Essay on Happiness in Hindi: नमस्कार दोस्तों! आज हम आप सभी लोगों को बताने जा रहे हैं, बहुत ही महत्वपूर्ण विषय खुशी पर निबंध। खुशी एक ऐसा शब्द है, जिसका वर्णन करना बहुत ही मुश्किल है। खुशी को देखा नहीं जा सकता केवल महसूस किया जा सकता है। किसी भी व्यक्ति को एक अच्छा जीवन जीने के लिए खुश होना काफी ज्यादा आवश्यक है।
आज हम सभी लोग जानेंगे खुशी पर निबंध जोकि बहुत ही महत्वपूर्ण है, तो चलिए शुरू करते हैं।
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खुशी पर निबंध | Essay on Happiness in Hindi
खुशी पर निबंध (250 शब्द)
खुशी मानव जीवन की वह अहम भूमिका है, जिसका वर्णन करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है। खुशी एक भाव होता है, जिसे दूसरों के या खुद के ऊपर देखा नहीं जा सकता बल्कि इसे महसूस किया जा सकता है। यदि आप एक लंबी आयु जीना चाहते हैं, तो आपको खुश होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है, परंतु बहुत से लोग ऐसे हैं, जो कि किसी ना किसी कारणवश अपने जीवन की खुशी खो चुके हैं। ऐसे लोग कुछ गम को भुलाने के लिए अनेकों प्रकार की अप्रिय कार्य करने लगते हैं, जिससे कि लोग उनके विरुद्ध हो जाते हैं, तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, उन लोगों को अन्य लोगों के प्रति डालना चाहिए और खुश रहने के नए-नए विचार सोचने चाहिए।
ऐसा जरूरी नहीं है, कि सभी लोगों के पास खुश होने के केवल एक ही विचार हैं, परंतु लोगों के खुश होने के लिए अलग-अलग प्रकार के अनेकों विचार हैं। बहुत से लोग ऐसा मानते हैं, कि यदि खुशी चाहिए, तो आपके पास पैसे होने चाहिए, कुछ लोग खुशी को प्यार में ढूंढते हैं और तो और कुछ लोग इसका केवल अनुभव ही महसूस करते हैं और इसके अलावा कुछ लोगों को संतुष्टि तब मिलती है, जब वह अपनी जिंदगी में अच्छे से अच्छे काम करते हैं।
खुशी आनंद की एक व्यवस्था होती है, जोकि खुशी की स्थिति में रहने के लिए अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षित करता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि हमारा मन हमसे जो कुछ भी कहता है, उसे दिमाग मानता है, अतः खुश रहने के लिए हमें हमारे मन पर काबू पा लेना चाहिए। हालांकि खुश रहना इतना आसान भी नहीं है, कि जितना लोग समझते हैं। खुश रहने के लिए आपको एक दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार बनाना चाहिए और लोगों के साथ गोरी मिलकर रहना चाहिए।
खुशी पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
जिंदगी में अच्छा जीवन प्राप्त करने के लिए सभी व्यक्ति को अपने जीवन में खुश रहना चाहिए। खुशी एक ऐसी अवस्था है, जो दूसरे व्यक्तियों को भी सुख प्रदान करती है। ज्यादातर लोग अपनी जिंदगी में खुश रहने के लिए विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप करते हैं जैसे कुछ लोग धन की ओर भागते हैं, कुछ लोग दुनिया में अच्छे कार्य करने के लिए भागते हैं इत्यादि।
खुश रहने के तरीके
जीवन में खुश रहने की बहुत से तरीके हैं। यदि आप जीवन में खुश रहना चाहते हैं, तो आपको सदैव एक दूसरे के साथ भाईचारे का संबंध बना कर रखना चाहिए। खुश रहने के कुछ तरीके नीचे इस प्रकार से निम्नलिखित हैं;
