Essay On Organ Trafficking In Hindi: आज के आर्टिकल में हम अंग तस्करी पर निबंध के बारे में बात करने वाले है। आज के ज़माने में अंग की तस्करी बहुत की जा रही है। अतः इस आर्टिकल में आपको Essay On Organ Trafficking In Hindi के बारे में जानकारी मिलने वाली है।
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अंग तस्करी पर निबंध | Essay On Organ Trafficking In Hindi
अंग तस्करी पर निबंध (200 शब्द)
अंग तस्करी का नाम आपने अवश्य सुना होगा। अंग तस्करी का मतलब होता है कि अंगों की चोरी करना है। मनुष्य के शरीर में बहुत ही कीमती अंग है, जिनकी वर्तमान समय में खूब चोरी की जा रही है। अंगों की चोरी करने में डॉक्टर भी शामिल है। डॉक्टर को भगवान के रूप में माना जाता है, लेकिन कई जगह हमने ऐसा देखा है कि लोगों के अंग की तस्करी करते हुए डॉक्टर पकड़े जाते हैं। डॉक्टर का हाथ अंग तस्करी में पूरी तरह से शामिल है, क्योंकि अंग तस्करी का काम डॉक्टर के बिना संभव नहीं है।
अंग तस्करी में मुख्य रूप से किडनी, लीवर, हृदय, आंख इत्यादि शरीर के महत्वपूर्ण अंग है, जिनकी मुख्य रूप से तस्करी की जा रही है। अंग तस्करी को रोकना बहुत ही जरूरी है। वर्तमान समय में ऐसे भी मामले सामने आए हैं कि लोग अपने अंगों को दान करते हैं, लेकिन बीच में बिचौलिए उन अंगों की तस्करी करते हैं और आगे जरूरतमंद लोगों को बेच देते हैं।
मनुष्य की शारीरिक अंगों के अलावा और भी पशुओं में भी अंग तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। अंग तस्करी का मामला दिन प्रतिदिन प्रचलित होता जा रहा है। अंग तस्करी का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि कई बार अंगों की तस्करी करने वाला व्यक्ति ज्यादा पैसे की डिमांड करता है और ऐसे में मासूम लोगों की जान चली जाती है, भारत में अंग तस्करी को रोकना बहुत ही जरूरी है।
अंग तस्करी पर निबंध (600 शब्द)
प्रस्तावना
अंग प्रत्यारोपण करने से कई लोगों की जिंदगी बच जाती है, लेकिन अंग प्रत्यारोपण के पीछे एक बड़ा अवैध व्यापार छिपा हुआ है, जिसे अंग तस्करी के नाम से जाना जाता है। अभिन्न अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से लोगों के शरीर के अंगों का प्रत्यारोपण के कार्य होते हैं और यहां से लोग जरूरतमंद लोगों को पागल बना कर यह उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए उनसे ज्यादा पैसे लेते हैं।
मनुष्य और पशुओं में अंग प्रत्यारोपण का व्यवहार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में मीडिया के माध्यम से देश में अंग प्रत्यारोपण को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है और अंग तस्करी को रोकने के लिए सरकार द्वारा भी कई प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा अंग तस्करी को रोकने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
अंगो की तस्करी
वैश्विक स्तर पर स्वस्थ अंगों की काफी ज्यादा मांग है, जो व्यावसायिक उद्देश्य के लिए अंग तस्करी जैसे अपराधों को बढ़ावा देती हैं। लोगो के मरने के बाद कई व्यक्ति अपना अंग दान करना चाहता है और कई जीवित व्यक्ति भी अपना अंग दान करते है, लेकिन डॉक्टर उन अंगो आगे बेच देते है। डॉक्टर अंग तस्करी करते है, उसकी वजह से पीड़ित ज्यादातर गरीब, अशिक्षित लोगो को नुकसान झेलना पड़ता है।
कई ऐसे मामले में जिसमे हमने अक्सर देखा है, कि डॉक्टर लोग पेसो के चक्कर में गरीब लोगो को अंग तस्करी का शिकार बनाते है और उनको गुमराह करते है। थोड़े से पेसे देकर लोगो के अंग बेच देते है, अन्य सबसे कमजोर पीड़ित वे होते हैं, जो बीमारी के इलाज के लिए जाते है और धोखे से उन्हें बिना बताये उनके अंग निकाल लिए जाते हैं। वैज्ञानिक उन्नति और चिकित्सा जगत में हुई तरक्की ने भी अंग तस्करी को बढ़ावा दिया हैं।
