नमस्कार दोस्तों, कहानी की इस श्रृंखला में आज हम आपके बीच लाये हैं तिल चौथ की कहानी। यह कहानी अमीर व्यक्ति और उसकी पत्नी के विषय पर है। आप इस कहानी को अंत तक जरूर पढ़िएगा।
एक बार एक शहर में एक बहुत ही अमीर व्यक्ति और उसकी पत्नी रहा करते थे। वह अपने जीवन में ऐसी कोई चीज नहीं थी, जिसको हासिल नहीं कर सकते थे सिर्फ एक चीज को छोड़कर। उस अमीर व्यक्ति और उसकी पत्नी कि कोई भी औलाद नहीं थी, जिसके कारण अमीर व्यक्ति और उसकी पत्नी बहुत दुखी रहा करते थे और बहुत चिंतित रहते थे।
तभी एक दिन अमीर व्यक्ति की पत्नी की नजर अपने पास में रहने वाली पड़ोसी महिलाओं पर पड़ी, जो तिल चौथ का व्रत कर रही थी। जिसको देखकर उस अमीर व्यक्ति की पत्नी ने अपनी पड़ोसी महिलाओं से पूछा यह तुम लोग क्या कर रही हो और किस की पूजा कर रही हो। जिसके बाद पड़ोस में रहने वाली महिलाओं ने बताया कि हम सभी औरतें चौथ माता की पूजा कर रहे हैं और उन्हीं का व्रत रखे हैं।
इनकी पूजा करने से बहुत सारे लाभ प्राप्त होते हैं। जिन लोगों की संताने नहीं होती है, उनको संतान प्राप्ति, धन, वैभव, सुहाग प्राप्ति, घर में सुख शांति के लिए के लिए यह व्रत किया जाता है और चौथ माता की पूजा की जाती है। जिसके बाद उस अमीर व्यक्ति की पत्नी ने कहा कि अगर मुझे एक लड़के की प्राप्ति हो गई तो मैं चौथ माता की पूजा करूंगी, उनका व्रत भी रखूंगी और उनको एक किलो तिल के लड्डू दान करूंगी।
धीरे-धीरे समय बीतता गया और उस अमीर व्यक्ति की पत्नी पेट से हो गई और कुछ दिनों में उसको एक लड़के की प्राप्ति हुई। लड़के के जन्म के बाद वह अमीर व्यक्ति और उसकी पत्नी बहुत खुश थे। लेकिन उस अमीर व्यक्ति की पत्नी ने चौथ माता को तिल के लड्डुओं का भोग नहीं लगाया। धीरे-धीरे समय बीतता गया और अमीर व्यक्ति और उनकी पत्नी का लड़का बड़ा हो गया और उसकी उम्र विवाह करने के योग्य हो गई।
जिसके बाद अमीर व्यक्ति की पत्नी ने चौथ माता से कहा कि अगर मेरे लड़के का विवाह किसी के साथ तय हो गया तो मैं आपको पांच किलो तिल के लड्डुओं का भोग लगाऊंगी। जिसके बाद कुछ ही दिनों में भगवान गणेश और तिल चौथ माता की कृपा से उस अमीर व्यक्ति के लड़के का रिश्ता एक अच्छे घर की लड़की से तय हो गया और कुछ दिनों में उनकी मंगनी हो गई और धीरे-धीरे शादी का समय आ गया।
लेकिन वह अमीर व्यक्ति की पत्नी भगवान गणेश और तिल चौथ माता को भोग लगाना भूल गई। जिसके कारण भगवान गणेश जी बहुत ज्यादा क्रोधित हो गए और जब शादी के समय उस अमीर व्यक्ति का लड़का मंडप में फेरे ले रहा था जैसे ही उसके तीन फेरे हुए तो वहां पर चौथ माता आई और उन्होंने उस अमीर व्यक्ति के लड़के को मंडप से उठा लिया और अपने साथ ले गई।
जिसके बाद चौथ माता उस अमीर व्यक्ति के लड़के को उसी के गांव के एक पीपल के पेड़ में जाकर छुपा दिया और उधर सब हक्के बक्के रह गए कि अभी तो थोड़ी देर पहले दूल्हा यहां पर फेरे ले रहा था और देखते ही देखते अचानक से वह कहां गायब हो गया। वह अमीर व्यक्ति और उसकी पत्नी बहुत आश्चर्यचकित हो गए कि मेरा बेटा कहां गया और बहुत दुखी हो गए, लेकिन बेटे का कहीं पता नहीं लगा।
