आत्मविश्वास शब्द में समास (Atmvishwas Mein Kaun sa Samas Hai)
आत्मविश्वास में प्रयुक्त समास का नाम क्या है?
आत्मविश्वास में तत्पुरुष समास है।
Atmvishwas Mein Kaun sa Samas Hai?
Atmvishwas Shabd mein Tatpurush Samas Hai.
आत्मविश्वास का समास विग्रह क्या है?
आत्मविश्वास का समास विग्रह आत्मा पर विश्वास है।
Atmvishwas ka Samas Vigrah kya hai?
Atma par vishwas
आत्मा पर विश्वास का समस्त पद है?
आत्मविश्वास
तत्पुरुष की परिभाषा
तत्पुरुष समास उसे कहते है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है अर्थात प्रथम पद का महत्त्व दूसरे से कम होता है। यहां हम कह सकते है कि तत्पुरुष समास में द्वितीय पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है। जैसे आत्मविश्वास इसमें “स्वय पर विश्वास होना” में द्वितीय पद प्रधान है। प्रथम पद में बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
तत्पुरुष समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की आदि से पहचान की जा सकती है।
तत्पुरुष समास में कौन सा पद प्रधान होता है?
तत्पुरुष समास में प्रथम पद प्रधान नहीं होता है। इसमें द्वितीय पद प्रधान होता है, जब किसी सभद को दो या दो से अधिक पदों से मिलाकर बनाए जाता है और उसमें द्वितीय पद प्रधान होता है, तब उसे हम तत्पुरुष समास कहते है। समासीकरण में मूल शब्दों से बने हुए नये शब्द का अर्थ भी भिन्न भिन्न होता है।
तत्पुरुष समास के बारे में विस्तार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें तत्पुरुष समास (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
कुछ अन्य उदहारण
- परलोकगमन: अन्य लोक में चले जाना।
- शरणागत: शरण में आया हुआ।
- आशातीत: जो आशा को लाँघकर गया हो।
- गगनचुम्बी: गगन को चूमने वाला अर्थात ज्यादा ऊंचाई पर होना।
- रथचालक: रथ को चलाने वाला।
तत्पुरुष समास का विग्रह
समस्त पद | विग्रह |
शोकाकुल | शौक से आकुल |
वाल्मीकिरचित | वाल्मीकि द्वारा रचित |
कष्टसाध्य | कष्ट से साध्य |
ऊपर दिए गए सभी उदाहरण में तत्पुरुष समास का बोध होता है। जैसा कि आप देख सकते हैं यहां सभी शब्दों में उत्तरपद प्रधान है और पूर्वपद गौण है। जब इनका समास विग्रह किया जाता है तो शब्दों के बीच में से योजक चिन्ह का लोप हो जाता है।
परीक्षा में यह भी पूछे जा सकते हैं
- चंद्रशेखर में कौन सा समास है?
- सप्तशती में कौन सा समास है?
- धर्माधर्म में कौन सा समास है?
- आत्मनिर्भर में कौन सा समास है?