सुंदरी और राक्षस की कहानी | Beauty And The Beast Story In Hindi
एक समय की बात है। एक शहर में एक धनी व्यापारी अपनी तीन बेटियों के साथ रहता था। वह अपनी तीनों बेटियों से बहुत प्रेम करता था। उनकी माँ के जाने के बाद व्यापारी ने अपनी तीनों बेटियों का ख्याल अच्छे से रखा।
व्यापारी की दोनों बड़ी बेटिया स्वभाव से बुरी और बदतमीज थी लेकिन छोटी बेटी बहुत नम्र और दयालु थी। साथ ही वह तीनों बहनों में सबसे ज्यादा सुंदर भी थी, इसलिए उसकी दोनों बहनें उससे जलती थी।
एक दिन व्यापारी का बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है क्योंकि समुद्र में तूफान आने के कारण समान से भरे जहाज पानी मे डूब गए थे। अब बेचारा व्यापारी पूरी तरह गरीब बन चुका था। अपनी गरीबी दूर करने के लिए उसका सब कुछ बिक गया था। अब उसके पास केवल घर ही बचा था। व्यापारी की दोनों बेटियों को धन धान्य आदि की आदत थी।
उन्हें ऐसे गरीब वाला जीवन जीने में दिक्कत होती थी। इसलिए वे हमेशा अपने पिता को कोसती रहती थी। वहीँ ब्यूटी अपने पिता की मजबूरी समझती थी, इसलिए कभी भी दुःखी नही रहती थी। दोनों बहनें पूरा दिन आराम करती और खाती पीती और खेलती रहती थी।
वे बहुत लालची और आलसी थी। वे घर का कोई काम नहीं करती थी। इसलिए ब्यूटी को सारा काम करना पड़ता था। ब्यूटी को भी ऐसे गरीबी के जीवन की कहाँ आदत थी लेकिन फिर भी वह कभी शिकायत नहीं करती थी।
एक दिन व्यापारी को खबर मिली कि उसका एक जहाज बंदरगाह पहुंच गया है। व्यापारी की आशा की किरण जागती है और वह बंदरगाह जाने का फैसला करता है। जब वह रवाना होने लगा तो उसने अपनी बेटियों से पूछा कि उन्हें क्या चाहिए, मैं आते वक्त उनके लिए लेकर आऊंगा।
तभी दोनों बड़ी बेटियां अपने लिए महंगे जेवर और कपड़े मंगाती है लेकिन ब्यूटी अपने पिता को कहती है कि “पिताजी मुझे बस गुलाब का एक फूल चाहिए।”
अब व्यापारी बंदरगाह के लिए निकल जाता है। वहाँ जाकर उसे पता चलता है कि उसका बचा हुआ एक जहाज भी टूटा फूटा हुआ है और पूरा माल पानी के कारण खराब हो चुका है। तो व्यापारी को बहुत दुःख हुआ। वह निराश मन से अपने घर के लिए निकल जाता है।
जब वह जंगल के रास्ता से निकलता है तो एक भारी तूफान शुरू हो जाता है, सब तरफ अंधेरा हो गया। व्यापारी को समझ नहीं आया। अब उसने जंगल मे ही कहीं सहारा लेने की सोची। तब वह इधर-उधर देखता है, उसे कुछ नहीं दिखाई दिया। थोड़ा दूर जाने पर उसे एक रोशनी दिखी।
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व्यापारी रात गुजारने के लिए उस रोशनी की तरफ चला। पास जाकर उसे पता चला कि वहाँ एक सुंदर महल था। वह महल के अंदर जाकर आवाज लगाता है कि “कोई है?” लेकिन महल सुनसान पड़ा था।
व्यापारी पूरा महल अच्छे से देखता है लेकिन महल पूरी तरह से खाली था। जब व्यापारी आगे वाले कमरे में जाता है तो उसे बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन दिखते है। व्यापारी सोचता है कि जब महल सूना पड़ा है तो ये भोजन कहां से आया।
लेकिन फिर वह खाना खाने लगा क्योंकि उसे बहुत तेज भूख लगी थी। भर पेट खाने के बाद उसे नींद आने लगती है तो वह महल के दूसरे कमरे में जाकर देखता है कि एक मुलायम बिस्तर लगा है और व्यापारी उस बिस्तर पर जाकर लेट जाता है।