गरीबी और निरक्षरता इस अपराध को बढ़ाने के प्रमुख कारण हैं, इसमें पीड़ितों को अंग तस्करी के लिए बहुत कम या फिर बिल्कुल भी भुगतान नहीं किया जाता। तस्करी पीड़ित व्यक्ति किसी भी आयु वर्ग का हो सकता हैं। बाल तस्करी और मानव तस्करी पीड़ित भी अंग तस्करी के शिकार हुए हैं। अंग तस्करी के पीड़ित सर्जरी के कारण खराब स्वास्थ्य परिस्थितियों और प्रतिरक्षा प्रणाली से ग्रस्त हो जाते हैं। वैधानिक नियमों के द्वारा अंग तस्करी के रोकथाम मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा सकती हैं।
अंग तस्करी को रोकने के लिए उठाये गए कदम
अंग तस्करी में मुख्य रूप से भारत हो या अन्य कोई देश डॉक्टर का हाथ जरूर है, क्योंकि डॉक्टर के बिना और तस्करी का कार्य संभव नहीं है और सरकार द्वारा डॉक्टरों के खिलाफ भी सन 2007 में सख्त कदम उठाया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सन 2007 में एक बुलेटिन जारी की गई, जिसके माध्यम से कई दोषी डॉक्टरों को पकड़ा गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उठाए गए, इस कदम के माध्यम से करीब 2000 डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की गई, जिनके जरिए देश में किडनी की अंग तस्करी की जाती थी और किडनी को अन्य देशों में बेचा जाता था। भारत का नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अभिन्न अंग निजात की लिस्ट में शामिल कर दिया गया।
अंग प्रत्यारोपण को लेकर बहुत ही बड़ी समस्या देश में सामने आए आ रही है। देश में अंग प्रत्यारोपण की जरूरत प्रतिवर्ष 4 से 5 हजार लोगों को जरूरत पड़ती है, लेकिन सिर्फ 100 से 150 लोगो की जरूरत ही पूरी हो पाती है, बाकी अन्य लोग जिनको अपनी जान गंवानी पड़ती है।
अंग तस्करी को पूरी तरह से जड़ से मिटाने के लिए मानव अंग प्रत्यारोपण संशोधन विधेयक साल 2009 में पारित किया गया। इस कानून के माध्यम से सरकार द्वारा कई प्रकार की गाइडलाइन जारी की गई, उसमे मुख्य रूप से बताया गया, कि यदि कोई व्यक्ति अंग तस्करी करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उस व्यक्ति को 10 साल की जेल और ₹1,00,00,000 का जुर्माना सरकार को देना होगा।
कोर्ट के माध्यम से उस व्यक्ति को कभी भी माफ नहीं किया जाएगा और उस व्यक्ति से यह जुर्माना और 10 साल की सजा भुगतने का आर्डर दिया जाएगा। तब से कई अंग तस्करी करने वाले लोगों में डर पैदा हुआ, लेकिन वर्तमान में भी अंग तस्करी का कार्य जारी है, परंतु सरकार भी अंग तस्करी को रोकने के लिए पूरा प्रयास कर रही है और आने वाले समय में अंक तस्करी को लेकर और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
डॉक्टरों की गाइडलाइन के मुताबिक अंग तस्करी को रोकना संभव नहीं है, क्योंकि जब तक अंग की मांग बढ़ेगी, तब तक यह तस्करी चलती रहेगी, इसके लिए सरकार को सबसे महत्वपूर्ण कार्य करना चाहिए, कि लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाए अंगदान बढ़ने लगेगा, तो जरूरतमंद लोगों को आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे और ऐसे में अंग तस्करी का मामला धीरे-धीरे पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
निष्कर्ष
देश में अंग तस्करी का नाम काफी लोकप्रिय हो रहा है। अंग तस्करी के माध्यम से लाखों लोग पैसे कमा रहे हैं, लेकिन यह काम बहुत ही गलत है और अंकित तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर सरकार सजा भी दे सकती हैं। अंग तस्करी करने वाले लोगों की वजह से कई मासूम लोगों की जान चली जाती है।
अंतिम शब्द
आज का हमारा यह आर्टिकल जिसमें हमने अगं तस्करी पर निबंध (Essay On Organ Trafficking In Hindi) के बारे में जानकारी आप तक पहुंचाई हैं। मुझे उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी हैं। यदि आपको हमारा आर्टिकल वाकई में आपको अच्छा लगा हो, तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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