddha Real Story) के बारे में जाना। लाल सिंह चड्ढा के जीवन पर आमिर खान की एक फिल्म बन चुकी है।
अगर आप उनके जीवन की कहानी को और भी अच्छे से जानना चाहते हैं तो उस फिल्म को देख सकते हैं। हमें उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी।
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