वह उस रात को आराम से निकाल देता है और सुबह होते ही वह निकल जाता है। जब वह जा रहा होता है तो उसे महल के बाहर एक सुंदर बगीचा दिखता है। उस बगीचे में उसे गुलाब लगे हुए दिखे। तभी उसे अपनी बेटी ब्यूटी की याद आती है कि वह दोनों बड़ी वाली बेटियों के लिए तो कुछ नहीं ले सका लेकिन ये फूल ब्यूटी के लिए ले जा सकता है।
तो वह फूल तोड़ने लगता है। तब एक भयंकर आवाज आती है और एक बदसूरत राक्षस व्यापारी के सामने प्रकट होता है। व्यापारी बहुत डर गया।
राक्षस कहता है कि “मैने तुम्हें रहने ले लिए घर, खाना और बिस्तर दिया। तुम हो कि मेरे बगीचे से फूल तोड़कर चुरा रहे हो। दुष्ट व्यक्ति।”
“अब मै तुम्हें अपने महल में कैद करूँगा।”
व्यापारी काँपती हुई आवाज में कहता है कि यह फूल उसने अपनी छोटी बेटी ले लिए तोड़ा था, ना कि अपने लिए।
“कृपया मुझे मत पकड़ो, मुझे जाने दो। आप जो कहोगे मैं वही करूँगा।”
तब राक्षस कहता है कि “मैं तुम्हे एक ही शर्त पर छोड़ूंगा, अगर तुम अपनी बेटी को इस महल में लेकर आओगे तो।”
व्यापारी डर गया और उसे वहाँ से निकलने का दूसरा उपाय नहीं सूझा तो उसने अपनी बेटी को महल भेजने का वचन दे दिया।
अब व्यापारी महल से निकलकर अपने घर पहुंचा और रोते हुए पूरी बात अपनी बेटियों को बताई और कहने लगा कि वह कितना स्वार्थी बाप है, जो अपनी बेटी ले लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है।
ब्यूटी अपने पिता की भावनाओं को समझती है और महल जाने को तैयार हो जाती है। क्योंकि उसे पता था कि उसकी दोनों बहनों के लिए पिता का जीवित रहना कितना जरूरी है। पिता उसे भेजने से मना करता है लेकिन ब्यूटी अपनी जिद्द पर अड़ जाती है। फिर पिता मजबूर होकर ब्युटी को महल छोड़कर आ जाता है।
ब्यूटी महल जाकर राक्षस को देखकर डर जाती है लेकिन राक्षस ब्यूटी को देखकर बहुत खुश हुआ। राक्षस ब्यूटी की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो जाता जाता है। भले ही राक्षस बदसूरत था लेकिन स्वभाव से अच्छा था। उसने ब्यूटी को महल का सबसे शानदार कमरा रहने को दिया। ब्यूटी और राक्षस दोनों साथ में महल में खुशी से रहने लगते है।
राक्षस ब्यूटी को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाता है। इसलिए ब्यूटी खुशी से वहाँ रहने लगती है। राक्षस और ब्यूटी दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। दोनों घंटो तक एकसाथ बैठकर बातें करते थे। राक्षस कहीं न कहीं ब्यूटी को चाहने लगा था। लेकिन बताने से डरता था कि ब्यूटी कभी भी एक राक्षस से प्यार नहीं करेगी। इसलिए वह हमेशा चुप रहता था।
एकदिन ब्यूटी बगीचे में उदास बैठी होती है तो राक्षस उसे उदासी का कारण पुछता है तो ब्यूटी कहती है कि उसे अपने परिवार की याद आ रही है।
तब राक्षस ब्यूटी को एक जादुई आईना देता है और कहता है कि जब भी तुम्हारा मन करे तुम इसमें अपने परिवार को देख सकती हो।
जब परिवार की याद ब्यूटी को आती है तो वह आईना देख लिया करती है। एकदिन उसने देखा कि उसके पिता की तबियत गंभीर है, वे बहुत बीमार है।
