Essay on My Favourite Author in Hindi: लेखक वो होते हैं, जो अपनी लेखन शैली से हमारे जीवन में रंग भरते हैं और हमें शब्द भंडार से ज्ञान और अच्छी बातो के बारे में बताते हैं। लेखक हमारे आसपास की बातो को हमें लेखन शैली से बताते हैं।
हम यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में मेरा प्रिय लेखक पर निबंध (Essay on my favourite author in Hindi) शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।
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मेरा प्रिय लेखक पर निबंध | Essay on my favourite author in Hindi
मेरा प्रिय लेखक पर निबंध (250 शब्द)
लेखक के बारे में हम सब एक ही चीज को जानते हैं कि वो कलम की ताकत से कहानी और किताबे लिखते हैं। एक लेखक अपनी कलम की ताक़त से हमारे आसपास होने वाली घटनाओं के बारे में बताता हैं। लेखक अपने काम और अपने शब्द बाण से हम वो सभी बाते सीखा जाता हैं, जिसकी हमे तलाश होती हैं।
शब्द और उनकी भावनाओं के साथ चलने फिरने के साथ वो हमें जीवन की ऐसी बाते बता देते हैं, जो एक शिक्षक भी कई बार हमें नहीं बता पाते हैं। लेखक तो वैसे प्रकार के होते हैं और कई लेखक अपनी लेखनी के लिए विश्व प्रशिद्ध हैं। ऐसे ही मेरे भी एक प्रिय लेखक हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी की वजह से काफी लोगों को दुनिया के उलटे चश्मे से बहार निकाला हैं और लोगों को सही राह दिखाई हैं।
मेरे प्रिय लेखक में सबसे पहले एक ही नाम आता हैं वो हैं तारक मेहता का। आपनी तारक मेहता का नाम सुना होगा काफी अच्छे लेखक हैं। यह वास्तव में काफी शानदार लेखक हैं। इन्होंने अपन लेखनी से काफी कुछ चीजों के बारे में लोगो को बताया हैं।
मेरे प्रिय लेखक काफी शानदार हिंदी भाषा में कवितायें भी लिखते हैं। मेरे प्रिय लेखक तारक मेहता अपनी लेखंकृति से अपने आसपास हो रही घटनाओं के बारे में बताते हैं और लोगों को अवगत कराते हैं। मेरे प्रिय लेखक का मुख्य विषय हैं महंगाई जिन पर वो लिखते हैं। महंगाई पर लिखना मेरा भी पसंदीदा विषय है।
मेरा प्रिय लेखक पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि कवि और लेखक बनाये नहीं जाते हैं वे जन्मजात से होते हैं। कवि और लेखक जन्म से ही लेखन शैली के बारे में पढना और उन पर रिसर्च करना शुरू कर देते है। लेखन की यह प्रतिभा उन में बचपन से ही फूलती हैं। लेखन की कला में कई ऐसे कवि और लेखक हैं जो रत्न के सामान अनमोल हैं।
हमारे देश में भी कई ऐसे कई हुए हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया से लोहा मनवाया हैं। पूरी दुनिया से लोहा मनवाने वाले कवियों में से एक मेरे प्रिय लेखक मुशी प्रेमचंद जिनकी नमक का दरोगा कहानी काफी पसंद हैं।
मेरे प्रिय लेखक मुशी प्रेमचंद कवि और उपन्यासकार के रूप से जाने जाते हैं। साहित्य के क्षेत्र में उनका काफी नाम हैं और वे इसी क्षेत्र में काफी प्रशिद्ध भी हैं। मुंशी प्रेमचंद को उपन्यासकार सम्राट भी कहा जाता हैं। मेरे प्रिय कवि ने लेखन के क्षेत्र में काफी काम किया है।
मेरे प्रिय लेखक के बारे में परिचय
