सुनहरा पौधा (तेनालीराम की कहानी)
सुनहरा पौधा (तेनालीराम की कहानी) | Sunahara Paudha Tenali Rama ki Kahani प्राचीन समय में विजयनगर नाम का एक नगर था। उस नगर के महाराजा का नाम कृष्णदेव राय था। महाराज के मंत्रिमंडल में एक मंत्री थे जिनका नाम तेनाली
सुनहरा पौधा (तेनालीराम की कहानी) | Sunahara Paudha Tenali Rama ki Kahani प्राचीन समय में विजयनगर नाम का एक नगर था। उस नगर के महाराजा का नाम कृष्णदेव राय था। महाराज के मंत्रिमंडल में एक मंत्री थे जिनका नाम तेनाली
तेनालीराम स्टोरी इन हिंदी (Story of Tenali Rama in Hindi): भारत एक ऐसा देश है, जहां पर कई महान और बुद्धिमान व्यक्तियों ने जन्म लिया है और इनकी बुद्धि का लोहा सबने माना है। इन महान लोगों के चतुराई और
Cinderella ki Kahani: एक समय की बात है। एक शहर में बहुत अमीर व्यापारी रहता था। उसकी एक सुंदर बेटी थी, जिसका नाम ‘एला’ था। एला की माँ नहीं थी लेकिन उसके पिता उसको बहुत प्यार-दुलार करते थे। एला के
सबसे खूबसूरत बच्चा (अकबर बीरबल की कहानी) – Sabase Khubsurat Bachha बहुत समय पहले की बात है। राजा अकबर के घर एक सुंदर बच्चे का जन्म हुआ था। राजा अकबर अपने शहजादे से बहुत प्रेम करते थे। एक दिन उनके
दूज का चांद (अकबर बीरबल की कहानी) – Duj ka Chand बीरबल को दूसरे देश की संस्कृति, दूसरे राज्य की संस्कृति आदि जानने में बहुत उत्सुकता रहती थी। इसलिए बीरबल इराक जाने के लिए काफी उत्सुक था। सुबह-सुबह बीरबल कुछ
आधी धूप आधी छाँव (अकबर बीरबल की कहानी) – Aadhi Dhoop aadhi chaaon एक समय बात है। बादशाह अकबर को बीरबल की कोई बात बहुत ग़लत लगती हैं। तो बादशाह अकबर ने बीरबल को गुस्से में आकर राज्य से जाने
सबसे अच्छा शस्त्र (अकबर बीरबल की कहानी) -Sabse achha sashtra बादशाह अकबर महान राजा होने के साथ-साथ बहुत ही मनोरंजक प्रवृति के व्यक्ति भी थे, अपने मंत्री और दरबारियों के साथ मसखरी करने के लिए अक्सर वे उनसे प्रश्न पूछा
दो गधों का बोझ (अकबर बीरबल की कहानी) – Do gadho ka bojh एक दिन बादशाह अकबर और उनके पुत्र अपने राज्य में भेष बदल कर घूमने की योजना बनाई। लेकिन बादशाह अकबर और उनका पुत्र किसी को इस
जितनी चादर हो उतना ही पैर पसारना (अकबर बीरबल की कहानी) – Jitni chadar ho utna hi per pasarana बादशाह अकबर के दरबार में एक दिन बीरबल को आने में देर हो जाती हैं तो बादशाह अकबर के दरबार के
धोखेबाज काजी (अकबर बीरबल की कहानी) – Dhokhebaaz Kazi एक बार मुगल दरबार में बड़े ही गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो रही थी। बादशाह अकबर अपने मंत्रियों से सलाह मशवरा कर रहे थे, तभी एक फरियादी किसान उनके दरबार में