ब्यूटी ये देख रोने लगती है तो राक्षस उसे पुछता है कि क्या हुआ? ब्यूटी कहती है कि “मेरे पिता बहुत बीमार है। मुझे एक बार उनसे मिलना है। मुझे जाने दो।”
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राक्षस साफ मना कर देता है तो ब्यूटी बहुत रोने लगती है। क्योंकि की राक्षस उससे प्यार करता है तो मजबूर होकर उसे जाने की इजाजत दे देता है और एक चेतावनी देता है कि अगर तुम सात दिनों में वापस नहीं आई तो मैं तुम्हारी याद में मर जाऊंगा। राक्षस ब्यूटी को एक अंगूठी देता है और कहता है कि ये पहनकर जाओ, जब तुम्हे यहाँ आना हो तो इसे उतार देना। तुम महल में पहुँच जाओगी।
इतना कहकर ब्यूटी वह अंगूठी पहन लेती है और सीधा महल में पहुँच जाती है। ब्युटी को देखकर व्यापारी बहुत खुश हुआ। उसकी बीमारी का कारण ब्यूटी को राक्षस के पास भेजने का दुःख ही था। इसलिए अब ब्यूटी को अपने पास देखकर वह धीरे-धीरे ठीक होने लगता है। उसकी दोनों बहनों की शादी हो चुकी थी।
एक दिन वे ब्यूटी से मिलने आती है। ब्यूटी अपने पूरे परिवार को राक्षस की सच्चाई बताती है कि वह कितना अच्छा है और उसकी देखभाल करता है। कहती है कि उसे सात दिनों में वापस लौटना होगा नहीं तो राक्षस उससे नाराज हो जाएगा।
दोनों बहनें ब्यूटी की बातों से जल जाती है कि वह महल में कितनी खुश है। इसलिए वह किसी बहाने से ब्यूटी को अपने पास रोकने की कोशिश करती है ताकि उसे वापस जाने में देर हो जाए और राक्षस उससे नाराज हो जाए।
ब्यूटी बहनों के कहने पर कुछ दिन और रुक जाती है। एक रात को उसे सोते हुए एक गंदा सपना आता है कि राक्षस मरने वाला है तभी उसकी नींद टूट जाती है। वह बेचैन होकर उठती है और अपने हाथ की अंगूठी उतार देती है ताकि वह महल पहुँच सके।
अब महल पहुंचती है तो बगीचे में राक्षस को गिरा हुआ देखती है, राक्षस बहुत कमजोर हो गया था। अब वह मरने वाला था। ब्यूटी उसे इस हालत में देखकर बहुत रोती है और उसे उठने के लिए कहती है। तो राक्षस कहता है कि “तुमने आने में इतनी देर क्यों कर दी। मैने कहा था न कि मैं तुम्हारी याद मैं मर जाऊंगा।”
ब्यूटी उसे कहती है कि मुझे माफ़ कर दो। मैं समय से नहीं आ सकी। लेकिन मुझे वहाँ जाकर एहसास हुआ कि मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। मुझे तुम्हारी बहुत याद आई। ब्यूटी आगे कहती है “कि मुझे छोड़कर मत जाओ। मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊंगी।” ऐसा कहकर ब्यूटी राक्षस के हाथ को चूमती है।
जैसे ही ब्यूटी उसे चूमती है तो एक चमत्कार हुआ। बदसूरत राक्षस एक सुंदर राजकुमार बन जाता है। ये देख ब्यूटी बहुत हैरान हुई। तभी राक्षस उसे पूरी बात बताता है कि कैसे वह एक जादूगरनी के श्राप के कारण राक्षस बन गया था और उस श्राप को हटाने के लिए मुझे सच्चे प्यार की आवश्यकता थी।
लेकिन मेरी बदसूरती के कारण किसी ने भी मुझसे प्यार नहीं किया और तुमने मुझसे सच्चा प्रेम किया तो मेरा श्राप हट गया। अब राजकुमार और राजकुमारी ब्यूटी दोनों खुशी से शादी करके एक साथ रहने लगते है।
सीख: कभी किसी की सूरत से नहीं बल्कि सीरत से प्यार करना चाहिए।
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