धीरे-धीरे समय बीतता गया। एक दिन जब गणगौर की पूजा करने के लिए उस लड़के की पत्नी, जिससे उसका आधा विवाह हुआ था, वह पीपल के पेड़ के पास से जा रही थी। तब उस लड़के ने अपनी पत्नी से कहा कि कहां जा रही हो, मेरी आधा विवाह किए हुई पत्नी। यह आवाज सुनकर वह लड़की अपने इधर-उधर आसपास देखने लगी। तभी उसने पीपल के पेड़ में देखा कि उसका पति पीपल के पेड़ में से बोल रहा है।
वह यह देखकर डर गई और तुरंत अपने घर में जाकर अपने माता-पिता को इस घटना के बारे में बताया। जिसके बाद वह लड़की अपने माता-पिता को लेकर उस पीपल के पेड़ के पास आ गई, जहां पर उसका आधा विवाह किया हुआ पति था। जैसे ही उस लड़के की माता-पिता उस पीपल के पेड़ के पास पहुंचे तब उन्होंने देखा कि यह तो हमारे दामाद जी हैं, जिनको देखकर वह आश्चर्यचकित हो गए और तभी उन्होंने अपने दामाद जी से पूछा कि आप यहां कैसे आ गए और आप इस पीपल के पेड़ में क्या कर रहे हैं।
तभी उनके दामाद ने बताया कि यहां पर मुझे चौथ माता ने बंदी बनाकर रखा है और यह मुझे तभी छोड़ेगी जब मेरी मां चौथ माता से अपना उधार चुकाएंगे। तब लड़की की माता ने पूछा की दामाद जी कैसा उधार। उनके के दामाद ने बताया कि मेरी मां ने मेरे जन्म से लेकर अब तक चौथ माता से कहा है कि मैं उनको तिल के लड्डुओं का भोग लगाऊंगी।
लेकिन उन्होंने चौथ माता को एक भी लड्डू का भोग नही लगाया है, जिससे चौथ माता गुस्सा हो गई है और जब तक मेरी मां अपने मुंह से कही हुई सारे तिल के लड्डुओं का भोग नहीं लगाएगी और चौथ माता से माफी नहीं मांगेंगे तब तक मैं यहां उनके पास बंदी बना बैठा रहूंगा और वह मुझे छोड़ेगी भी नहीं।
तभी दमाद जी ने लड़की के माता-पिता से कहा कि आप मेरे घर जाइए और मेरी मां को याद दिला आइए कि उन्होंने कितने तिल के लड्डुओं का भोग लगाने के लिए चौथ माता से कहा था। वह आकर उनके द्वारा बोले हुए जितने तिल के लड्डुओं का भोग लगाएं और उनसे क्षमा मांगे आकर।
जिसके बाद लड़की के माता-पिता उस अपने दामाद जी के घर गए और लड़के के माता-पिता को जाकर सारी बातें बताई कि आपने चौथ माता से कुछ वादा किया था कि आप उनको तिल का लड्डू चढ़ाएगी पर आपने ऐसा नहीं किया है। जिसके कारण आपका बेटा और हमारा दिमाग चौथ माता की गिरफ्त में है।
जिसके बाद उस अमीर व्यक्ति की पत्नी को याद आता है कि मैंने तो चौथ माता से कहा था कि मैं उनको इतने-इतने तिल के लड्डुओं का भोग लगाऊंगी। लेकिन मैं हर बार भोग लगाना भूल गई। जिसके बाद उस अमीर व्यक्ति की पत्नी ने चौथ माता के पास जाकर छह किलो तिल के लड्डू का भोग लगाया और पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा की और उनकी कहानी सुनी, उनसे माफी मांगी।
जिसके बाद चौथ माता ने प्रसन्न होकर उस अमीर व्यक्ति और उसकी पत्नी के लड़के को छोड़ दिया और फिर उस अमीर व्यक्ति और उसकी पत्नी की लड़के ने अपनी आधे हुए विवाह को जाकर पूरा संपन्न किया और पूरे सात फेरे लिए। खुशी-खुशी शादी को समाप्त किया। शादी करने के बाद दोनों परिवार खुशी-खुशी जब तक जीवन व्यतीत करने लगे।
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