My Favourite Subject Hindi Essay in Hindi: हमारे पाठ्यक्रम में विभिन्न प्रकार के विषय होते हैं। सबको अलग-अलग विषय प्रिय होता है। किसी को गणित प्रिय होता है तो किसी के लिए गणित सबसे कठिन विषय होता है।
किसी को अंग्रेजी विषय अच्छा लगता है तो किसी को सामाजिक विज्ञान का विषय अच्छा लगता है। हर एक बच्चे की पसंद अलग-अलग होती है। हालांकि उनकी रुचि समय और उम्र के साथ बदलती रहती है।
इस लेख में हम मेरा प्रिय विषय हिंदी पर निबंध लेकर आए हैं। विद्यालय में बच्चों को अक्सर मेरे प्रिय विषय पर निबंध लेख दिया जाता है, इसलिए यह लेख विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है।
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मेरा प्रिय विषय हिंदी पर निबंध 250 शब्दों में
हिंदी भाषा हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है। यह न केवल भाषा है बल्कि यह हमारे देश की पहचान है। हिंदी हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य रत्न है। हिंदी ऐतिहासिक भाषा है। इसका विकास संस्कृत भाषा से हुआ। अवधी, खड़ी बोली, अपभ्रंश जैसे कई भाषाओं ने आधुनिक हिंदी भाषा को जन्म दिया।
हिंदी भाषा पूरे देश को बांधे रखती है क्योंकि 50% भारतीय हिंदी भाषा बोलते हैं। न केवल भारत बल्कि श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में भी हिंदी भाषा बोली जाती है।
साहित्य लेखन की दृष्टि से हिंदी भाषा का बहुत ही प्राचीन समय से ही भारत में महत्व रहा है। हिंदी भाषा में कई महाकाव्य, कविताएं, उपन्यास, कहानी, नाटक, निबंध ने दुनिया भर के पाठकों को मंत्र मुग्ध किया है।
कबीर दास, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, सूरदास, कालिदास, तुलसीदास, रामधारी सिंह दिनकर, हरिवंश राय बच्चन, मैथिली शरण गुप्त, कुमार विश्वास जैसे कई प्रसिद्ध साहित्यकार अपनी हिंदी साहित्य रचना के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।
इन महाविभूतियों ने हिंदी भाषा को विश्व स्तर पर एक अलग पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन वहीं आज की आधुनिक युवा पीढ़ी हिंदी भाषा में कम और अंग्रेजी भाषा में ज्यादा रुचि रखते हैं।
आज की युवा पीढ़ियों को हिंदी भाषा बोलने में शर्म महसूस होती है। उन्हें लगता है कि अंग्रेजी भाषा पढ़े लिखे और मॉडर्न होने की पहचान है। लेकिन वे भूल जाते हैं कि राष्ट्रभाषा राष्ट्रीय की पहचान होती है।
जिस तरह बाकी देशों में अपनी अपनी भाषाओं को सम्मान दिया जाता है, भारत में भी हर एक युवा को अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी को सम्मान देना चाहिए। हालांकि हिंदी की खोई गरिमा को वापस लाने के लिए हम हिंदी विश्व दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाते हैं।
लेकिन केवल ऐसे दिवस मना लेने से हम हिंदी भाषा के महत्व को नहीं समझ सकते हैं जब तक हमें खुद को एहसास नहीं होता। जिस तरह हमें भारतीय होने पर गर्व है, उसी तरह हमें अपने हिंदी भाषा बोलने पर भी गर्व महसूस होना चाहिए।
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प्रस्तावना
हम अपने पाठ्यक्रम में अलग-अलग विषय को पढ़ते हैं लेकिन मेरा सबसे ज्यादा प्रिय विषय हिंदी है। हिंदी भाषा केवल विषय की दृष्टि से ही मुझे अच्छा नहीं लगता बल्कि यह हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है, यह हमारे देश की संस्कृति और धरोहर है।
हमारे देश में ज्यादातर लोगों के द्वारा हिंदी भाषा बोली और समझी जाती है। इसीलिए हिंदी भाषा मुझे बहुत अच्छी लगती है।
हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा
भारतीय संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया।
हिंदी भाषा के महत्व को बनाए रखने के लिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। इस तरह 14 सितंबर 1953 को आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस मनाया गया।
विश्व की भाषाओं में हिंदी का स्थान
हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी तीसरे स्थान पर आती है। प्रथम स्थान पर अंग्रेजी और दूसरे स्थान पर चीनी भाषा आता है।
हिंदी भाषा न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, मालदीव्स, श्रीलंका, थाईलैंड, सिंगापुर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, नेपाल, भूटान जैसे देशों में भी बोली जाती है।
स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदी भाषा की भूमिका
स्वतंत्रता के आंदोलन में हिंदी भाषा ने राष्ट्रीय को जोड़ने का कार्य किया। इस भाषा ने राष्ट्रीय एकता का मार्ग प्रशस्त किया। उस समय समूचे देश को आपस में जोड़ने वाली संपर्क भाषा के रूप में हिंदी का इस्तेमाल किया गया।
आचार्य विनोबा भावे ने कहा था कि यदि मैं हिंदी भाषा का सहारा नहीं लिया होता तो असम से केरल और कश्मीर से कन्याकुमारी तक गांव गांव जाकर में ग्राम दान और भूदान का संदेश लोगों तक पहुंचा नहीं पता।
स्वतंत्रता आंदोलन के समय लोगों में जोश लाने के लिए उस समय के कई महान साहित्यकारों ने हिंदी भाषा में अनेक वीर रस की प्रधानता वाली कविताएं लिखी, जिसने जन समूहों को देश की आजादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
आधुनिक समय में हिंदी भाषा की स्थिति
आधुनिक समय में हिंदी भाषा की स्थिति पहले जितनी अच्छी नहीं है। भले ही हिंदी राष्ट्रभाषा है लेकिन जिस तरह हर व्यक्ति को भारतीय होने पर गर्व है, उस तरह कई लोगों को हिंदी भाषा बोलने पर गर्व नहीं होता। आधुनिक समय में युवा हकीकत से ज्यादा दिखावे पर ज्यादा भरोसा करती है।
आज की युवा हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी भाषा को प्रधानता देते हैं। क्योंकि अंग्रेजी को हाई स्टेटस वालों की भाषा के तौर पर माना जाता है। इसीलिए अपने आपको लोगों के बीच बड़ा दिखाने के लिए लोग अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते हैं।
हमारे देश में जिस तरह युवा अपनी राष्ट्रीय भाषा हिंदी को छोड़कर अंग्रेजी जैसे पश्चिमी भाषा को सहयोग देते हैं, उस तरह दुनिया के बाकी देशों में नहीं होता। दुनिया की बाकी देश अपनी भाषा में ही बातचीत करते हैं।
वहां के सरकारी कार्यों से लेकर विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम हर चीज में केवल उनकी भाषा का इस्तेमाल होता है। हमें ऐसे देशों से भी सीखने की जरूरत है ताकि हम भी अपने भाषा को सम्मान दे सके।
उपसंहार
जब तक हम खुद भारतीय अपने भाषा हिंदी के महत्व को नहीं समझेंगे, उसे सम्मान नहीं देंगे तो बाकी देश के लोग हमारे भाषा को कहां से सम्मान देंगे।
हमें नहीं भूलना चाहिए कि हमारे देश की पहचान हिंद की पहचान हिंदी भाषा से है। इसीलिए हमें अपनी भाषा हिंदी पर गर्व होना चाहिए और अन्य लोगों को भी हिंदी भाषा बोलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
निष्कर्ष
यहां पर हमने मेरा प्रिय विषय hindi पर निबंध (my favourite subject hindi essay in hindi) शेयर किया है। यह निबन्ध बहुत ही सरल शब्दों में और सरल भाषा में लिखा गया है।
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