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शतरंज कैसे खेलते हैं, शतरंज के नियम और सभी चालें

Chess Kaise Khelte Hain

Chess Kaise Khelte Hain: मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण माध्यम खेल होता है। खेलना हर किसी को पसंद होता है। खेल ना केवल मनोरंजन का एक जरिया है बल्कि यह हमारे मानसिक और शारीरिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हम बहुत सारे आउटडोर और इंडोर गेम खेलते हैं। सांप सीढ़ी, लूडो, कैरम बोर्ड जैसे कई सारे इंडोर गेम हम अपने दोस्त या फिर परिवार के मेंबर के साथ खेलते हैं। प्रसिद्ध इंडोर गेम में से एक चेस भी है।

लेकिन चेस हर कोई नहीं खेल पाता है। क्योंकि चेस गेम के नियम अन्य गेम की तुलना में काफी ज्यादा कठिन होते हैं। अगर आप चूस खेलना सीख जाए तो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर होने वाले प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं और अपना करियर बना सकते हैं।

इस लेख में हम शतरंज कैसे खेलते हैं (Chess Kaise Khelte Hain) के बारे में जानेंगे, जिसमें शतरंज के नियम हिंदी में (chess rules in hindi), शतरंज की चालें, शतरंज की गोटियों आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।

चेस खेलने के लिए आवश्यक सामग्री

चेस खेलने के लिए आपको चेस के बोर्ड और मोहरे की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही खिलाड़ी अपनी चाल को रिकॉर्ड करने के लिए स्कोर शीट का भी उपयोग कर सकता है और अगर आप समयबध्द खेल खेलने का निर्णय लेते हैं तो शतरंज घड़ी भी साथ में रख सकते हैं।

चेस बोर्ड

चेस खेलने के लिए एक वर्गाकार आकार का बोर्ड होता है, जिसे बिसात भी भी कहा जाता है। चेस के बोर्ड में कुल मिलाकर 64 वर्ग होते हैं, जिन्हें आठ आठ के ग्रिड में व्यवस्थित किया गया होता है।

चेस के बोर्ड को दो अलग-अलग रंगों के वर्गों को जोड़कर बनाया गया होता है और इसमें उपयोग होने वाले मोहरे भी वही दो वर्गों के रंग के होते हैं। चेस बोर्ड को रो और कॉलम में विभाजित किया गया होता है।

मोहरे

शतरंज में आमने-सामने खिलाड़ियों के मोहरों को मिलाकर कुल 32 मोहरे होते हैं, जिसमें से एक खिलाड़ी के पास 16 मोहरे होते हैं।

एक खिलाड़ी के 16 मोहरो में से आठ मोहरे प्यादे होते हैं। वहीं बाकी बचे आठ मोहरे में दो घोड़ा होता है, दो हाथी होता है, दो ऊंट होता है और एक राजा और एक रानी होता है।

दोनों खिलाड़ियों के 16-16 मोहरे दो अलग-अलग रंगों में विभाजित होते हैं ताकि वह अपने मोहरों को आसानी से पहचान सके।

शतरंज में मोहरों की शक्तियां

शतरंज में मोहरे को कैसे आगे बढ़ाया जाता है, उसके लिए हर एक मोहरे की शक्ति को जानना जरूरी है। क्योंकि शतरंज में हर एक मोहरे का चाल अलग-अलग तरीके से होता है।

सबसे पहला चीज अगर किसी खाने में पहले से ही कोई मोहरा है तो आप उसके ऊपर से अपनी गोटी नहीं चला सकते हैं। हां अगर वह गोटी दुश्मन की हो तब आप उसको मार सकते हैं।

वैसे अपने हर एक मोहरे को किस तरीके से आगे बढ़ाना है, उसके लिए हर एक मोहरे की विशेषता को हम यहां जान लेते हैं।

राजा (King)

शतरंज के मोहरों में सबसे खास राजा ही होता है। क्योंकि शतरंज के खेल में पूरा हार जीत केवल राजा पर ही निर्भर करता है।

अगर शतरंज में राजा मरा जाता है तो आप हार जाते हैं भले ही आपकी बहुत सारे मोहरे बच चुके हैं। इस तरह राजा पूरे शतरंज के खेल का जान होता है।