- वर्तमान में रहकर: इस दुनिया में बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो अपनी बीती हुई गतिविधियों को लेकर काफी ज्यादा चिंतित रहते हैं, तो ऐसे लोग खुश रहने के लिए पिछले गतिविधियों के बारे में सोचना बंद कर दें और जो कुछ भी करना हो उसे वर्तमान में ही रहकर सफलतापूर्वक करें। इतना ही नहीं अपने पिछली गतिविधियों के साथ-साथ आपको भविष्य की चिंता को भी छोड़ देना चाहिए, आप अपना पूरा ध्यान अपने वर्तमान पर ध्यान दीजिए, आपका वर्तमान यदि सही रहेगा, तो आपका भविष्य उज्जवल होगा।
- सकारात्मक सोच रखें: जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं, हमारे विचार ही हमारे वास्तविकता को बताते हैं। यदि आप नकारात्मक सोच रखते हैं, तो यह आपके जीवन पर काफी बुरा असर डालता है और यदि आप ठीक इसी का विपरीत सकारात्मक सोच रखते हैं, तो आप अपने जीवन में अवश्य सफल होंगे और सदैव खुश भी रहेंगे।
- नकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों से रहे दूर: यदि आप जिंदगी में खुश रहना चाहते हैं, तो आपको नकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों से कोसों दूर रहना चाहिए। यदि आप सकारात्मक सोच रखते हैं, तो आपको सकारात्मक सोच रखने वाले व्यक्तियों के आसपास ही रहना चाहिए ना की नकारात्मक सोच रखने वाले व्यक्तियों के पास।
हिंदू धर्म के अनुसार खुशी
यदि हम हिंदू धर्म के अनुसार बात करें, तो हम सभी लोगों को अपने स्वयं के कार्यों, विगत कर्म एवं भगवान की कृपा से खुशियां प्राप्त होती हैं। हिंदू धर्म के अनुसार ही जीवन व्यतीत करने किया एक अंतिम उपाय स्वर्ग में एक स्वतंत्र आत्मा के रूप में अपने जीवन के सर्वोच्च आनंद का अनुभव करना है। संपूर्ण विश्व में सभी मनुष्य अपने कर्तव्यों को पूरा करके स्थाई सुख का अनुभव कर सकते हैं। मुक्ति प्राप्त करने के बाद आपको स्थाई सुख का अनुभव केवल स्वर्ग में ही प्राप्त हो सकता है, अन्यथा नहीं। हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार तीन प्रकार के खुशी का उल्लेख किया जा चुका है, जो निम्नलिखित हैं।
- सुख सदैव एक आरामदायक जीवन, शारीरिक सुख और कामुक आनंद से प्राप्त होता है। इसे दूसरे शब्दों में भौतिक सुखम के नाम से जाना जाता है।
- सुख की प्राप्ति सदैव संतुष्ट की भावना से प्राप्त होता है। खुश रहना एक ऐसी अवस्था है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति सभी प्रकार के चिंताओं एवं दुख इत्यादि से मुक्त हो जाता है। इसे दूसरे शब्दों में मानसिक आनंदम कहा जाता है।
- यह खुशी मनुष्य को तब प्राप्त होती है, जब कोई व्यक्ति जन्म से मृत्यु तक इस सांसारिक मोह माया से निकलकर सदैव भगवान की साधना में लीन रहता है। इसे दूसरे शब्दों में आध्यात्मिक आत्मानंद कहा जाता है।
बौद्ध धर्म के अनुसार खुशी
बौद्ध धर्म के अनुसार खुशी इस बात पर निर्भर नहीं करती, कि आपके पास क्या है और आप कौन हैं। बल्कि यह केवल इस बात पर निर्भर करती है, कि आप कैसे सोच रखते हैं। बौद्ध धर्म के धर्म अनुयायियों का यह मानना है, कि खुशी पीड़ा के मुख्य कारणों को समझने से शुरू होती है। आप को सबसे ज्यादा खुशी तब मिलेगी, जब आप अपने दुख को कारणों को समझ जाएंगे और उनका हाल करेंगे।
निष्कर्ष
हम सभी लोग इस निबंध को पढ़ने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं, कि यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में खुश रहना चाहता है, तो उसे सदैव सकारात्मक सोच और अपने परेशानियों को समझ कर उन्हें हल करना चाहिए। सदैव खुश रहने के कारण व्यक्ति अपने जीवन में वह सभी कार्य कर पाता है, जो वह करना चाहता है।
अंतिम शब्द
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