Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain: गणित में संख्या काफी अधिक महत्व होता है। जिस संख्या प्रणाली को देखकर हम गणित के बाकी सिद्धांतों का निर्माण करते हैं, उस संख्या प्रणाली के भी अनेक प्रकार होते हैं। उनमें से एक अभाज्य संख्या के बारे में विस्तारपूर्वक बात करने जा रहे हैं।
गणित को अच्छे से समझने के लिए आपको अंकों की समझ होना आवश्यक है। अलग-अलग प्रकार के अंक गणित में आते हैं, उनमें से एक खास किस्म का अंक होता है, जो पूरी तरह से भाग पर आधारित होता है, जिसे हम भज्य और अभाज्य संख्या इस संदर्भ में विस्तारपूर्वक जानकारी आज के लेख में देने का प्रयास कर रहे हैं।
अभाज्य संख्या किसे कहते हैं? उदाहरण, सूत्र और गुणधर्म | Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain
अभाज्य संख्या की परिभाषा
हर वह प्रकृतिक संख्या जो एक से और स्वयं से भाग जाती हो या एक और स्वयं को छोड़कर उसका कोई गुणनखंड मौजूद ना हो तो उसे हम अभाज्य संख्या कहते हैं। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते है कि अभाज्य संख्या एकमात्र ऐसी धनात्मक पूर्णांक संख्या होती है, जिसके केवल दो गुणनखंड मौजूद होते हैं।
अभाज्य संख्या के उदाहरण – 3, 5, 7, 11, 13, आदि।
जैसा कि हमने आपको बताया अभाज्य संख्या में ऐसी संख्याएं आती है, जो अपने आप से और 1 से भाग जाती हो ऐसी परिस्थिति में 1 को अभाज्य संख्या नहीं माना जाता।
अभाज्य संख्या किसे कहते हैं?
जैसा कि हम जानते हैं गणित में विभिन्न प्रकार के बहुत सारे अंक होते हैं, उनमें से कुछ ऐसे अंक होते हैं जो किसी दूसरे अंक से भाग नहीं जाते ऐसे अंक को हम अभाज्य संख्या कहते हैं। जैसा की हम जानते है दुनिया की सभी संख्या एक से और स्वयं से भाग जाती है।
इस वजह से हम यह कह सकते हैं कि अगर आपको कोई ऐसा अंक मिलता है, जो 1 से भाग जाए और स्वयं से भाग जाए। इसके अलावा वह किसी से भी भाज्य ना हो या उसका एक और स्वयं के अलावा कोई दूसरा गुणनखंड ना हो तो हम ऐसी संख्या को अभाज्य संख्या कहते हैं।
इस तरह की संख्या को समझने का सबसे आसान तरीका है कि गणित में मौजूद वह सभी संख्या जो किसी अंक के पहाड़ा में नहीं आते या फिर किसी भी अंक का गुणनखंड नहीं होते, उन्हें हम अभाज्य संख्या कहते हैं। इतने तरीकों से समझाने के बाद अगर हम इसका एक उदाहरण दें तो हम कहेंगे – 13 एक कैसी संख्या है, जो 1 से और 13 से भाग जाती है। इसके अलावा वह किसी से भी भाग नहीं जाती। इस वजह से इसे एक अभाज्य संख्या कहते हैं।
अभाज्य संख्या के उदाहरण – 3, 5, 7, 11, 13, आदि।
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अभाज्य संख्या के गुणधर्म
गणित में किसी भी चीज को समझने के बाद उससे जुड़े प्रश्न को हल करने के लिए आपको गुणधर्म जानने की आवश्यकता होती है। अभाज्य संख्या के भी कुछ नियम और गुणधर्म होते हैं, जिनके बारे में विस्तार पूर्वक नीचे बताया गया है।
- जिस प्रकार दुनिया का हर अंक 1 से भाग जाता है, उस प्रकार अभाज्य संख्या भी केवल 1 से और स्वयं से भाग जाती है।
- अभाज्य संख्या में केवल प्राकृतिक संख्याएं नही, बल्कि सभी प्रकार की संख्या आती है।
- अभाज्य संख्या एक प्राकृतिक धनात्मक पूर्णांक संख्या होती है।
अभाज्य संख्या कैसे निकालते हैं?
