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ईद पर निबंध

Essay On Eid In Hindi: नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट में आज आपको Eid Par Nibandh के विषय मे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने की कोशिश करेंगे। आप हमारे इस ब्लॉग को अंत तक पढ़िएगा।

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ईद पर निबंध | Essay On Eid In Hindi

ईद पर निबंध (250 शब्द)

जैसा कि आप सभी को पता है रमज़ान के महीने के खत्म होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है। यह इस्लामी धर्म के लोगों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग रमज़ान के दौरान एक महीने का रोजा रखते हैं और ईद-उल-फितर के दिन अपना रोजा यानी उपवास तोड़ते हैं।

ईद का अर्थ खुशियों से होता है। ईद के त्योहार में मानो हर तरफ सकारात्मक माहौल होता है। रमज़ान का महीना रहमतों से भरा हुआ माना जाता है। कहा जाता है कि रमजान के महीने जन्नत के सारे रास्ते खुल जाते हैं और जनहुम के सारे दरवाज़े बंद हो जाते हैं। जो लोग भी रमज़ान के महीने भर रोज़ा रखते हैं, सच्चे मन से अल्लाह की सेवा करते हैं और नमाज़ अदा करते हैं उनके सारी गुस्ताखी माफ कर दी जाती है। इसलिए इसे दुआओं और नेकी का भी महीना बोलते हैं।

ईद का त्योहार भाई-चारे का भी प्रतीक होता है। ईद का चांद जैसे दिखता है, मुस्लिम वर्ग समुदाय के लोगों का रोजा समाप्त हो जाता है ईद के दिन लोग सुबह जल्दी उठ कर नमाज़ अदा करते हैं। नए नए वस्त्र पहनते हैं और फिर एक दूसरे से गले मिलकर उनको बधाई और शुभकामनाएं देते हैं। जो ईद की नमाज़ होती हैं, वो खुशियों के इस पल की सामूहिकता का सबसे अच्छा दृश्य देखने को मिलता है। मुस्लिम समाज के लोग ईद से मनाने के पहले मस्जिद जाकर जो असहाय और गरीब होते हैं उन्हें सदका यानी सदक ए फितर देते हैं ताकि कोई भी व्यक्ति इस महत्वपूर्ण पर्व में भूखा न रह जाये। ईद मन को पवित्र और आपकी अन्तरात्मा की शुद्धता का प्रतीक लेकर आती है। आपको बताते चले ईद की नमाज के बाद बहुत से ऐसे लोग भी होते हैं जो कब्रिस्तान जाकर अपने पूर्वजों की कब्र पर जाते हैं और इस खास दिन उन्हें याद करते हैं और कुछ पल उनके साथ बिताते हैं।

ईद पर निबंध (800 शब्द)

ईद मुस्लिम वर्ग समुदाय का सबसे धार्मिक त्योहार होता है। जिसे सारे मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर बहुत धूम धाम से मनाते हैं। यह त्योहार रमज़ान के पवित्र मास के अंत छड़ का प्रतीक है, सारे मुस्लिम लोग 30 दिन के रोज़े के बाद जो पहला दिन होता है, उसमें ईद का जश्न मनाते हैं। ईद का चांद देखने के बाद ही सब अपना रोजा तोड़ते हैं और सभी भाई आपस मे मिलकर इस त्योहार को बहुत ही धूम धाम के साथ मनाते हैं।

ईद की विधि

दोस्तों सबसे पहले आपको ईद में होने वाली रस्मे विधियां आदि के विषय मे बताएंगे कि कैसे इस त्योहार को लोग मनाते हैं । सबसे पहले इस त्योहार की शुरुआत पैगंबर मोहम्मद ने की थी। उन्होंने मक्का में इस त्योहार की शुरुआत की थी। बताते हैं कि पैगम्बर इसी दिन मदीना पहुचे थे। इस दिन को इस्लामी धर्म के लोग बहुत ही ज्यादा खास मानते हैं। वे इस दिन नए नए वस्त्र धारण करते हैं। अपने मन पसंद भोजन ग्रहण करते हैं। गरीबों को बहुत सारा दान भी देते हैं। वे लोग ईद से एक महीने पहले ही सारी तैयारियां शुरू कर देते हैं।

इस्लामी धर्म के लोग जब रमजान के बाद ईद के चाँद को देखते हैं तो सभी अपने भाईयों बहनों आस पास के लोगों को चाँद निकलने की शुभकामनाएं देते हैं। महिलाएं भी बहुत तैयारियों के साथ आगे बढ़ती नज़र आती हैं। वस्त्र से लेकर अपने हाथों में मेहंदी लगाना आदि वे बखूबी करती हैं। लोग अपने घरों को बहुत ही अच्छे से सजाते हैं और अपने दोस्तों को भी आमंत्रित करते हैं और उनकी बहुत खातिरदारी करते हैं। सभी मुसलमान भाई रमज़ान के समय अपने मन की अच्छी आदतों को हमेशा के लिए अपनाते हैं और दूसरों को भी अच्छे काम के लिए प्रेरित करते हैं।