पूरे खेल में आपको राजा को ही बचाना होता है। बात करें राजा के चाल कि तो राजा आगे पीछे दाया बाया सिर्फ एक कदम ही आगे बढ़ सकता है।

रानी / बजीर (Queen)

शतरंज में रानी राजा के बगल में खड़ी रहती है। यह शतरंज का सबसे महत्वपूर्ण मोहरा होता है। रानी को बजीर भी कहा जाता है।

इसके चाल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि रानी को आगे-पीछे, बाएं-दाएं, तिरछा किसी भी दिशा में कितने भी कदम आगे बढ़ाया जा सकता है।

हाथी (Rook)

शतरंज में दो हाथी होते हैं। हाथी को दोनों ओर किनारे पर खड़ा किया जाता है। बात करें हाथी के चाल कि तो हाथी आगे पीछे दाएं-बाएं किसी भी ओर सीधे जितना चाहे उतना वर्ग चल सकता है।

बस किसी दूसरे मोहरे को टप नहीं सकता जब तक कि वह दुश्मन का मोहरा ना हो। ध्यान रहे हाथी कभी भी तिरछा नहीं चलता।

घोडा (Knight)

शतरंज में दो घोड़ा होते हैं। पूरे शतरंज में केवल घोड़ा ही ऐसा मोहरा होता है, जिसे किसी भी मोहरी के ऊपर से चलांग लगवा सकते हैं।

बात करें इसके चाल की खासियत की तो यह शतरंज में केवल “L” के आकार में ही चलता है। इस तरह घोड़ा शतरंज में तीन खाने चलता है, जिसमें से दो खाने सीधा चलता है और एक खाने दाएं या फिर बाएं ओर चलता है।

ऊँट (Bishop)

शतरंज के सभी मोहरों में से एक खास मोहरा ऊंट होता है। प्रत्येक प्रतियोगी के पास दो-दो ऊंट होते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी का दो दो ऊंट अलग-अलग रंग के खाने में होते हैं।

उनके चाल की खासियत यह है कि यह केवल तिरछा ही चलता है और केवल अपने रंग के वर्ग में ही चलता है।

प्यादा या सैनिक (Pawn)

शतरंज में प्रत्येक प्रतियोगी के पास 8-8 प्यादे होते हैं, इसे सैनिक भी कहा जाता है। शतरंज में घोड़ा, हाथी, राजा, ऊंट इन सभी प्रत्येक मोहरे के सामने सैनिक खड़ा रहता है। चेस खेलते समय सबसे पहले प्यादे को ही आगे बढ़ाना पड़ता है।

इसके पास एक और विशेष चाल होती है। अगर यह चलते-चलते दुश्मन के आखिरी खाने तक पहुंच जाता है तो वह किसी भी मोहरी में तब्दील हो सकता है।

शतरंज में मोहरे की प्रारंभिक व्यवस्था

शतरंज के मोहरे की चाल की विशेषता जानने के बाद अब देखते हैं कि शतरंज में मोहरे को किस तरीके से व्यवस्थित किया जाता है। शतरंज में दूसरे और सातवें रो में प्यादे को क्रमानुसार व्यवस्थित किया जाता है।

उसके बाद पहले और आठवें रो में एक समान रूप से बाकी बचे हुए मोहरे को व्यवस्थित किया जाता है। शतरंज में दोनों प्रतियोगियों के मोहरे को एक समान रूप से व्यवस्थित करना होता है।

शतरंज में दोनों किनारे के खानों पर हाथी को रखा जाता है। उसके बाद घोडे को और फिर ऊंट को रखा जाता है। उसके बाद रानी की बारी आती है।

रानी जिस रंग की होती है, उसे उसी रंग के खाने में रखा जाता है। जैसे अगर सफेद रानी है तो उसे सफेद खाने में रखना होगा। उसके बाद राजा को रखा जाता है।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में आपने चेस गेम कैसे खेलते हैं (Chess Kaise Khelte Hain) उसके बारे में जाना। इस लेख में हमने आपको शतरंज के नियमों, शतरंज की चालें आदि के बारे में बताया।

हमें उम्मीद है कि इस लेख के जरिए शतरंज कैसे खेलते हैं, उससे संबंधित सारी जानकारी आपको मिल गई होगी। साथ ही शतरंज के नियम भी पता चल गये होंगे।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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