हालांकि अभाज्य संख्या निकालने की कोई खास प्रक्रिया नहीं बनाई गई है। मगर दो विधि है, जिन विधि का पालन करने पर हमें हमेशा एक अभाज्य संख्या ही मिलती है।
पहली विधि
भाज्य संख्या एक प्रकार की परिमेय संख्या होती है, जो किसी प्राकृतिक संख्या का हिस्सा होती है। ऐसी परिमेय या प्राकृतिक संख्या जो दो से अधिक होती है, उसे भी हम भाज्य संख्या कह सकते है और उन्हीं भाज्य संख्याओं के लिए इस विधि को बनाया गया है।
दिए गए विधि का पालन करने के लिए आपको एक सूत्र दिया गया है, जिस सूत्र में 6n+1 या 6n–1 होता है। जब आप दिए गए सूत्र में n स्थान पर किसी भी प्राकृतिक संख्या का इस्तेमाल करेंगे और इस सूत्र को हल करेंगे तो आपको जो अंक मिलेगा, वह एक अभाज्य संख्या ही होगा।
इस सूत्र में जब आप सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या का इस्तेमाल करेंगे तो आप को सबसे पहली अभाज्य संख्या पांच मिलेगी। हम यह जानते हैं कि सबसे छोटी और पहली अभाज्य संख्या 3 है। मगर इस विधि का इस्तेमाल करने से आप की अभाज्य संख्या 5 से शुरू होगी। अंतः आपको एक अभाज्य संख्या याद रखने की जरूरत है।
दूसरी विधि
अक्सर इस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं कि प्रथम 40 से बड़े या प्रथम 20 से बड़े अभाज्य संख्या कौन सी है। जब आपको इस तरह के प्रथम बड़े अभाज्य संख्या के बारे में पता करना हो तो नीचे आपको कुछ सूत्र दिए गए हैं उन सूत्र का इस्तेमाल करना चाहिए।
40 से बड़े अभाज्य संख्या प्राप्त करने के सूत्र – n2 + n + 41
ऊपर दिए गए सूत्र में n के स्थान पर किसी भी प्राकृतिक संख्या का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने लिए प्रथम 40 से बड़े अभाज्य संख्या प्राप्त कर सकते है। जिस प्रकार 40 से बड़े अभाज्य संख्या प्राप्त करने के लिए हमने सूत्र के अंत में 41 का योग किया है, उसी तरह अगर आपको 20 से बड़े अभाज्य संख्या प्राप्त करने हैं तो आप अंत में 21 का योग कर सकते हैं।
इसी प्रकार जितनी भी संख्या से बड़े अभाज्य संख्या को प्राप्त करना हो, आप उस सूत्र के अंत में अपनी सुविधा अनुसार योग करके अभाज्य संख्या प्राप्त कर सकते हैं।
FAQ
हर वह संख्या जो अपने आप से और 1 से भाग जाती है, उसे हम अभाज्य संख्या कहते हैं।
गणित के किताब में आमतौर पर अभाज्य संख्या निकालने के कोई भी सूत्र दी हुई नहीं रहती है। मगर 2 सूत्र की विधि है, जिनका इस्तेमाल करने पर आपको हमेशा अभाज्य संख्या ही मिलती है, वो है – n2 + n + 41 और 6n+1, 6n–1
अभाज्य संख्या एक प्राकृतिक धनात्मक पूर्णांक संख्या होती है।
एक अभाज्य संख्या स्वयं से और 1 से भाग जाती है मगर इस सूची में हम 1 को अभाज्य संख्या नहीं मानते। इस वजह से सबसे छोटी अभाज्य संख्या और सबसे पहली अभाज्य संख्या 3 होती है।
निष्कर्ष
हमने अपने आज इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को अभाज्य संख्या किसे कहते हैं? उदाहरण, सूत्र और गुणधर्म (Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain?) के बारे में विस्तार पूर्वक से और सरल शब्दों में जानकारी प्रदान की हुई है और हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा प्रस्तुत किया गया आज का यह महत्वपूर्ण लेख आपको काफी आसानी से समझ में आया होगा और आपके लिए काफी उपयोगी भी सिद्ध हुआ होगा।
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