अब बात करते हैं एक ऐसे पकवान की जो इस दिन के लिए बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध हैं। हां जी, हम सेवई की बात कर रहे हैं, जो ईद के त्योहार में बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है कहा जाता है सीताइयन के रूप में प्रयोग में लायी जाने वाली मीठी सेवई का अनुष्ठान बहुत ही पहले से प्रचलित है। यह दो तरीकों से तैयार किया है इसी के साथ कोरमा कवाब बिरयानी आदि का भी इस दिन प्रचलन है। इस दिन को और भी ज्यादा खास बनाने के लिए इस्लाम धर्म के लोग अपने मन पसन्द का भोजन बनवाते हैं गरीबों को दान करते हैं। अपने रिश्तेदारों को आमंत्रित करते हैं और त्योहार को सफल बनाते हैं।

जश्न-ए-ईद

ईद मुबारक यह शब्द नही मुस्लिम समुदाय के लिए भावना है क्योंकि इस दिन का वह लोग बहुत ही बेसब्री से इंतज़ार कर रहे होते हैं। जिस दिन ईद का जश्न मनाते हैं उस दिन वे लोग सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर के मस्जिद जाते हैं और नमाज़ अदा करते हैं। महिलाएं घर पर रहकर ही अल्लाह को याद करती हैं। आपको बताते चलते हैं कि अमीर से अमीर हो या गरीब से गरीब हो इस दिन सभी लोग गले मिलते हैं और भाईचारे की एक मिसाल पेश करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यह त्योहार भाईचारे नेकीपन आदि का प्रतीक है बाजारों में इस दिन बहुत भीड़ होती है। सभी लोग अपने घर के लिए कुछ न कुछ लेकर जाते हैं। अपने बच्चों को मेले में घुमाने के लिए लाते हैं। बहुत मनोरंजन करते हैं। यह त्योहार प्रेम और सदभाव का सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिससे अधिकतर लोग अपनी पहले की दुश्मनी भूल कर एक नई शुरुआत करते हैं।

ईद का जश्न लोग ईदी लेकर मनाते हैं। ईदी धन के रूप में दिया जाने वाला उपहार होता है। घर के बड़े ईदी भेंट स्वरूप बच्चों और युवाओं को देते हैं। जिसे पाकर वे खुश होते हैं। इसी के साथ साथ बहुत से लोग असहाय लोगों की मदद करते हैं। उन्हें भोजन वितरित करते हैं। धन के रूप में भी कुछ मदद करते हैं और अल्लाह की कृपा से उनके घर का खाना पानी अच्छा चल रहा है तो वे बड़ी मात्रा में भंडारे का भी प्रयोजन करते हैं। जिससे अधिक से अधिक मात्रा में लोग आकर अपनी भूख मिटाए। यह त्योहार बहुत ही खास त्योहारों में से एक है। इस दिन सबके चेहरे में खुशी होती है। एक अलग ऊर्जा रहती है। सकारात्मक सोच रहती है और हर तरह खुशियों का ही माहौल होता है।

उपसंहार (Upsanhar)

यह त्योहार बहुत ही ज्यादा खास होने के कारण सरकार की तरफ से भी अनेकों व्यवस्थाएं होती हैं। हर तरफ़ अधिक से अधिक व्यवस्था होती है। बहुत से पुलिसमैन हर व्यक्ति की सुरक्षा के लिए हर मस्जिद में चौराहें में तैनात रहते हैं।

ईद का दिन बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण दिन होता है। यह त्योहार इन सबके लिए अनेकों खुशियां लाता है। सभी मुस्लिम भाई पूरे  रमजान के महीने रोजा रखते हैं। इसलिये भी ईद का दिन इन सब के लिए बहुत ही ज्यादा खास हो जाता है। सारे मुसलमान भाइयों की अनेकों मुरादें पूरी होती है। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं यह रमज़ान के दौरान रक्खें गए रोजो का फल होता है। जिस में सबसे महत्वपूर्ण फल ईद के दिन ही मिलता है, जिसके साथ ही साथ हमे भाईचारा बड़प्पन आदि देखने को मिलता है।

अंतिम शब्द

तो दोस्तों आपको इस ब्लॉग के माध्यम से ईद के संबंध में अनेक जानकारी प्राप्त हुई होगी। आप इसे अपने उपयोग में लाने के साथ ही साथ इस ब्लॉग को शेयर कर अपने दोस्तों की भी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी वेबसाइट में जुडकर हिंदी से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण अध्यायों का भी अध्ययन कर सकते हैं ।

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