Dapu Khan Biography in Hindi: राजस्थान राज्य के जैसलमेर जिले के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार (Folk Artist) दपु खान मेरासी भदली नाम के एक छोटे से गाँव में रहते हैं। भदली गांव फतेहगढ़ तहसील जैसलमेर में आता है। दापू खान ने अपने छोटे भाई के साथ Khamaicha बजाना सीखना शुरू किया था। इनके पिताजी Khamaicha बजाते थे तो वह भी साथ में बैठकर वाद्य यंत्र को बजाना और सीखते थे।
जैसलमेर के सोनार किले में रानी महल में बैठते थे दपु खान
जैसलमेर के सोनार किले के अंदर म्यूजियम के आगे रंगीन पगड़ी में बैठे बुजुर्ग दपु खान कमायचा बजाते, लोकगीत सुनाते। देसी-विदेशी पर्यटक उनको खड़े होकर एकटक निहारते रहते। टेवटा, कुर्ता और रंगीन साफा पहने दपु खान को देखकर लगता कि उनकी उम्र एक पड़ाव पर आकर ठहर सी गयी हो। गीत शुरू करने से पहले वे अंग्रेजी में पर्यटकों को अपनी इस कला से रूबरू करवाते थे और लोग उनके अंग्रेजी बोलने का तरीका देखकर गद्गद् हो जाते थे।
दापू खान पिछले 30 वर्षों से जैसलमेर में Khamaicha बजा रहे हैं। उन्होंने राग पहाड़ी, राणा और मल्हार में स्व-संगीतबद्ध गीत प्रस्तुत किए हैं। जब इन्होने बजाना शुरू किया था, तब इनके आसपास के लोग इन्हें सुनने के लिए इकठ्ठा हो जाते थे। तब से उन्हें जीवन में इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए यह मकसद बना लिया और पूर्वजों की इस महान कला का प्रचार प्रसार करने लगे।
बहुत समय पहले जैसलमेर के जिला कलेक्टर ने दापू खान से यह अनुरोध किया था कि वह जैसलमेर के किले में आने वाले देश-विदेश से महमानों का स्वागत करें। इसलिए वह हमेशा ही एक जगह पर बैठकर पर्यटकों का स्वागत Khamaicha बजाकर किया करते थे।
दपु खान के निधन की अफवाह
2017 में जैसलमेर के एक लोक कलाकार आमद खां की हत्या हो गयी थी। और खबर बनाने वाले ने गूगल से थम्बनिल में दपु खां की फोटो लगा दी थी। दपु खां को लोग चेहरे से ही जानते थे तो लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धाँजलि देनी शुरू कर दी थी। इस तरह 2017 में उनके निधन की अफवाह उड़ी थी।
मूमल नामक गीत से मिली थी प्रसिद्धी
दपु खान को 2018 से पहले नाम से बहुत ही कम लोग जानते थे, जबकि दुनियाभर में लोग उनके चेहरे से परिचित थे। उनका लगभग पूरा जीवन सोनार किले के चबूतरे पर बैठकर कमायचा बजाते हुए बिताया। किला देखने आये पर्यटक उनके गीत सुनते, रिकार्ड करते और उनकी तस्वीरें लेते। 2018 में दृश्यम फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित मूमल गीत से वे बेहद लोकप्रिय हुए थे, जिसके बाद लोग उनको नाम व चेहरे से जानने लगे।
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शाही दरबारों व मंदिरों में गाते थे दपु खान
दापू खान ने भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों में अपना प्रदर्शन किया है। एक बार संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्पति बिल क्लिंटन जोधपुर आये थे, तब उन्होंने दापू खान को अपने समूह के साथ Khamaicha बजाते सुना था। दापू खान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के व्हाइट हाउस में राष्ट्पति बिल क्लिंटन के लिए भी Khamaicha बजाया है।
इसके अलावा दपु खान ने कोक स्टूडियो में भी कई राजस्थानी गीतों की प्रस्तुतियां दी हैं। वर्तमान में दपु खान के समूह में चार सदस्य है जो शुभ अवसरों पर मंदिरों और शाही दरबारों में अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। उनके समूह ने 1500 साल पुरानी अपनी आत्मीय संगीत विरासत को संभाला।
दपु खान का निधन
जैसलमेर के अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोक कलाकार दपु खान मिरासी का 13 अगस्त 2021 को निधन हो गया था।
सोनार किले का आज वह चबूतरा खाली है जहाँ एक टाट की बोरी पर बैठकर दपु खां कमायचा बजाते थे। लेकिन जैसलमेर की गलियों से लेकर इंटरनेट पर उनकी आवाज में मूमल गीत आज भी गूंज रहा हैं। मूमल नामक गीत से मशहूर दपु खान की वो मीठी आवाज भी उन्हीं के साथ चली गयी। दपु खान मूल रूप से झणकली गांव के थे।
कुछ समय पहले दपु खान को दिल का दौरा पड़ने पर जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं उन्होंने अंतिम साँस ली। दपुखान वाद्य यंत्र कमायचा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए, तीस वर्षों से दुनिया भर के लोगों का मनोरंजन कर रहे थे।
दापू खान के द्वारा गाया गया एक विश्व प्रसिद्ध गीत (मूमल)
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