मेरे प्रिय लेखक मुशी प्रेमचंद के जीवन परिचय की बात करें तो मुशी प्रेमचंद का नाम वाराणसी के पास लमही गाँव में 31 जुलाई 1880 को हुआ था। मुंशी प्रेमचंद के पिता का नाम अजायब राय और माता का नाम आनंदी देवी था। मुंशी पप्रेमचंद का जीवन काफी अभावो में बिता था।
उन्होंने कक्षा 10 की पढाई करने के बाद कक्षा 12 में असफल होने के कारण उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद उनका विवाह हो गया। उनकी पहली शादी उनके जीवन के अनुकूल नहीं थी तो उन्होंने दूसरी शादी की उनकी पत्नी का नाम शिवरानी देवी था।
मेट्रिक पास करने के बाद वे एक अध्यापक बन गये और उसके बाद उन्होंने स्नातक की पढाई की, उसमें पास होकर वे दीप्ती इंस्पेक्टर बन गये। इसके बाद इन्होंने आजादी में असहयोग आन्दोलन में हिस्सा लेने के लिए डिप्टी इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ दी। मेरे प्रिय लेखक का 1936 में एक लम्बी बीमारी की वजह से निधन हो गया।
मेरे प्रिय लेखक की रचनायें
उपन्यास: मेरे प्रिय लेखक ने अपने जीवनकाल में कई रचनायें की हैं। उन्होंने जो भी रचनायें की हैं, वो अपने आप में अनोखी हैं। मेरे प्रिय लेखक द्वारा लिखे गये कुछ उपन्यास मेरे प्रिय लेखक के उपन्यास इस प्रकार है: कर्मभूमि, कायाकल्प, निर्मला, प्रतिज्ञा, प्रेमाश्रम, वरदान, सेवासदन, रंगभूमि, गबन और गोदान इत्यादि काफी प्रशिद्ध हैं।
कहानिया: मेरे प्रिय लेखक ने कई कहानियों की रचना की हैं। मेरे प्रिय लेखक मुंशी प्रेमचंद के द्वारा लिखी गई कुछ कहानियां नवनिधि, ग्रामय जीवन की कहानियां, प्रेरणा, कफन, कुत्ते की कहानी, प्रेम प्रसून, प्रेम पचीसी, प्रेम चतुर्थी, मनमोदक, मानसरोवर, समर यात्रा, सप्त सरोज, अग्नि समाधि, प्रेम गंगा और सप्त समना इत्यादि।
नाटक: मेरे प्रिय लेखक द्वारा लिखे गये कुछ नाटक इस प्रकार हैं कर्बला, प्रेम की वेदी, संग्राम, रूठी रानी इत्यादि हैं।
मेरे प्रिय लेखक की लेखन शैली
मेरे प्रिय लेखक की लेखन शैली देखे तो उनकी लेखन शैली में काफी सरल भाव और सामान्य शब्दों में अपनी बात को बताने की कला अपने आप में अनूठी हैं। मेरे प्रिय लेखक की कहानियों में रचनाओ में वर्णात्मक और भावनातमक शब्दों का काफी मेल देखने को मिलता है। इसके साथ ही उनकी कविताओं में हास्य भाव का भी बोध होता हैं।
उसकी कविताओ के एक-एक शब्द में हास्य और परिस्तिथि की सटीकता होती हैं। मेरे प्रिय लेखक अपनी बात की काफी साधारण तरीके से लोगों के सामने प्रकट करने में अपनी प्राथमिकता मानते हैं। मेरे प्रिय लेखक के बारे में यह एक सामान्य बात हैं जो हर कोई जानना चाहेगा। मेरे प्रिय लेखक मुंशी प्रेमचंद उपन्यास के सम्राट कहे जाते हैं। मेरे प्रिय लेखक कविताओं में वास्तविक भाव की प्रकट करने के प्राथमिकता रखते हैं। इसके साथ ही वे काफी शालीन ही हैं। वे जिंदगी को सामान्य तरीके से जीने में विश्वास रखते थे।
निष्कर्ष
मेरे प्रिय लेखक उपन्यास के सम्राट कहे जाते हैं। उन्होंने आजादी से पहले असहयोग आन्दोलन में हिस्सा लेने के लिए अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। उनके द्वारा कई रचनाये की गई हैं जो उनके बाव और जीवनवृतांत को बताती हैं। ऊनि कवियायें और रचनायें काफी अच्छी हैं, जिन्हें आज भी हम पढ़ते हैं और उनके भाव को अपने जीवन में उतारते हैं।
अंतिम शब्द
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